Wednesday, March 4, 2020

सरकार ने एपीआई और उनके द्वारा तैयार नुस्खों की निर्यात नीति में संशोधन किया

सरकार ने सक्रिय औषधि अवयव (एपीआई) और उनके द्वारा तैयार नुस्खों के सम्बंध में निर्यात नीति तथा प्रतिबंधित निर्यात में संशोधन किया है।


वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन विदेश व्यापार महानिदेशालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि प्रतिबंध फौरन प्रभाव में आ जायेंगे और अगले आदेशों तक लागू रहेंगे। इस अधिसूचना में निम्नलिखित एपीआई और उनके द्वारा तैयार नुस्खों का विवरण इस प्रकार है –


             i.     पैरासिटामोल


            ii.     टिनिडेजोल


           iii.     मेट्रोनीडेजोल


           iv.     ऐसीक्लोविर


            v.     विटामिन बी 1


           vi.     विटामिन बी 6


           vii.     विटामिन बी 12


          viii.     प्रोजेस्टेरोन


           ix.     क्लोरेमफेनिकोल


            x.     एरिथ्रोमाइसिन साल्ट


           xi.     नियोमाइसीन


           xii.     क्लिंडामाइसिन साल्ट


          xiii.     ऑरनीडिजोल



मंत्रियों के उच्च स्तरीय समूह ने कोविड-19 की मौजूदा स्थिति और इसकी रोकथाम और प्रबंधन के लिए किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की

प्रधानमंत्री के निर्देशों पर देश में नोवल कोरोना वायरस (विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने इसे कोविड-19 नाम दिया है) के प्रबंधन के बारे में की गई तैयारियों और उपायों की समीक्षा, निगरानी और मूल्‍यांकन करने के लिए मंत्रियों के एक उच्‍चस्‍तरीय समूह (जीओएम) का गठन किया था। इसकी पहली बैठक 3 फरवरी, 2020 को निर्माण भवन में, दूसरी बैठक 13 फरवरी, 2020 को आयोजित की गई, जबकि तीसरी बैठक आज केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री की अध्‍यक्षता में हुई। इस अवसर पर नागर विमानन मंत्री श्री हरदीप एस.पुरी, गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय, राज्य मंत्री नागर विमानन (स्‍वतंत्र प्रभार), जहाजरानी,​​रसायन और उर्वरक श्री मनसुख मंडाविया और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री  श्री अश्विनी कुमार चौबे, जीओएम के सदस्य भी उपस्थित थे।


कोविड​​-19 की स्थिति के बारे में जीओएम के समक्ष एक प्रस्तुति दी गई। भारत में कोविड-19 बीमारी के बारे में उठाए गए निवारक कदमों और उपायों के बारे में भी जानकारी दी गई। इसमें कोविड-19 के संबंध में व्‍याप्‍त वैश्विक स्थिति के मद्देनजर विभिन्न यात्रा परामर्शों के बारे में जानकारी भी शामिल थी।


इस बैठक में स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण सचिव सुश्री प्रीति सूदन, नागर विमानन सचिव श्री प्रदीप सिंह खरोला, सचिव (फार्मास्यूटिकल्स) श्री पी.डी. वाघेला, सचिव (कपड़ा) रवि कपूर, सचिव (डीएचआर) और आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव, विशेष सचिव (कपड़ा) डॉ. पी.के. कटारिया, विशेष सचिव (स्वास्थ्य) श्री संजीव कुमार, अपर सचिव (विदेश मंत्रालय) श्री मनोज भारती, डीजीएफटी  श्री अमित यादव, जहाजरानी के सचिव श्री संजय बंदोपाध्याय, गृह मंत्रालय में अपर सचिव श्री अनिल मलिक, महानिरीक्षक (आईटीबीपी) श्री आनंद स्वरूप,  स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय में संयुक्‍त सचिव श्री लव अग्रवाल और सेना, आईटीबीपी, फार्मा और टेक्‍सटाइल्‍स के अन्‍य अधिकारियों ने भी इस बैठक में भाग लिया। डॉ हर्षवर्धन ने वर्तमान परिदृश्य और जीओएम बैठक के बारे में मीडियाकर्मियों को संबोधित किया।


डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि 12 देशों - चीन, सिंगापुर, थाईलैंड, हांगकांग, जापान, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, मलेशिया, नेपाल, इंडोनेशिया, ईरान और इटली से आने वाली सभी उड़ानों के यात्रियों की वैश्विक जांच की जा रही है। यात्रियों की 21 हवाई अड्डों, 12 प्रमुख बंदरगाहों और 65 छोटे बंदरगाहों और स्‍थल मार्गों विशेष रूप से नेपाल की सीमा पर भी जांच की जा रही है।


अब तक 5,57,431 यात्रियों को हवाई अड्डों पर और 12,431 यात्रियों की बंदरगाहों पर जांच की गई है। यात्रियों को दैनिक आधार पर आईडीएसपी नेटवर्क के माध्यम से सामुदायिक निगरानी के तहत भी निगरानी की जाती है। इसके अलावा 25,738 यात्री आईडीएसपी नेटवर्क के सामुदायिक निगरानी में हैं। उन्होंने बताया कि 15 प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं और 19 प्रयोगशालाओं को जल्द ही शुरू किया जाएगा।  25000 नमूनों के जांच के लिए अभिकर्मकों को उपलब्ध कराया गया है। कुल 3245 नमूनों को परीक्षण के लिए भेजा गया, जिनमें से 3217 निगेटिव और 5 नमूने पोजिटिव पाए गए, जबकि 23 नमूने परीक्षण के तहत है। दो नए पोजिटिव मामले सामने आए हैं, इनमें से एक दिल्ली का और एक तेलंगाना का है।


उन्होंने भारतीय नागरिकों को सलाह दी है कि बिना वजह सिंगापुर, कोरिया गणराज्य, ईरान और इटली की यात्रा से बचने की आवश्यकता है। 10 फरवरी 2020 से कोरिया गणराज्य, ईरान और इटली से आने वाले या ऐसी यात्रा इतिहास वाले लोगों का भारत आने पर 14 दिनों के लिए अलग रखा जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि हम वैश्विक परिदृश्य पर नज़र रख रहे हैं। अन्य देशों पर भी स्थिति के अनुसार प्रतिबंध बढ़ाया जा सकता है।


उन्होंने यह भी बताया कि म्यांमार (2), बांग्लादेश (22), मालदीव (2), चीन (6), दक्षिण अफ्रीका (1), संयुक्त राज्य अमेरिका (1) और मेडागास्कर (1) के नागरिकों सहित 112 लोगों को वुहान से निकाला गया है और छावला में आईटीबीपी कैंप में रखा गया है। इन सभी व्‍यक्तियों का पहला परीक्षण निगेटिव पाया गया है। जापान से भी से 27 फरवरी को 124 लोगों को वापस लाया गया हैं। इनमें 5 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। इसकी जांच भी निगेटिव पायी गई और इन्‍हें मानेसर में सैन्‍य सुविधा में रखा गया है।


डॉ. हर्षवर्धन ने यह भी जानकारी दी कि स्वास्थ्य मंत्रालय के सभी संयुक्त सचिवों को कोविड-19 के बारे में राज्यों की तैयारियों का आकलन करने का काम सौंपा गया है। इसके अलावा  5 राज्यों (उत्तराखंड, बिहार, उत्‍तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और सिक्किम) के 21 सीमावर्ती जिलों में 3695 से अधिक ग्राम सभा की बैठकें आयोजित की गई हैं। नेपाल सीमा पर अब तक 10,24,922 लोगों की जांच की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि देश में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई), एन 95 मास्क आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। उन्‍होंने लोगों को सावधानी बरतने और किसी भी लक्षण के बारे में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा पर  सूचित करने या स्वास्थ्य मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष में 011-23978046 नंबर पर फोन करने या ncov2019@gmail.co वेबसाइट पर ईमेल करने की सलाह दी है।



17 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 82 दिव्यांग कारीगर और उद्यमी ‘एकम फेस्‍ट’ में अपने उत्पाद और कौशल प्रदर्शित कर रहे हैं

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत राष्‍ट्रीय दिव्‍यांग वित्‍त विकास निगम (एनएचएफडीसी) द्वारा स्‍टेट एम्पोरिया कॉम्प्लेक्स, बाबा खड़क सिंह मार्ग, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली-1 में एक सप्‍ताह तक चलने वाले प्रदर्शनी-सह-मेला - “एकम फेस्ट” में 17 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लगभग 82 दिव्यांग कारीगर और उद्यमी अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर रहे हैं। इनमें 44 पुरुष और 38 महिला दिव्यांग कारीगर और उद्यमी शामिल हैं। ‘एकम फेस्ट’ 2 मार्च से 9 मार्च, 2020 तक 11 बजे सुबह से 9 बजे रात तक लोगों के लिए  खुला रहता है। इसमें दिव्यांग कलाकारों और प्रसिद्ध पेशेवरों द्वारा प्रदर्शन सहित कई महत्‍वपूर्ण सांस्कृतिक गतिविधियां भी आयोजित की जा रही हैं। दिव्यांग पेशेवरों द्वारा ज्योतिषीय परामर्श और पैर की मालिश इस आयोजन के अन्‍य आकर्षण हैं।


      ‘एकम फेस्ट’ में जम्मू-कश्मीर से पुदुचेरी और नगालैंड से गुजरात तक, देश भर के दिव्यांग उद्यमियों और कारीगरों को आमंत्रित किया गया है। फेस्ट में जम्‍मू-कश्‍मीर और पूर्वोत्‍तर के उत्पादों, हस्तकला, ​​हथकरघा, कढ़ाई के काम और ड्राई फ्रूट्स के उत्पादों के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है। मेले के दौरान 17 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के लगभग 82 दिव्यांग उद्यमी/कारीगर तथा संगठन अपने सुंदर उत्पादों, सेवाओं और कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं।


      ‘एकम फेस्ट’ स्टॉल में कई श्रेणियों में होम डेकोर और लाइफस्टाइल, कपड़ा; स्टेशनरी और पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों; पैक खाद्य और जैविक उत्पाद; खिलौने और उपहार; और पर्सनल ऐक्सेसरी -जवेलरी, क्लच बैग्स आदि जैसे व्यापक उत्पाद प्रदर्शित किए जा रहे हैं।


      केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन जयराम गडकरी और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास तथा कपड़ा मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी की उपस्थिति में कल शाम फेस्ट का उद्घाटन किया गया। सामाजिक न्‍याय एवं आधिकारिता राज्‍य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर और श्री रतन लाल कटारिया भी उपस्थित थे।


      राष्‍ट्रीय दिव्‍यांगजन वित्‍त विकास निगम (एनएचएफडीसी) दिव्‍यांगजनों को उनके आर्थिक पुनर्वास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है और उन्हें अपने उद्यमों को विकसित करने और बनाए रखने के लिए कौशल विकास के अनेक कार्यक्रमों का संचालन करता है। समाज के दिव्यांग और हाशिए वाले समूहों को और अधिक सशक्त बनाने के लिए इस साल एक कदम आगे बढ़कर एनएचएफडीसी फाउंडेशन की स्थापना की। असंगठित छोटे दिव्यांग उद्यमियों के बाजार से नगण्‍य जुड़ाव के कारण उचित मूल्य और मात्रा में बिक्री में बाधा की ओर ध्‍यान देते हुए, एनएचएफडीसी फाउंडेशन इन निर्धारित उद्यमियों के उत्पादों के विपणन के लिए एक ब्रांड और प्लेटफॉर्म के विकास के लिए प्रयास कर रहा है।



प्रधानमंत्री ने कोरोनावायरस से निपटने की तैयारी का जायजा लिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 नोवेल कोरोनावायरस से निपटने की तैयारी का जायजा लिया।


प्रधानमंत्री ने कहा, “कोविड-19 नोवेल कोरोनावायरस के मद्देनजर तैयारी की गहन समीक्षा की। भारत आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग से लेकर तुरंत चिकित्सा प्रदान करने तक की समस्त गतिविधियों के लिए विभिन्न मंत्रालय मिलकर काम कर रहे हैं। घबराने की कोई जरूरत नहीं है। हमें साथ मिलकर काम करने और आत्मसुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए छोटे लेकिन महत्वपूर्ण उपाय करने की जरूरत है।”



सीओवीआईडी-19 पर अपडेट

आगरा में नमूने की जांच के दौरान हाई वायरल के छह मामलों की जानकारी मिली है। ये वह लोग हैं जो कल नई दिल्‍ली में सीओवीआईडी-19 मरीजों के संपर्क में आए हैं। इन्‍हें आइसोलेशन में रखा गया है। इनके नमूनों को एनआईवी, पुणे पुष्टि के लिए भेजा गया है।


इंटीग्रेटेड डिजीज सर्वेलेंस प्रोग्राम (आईडीएसपी) नेटवर्क के जरिये उन लोगों का पता लगाया जा रहा है जिनके संपर्क में ये छह लोग आए।



पर्यटन मंत्री श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने बहुभाषी अतुल्‍य भारत वेबसाइट लॉन्‍च की

पर्यटन और संस्‍कृति राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने आज नई दिल्‍ली में बहुभाषी अतुल्‍य भारत वेबसाइट का शुभारंभ किया। वर्तमान में वेबसाइट अंग्रेजी और हिन्‍दी भाषा में है और इसे चीनी, अरबी तथा स्‍पैनिश भाषा में लॉन्‍च किया गया है। इस अवसर पर पर्यटन सचिव श्री योगेन्‍द्र त्रिपाठी, पर्यटन मंत्रालय की महानिदेशक श्रीमती मीनाक्षी शर्मा तथा मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी विदेशी प्रतिनिधि और पर्यटन उद्योग के हितधारक उपस्थित थे।

      इस अवसर पर श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि पर्यटन मंत्रालय द्वारा लॉन्‍च की गई। अतुल्‍य भारत वेबसाइट और मोबाइल एप का उद्देश्‍य पूरे विश्‍व में भारत को एक लोकप्रिय पर्यटन स्‍थल के रूप में दिखाना है। श्री पटेल ने कहा कि हमारा उद्देश्‍य वैश्विक प्‍लेटफॉर्म पर भारत के विभिन्‍न पर्यटन उत्‍पादों को दिखाना और पर्यटकों को व्‍यक्तिगत तथा संदर्भ संबंधी डिजिटल अनुभव प्रदान करके पर्यटन के प्रति जागरूकता आकर्षण तथा अवसर बढ़ाना है।


      श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि आज चीनी, अरबी तथा स्‍पैनिश भाषाओं में अतुल्‍य भारत वेबसाइट और मोबाइल एप लॉन्‍च किया जा रहा है जिसका मुख्‍य उद्देश्‍य उन देशों के आगंतुकों से जुड़ना है जहां ये भाषाएं मुख्‍य रूप से बोली जाती हैं। उन्‍होंने कहा कि प्रत्‍येक वर्ष इन भाषा-भाषी वाले देशों से अनेक पर्यटक भारत आते हैं। भारत से भी अनेक लोग पर्यटन तथा दूसरे उद्देश्‍यों के लिए इन देशों में जाते हैं। उन्‍होंने कहा कि पर्यटकों का आदान-प्रदान एक-दूसरे की संस्‍कृति को समझने और उसकी सराहना करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है। 2019 में भारत में 10.9 मिलियन से अधिक विदेशी पर्यटक आए जिसमें से 6 लाख लोग चीनी, लगभग 2 लाख लोग अरबी तथा लगभग 1 लाख 25 हजार पर्यटक स्‍पैनिश बोलने वाले थे।


श्री पटेल ने कहा कि वेबसाइट में खाद्य और व्‍यंजन, विरासत, प्राकृतिक तथा वन्‍य जीव, विलासिता, साहसी करतब, कला, खरीददारी से संबंधित अनुभवों को शामिल किया गया है।


श्री पटेल ने कहा कि अतुल्‍य भारत 2.0 वेबसाइट का उद्देश्‍य वैश्विक प्‍लेटफॉर्म पर भारत के विभिन्‍न पर्यटन उत्‍पादों को दिखाना और पर्यटकों को व्‍यक्तिगत तथा संदर्भ संबंधी डिजिटल अनुभव प्रदान करके पर्यटन के प्रति जागरूकता आकर्षण तथा अवसर बढ़ाना है।


वेबसाइट में 165 पर्यटन स्‍थलों की विस्‍तृत जानकारी है। इसमें 2700 से अधिक पृष्‍ठ हैं और 28 राज्‍यों तथा 9 केन्‍द्र शासित प्रदेशों के विविध आकर्षण हैं। वेबसाइट वर्तमान में अंग्रेजी और हिन्‍दी भाषा में है और इसे चीनी, अरबी तथा स्‍पैनिश भाषा में भी लॉन्‍च किया गया है, ताकि वेबसाइट विजिट करने वाले लोगों को भारत आने का अवसर मिले।


वेबसाइट को निरंतर रूप से नया डिजाइन और विषय दिया जाएगा। यह वेबसाइट अन्‍य प्रमुख अन्‍तर्राष्‍ट्रीय भाषाओं में भी उपलब्‍ध होगी।



हरियाणा से राज्यसभा का उपचुनाव

हरियाणा से राज्यसभा के लिए एक आकस्मिक रिक्ति हुई है, जिसका विवरण इस प्रकार है :


 


















सदस्य का नाम



कारण



रिक्ति की तिथि



कार्यकाल



श्री बिरेन्दर सिंह


 



त्यागपत्र



20.01.2020



01.08.2022



निर्वाचन आयोग ने फैसला किया है कि हरियाणा की उपरोक्त रिक्ति को भरने के सम्बंध में राज्यसभा के लिए उपचुनाव कराया जाए। कार्यक्रम का विवरण इस प्रकार है : -


 



















































क्र.स.



कार्यक्रम



दिनांक



 



अधिसूचना जारी होने की तिथि



06 मार्च, 2020 (शुक्रवार)



 



नामांकन की अंतिम तिथि



13 मार्च, 2020  (शुक्रवार)



 



नामांकन की जांच



16 मार्च, 2020  (सोमवार)



 



नाम वापस लेने की अंतिम तिथि



18  मार्च, 2020   (बुधवार)



 



मतदान तिथि



26  मार्च, 2020 ( गुरुवार)



 



मतदान का समय



09:00 प्रातः से 4 बजे शाम



 



मतगणना



26  मार्च, 2020  (गुरुवार)


को 5 बजे तक



 



जिस तिथि से पहले चुनाव सम्पन्न होना है



30  मार्च, 2020  (सोमवार)




कृषि अवशेष जलाने तथा जंगल की आग से उत्‍पन्‍न ब्लैक कार्बन के कारण गंगोत्री ग्लेशियर का पिघलना प्रभावित हो सकता है

  पहले से ही खस्‍ताहाल गंगोत्री ग्लेशियर के बारे में और भी बुरी खबर है। एक अध्ययन के अनुसार, गर्मियों के दौरान इस क्षेत्र में ब्लैक कार्बन की मात्रा 400 गुना बढ़ जाती है। अध्ययन में बताया गया है कि ब्लैक कार्बन की मात्रा में इस मौसमी वृद्धि के पीछे का कारण कृषि अवशेष जलाना और जंगल की आग है। यह ब्लैक कार्बन के प्रकाश-अवशोषित प्रकृति के कारण ग्लेशियर को और अधिक पिघला सकता है।


विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी (डब्‍ल्‍यूआईएचजी) के वैज्ञानिकों ने वर्ष 2016 के लिए गंगोत्री ग्लेशियर के पास चिरबासा स्टेशन में किए गए एक अध्ययन में, इस क्षेत्र में ब्लैक कार्बन (बीसी) की अधिकता की पुष्टि की है, जिसमें गर्मियों के दौरान काफी वृद्धि हुई।


 ब्लैक कार्बन की सामयिक अधिकता की जांच से यह पता चला था कि यह सीजन के दौरान कृषि अवशेष जलाने (देश के पश्चिमी भाग में), गर्मियों में जंगल की आग (हिमालयी ढलानों के साथ) से उत्पन्न उत्सर्जन के साथ-साथ कुछ हद तक सर्दियों में लंबी दूरी के वाहनों से उत्‍पन्‍न प्रदूषण, प्रचलित मौसम संबंधी स्थितियों से काफी प्रभावित थी।


 डब्‍ल्‍यूआईएचजी के डॉ.पी.एस. नेगी के नेतृत्‍व में किए गए इस अनुसंधान को वैज्ञानिक पत्रिका एटमॉस्फेरिक एनवायरनमेंट में प्रकाशित किया गया था।


समतुल्य ब्लैक कार्बन (ईबीसी) एरोसोल अपने हल्के अवशोषित प्रकृति के कारण ग्लोबल वार्मिंग में महत्वपूर्ण योगदान देता है। हिमालयी ग्लेशियर घाटियों जैसे पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र में उनकी उपस्थिति गंभीर चिंता का विषय है और इस पर सावधानीपूर्वक निगरानी की आवश्यकता है। हालांकि,  ब्‍लैक कार्बन पर आधारभूत डेटा हिमालयी क्षेत्र के अधिकांश क्षेत्रों से शायद ही उपलब्ध हो।


 पहली बार, डब्‍ल्‍यूआईएचजी के वैज्ञानिकों की टीम ने वर्ष 2016 के दौरान भारतीय हिमालय में गंगोत्री ग्लेशियर के पास एक अधिक ऊंचाई वाले स्थल चिरबासा (3600 मीटर) पर ईबीसी द्रव्यमान की अधिकता का मापन किया। ईबीसी का मासिक औसत सांद्रता अगस्त में न्यूनतम और मई के महीने में अधिकतम पाई गई। ईबीसी की मौसमी माध्य सांद्रता ने एक प्राचीन हिमनद स्रोत और इलाके में ईबीसी स्रोतों की अनुपस्थिति का संकेत दिया।


      गंगोत्री ग्लेशियर के पास  चिरबासा स्टेशन में 2016 के दौरान ब्लैक कार्बन  की अधिकता का दैनिक, मासिक और मौसमी बदलाव का विवरण।



सीओवीआईडी-19 पर अपडेट: संशोधित यात्रा परामर्श  

सीओवीआईडी-19 के संबंध में उभरते हुए वैश्विक परिदृश्‍य को देखते हुए, पूर्व में जारी किए गए सभी परामर्शों के स्‍थान पर, निम्‍नलिखित परामर्श तत्‍काल लागू करने के लिए जारी किए गए हैं :



  1. इटली, ईरान, दक्षिण कोरिया, जापान के नागरिकों को 03.03.2020 अथवा उसके बाद जारी किए गए सभी नियमित (स्‍टीकर) वीजा/ई-वीजा (जापान और दक्षिण कोरिया के लिए वीओए सहित) और जिन्‍होंने अभी तक भारत में प्रवेश नहीं किया है, उन्‍हें तत्‍काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जो लोग किन्‍हीं बाध्‍यकारी  परिस्थितियों के कारण भारत आना चाहते हैं, वे नजदीकी भारतीय दूतावास/ वाणिज्‍य दूतावास से ताजा वीजा ले सकते हैं।

  2. चीन गणराज्‍य के नागरिकों को 05.02.2020 अथवा उससे पहले दिए गए नियमित (स्‍टीकर) वीजा/ई-वीजा को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। यह लागू रहेगा। जो लोग किन्‍ही बाध्‍यकारी परिस्थितियों के कारण भारत आना चाहते हैं, वे नजदीकी भारतीय दूतावास/ वाणिज्‍य दूतावास से ताजा वीजा ले सकते हैं।

  3. चीन, ईरान, इटली, दक्षिण कोरिया और जापान की 01.02.2020 अथवा उसके बाद यात्रा करने वाले सभी विदेशी नागरिक जिन्‍हें सभी नियमित (स्‍टीकर) वीजा/ई-वीजा दिए गए हैं और जिन्‍होंने अभी तक भारत में प्रवेश नहीं किया है उसे तत्‍काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जो लोग किन्‍ही बाध्‍यकारी परिस्थितियों के कारण भारत आना चाहते हैं, वे नजदीकी भारतीय दूतावास/ वाणिज्‍य दूतावास से ताजा वीजा ले सकते हैं।

  4. कूटनीतिज्ञ, संयुक्‍त राष्‍ट्र और अन्‍य अंतरराष्‍ट्रीय संगठनों के अधिकारी, ओसीआई कार्डधारक और उपरोक्‍त देशों के विमान चालक दल को प्रवेश संबंधी ऐसे प्रतिबंधों से छूट दी गई है। लेकिन उनकी मेडिकल स्‍क्रीनिंग अनिवार्य है।

  5. किसी भी बंदरगाह क्षेत्र से भारत में प्रवेश करने वाली सभी अंतरराष्‍ट्रीय उड़ानों के यात्रियों को अपने बारे में पूरी जानकारी (अपने निजी विवरण यानी फोन नम्‍बर और भारत में अपना पता सहित) और यात्रा विवरण सभी बंदरगाहों पर स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों और आव्रजन अधिकारियों को देना जरूरी है।

  6. प्रतिबंधित के अलावा चीन, दक्षिण कोरिया, जापान, ईरान, इटली हॉंगकॉंग, मकाऊ वियतनाम, मलेशिया, इंडोनेशिया, नेपाल, थाईलैंड, सिंगापुर और ताइवान से प्रत्‍यक्ष अथवा अप्रत्‍यक्ष रूप से आने वाले यात्रियों (विदेशी और भारतीय) को प्रवेश करने पर मेडिकल स्‍क्रीनिंग से गुजरना होगा।

  7. भारतीय नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे चीन, ईरान, कोरिया गणराज्‍य, इटली की यात्रा करने से बचें और उन्‍हें सलाह दी गई है कि वे सीओवीआईडी-19 से प्रभावित देशों की अनावश्‍यक यात्रा से परहेज करें।  



दिव्यांग कारीगरों और उद्यमियों के शिल्प कौशल और उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक सप्ताह तक चलने वाला "एकम फेस्‍ट" आज से शुरू हुआ

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत राष्‍ट्रीय दिव्‍यांग वित्‍त विकास निगम (एनएचएफडीसी) द्वारा स्‍टेट एम्पोरिया कॉम्प्लेक्स, बाबा खड़क सिंह मार्ग, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली-1 में एक सप्‍ताह तक चलने वाला प्रदर्शनी-सह-मेला - “एकम फेस्ट”  आज शुरू हुआ। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन जयराम गडकरी और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास तथा कपड़ा मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी इस अवसर पर उपस्थित थे। सामाजिक न्‍याय एवं आधिकारिता राज्‍य मंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर और श्री रतन लाल कटारिया भी उपस्थित थे।


      एक सप्‍ताह तक चलने वाला ‘एकम फेस्ट’ 2 मार्च से 9 मार्च, 2020 तक 11 बजे सुबह से 9 बजे रात तक लोगों के लिए खुला है। इसमें 17 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लगभग 82 दिव्यांग कारीगर और उद्यमी अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर रहे हैं। इनमें 44 पुरुष और 38 महिला दिव्यांग कारीगर और उद्यमी शामिल हैं। इसमें दिव्यांग कलाकारों और प्रसिद्ध पेशेवरों द्वारा प्रदर्शन सहित कई महत्‍वपूर्ण सांस्कृतिक गतिविधियां भी आयोजित की जा रही हैं। दिव्यांग पेशेवरों द्वारा ज्योतिषीय परामर्श और पैर की मालिश इस आयोजन के अन्‍य आकर्षण हैं।


श्री थावरचंद गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि ‘एकम फेस्ट’ दिव्यांगजन समुदाय में उद्यमशीलता और ज्ञान को बढ़ावा देने और विकलांगजनों की क्षमताओं के बारे में समाज को जागरूक करने तथा विकलांगजन उद्यमियों को प्रमुख विपणन अवसर प्रदान करने का प्रयास है। इन दृढ़ उद्यमियों के उत्पादों के विपणन के लिए प्लेटफार्म तथा ब्रांड के विकास के सम्बंध में एनएचएफडीसी प्रयास कर रहा है। इसके अनुरूप ब्रांड के नाम एकम पर (उद्यमशीलता, ज्ञान, जागरूकता, विपणन – ऑन्टरप्रन्योरशिप, नॉलेज, अवेयरनेस, मार्केटिंग) सहमति बनी। एकम शब्द समावेशी, एकता और एकात्मकता का भाव भी व्यक्त करता है, जो दिव्यांगजनों में उद्यमशीलता, ज्ञान को साझा करने, जागरूकता सृजन और विपणन पहलों के प्रोत्साहन के जरिये विपणन मंच तथा उत्पादों के विकास के लिए एनएचएफडीसी के प्रयासों को उजागर करता है। यह सबके लिए ऐसा अवसर प्रदान करता है कि वे दिव्यांग दस्तकारों और उद्यमियों द्वारा असाधारण आत्मविश्वास के जरिये उत्पादित वस्तुओं को प्रोत्साहन दें।


श्री नितिन जयराम गडकरी ने अपने संबोधन में कहा कि एकम फेस्ट में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद यह साबित करते हैं कि दिव्यांगजन शिल्पकारों और उद्यमियों में अपार क्षमता तथा कौशल मौजूद है तथा हमारे देश के विकास में वे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। एमएसएमई सेक्टर में रोजगार की और दिव्यांगजन के स्वरोजगार की अपार क्षमता मौजूद है तथा खासतौर से महिला दिव्यांगजन शिल्पकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की विभिन्न उपयोगी योजनाओं से लाभ उठा सकती हैं। उन्होंने इस संबंध में दिव्यांगजनों को अपने मंत्रालय के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।


श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी ने अपने संबोधन में कहा कि दिव्यांगजन शिल्पकार और उद्यमी दस्तकारी, हथकरघा और कशीदाकारी वाले उत्पादों के जरिये अपने कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं। भारतीय पारंपरिक वस्त्रों का एक अत्यंत समृद्ध इतिहास है तथा देश और विदेश में उनकी बड़ी मांग है। इस क्षेत्र में रोजगार की अपार क्षमताएं मौजूद हैं।  


कढ़ाई कार्य में महिलाओं ने काफी योगदान किया है, इसलिए एनएचएफडीसी को इस क्षेत्र में उद्यमिता के लिए दिव्‍यांगजन विशेषकर महिला दिव्‍यांगजन को प्रोत्‍साहित करना चाहिए ताकि दिव्‍यांगजन रोजगार और स्‍व-रोजगार प्राप्‍त कर सकें। दिव्‍यांगजन कल्‍याण के लिए सभी मंत्रालयों और विभागों के बीच तालमेल होनी चाहिए।


फेस्‍ट में प्रारंभ किए गए नए कार्यक्रम निम्‍नलिखित है:-



  1. एनएचएफडीसी स्‍वावलंबन केन्‍द्र (एनएसके) : एनएचएफडीसी ने दिव्यांगजनों के कौशल प्रशिक्षण के लिए पूरे देश में दिव्‍यांगजन स्‍वामित्‍व वाले सूक्ष्‍म कौशल प्रशिक्षण केन्‍द्रों की स्‍थापना का काम प्रारंभ किया है। इन एनएसके में प्रति वर्ष लगभग 120 दिव्‍यांगजनों को गुणवत्ता संपन्‍न कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने की क्षमता होगी। एनएसके से दिव्‍यांगजन स्‍वामी को प्रति माह 20,000 रुपये की आय होने की आशा है।

  2. दिल्‍ली तथा इंदौर में सुरक्षित कैब :- एनएचएफडीसी ने सखा कैब के साथ प्रबंध किया है जिसके अंतर्गत दिव्‍यांगजन के स्‍वामित्‍व वाले वाणिज्यिक वाहन महिला चालकों द्वारा चलाए जाएंगे ताकि महिलाओं, बच्‍चों और वरिष्‍ठ नागरिक यात्रियों को सुरक्षित टैक्‍सी का विकल्‍प दिया जा सके। इस तरह के सुरक्षित कैब नई दिल्‍ली और इंदौर हवाई अड्डों पर चल रहे हैं। वाहनों का वित्त पोषण अपनी योजना के अंतर्गत एनएचएफडीसी द्वारा किया जाएगा।



  • III. सुरक्षित पेयजल ई-कार्ट :- एनएचएफडीसी ने हाल में आरओ वाटर मशीन से लैस ई-कार्ट के वित्त पोषण पर सहमति व्‍यक्‍त की है। ई-कार्टों के जरिए स्‍वच्‍छता को बनाए रखते हुए कागज के ग्‍लास में पानी बेचा जाएगा। कार्ट को संचालन में भारत जल द्वारा सहयोग किया जाएगा। दिव्‍यांगजन स्‍वामी इन कार्टों के संचालन से प्रति माह 10,000 रुपये से 15,000 रुपये कमा सकते हैं।


पहले एकम फेस्‍ट में पूरे देश से दिव्‍यांग उद्यमी और शिल्‍पकार आमंत्रित किए गए हैं। ये लोग जम्‍मू–कश्‍मीर से लेकर पुदुचेरी तथा नगालैंड से लेकर गुजरात के हैं। फेस्‍ट में जम्‍मू और कश्‍मीर तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र के उत्‍पाद प्रस्‍तुत किए गए हैं। इन उत्‍पादों में दस्‍तकारी, हैंडलूम, कढ़ाई कार्य तथा सूखे मेवे शामिल हैं। फेस्‍ट में 17 राज्‍यों/ केन्‍द्र शासित प्रदेशों के लगभग 82 दिव्‍यांगजन उद्यमी/ शिल्‍पकार तथा संगठन अपने उत्‍पादों, सेवाओं और कौशल प्रदर्शन के माध्‍यम से अपना कौशल दिखा रहे हैं।


एनएचएफडीसी ने ऑनलाइन बिक्री बढ़ाने के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म शुरू करने और बड़े कॉर्पोरेट घरानों में पहुंच स्‍थापित करने की योजना बनाई है। एकम फेस्ट के स्टॉलों पर निम्नलिखित व्यापक उत्पाद श्रेणियों का प्रदर्शन किया गया हैं :जीवनशैली


2. कपड़े


3. स्टेशनरी और पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद


4. पैक किये गये खाद्य और जैविक उत्पाद


5. खिलौने और उपहार


6. पर्सनल एक्सेसरी – ज्‍वैलरी, क्लच बैग आदि।


एनएचएफडीसी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग (दिव्यांगजन) के तत्वावधान में एक शीर्ष निगम है और यह 1997 से काम कर रहा है। यह एक गैर-लाभ कंपनी के रूप में पंजीकृत है, जो दिव्यांगजन/विकलांगता से ग्रस्‍त व्‍यक्तियों (दिव्यांगजन/पीडब्ल्यूडी) के आर्थिक पुनर्वास में वित्‍तीय सहायता उपलब्‍ध कराता है। इस‍के साथ ही उन्‍हें अपने उद्यम विकसित करने और प्रगति करने के बारे में सशक्‍त बनाने के लिए अनेक कौशल विकास कार्यक्रम उपलब्‍ध कराता है। दिव्‍यांगजनों और समाज के हाशिए वाले समूहों को सशक्‍त बनाने के लिए एनएचएफडीसी ने एक और कदम आगे बढ़ाया है। इसने इस वर्ष एनएचएफडीसी फाउंडेशन की स्थापना की है। बाजार से जुड़ाव की कमी असंगठित सूक्ष्‍म दिव्यांगजन उद्यमों की बिक्री के मामले में अवरोध पैदा करती है। इस बात को स्‍वीकार करते हुए एनएचएफडीसी फाउंडेशन इन निर्धारित उद्यमियों के उत्पादों के विपणन के लिए एक ब्रांड और मंच विकसित करने का प्रयास कर रहा है।



Tuesday, March 3, 2020

डीआरडीओ एवं आईआईएससी बैंगलोर द्वारा विकसित नया विस्फोटक डिटेक्शन डिवाइस का  पुणे में अनावरण किया गया

 पुणे में आयोजित राष्ट्रीय विस्फोटक डिटेक्शन कार्यशाला (एनडब्ल्यूएनडी-2020) में आज रेडर–एक्स (आरएआईडीईआर-एक्स) नामक एक नए विस्फोटक डिटेक्शन डिवाइस का अनावरण किया गया। रेडर-एक्स में एक दूरी से विस्फोटकों की पहचान करने की क्षमता है। शुद्ध रूप में अनेक विस्फोटकों के साथ-साथ मिलावट वाले विस्फोटकों का पता लगाने की क्षमता बढ़ाने के लिए सिस्टम में डेटा लाइब्रेरी बनाई जा सकती है। इस डिवाइस के द्वारा छुपाकर रखे गये विस्फोटकों की ढेर का भी पता लगाया जा सकता है। हाई एनर्जी मैटेरियल रिसर्च लेबोरेटरी (एचईएमआरएल), पुणे तथा भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर ने मिलकर रेडर-एक्स को विकसित किया है।


       रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने एनडब्ल्यूईडी-2020 का उद्घाटन किया। एचईएमआरएल पुणे द्वारा इसके हीरक जयंती समारोह पर यह दो-दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गयी है। एचईएमआरएल पुणे, डीआरडीओ की एक अग्रणी प्रयोगशाला है। वैज्ञानिकों, टेक्नोक्रेटों तथा उपयोगकर्ताओं को हाल के प्रौद्योगिकीय सुधारों के बारे में ज्ञान, अनुभव तथा नवीनतम जानकारी साझा करने के लिए यह एक मंच प्रदान करता है। इस कार्यशाला से विस्फोटक डिटेक्शन डिवाइसों के और भी अधिक विकास में मदद मिलेगी।


       अपने संबोधन में, डीआरडीओ के अध्यक्ष ने कहा कि विस्फोटकों का पता लगाना समय की अत्यधिक मांग है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां असामाजिक तत्वों के हमलों को विफल करने के लिए खुफिया एजेंसियों की मदद करने  के साथ-साथ नाजुक ठिकानों की निरंतर निगरानी कर रही हैं। डॉ. रेड्डी ने हल्के डिवाइसों को विकसित करने में शिक्षाजगत एवं डीआरडीओ के संयुक्त प्रयासों की सराहना की, जिसका सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अब सुरक्षित एवं प्रभावी इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने डीआरडीओ प्रयोगशालाओं, आईआईटी संस्थानों, हाई एनर्जी मैटेरियल उन्नत अनुसंधान केंद्र, हैदराबाद विश्वविद्यालय एवं अन्य विश्वविद्यालयों तथा प्रतिनिधियों के प्रमुख वक्ताओं की मूल बातों को लेकर एक स्मारिका का भी विमोचन किया।


       इस कार्यशाला में डीआरडीओ प्रयोगशालाओं, सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, राज्य पुलिस, शैक्षिक संस्थानों, उद्योगजगत तथा अन्य सुरक्षा एजेंसियों के कुल 250 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।     



श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने पूसा कृषि विज्ञान मेला-2020 का उद्घाटन किया

      केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कृषि क्षेत्र में प्रतिभा के अवधारण का आह्वान किया है। पूसा कृषि विज्ञान मेला-2020 का आज नई दिल्ली में उद्घाटन करते हुए, श्री तोमर ने कहा कि भारत में प्रत्येक वर्ष विश्वविद्यालयों से बड़ी संख्या में कृषि वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ तैयार होकर निकलते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार धन, सब्सिडी एवं प्रोत्साहन राशि दे सकती है, किन्तु खेती में रूचि होना आवश्यक है। इसके लिए कृषि क्षेत्र को एक लाभदायक उपक्रम बनाना होगा, इसे राष्ट्र की जरूरतों को पूरा करना होगा, सकल घरेलू उत्पाद एवं निर्यात में अपनी हिस्सेदारी बढ़ानी होगी।  


      श्री तोमर ने कहा, “आपके करियर का उद्देश्य आरामदायक नौकरी पाने अथवा केवल शिक्षा एवं अनुसंधान में लगे रहने के साथ समाप्त नहीं हो जाता, बल्कि आप को अपने इलाके का एक सफल किसान बनना चाहिए। प्रत्येक वर्ष सेवानिवृत्त होने वाले कृषि विशेषज्ञों को भी खेती में शामिल रहकर दूसरों को प्रेरित करना चाहिए। आप के भीतर किसान जिंदा रहना चाहिए। खाली समय में आप अपने किचन गार्डन में खेती में लग सकते हैं। इससे आप एक पेशे के रूप में कृषि से जुड़ा हुआ रह पाएंगे।”



उपराष्ट्रपति ने केंद्रीय मंत्रियों के साथ आंध्र प्रदेश के किसानों के मुद्दों के बारे में बातचीत की

उपराष्ट्रपति, श्री एम. वेंकैया नायडू ने आंध्र प्रदेश के धान किसानों के सामने आ रही समस्‍याओं के बारे में आज केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान और केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ विचार-विमर्श किया।


खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी उपराष्ट्रपति से मुलाकात की और उन्‍हें राज्य में समग्र खरीदारी स्थिति के बारे में जानकारी दी।


श्री नायडू ने उनसे किसानों को देरी से भुगतान, धान किसानों से समय पर खरीदारी न होने और एफसीआई खरीदारी मानदंडों को लागू नहीं करने के बारे में प्राप्‍त रिपोर्टों पर ध्‍यान देने के लिए कहा क्‍योंकि इनसे किसानों को धान की बिक्री में परेशानी हो रही है।


अधिकारियों ने श्री नायडू को आश्वासन दिया कि किसानों और मिल मालिकों की समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार के साथ जल्‍द से जल्‍द कार्रवाई की जाएगी और साथ ही राज्य सरकार को बकाया राशि का तुरन्‍त भुगतान कर दिया जायेगा।


उपराष्ट्रपति ने केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से भी बातचीत की और उनसे राज्य सरकार को धन की मंजूरी के मुद्दे पर ध्‍यान देने का अनुरोध किया।