Monday, February 3, 2020

वित्त विधेयक 2020 में प्रस्ताव के संबंध में स्पष्टीकरण

वित्त विधेयक, 2020 में प्रस्ताव रखा गया है कि किसी भारतीय नागरिक को भारत में निवासी माना जाएगा, अगर वह किसी देश या अधिकार क्षेत्र में कर लगाए जाने के लिए उत्तरदायी नहीं है। यह एक दुरूपयोग-रोधी प्रावधान है क्योंकि ऐसा संज्ञान में आया है कि कुछ भारतीय नागरिक भारत में कर भुगतान से बचने के लिए निम्न या कर रहित अधिकार क्षेत्र में अपना ठहराव स्थानांतरित कर लेते हैं।


नए प्रावधान का उद्देश्य उन भारतीय नागरिकों को कर के दायरे में शामिल करना नहीं है जो अन्य देशों में वास्तविक श्रमिक हैं। मीडिया के कुछ हिस्सों में, नए प्रावधान की व्याख्या इस प्रकार की छवि का निर्माण करने के लिए की जा रही है कि जो भारतीय मध्य-पूर्व सहित अन्य देशों में वास्तविक श्रमिक हैं, और जो इन देशों में कर के उत्तरादायी नहीं है, उन पर भारत में उस आय पर कर लगाया जाएगा जो उन्होंने यहां अर्जित किया है। यह व्याख्या सही नहीं है।


किसी भी प्रकार की गलत व्याख्या से बचने के लिए, यह स्पष्ट किया जाता है कि किसी ऐसे भारतीय नागरिक के मामले में, जो इस प्रस्तावित प्रावधान के तहत भारत का मानद नागरिक बन जाता है, उसके द्वारा भारत से बाहर अर्जित आय पर भारत में कर नहीं लगाया जाएगा जबतक कि यह किसी भारतीय व्यवसाय या पेशे से उत्पन्न नहीं है। अगर आवश्यकता हुई तो कानून के सुसंगत प्रावधान में आवश्यक स्पष्टीकरण शामिल किए जाएंगे।



"हमें ऐसे साधारण पुरुष मिले जो पितृसत्तात्मक प्रवृत्ति को बदलने के लिए असाधारण काम कर रहे हैं" - निर्देशक विभा बख्शी

मुंबई के फिल्म प्रभाग में आज एमआईएफएफ प्रदर्शनी के राष्ट्रीय प्रतियोगिता खंड में प्रदर्शित दोनों फिल्मों सन राइज़ ’और शेवंती के निर्देशकों ने आज मीडिया के साथ बातचीत की।


आज एमआईएफएफ में अपनी फिल्मों की स्क्रीनिंग के बाद राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता, निर्देशक (सन राइज़) विभा बख्शी और निर्देशक (शेवंती), नीलेश कुंजिर ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स के लिए मीडिया से मुलाकात की।


विभा बक्शी ने हरियाणा में शूटिंग के अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए कहा ‘‘एक सामान्य किसान सामूहिक बलात्कार की पीड़िता से विवाह करने और उसे न्याय दिलाने कि दिशा में काम करने के दौरान किस प्रकार समाज का सामना करता है।’’ हरियाणा पुरूष प्रधान समाज का भारत का केन्द्र है लेकिन  यह वह जगह भी है जहां महिलाओं का समर्थन करने वाले नायक पैदा होते हैं। उन्होंने कहा, हमें ऐसे साधारण पुरुष मिले जो पितृसत्तात्मक प्रवृत्ति को बदलने के लिए असाधारण काम कर रहे हैं"। हमारे नायक, जिनमें से सभी हरियाणा के हैं, हमारे लोगों के लिए उदाहरण हैं। उम्मीद है कि हमारी फिल्में लैंगिक मुद्दों के समाधान में महिलाओं के साथ एकजुट होने के लिए लोगों को प्रेरित करेंगी।


ग्रामीण हरियाणा पर आधारित एक गैर फीचर वृत चित्र सन राइज प्रदर्शित करती है कि साधारण आदमी किस प्रकार असाधारण चीजें कर सकते हैं। इस फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर एवं गैर फीचर में सर्वश्रेष्ठ संपादन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। उन्होंने कहा ‘संपादन में 8 महीनों से अधिक का समय लगा और हेमन्ती सरकार देश की सर्वश्रेष्ठ संपादक हैं।’


शेवंती एक विवाहित पति-पत्नी के जीवन और समय व्यतीत होने के साथ उनके संबंध किस प्रकार पनपते हैं, पर आधारित एक लघु फिल्म है। यह फिल्म एक मराठी लेखक चन्द्रशेखर गोखले द्वारा लिखित एक लघु कथा पर आधारित है। निदेशक नीलेश कुंजिर ने कहा, मैंने यह फिल्म बनाना इसलिए पसंद किया क्योंकि मुझे कहानी अच्छी लगी और मैंने इस फिल्म को बिना डायलॉग के बनाने का फैसला किया। मैंने महसूस किया कि यह विजुअल के जरिए अधिक प्रभावी बन सकती है। इस फिल्म को आधिकारिक रूप से एशियाई फिल्म समारोह के लिए चुना गया है। यह पूछे जाने पर वह कैसे अपने लेखन में महिला चरित्रों को इतनी अच्छी तरह प्रदर्शित कर पाते हैं, चन्द्रशेखर गोखले ने कहा, ‘मैं सारा श्रेय अपनी मां को देता हूं, जो बहुत भावनापूर्ण थीं और उन्होंने मुझे महिलाओं की भावना को समझना सिखाया।’    



यह व्‍यावहारिक, समग्र तथा जनता का बजट है : डॉ. हर्ष वर्धन

            बजट 2020-21 को ऐतिहासिक बजट बताते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, डॉ. हर्ष वर्धन ने आज नई दिल्‍ली में इसे व्‍यावहारिक, दूरदर्शी, प्रगतिशील तथा जनता का बजट बताया, क्‍योंकि इसका लक्ष्‍य एक महत्‍वाकांक्षी भारत के तीन महत्‍वपूर्ण तथा मूलभूत स्‍तंभों का निर्माण करना है तथा ‘सबका साथ, सबका विकास’ के ध्‍येय के साथ सबके रहन-सहन के स्‍तर में सुधार लाना, सभी का आर्थिक विकास करना और एक मानवीय तथा करूणामय समाज बनाना है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी तथा वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण को धन्‍यवाद देते हुए, डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि यह एक समावेशी बजट है, जो गरीब-समर्थक, किसान-समर्थक, उपेक्षित-समर्थक तथा सभी क्षेत्रों के विकास के लिए तथा कुल मिलाकर देश के विकास के लिए है। डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि यह एक नये भारत के लिए प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने के लिए आधारशिला स्‍थापित करेगा।


      डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण विभाग के लिए बजट अनुमान में 3.75 प्रतिशत की सराहनीय वृद्धि की गई है, जबकि स्‍वास्‍थ्‍य अनुसंधान विभाग के लिए आवंटन में 10 प्रतिशत वृद्धि की गई है। यह इस बात का सूचक है कि सरकार स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र पर काफी ध्‍यान दे रही है। उन्‍होंने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र को कुल मिलाकर 69,000/- करोड़ रुपये दिये गये हैं। डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि इस बजट में देश के विकास एवं समृद्धि की यात्रा में एक प्रमुख इंजन के रूप में स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र को स्‍थान दिया है।


      केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि बजट 2020-21 में चिकित्‍सा अवसंरचना, स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में मानव संसाधन और समग्र स्‍वास्‍थ्‍य एवं कल्‍याण पर जोर दिया गया है। चिकित्‍सा अवसंरचना को सशक्‍त बनाने के लिए सरकार महत्‍वकांक्षी जिलों, विशेषकर दूसरे एवं तीसरे दर्जों के महानगरों में अस्‍पतालों के निर्माण में सहायता देगी, जहां आयुष्‍मान भारत पीएमजेएवाई के तहत पेनलबद्ध अस्‍पताल नहीं हैं। यह सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत किया जायेगा। इसके अलावा राष्‍ट्रीय अवसंरचना पाईपलाइन (एनआईपी) के तहत 6,500 परियोजनाओं में ‘सबके लिए स्‍वास्‍थ्‍य’ परियोजनाएं शामिल हैं। सुयोग्‍य चिकित्‍सकों (विशेषज्ञ एवं सामान्‍य चिकित्‍सक) की कमी को पूरा करने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी के प्रारूप में मौजूदा जिला अस्‍पतालों के साथ चिकित्‍सा महाविद्यालय को संलग्‍न करने का प्रस्‍ताव किया गया है।



वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक, 2019 संबधी संयुक्त समिति ने मत और सुझाव आमंत्रित किए

लोकसभा में यथा पुर:स्थापित वैयक्तिक डेटा संरक्षण विधेयक, 2019 संसद सदस्य श्रीमती मीनाक्षी लेखी की अध्यक्षता वाली दोनो सदनों की संयुक्त संसदीय समिति को जांच करने और उस पर प्रतिवेदन के लिए भेजा गया है। विधेयक पर संबधित व्यक्तियों और संघों/निकायों से मत एवं सुझाव लेने का निर्णय लिया गया है। वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक,2019 को लोकसभा की वेबसाइट (loksabha.nic.in/legislations/bills introduced/BILL NO.373) पर अपलोड किया गया है।


इच्छुक व्यक्ति इस विषय पर अपने मत और सुझाव की दो प्रतियाँ (अंग्रेजी या हिंदी) में निदेशक, लोकसभा सचिवालय, कमरा संख्या 152, संसदीय सौध, नई दिल्ली-110001 या ईमेल jpc-datalaw@sansad.in और mrs.mlekhi@sansad.nic.in पर इसके प्रकाशन की तारीख से 3 सप्ताह के अंदर भेज सकते हैं।


समिति को प्रस्तुत ज्ञापन समिति के अभिलेख का भाग होगा और इसे गोपनीय माना जाएगा तथा इस पर समिति का विशेषाधिकार होगा।


जो व्यक्ति ज्ञापन प्रस्तुत करने के अलावा समिति के समक्ष उपस्थित होने के इच्छुक हैं उनसे अनुरोध है कि वह स्पष्ट रूप से इसका उल्लेख करें। तथापि इस बारे में अध्यक्ष का निर्णय अंतिम होगा।



निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्‍त वर्ष 2020-21 का केन्‍द्रीय बजट पेश करते हुए वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने और निवेशों को बढ़ावा देने के लिए मजबूत वित्तीय प्रबंधन की दिशा में सरकार की वचनबद्धता दोहराई।

      वित्त मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान 3.8 प्रतिशत रहा है, जबकि वर्ष 2020-21 में मध्यावधि वित्तीय नीति एवं रणनीति विवरण के एक अंग के रूप में दीर्घकालीन स्थिरता को प्राप्त करने की सरकार की वचनबद्धता के साथ वित्तीय वर्ष 2020-21 में राजकोषीय घाटा का बजटीय अनुमान 3.5 प्रतिशत रहा है।


      लक्षित वित्तीय आंकड़ों की विश्वसनीयता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के क्रम में उन्होंने सदन को विश्वास दिलाया कि इस मामले में एफआरबीएम अधिनियम के अनुरूप कार्य प्रणालियों को अपनाया गया।


      उन्होंने कहा कि उभरती हुई सामाजिक आर्थिक आवश्यकताओं और सार्वजनिक संसाधनों के अधिकतम उपयोग के लिए केन्द्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं और केन्द्रीय क्षेत्र की योजनाओं की समीक्षा की आवश्यकता है।


      वित्त मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए पूंजीगत व्यय में 21 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव दिया। बजट में दीर्घकालिक अत्यधिक आवश्यकता वाली वित्तीय कंपनियों के बुनियादी ढांचे को विशेष निधि के रूप में 22,000 करोड़ रुपये की घोषणा की गई।


 


निम्नलिखित सारणी अनुमानित आंकड़ों को प्रदर्शित करती है-


























 



2019-20 संशोधित अनुमान (लाख करोड़ रुपये)



2020-21 बजट अनुमान (लाख करोड़ रुपये)



पावतियां



19.32



22.46



व्यय



26.99



30.42



शुद्ध बाजार उधारी



4.99



5.36



 


      उपलब्ध रूझानों के आधार पर वर्ष 2020-21 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की अनुमानित 10 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान भी बजट में लगाया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने हाल ही में निवेश को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कर सुधारों को अंजाम दिया है।


      सहकारी संघवाद की भावना को मजबूत करने के महत्व पर बल देते हुए श्रीमती निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि महत्वपूर्ण उपाय के रूप में 15वें वित्त आयोग की प्रथम रिपोर्ट की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया है।


केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो की पुस्तिका ‘डेटा ऑन पुलिस ऑर्गेनाइजेशन एज ऑन 1.1.2019’ जारी की

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज भारत में 1.1.2019 के अनुसार पुलिस संगठनों के आकड़े जारी किए। इस अवसर पर पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) के महानिदेशक श्री वी.एस.के कौमुदी एवं बीपीआरएंडडी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। 


बीपीआरएंडडी वर्ष 1986 से ही हर साल पुलिस संगठनों पर आकड़ों का प्रकाशन करता रहा है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री जी किशन रेड्डी द्वारा 24 अक्टूबर 2018 को   ‘डेटा ऑन पुलिस ऑर्गेनाइजेशन एज ऑन 1.1.2019’ जारी किया गया। इसके लिए आकड़े जुटाने का काम 1.1.2019 को शुरू हुआ था जिसे दिसंबर 2019 तक पूरा कर लिया गया।


‘डेटा ऑन पुलिस ऑर्गेनाइजेशन एज ऑन 1.1.2019’ की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:-


 




















































































































1.



कुल स्वीकृत पुलिस बल (सिविल + डीएआर + विशेष सशस्त्र)



25,95,435



2



कुल वास्तविक पुलिस बल (सिविल + डीएआर + विशेष सशस्त्र)



20,67,270



3



रिक्तियां



5,28,165



4



महिला पुलिसकर्मियों की संख्या (सिविल + डीएआर + विशेष सशस्त्र) / प्रतिशत



1,85,696/


8.98%



5



पिछले वर्ष की तुलना में महिला पुलिसकर्मियों की प्रतिशत वृद्धि



9.52%



6



सीएपीएफ के कुल स्वीकृत पद



10,98,779



7



सीएपीएफ की कुल वास्तविक संख्या



9,99,918



8



सीएपीएफ में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या / प्रतिशत



29,532/ 2.95%



9



प्रति पुलिसकर्मी जनसंख्‍या (पीपीपी) – स्वीकृत


                             - वास्तविक



503.40


632.02



10



पुलिस जनसंख्या अनुपात (प्रति लाख) (पीपीआर) – स्वीकृत


                                        - वास्तविक



198.65


158.22



11



पुलिस क्षेत्र अनुपात (प्रति 100 वर्ग किलोमीटर) (पीएआर) – स्वीकृत


                                                                                                   - वास्तविक



78.95


62.8



12



राज्य / केन्द्रशासित प्रदेशों के पुलिस बल के पास उपलब्‍ध वाहन



2,04,807



13



पुलिस जिलों की संख्या



777



14



स्वीकृत पुलिस थानों की संख्या



16,671



15



वास्तविक पुलिस थानों की संख्या



16,587



16



राज्य सशस्त्र पुलिस बटालियनों की संख्या



417



17



पुलिस कमिश्नरेट की संख्या



63



18



पुलिस प्रशिक्षण पर व्यय: वित्त वर्ष 2018-19 (करोड़ रुपये में)



1,675.50



19



पिछले वर्ष (2017-18) के मुकाबले पुलिस प्रशिक्षण में प्रतिशत वृद्धि



14.53%



20



राज्‍य/ केंद्रशासित प्रदेश पुलिस के पास उपलब्‍ध सीसीटीवी कैमरों की संख्‍या



4,27,529



21



वर्ष 2018 में नियुक्‍त पुलिसकर्मियों की संख्‍या



1,50,690



22



वर्ष 2018 के दौरान निर्मित क्‍वाटरों की संख्‍या



1,41,493



बीपीआरएंडडी द्वारा अक्‍टूबर 2019 प्रकाशित महत्‍वपूर्ण पुस्‍तक/ पत्र-पत्रिकाएं:-



  1. पुलिस ड्रिल मैनुअल (हिन्‍दी संस्‍करण)

  2. डीआईपीटीआई (भारतीय पुलिय प्रशिक्षण संस्‍थानों की डायरेक्‍ट्री)

  3. 29 नवंबर, 2020 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 47वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस (एआईपीएससी) के समापन सत्र के दौरान श्री अमित शाह का संबोधन।

  4. बीपीआरएंडडी की प्रोफाइल बुक

  5. समाचार बुलेटिन - पहला संस्करण – जुलाई से सितंबर, 2019  दूसरा संस्करण - अक्टूबर-दिसंबर, 2019

  6. भारतीय पुलिस जर्नल – ‘भारत में वर्दीधारी कार्मिकों के बीच व्यावसायिक तनाव और मानसिक स्वास्थ्य’ पर विशेष संस्करण (जुलाई से सितंबर, 2019)।

  7. भारतीय पुलिस जर्नल- (अक्टूबर से दिसंबर, 2019)


 


प्रधानमंत्री ने उपरोक्त प्रकाशन की समीक्षा की और विशेष रूप से ‘हिंदी में ड्रिल मैनुअल’ के बारे में बीपीआरएंडडी द्वारा किए जा रहे अच्छे कार्यों पर प्रसन्नता व्यक्त की।


‘डीओपीओ एज ऑन 1.1.2019’ को जारी करने से पहले बीपीआरएंडडी के महानिदेशक ने ब्यूरो के समर्थन एवं मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त करते हुए श्री शाह को एक लैपल पिन भेंट किया जिसे बीपीआरएंडडी के स्‍वर्ण जयंती वर्ष के लिए विशेष तौर पर डिजाइन किया गया था।


बीपीआरएंडडी के गठन के 50वें वर्ष के अवसर पर उसके कर्मचारियों के लिए गृह मंत्रालय द्वारा एक प्रतीक चिन्ह को भी मंजूरी दी गई है।



सरकार कम से कम एक बड़े पत्तन के निगमीकरण और स्टॉक एक्सचेंजों में इसे सूचीबद्ध करने पर विचार करेगी

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्त वर्ष 2020-21 का केन्‍द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि आर्थिक विकास के लिए अवसंरचना अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसलिए बजट सभी नागरिकों के लिए जीवन जीने में आसानी की सुविधा प्रदान करने के लिए समर्पित है।


वित्त मंत्री ने भारतीय पत्तनों की कार्यकुशलता बढ़ाने और प्रौद्योगिकी के माध्यम से उनके प्रदर्शन को बेहतर बनाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि सरकार कम से कम एक बड़े पत्तन के निगमीकरण और स्टॉक एक्सचेंजों में इसे सूचीबद्ध करने पर विचार करेगी।


अंतरदेशीय जलमार्ग के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर जल विकास मार्ग को पूरा कर लिया जाएगा और 2022 तक धुबरी-साडिया (890 किलोमीटर) जलमार्ग कनेक्टिविटी को पूरा कर लिया जाएगा।


श्रीमती सीतारमण ने कहा कि नदी तटों पर आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने से संबंधित प्रधानमंत्री के विजन अर्थ गंगा के लिए योजनाएं तैयार की गई है। देश में परिवहन अवसंरचना को प्रोत्साहन देने के लिए केन्द्रीय बजट में 1.70 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।


नागरिक उड्डयन क्षेत्र


वित्त मंत्री घोषणा करते हुए कहा कि उड़ान योजना को समर्थन देने के लिए 2024 तक 100 और हवाई अड्डों को विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक औसत की तुलना में भारत के हवाई ट्रैफिक में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इस अवधि में हवाई जहाजों की संख्या वर्तमान के 600 से बढ़कर 1200 हो जाएगी।


2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने के बारे में वित्त मंत्री ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय के कृषि उड़ान कार्यक्रम को लांच करने की घोषणा की। कृषि उड़ान कार्यक्रम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हवाई मार्गों के लिए उपलब्ध होगा। इससे विशेषकर पूर्वोत्तर और जनजातीय जिलों को उचित मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।


ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा


वित्त मंत्री ने 2021 में ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र के लिए 22000 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव दिया। वित्त मंत्री ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से अगले तीन वर्षों में पारम्परिक मीटरों को स्मार्ट मीटरों से बदलने तथा बिजली वितरण कम्पनियों में सुधार करने का आग्रह किया।


वित्त मंत्री ने बजट में राष्ट्रीय गैस ग्रिड को वर्तमान के 16200 किलोमीटर से 27000 किलोमीटर तक के विस्तार देने तथा पारदर्शी मूल्य निर्धारण और कारोबार में आसानी के लिए और सुधार करने का प्रस्ताव किया।


वित्त मंत्री ने बिजली उत्पादन क्षेत्र में नई घरेलू कम्पनियों को 15 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स को जारी रखने का प्रस्ताव दिया।



जीवन जीने में आसानी केन्द्रीय बजट 2020-21 की मुख्य विषयवस्तु

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्त वर्ष 2020-21 का केन्‍द्रीय बजट पेश करते हुए कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री ने जीवन जीने में आसानी का लक्ष्य निर्धारित किया है जिसे सभी नागरिकों के कल्याण के लिए हासिल किया जाना चाहिए।’ इसी पृष्ठभूमि में हमारी सरकार देश को आगे ले जाने के लिए कार्य करेगी, ताकि हम स्वास्थ्य, समृद्धि और कल्याण के अगले स्तर पर पहुंच सके।


सभी नागरिकों के लिए जीवन जीने में आसानी के लक्ष्य के लिए इस बजट में तीन प्रमुख थीमों का समावेश किया गया है।



  • आकांक्षी भारत- इसके अंतर्गत समाज के सभी वर्ग जीवन का बेहतर स्तर प्राप्त करना चाहते है। लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा तथा बेहतर रोजगार तक पहुंच की सुविधा होनी चाहिए। इसके घटक हैं- कृषि, सिंचाई एवं ग्रामीण विकास; आरोग्य, जल एवं स्वच्छता तथा शिक्षा एवं कौशल।

  • सभी के लिए आर्थिक विकास- यह प्रधानमंत्री के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास को दर्शाता है। इसके अंतर्गत आर्थिक सुधार किए जाएंगे और निजी क्षेत्र को महत्वपूर्ण भूमिका सौंपी जाएगी, ताकि उच्च उत्पादकता और बेहतर कार्यकुशलता सुनिश्चित हो सकेगा। इसके तीन घटक हैं- उद्योग, वाणिज्य, एवं निवेश; अवसंरचना और नई अर्थव्यवस्था।

  • अंत्योदय पर आधारित एक जिम्मेदार समाज- समाज जो मानवता तथा करुणा की भावना से ओत-प्रोत हो। इसके तीन घटक हैं- महिला एवं बाल, सामाजिक कल्याण; संस्कृति एवं पर्यटन तथा पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन।


इन तीन विषयों (थीम) को भ्रष्टाचार मुक्त नीति आधारित अच्छे प्रशासन एवं मजबूत वित्तीय क्षेत्र के साथ जोड़ा गया है। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि यह बजट दो प्रमुख तथ्यों की पृष्ठभूमि में प्रस्तुत किया गया है। पहला मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, एआई, एनालिटिक्स, बायो-इनफोरमेटिक्स जैसी तकनीकों के प्रसार से संबंधित है, जबकि दूसरा उत्पादन आयु सीमा वाली आबादी (15-65 वर्ष) से जुड़ा हुआ है। परिणामस्वरूप डिजिटल क्रांति ने भारत को वैश्विक स्तर पर नेतृत्व की भूमिका सौंपी है। सरकार का लक्ष्य हैः



  • डिजिटल प्रशासन के माध्यम से सेवाओं को निर्बाध रूप से उपलब्ध कराना

  • राष्ट्रीय अवसंरचना, पाइप लाइन के माध्यम से जीवन के भौतिक गुणवत्ता को बेहतर बनाना

  • आपदा रोधी उपायों के जरिए जोखिम को कम करना

  • पेंशन और बीमा के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा को प्रोत्साहन देना


वित्त मंत्री ने कहा कि केन्द्रीय बजट 2020-21 कृषि, अवसंरचना, सामाजिक कल्याण, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि संशोधित अनुमान 2019-20 से परिव्यय में 3,43,678 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है, जबकि वित्तीय घाटे को जीडीपी के 3.8 प्रतिशत तक सीमित रखा गया है।



वित्त मंत्री ने प्रत्यक्ष कर क्षेत्र में व्यापक स्तर के सुविधाजनक उपायों का प्रस्ताव दिया

    केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्‍त वर्ष 2020-21 का केन्‍द्रीय बजट पेश करते हुए विवाद से विश्वास’ योजना का प्रस्ताव दिया है, जिसका उद्देश्य प्रत्यक्ष कर भुगतानों में मुकदमेबाजी को कम करना है। वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसे करदाता जिनके मामले किसी भी स्तर पर लंबित हैं, उन्हें इस योजना से लाभ मिल सकता है।


      वित्त मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित विवाद से विश्वास’ योजना के अंतर्गत एक करदाता को केवल विवादित करों की राशि का भुगतान करने की आवश्यकता है और उसे ब्याज और दंड से भी पूर्ण माफी मिलेगी बशर्ते वह इसका भुगतान 31 मार्च, 2020 तक कर दे। उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2020 के पश्चात इस योजना का लाभ उठाने वाले करदाताओं को कुछ अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा। यह योजना 30 जून, 2020 तक जारी रहेगी। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि करदाता इस अवसर का उपयोग मुकदमें की कष्टदायक प्रक्रिया से राहत पाने के लिए करेंगे।


      वित्त मंत्री ने कहा कि विभिन्न अपीलीय मंचों अर्थात् आयुक्त (अपील) आईटीएटी, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में प्रत्यक्ष कर संबंधी 4,83,000 मामले लंबित हैं। उन्होंने कहा कि अप्रत्यक्ष करों में मुकदमेबाजी को कम करने के लिए पिछले बजट में सबका विश्वास योजना लाई गई थी और इसके परिणामस्वरूप 1,89,000 मामलों का समाधान निकाला गया।


फेसलेस अपील


      मूल्यांकन प्रक्रिया में अधिक कुशलता, पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए एक नई फेसलेस मूल्यांकन योजना का शुभारंभ पहले से ही किया जा चुका है। वित्त मंत्री ने सरकार के द्वारा आरम्भ किए गए सुधारों को अगले स्तर पर ले जाने और व्यक्तिगत हस्तक्षेप को समाप्त करने के लिए आयकर अधिनियम को संशोधित करने का प्रस्ताव दिया, ताकि फेसलेस मूल्यांकन की तर्ज पर फेसलेस अपील की जा सके।


आधार के माध्यम से शीघ्र पैन


      वित्त मंत्री ने विस्तृत आवेदन फॉर्म को भरने की आवश्यकता के बिना आधार के माध्यम से शीघ्र ही ऑनलाइन पैनकार्ड को आवंटित किए जाने के लिए एक प्रणाली के शुभारंभ का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि पिछले बजट में उन्होंने पैन और आधार को परस्पर बदले जाने की व्यवस्था का शुभारंभ किया था।


करदाता चार्टर


      आयकर विभाग की सुपुर्दगी प्रणाली की दक्षता को बढ़ाने के उद्देश्य से वित्त मंत्री ने करदाता चार्टर को अपनाने के लिए केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड– सीबीडीटी के अंतर्गत आयकर अधिनियम के प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि इस चार्टर का विस्तृत विवरण शीघ्र की अधिसूचित किया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी कर प्रणाली में करदाताओं और प्रशासन के बीच विश्वास की आवश्यकता होती है और यह तभी संभव होगा, जब करदाताओं के अधिकार की स्पष्ट रूप से गणना की जाए।


धर्मार्थ संस्थाएं


      धर्मार्थ संस्थाओं को मिलने वाले दान के लिए कटौती का दावा करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के क्रम में वित्त मंत्री ने दानकर्ता के द्वारा प्रस्तुत दानों की सूचना के आधार पर करदाता की विवरणी में दान करता की पूर्व सूचना देने का प्रस्ताव किया। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे करदाता द्वारा किए गए दान के लिए कटौती का दावा करना आसान होगा। नवीन और मौजूदा धर्मार्थ संस्थाओं के लिए अनुपालन की प्रक्रिया को आसान बनाने के क्रम में वित्त मंत्री ने पंजीकरण की प्रक्रिया पूर्ण रूप से इलेक्ट्रॉनिक करने का प्रस्ताव दिया, जिसके तहत सभी नवीन और मौजूदा धर्मार्थ संस्थाओं को एक विशिष्ट पंजीकरण संख्या (यूआरएन) जारी किया जाएगा। इसके अलावा वे नई धर्मार्थ संस्थाएं जिन्होंने अपनी धर्मार्थ गतिविधि अभी आरम्भ नहीं की है, उनके पंजीकरण को बनाने के लिए वित्त मंत्री ने उन्हें तीन वर्षों के लिए अनंतिम पंजीकरण की अनुमति देने का प्रस्ताव दिया। समाज में धर्मार्थ संस्थाओं द्वारा अदा की जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकारते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इन संस्थाओं की आय को कराधान से पूर्ण छूट प्राप्त है  और इन संस्थाओं को किए गए दान की भी दानकर्ता कर योग्य आय का परिकलन करने में कटौती के रूप में अनुमति है।


विलयित बैंकों की हानियां


      समामेलित प्रतिष्ठान, समामेलित प्रतिष्ठानों की अंतर्लीन न की गई हानियों और मूल्यह्रास के लाभ को सुनिश्चित करने के लिए वित्त मंत्री ने आयकर अधिनियम के उपबंधों में आवश्यक संशोधन करने का प्रस्ताव दिया। वित्त क्षेत्र के समेकन के भाग के रूप में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार, सरकारी क्षेत्र के बैंकों के विलय की योजना लेकर आई है।                



नई आयकर व्यवस्था में विशेष रूप से मध्यम वर्ग के करदाताओं को बड़ी राहत

    केन्‍द्रीय बजट में करदाताओँ को बड़ी राहत प्रदान करते हुए और आयकर कानून को सरल बनाने के लिए एक नई और सरल व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था का प्रस्ताव दिया गया है। इसमें उन व्यक्तिगत करदाताओं के लिए आयकर दरों को पर्याप्त रूप से कम किया जाएगा जो कटौतियों और छूटों को छोड़ने के लिए तैयार होंगे। वर्ष 2020-21 के लिए संसद में आज केन्द्रीय बजट पेश करते हुए वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा, “नई कर व्यवस्था करदाताओं के लिए वैकल्पिक होगी।” उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जिसे आयकर कानून के अंतर्गत इस समय अधिक कटौतियां और छूट मिल रही हैं वह इनका लाभ उठा सकता है और पुरानी व्यवस्था के अनुसार कर का भुगतान जारी रख सकता है।  


नई व्यक्तिगत आय कर व्यवस्था में निम्नलिखित कर ढांचे का प्रस्ताव रखा गया है :


 














































कर योग्य आय का स्लैब (रुपये में)



आय कर की वर्तमान दरें



नई कर दरें



0-2.5 लाख



छूट



छूट



2.5-5 लाख



5 प्रतिशत



5 प्रतिशत



5-7.5 लाख



20 प्रतिशत



10 प्रतिशत



7.5-10 लाख



20 प्रतिशत



15 प्रतिशत



10-12.5 लाख



30 प्रतिशत



20 प्रतिशत



12.5-15 लाख



30 प्रतिशत



25 प्रतिशत



15 लाख से ऊपर



30 प्रतिशत



30 प्रतिशत



नई कर व्यवस्था में किसी करदाता द्वारा दायर छूटों और कटौतियों के आधार पर उसे पर्याप्त कर लाभ मिलेगा। उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति एक वर्ष में 15 लाख रुपये अर्जित करता है और वह किसी कटौती का लाभ नहीं उठा रहा है तो उसे पुरानी व्यवस्था में 2,73,000 रुपये का भुगतान करना होता जबकि नई कर दर के अनुसार अब उसे 1,95,000 रुपये का भुगतान करना होगा। अतः नई कर व्यवस्था में उसका कर भार 78,000 रुपये कम हुआ है। वह नई व्यवस्था में तब भी लाभ में रहेगा भले ही वह पुरानी व्यवस्था के तहत आयकर कानून के अध्याय VI-क की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत 1.5 लाख रुपये की कटौती ले रहा हो।


नई कर व्यवस्था करदाताओं के लिए वैकल्पिक होगी। यदि कोई व्यक्ति अथवा हिन्दू अविभाजित परिवार जो वर्तमान में कानून के तहत और अधिक कटौतियां और छूटे ले रहा है, उनका लाभ उठाने का विकल्प दे सकता है और पुरानी व्यवस्था में कर का भुगतान करना जारी रख सकता है। वित्त विधेयक में किए गए प्रावधानों के अनुसार, विकल्प का इस्तेमाल प्रत्येक पिछले वर्ष के लिए किया जा सकता है, जहां किसी व्यक्ति अथवा हिन्दू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) की व्यवसाय से कोई आमदनी नहीं है और अन्य मामलों में यदि विकल्प का एक बार पिछले वर्ष के लिए इस्तेमाल किया जा चुका है, तो वह पिछले वर्ष और उसके बाद के सभी वर्षों के लिए मान्य होगा। पिछले वर्ष अथवा पिछले वर्षों के लिए यह विकल्प अमान्य हो सकता है यदि व्यक्ति अथवा एचयूएफ लागू होने वाले कानून की शर्तों और अन्य प्रावधानों को पूरा करने में विफल रहता है।


नई आयकर दरों के लिए प्रतिवर्ष 40,000 करोड़ रुपये का अनुमानित राजस्व छोड़ना अवश्य होगा। श्रीमती सीतारमण ने कहा, “हमने ऐसे उपाय शुरु किए हैं जिससे आयकर रिटर्न को समयपूर्व भरा जा सके ताकि कोई भी व्यक्ति जो नई व्यवस्था को अपनाता है उसे अपना रिटर्न दायर करने और आयकर का भुगतान करने में किसी विशेषज्ञ की सहायता लेने की जरूरत नहीं होगी।” वित्त मंत्री ने कहा कि आयकर व्यवस्था को सरल बनाने के लिए, उन्होंने पिछले अनेक दशकों में आयकर कानूनों में शामिल की गई सभी छूटों और कटौतियों की समीक्षा की है।


बजट में, विभिन्न प्रकृति (100 से अधिक) की 100 से अधिक छूटें और कटौतियों प्रदान की गई है। सरलीकृत व्यवस्था में इनमें से लगभग 70 छूटों और कटौतियों को समाप्त करने का प्रस्ताव किया गया है। शेष छूटों और कटौतियों की समीक्षा की जाएगी और आने वाले वर्षों में उन्हें युक्तिसंगत बनाया जाएगा ताकि कर व्यवस्था को और सरल बनाया जा सके तथा करों की दरें कम की जा सके।


पशुपालन, भंडारण, नीली अर्थव्‍यवस्‍था तथा किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए  16 सूत्री कार्य योजना पर जोर

    देश की जनता के प्रति प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्‍वास और जीवन सुगमता की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्‍त वर्ष 2020-21 का केन्‍द्रीय बजट पेश करते हुए किसानों की आमदनी दोगुनी करने, बागवानी, अनाज भंडारण, पशुपालन और नीली अर्थव्‍यवस्‍था को प्रोत्‍साहित करने पर केन्द्रित 16 सूत्री कार्य योजना की घोषणा की।


किसानों की आमदनी दोगुनी


2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्‍य के साथ वित्‍त मंत्री ने आज अपने बजट भाषण में प्रधानमंत्री कुसुम योजना के दायरे में और 20 लाख किसानों को लाने का प्रस्‍ताव किया। इसके अलावा 15 लाख अतिरिक्‍त किसानों को उनके बिजली के पंपों को सौर ऊर्जा चलित बनाने में मदद की जाएगी।


किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए वित्‍त मंत्री ने सभी तरह के उर्वरकों के संतुलित इस्‍तेमाल तथा जीरो बजट प्राकृतिक खेती को प्रोत्‍साहित करने पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि वर्षा संचित क्षेत्रों में एकीकृत खेती प्रणाली को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही बहुस्‍तरीय फसल उगाने, मधुमक्‍खी पालन, सौर पंपों के इस्‍तेमाल तथा सौर ऊर्जा उत्‍पादन को भी बढ़ाया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि जैविक खेती से संबंधित ऑनलाइन राष्‍ट्रीय पोर्टल को भी मजबूत बनाया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि जल  संकट की समस्‍या से जूझ रहे देश के 100 जिलों में इस समस्‍या से निपटने के लिए व्‍यापक इंतजाम किये जाएंगे।


भंडारण और लॉजिस्टिक सेवाएं


खाद्यान्‍नों की बर्बादी रोकने तथा उनके लिए सक्षम भंडारण अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए बजट में सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्‍यम से ब्‍लॉक स्‍तर पर भंडार गृह बनाये जाने का प्रस्‍ताव है। वित्‍त मंत्री ने क‍हा कि भारतीय खाद्य निगम और सेन्‍ट्रल वेयर हाऊसिंग कॉरपोरेशन भी अपनी भूमि पर ऐसे भंडार गृह बना सकेंगे। उन्‍होंने कहा कि धन्‍य लक्ष्‍मी के रूप में महिला स्‍व-सहायता समूहों की भंडारण क्षेत्र में भूमिका को भी प्रोत्‍साहित किया जाएगा।


उन्‍होंने कहा कि दूध, मांस जैसी जल्‍दी खराब होने वाली वस्‍तुओं के लिए एक अबाधित राष्‍ट्रीय शीत आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए भारतीय रेल पीपीपी मॉडल के जरिये किसान रेल चलाएगी। एक्‍सप्रेस तथा मालगाडि़यों में प्रशीतन कोच लगाए जाएंगे। पूर्वोत्‍तर तथा जनजातीय जिलों में कृषि उत्‍पादों का बेहतर मूल्‍य प्राप्‍त करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा कृषि उड़ान योजना शुरू की जाएगी।


पशुपालन


पशुपालन क्षेत्र के योगदान को देखते हुए श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 2020 तक मवेशियों के  खुर और मुंह में होने वाली बीमारी 'ब्रूसिलोसिस' तथा बकरियों को होने वाली बीमारी को पूरी खत्‍म करने का प्रस्‍ताव है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि 2025 तक देश में दुग्‍ध प्रसंस्‍करण क्षमता 53.5 मिलियन मीट्रिक टन से दोगुना करके 108 मिलियन मीट्रिक टन कर दी जाएगी।


कृषि ऋण


2020-21 के लिए 15 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्‍य तय। पीएम-किसान लाभार्थियों को केसीसी


योजना के तहत लाने का प्रस्‍ताव।



वर्ष 2020-21 के दौरान पोषण संबंधी कार्यक्रमों के लिए 35,600 करोड़ रुपये का प्रावधान

एक जिम्मेदार समाज के महत्व को रेखांकित करते हुए केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में पेश किए गए केन्द्रीय बजट 2020-21 में महिला एवं बच्चों तथा सामाजिक कल्याण पर केन्द्रित कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखे।


महिला एवं बाल  


लोकसभा के अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा, ‘मुझे सदन को यह बताते हुए बड़ी खुशी है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के आश्चर्यजनक रूप से सुखद नतीजे देखने को मिले है। शिक्षा के सभी स्तरों पर लड़कियों का सकल नामांकन अनुपात लड़कों से अधिक है। प्राथमिक स्तर पर लड़कियों का नामांकन अनुपात 94.32 प्रतिशत है, जबकि लड़कों में यह अनुपात 89.28 प्रतिशत है। माध्यमिक और उच्च शिक्षा स्तर पर भी यहीं रूझान देखने को मिले है।’


स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण घटक के रूप में पोषण को रेखांकित करते हुए श्रीमती सीतारमण ने वर्ष 2020-21 के लिए पोषण संबंधी कार्यक्रमों हेतु 35,600 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने पोषण अभियान का जिक्र किया, जिसे वर्ष 2017-18 में बच्चों (0-6 वर्ष), किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करने वाली माताओं की पोषणात्मक स्थिति में सुधार के लिए लांच किया गया था। वित्त मंत्री ने कहा कि 10 करोड़ से अधिक परिवारों की पोषणात्मक स्थिति को अपलोड करने के लिए 6 लाख से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन दिए गए है। यह अभूतपूर्व है।


अपने बजट भाषण में श्रीमती सीतारमण ने कहा कि भारत की प्रगति से महिलाओं के लिए अवसर उपलब्ध हो रहे है। वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकती है और अपने कैरियर को संवार सकती है। इसलिए लड़कियों के मां बनने की उम्र संबंधी पूरे मामले को नए दृष्टिकोण से देखने की जरूरत है। उन्होंने इस उद्देश्य के लिए एक कार्यबल के गठन का प्रस्ताव, जो 6 महीने की अवधि में अपनी सिफारिशें देगा।


महिलाओं के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए वित्त मंत्री ने महिला विशिष्ट कार्यक्रमों के लिए 28,600 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव दिया।


सामाजिक कल्याण


सिर पर मैला ढोने की प्रथा के बारे में वित्त मंत्री ने कहा, ‘हमारी सरकार कृत संकल्प है कि सीवर प्रणाली या सेफ्टिक टैंक की सफाई का काम हाथ से नहीं किया जाएगा। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने ऐसे कार्यों के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकियों की पहचान की है। यह मंत्रालय इन प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए शहरी स्थानीय निकायों के साथ कार्य कर रहा है।’ उन्होंने इसे विधायी एवं संस्थागत परिवर्तनों के माध्यम से तार्किक निर्णय पर ले जाने का प्रस्ताव दिया।


वित्त मंत्री ने अनुसूचित जातियों एवं अन्य पिछड़ा वर्गों के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के आलोक में वर्ष 2020-21 के लिए 85,000 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान का प्रस्ताव दिया। बजट प्रस्ताव में श्रीमती सीतारमण ने अनुसूचित जनजातियों के कल्याण तथा विकास के लिए वर्ष 2020-21 के दौरान 53,700 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव दिया।


वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री ने वर्ष 2020-21 के लिए बजट में 9500 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव दिया।



18600 करोड़ रुपये की लागत से 148 किलोमीटर लम्बे बैंगलुरु उप-नगरीय परिवहन परियोजना का प्रस्ताव

प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस 2019 में कहा था कि अगले पांच वर्षों के दौरान अवसंरचना पर 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस संबंध में केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्त वर्ष 2020-21 का केन्‍द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि मैंने 31 दिसंबर, 2019 को 103 लाख करोड़ रुपये की लागत वाले राष्ट्रीय अवसंरचना पाइप लाइन का शुभारंभ किया। इस परियोजना में विभिन्न क्षेत्रों के 6500 परियोजनाएं शामिल हैं। इन परियोजनाओं का वर्गीकरण विकास के चरण और उनके आकार के आधार पर किया गया है।


वित्त मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय कौशल विकास एजेंसी अवसंरचना विशेष पर आधारित कौशल विकास अवसरों पर विशेष ध्यान देगी। भारतीय युवाओं के लिए विनिर्माण, परिचालन और अवसंरचना के रख-रखाव के क्षेत्र में रोजगार के आपार अवसर मौजूद है।


केन्द्रीय बजट में अवसंरचना परियोजनाओं के लिए परियोजना तैयारी सुविधा स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है। इस कार्यक्रम में युवा इंजीनियरों, प्रबंध स्नातकों और विश्वविद्यालयों के अर्थशास्त्रियों को सक्रिय रूप से जोड़ा जाएगा।


बजट में स्टार्ट-अप्स से युवा शक्ति को जोड़ने के लिए सरकार की सभी अवसंरचना एजेंसियों का निर्देश देने का प्रस्ताव है।


वित्त मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति जल्द ही जारी की जाएगी। इससे केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों और प्रमुख नियामकों की भूमिकाएं स्पष्ट होंगी और यह एकल खिड़की ई-लॉजिस्टिक बाजार का निर्माण करेगी। यह नीति रोजगार सृजन, कौशल और एमएसएमई को प्रतिस्पर्धी बनाने पर विशेष ध्यान देगी।


सड़क अवसंरचना को बेहतर बनाने के उपाय


केन्द्रीय बजट 2020-21 पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि राजमार्गों का तेजी से विकास किया जाएगा। इनमें 2500 किलोमीटर लम्बे पहुंच नियंत्रण राजमार्गों, आर्थिक गलियारों (9000 किलोमीटर), तटीय और पत्तन पहुंच सड़कों (2000 किलोमीटर) तथा रणनीतिक राजमार्गों (2000 किलोमीटर) के निर्माण शामिल हैं। दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे और अन्य एक्सप्रेस-वे को 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा। चेन्नई-बैंगलुरु एक्सप्रेस-वे को भी शुरू किया जाएगा। 2024 से पहले 6000 किलोमीटर की लम्बाई वाले 12 राजमार्ग समूहों के मुद्रीकरण का प्रस्ताव दिया गया है।


रेल अवसंरचना को बेहतर बनाने के उपाय


वित्त मंत्री ने वर्तमान सरकार के गठन के 100 दिनों के अंदर रेलवे की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने रेल अवसंरचना को बेहतर बनाने के उपायों का प्रस्ताव दियाः



  • रेल लाइनों के किनारे बड़ी सौर ऊर्जा क्षमता की स्थापना।

  • 4 स्टेशनों की पुनर्विकास परियोजनाएं और पीपीपी के माध्यम से 150 यात्री ट्रेनों का संचालन।

  • आईकॉनिक पर्यटन गंतव्य को जोड़ने के लिए तेजस जैसी ट्रेने।

  • मुम्बई और अहमदाबाद के बीच हाईस्पीड ट्रेन पर सक्रियता से काम।

  • 148 किलोमीटर लम्बी बेंगलुरु उप-नगरीय परिवहन परियोजना के लिए 18,600 करोड़ रुपये, मेट्रो प्रारूप के अनुसार किराया तय किया जाएगा। केन्द्र सरकार 20 प्रतिशत का लागत वहन करेगी और परियोजना लागत का 60 प्रतिशत बाहरी सहायता से उपलब्ध कराने की सुविधा देगी।


जल्द ही खराब होने वाली सब्जियों व फलों के लिए राष्ट्रीय कोल्डचैन के निर्माण के उद्देश्य से वित्त मंत्री ने प्रस्ताव दिया कि भारतीय रेल पीपीपी मोड के जरिए कृषि रेल की स्थापना करेगा। एक्सप्रेस ट्रेनों और मालगाड़ियों में प्रशीतन सुविधायुक्त डब्बे लगाए जाएगे।