Friday, February 5, 2021

उत्तम प्रेमी बनो ना की उत्तम प्रेमी की तलाश में जीवन बर्बाद कर दो

देखे तो दुनियां  में हर एक बंधन की डोर प्यार से बंधी है, अगर जीवन में प्यार न हो, तो ज़िंदगी ही वीरान हो जाती है। फिर चाहे वो प्यार माता-पिता का हो, भाई-बहन का हो, दोस्त का हो, या फिर प्रेमी-प्रेमिका का हो। प्यार के बिना जीवन अधूरी है, इस प्यार को बरकरार रखने के लिए ही प्रकृति ने वसंत ऋतु बनाई है। इस मौसम में जहां, बाग़-बगीचे में कोयल की कू-कू गूंजने लगती है, बागों में फूल खिल जाते हैं, साथ ही पतझड़ में भी बहार आ जाते हैं और पूरे वातावरण में नव जीवन का संचार होता है ।ऐसे में प्रेम हमारी कल्पना का सबसे नाजुक, खूबसूरत और अनूठा हिस्सा है,वक्त चाहे कितना भी बदल जाए, हम कितने ही आधुनिक, तेज और मशीनी हो जाएं,लेकिन प्रेम का अहसास एक-सा ही होता है। कहने को तो कहा जा सकता है कि समाज की दूसरी चीजों की तरह ही प्रेम या रोमांस भी टाइम बीईंग हो गया है,लेकिन हकीकत ये है कि जीवन में जब प्रेम जैसा प्रेम दस्तक देता है तो अच्छे-अच्छे तीसमार खां इसकी मार से बच नहीं सकते हैं। दोस्त हर वर्ष वेलेंटाइन डे भले ही 14 फरवरी के दिन मनाया जाता है, लेकिन इसका उत्साह माह की शुरुआत से ही युवाओं में होता है, वेलेंटाइन डे के एक सप्ताह पहले यानी की  7 फरवरी से ही वेलेंटाइन सप्ताह शुरु हो जाता है, जिसका हर दिन प्रेम का प्रतीक एवं इसी थीम पर आधारित होता है। लेकिन आज यह वाकई में खेद का विषय है कि राधा और मीरा के देश में जहां प्रेम की परिभाषा एक अलौकिक एहसास के साथ शुरू होकर समर्पण और भक्ति पर खत्म होती थी ,आज उस देश में प्रेम की अभिव्यक्ति तोहफों और बाज़ारवाद की मोहताज़ हो कर रह गई है। उससे भी अधिक दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि एक समाज के रूप में पश्चिमी अंधानुकरण के चलते हम विषय की गहराई में उतर कर चीज़ों को समझकर उसे भारतीय परिप्रेक्ष्य में उसकी उपयोगिता नहीं देखते। सामाजिक परिपक्वता दिखाने के बजाए कथित आधुनिकता के नाम पर बाज़ारवाद का शिकार होकर अपनी मानसिक गुलामी ही प्रदर्शित करते हैं। देखे तो आज वैलेंटाइन डे, एक ऐसा दिन होता जा रहा है ,जिसके बारे में कुछ सालों पहले तक हमारे देश में बहुत ही कम लोग जानते थे, आज उस दिन का इंतजार करने वाला एक अच्छा खासा वर्ग उपलब्ध है, अगर आप सोच रहे हैं कि केवल इसे चाहने वाला युवा वर्ग ही इस दिन का इंतजार विशेष रूप से करता है तो आप गलत हैं क्योंकि इसका विरोध करने वाले बजरंग दल, हिन्दू महासभा जैसे हिन्दूवादी संगठन भी इस दिन का इंतजार उतनी ही बेसब्री से करते हैं। इसके अलावा आज के भौतिकवादी युग में जब हर मौके और हर भावना का बाज़ारीकरण हो गया हो, ऐसे दौर में  गिफ्ट्स टेडी बियर चॉकलेट और फूलों का बाजार भी इस दिन का इंतजार  उतनी ही व्याकुलता से करता है। याद रखना आप भी 

प्यार लोगों को एक दूसरे के करीब लाता है और किसी भी रिश्ते को खूबसूरत बनाने की ताकत रखता है, हमें प्यार के महत्व को पहचानना चाहिए और रिश्तों में इसे व्यक्त करने में भी कभी संकोच नहीं करना चाहिए,लेकिन आज जो प्यार के नाम पर अपने सभ्यता व संस्कृति के साथ खिलवाड़ हो रहा है,ऐसा हरगिज नहीं करना चाहिए ।आज भी मीरा ,राधा कृष्ण जैसे प्यार करने वाले समाज में  जरूर है,जिनको  अंगुलियों पर गिना जा सकता है,कही ना कही वैश्वीकरण ने हमारे जीवन के हर एक रंग में दखल दे दिया है , आपको बता दे की सच्चे प्रेमी कभी अपने साथी को लेकर असुरक्षा की भावना से ग्रस्त नहीं होते बल्कि  उन्हें आजादी देते हैं, अपने साथी को जीवन में आगे बढ़ने की आजादी, अपने साथी के पंखों को वे कभी काटने का प्रयास नहीं करते हैं,लेकिन आज आए दिन हम देखते हैं कि अगर कोई प्रेमी प्यार पाने में किसी का असफल हो गया तो खुद को हानि या अपने चाहने वाला को किसी ना किसी प्रकार का हानि पहुंचा देता है ,जो कि कही से भी इसको प्यार का नाम दे ही ना सकते है । याद रखना मेरे बात को सच्चा प्यार कभी भी  बांधता नहीं है, आप किसी से प्रेम करते हैं तो, उसे जाने दें, अगर वह लौटता है, तो आपका है और यदि नहीं आता तो फिर आपका था ही नहीं याद रखना प्यार में कोई जबरदस्ती भी नहीं  करनी चाहिए ,प्यार में केवल भावनाओं और विचारों का निचोड़ होता है। प्यार में जीवन के सौंदर्य को पहचानना होता है, प्यार में स्वंत्रता होती है, विश्वास होता है। प्यार में न कोई कसम होती है न कोई शर्त होती है। प्यार किसी चीज का मोहताज नहीं होता है,सही मायने में सच्चा प्यार का मतलब लेना नहीं बल्कि देना होता है, अंत में यही कहूंगा की मुस्कान प्रेम की भाषा है, सच्चा प्रेम दुर्लभ है, सच्ची मित्रता और भी दुर्लभ है ,अहंकार छोडे बिना सच्चा प्रेम नही किया जा सकता ,साथ ही प्रसन्नता स्वास्थ्य देती है, विषाद रोग देते है,इसलिए आज से ही अगर आपको कोई प्यार करने वाला नहीं मिलता तो खुद से ही मेरे जैसे प्यार  करना शुरू कर दीजिए ।।

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