Thursday, March 5, 2020

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस समारोह की श्रृंखला में  चिपको कार्यकर्ता गौरा देवी की स्‍मृति में एक पौधा लगाया

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने मंत्रालय की वरिष्ठ महिला अधिकारियों के साथ आज नई दिल्ली में चिपको कार्यकर्ता गौरा देवी की स्मृति में पौधारोपण किया। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह के हिस्से के रूप में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए हैं।

गौरा देवी को याद करते हुए, श्री पोखरियाल ने कहा कि वह पहाड़ी ग्रामीण परिवेश की एक साधारण महिला थीं, जो निडर होकर पेड़ों की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान करने के लिए तैयार रहती थीं। उन्होंने कहा कि गौरा देवी ने पर्यावरण, पेड़, चारा, पशुधन और ग्रामीण जीवन के बीच के अदृश्य संबंधों से पूरी दुनिया को अवगत कराया। पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनकी दृष्टि और प्रतिबद्धता हम सभी के लिए एक प्रेरणा है। वास्तव में, उनके पदचिह्नों पर चलते हुए, कई अन्य महिलाएं वैश्विक स्तर पर पर्यावरण क्रांति को बढ़ावा देने में सबसे आगे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जब हम जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण के लिए खतरे की चुनौती का सामना कर रहे हैं तो हमें उनके जैसे पर्यावरण कार्यकर्ताओं और संरक्षकों की आवश्यकता है। 


मानव संसाधन विकास मंत्रालय 01 से 08 मार्च, 2020 तक महिला सप्ताह मना रहा है। इस क्रम में, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आज उन ऐतिहासिक महिलाओं को याद किया, जिन्होंने अतीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।


 



केंद्र सरकार कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है : श्री प्रकाश जावड़ेकर

केंद्रीय पर्यावरण,वन और जलवायु परिवर्तन तथा सूचना एवं प्रसारण और भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज पत्रकारों को केंद्र सरकार द्वारा कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए उठाए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।उन्होंने कहा कि भारत ने कोरोना वायरस के खतरे को बेहद गंभीरता से लिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी स्वयं इस संबंध में उठाए जा रहे प्रयासों की अगुवाई कर रहे हैं और प्रतिदिन स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव और कैबिनेट सचिव प्रतिदिन वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के द्वारा सभी संबधित राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और संबधित अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय डॉ. हर्षवर्धन के नेतृत्व में स्थिति पर नजर बनाए हुए है। इसमें देश भर में स्क्रीनिंग वार्ड की स्थापना और विदेशों से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग विशेष रूप से शामिल है। मानेसर स्थित आईटीबीपी परिसर में एक आइसोलेशन शिविर स्थापित किया गया है। जो सातों दिन चौबीसों घंटे काम कर रहा है।


श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा केंद्र सरकार कोरोना वायरस के केंद्र चीन के वुहान में फंसे भारतीयों को लेकर आ चुकी है और इन लोगों का उपचार किया गया है। जापान के एक जहाज में कोरोना वायरस के संदिग्ध 124 भारतीयों और 5 विदेशी मरीजों को सुरक्षित बचाया गया है। इन मरीजों का परीक्षण किया गया है और ये बीमारी से ग्रसित नहीं हैं। देश के सभी  21 अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर यात्रियों की चौबीसों घंटे दिन रात स्क्रीनिंग की जा रही है। अब तक 6 लाख यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। नेपाल,भूटान और म्यामांर से जुड़े सीमावर्ती क्षेत्रो में लगभग दस लाख लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों की भी निगरानी की जा रही है।


श्री जावड़ेकर ने कहा कि देश में पहले केवल पुणे में विषाणु विज्ञान (विरोलॉजी)  प्रयोगशाला थी, अब सरकार ने 15 नई विषाणु विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना की है और एक सप्ताह के भीतर 19 ओर प्रयोगशालाओं की स्थापना की जाएगी। देश भर में एक बड़े जागरुकता अभियान की शुरुआत की गई है। इसमें विशेष तौर पर स्कूल,कॉलेज और अन्य स्थानों पर लोगों को कोरोना वायरस के संभावित प्रसार को रोकने के लिए “क्या करें और क्या न करें” संबधी जानकारी दी जाएगी।    



कोरोना वायरस-19 पर अब तक की स्थिति ‍:  मामले एवं प्रबंधन

अब तक  देश में कोरोना वायरस-19 के 29 मामलों की पुष्टि की गई है। इनमें से तीन (केरल से) मरीजों के स्‍वस्‍थ होने के बाद उन्‍हें अस्‍पताल से छुट्टी दे दी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन आज संसद के दोनों सदनों में इसके बारे में वक्‍तव्‍य  दे रहे हैं।


       04 मार्च, 2020 (कल) से विस्‍तृत जांच को अनिवार्य कर दिया गया है तथा कल शाम से अधिकांश हवाई अड्डों पर जांच का काम शुरू हो गया है। राज्यों द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे अतिरिक्त कर्मचारियों के सहयोग से आज इसके स्‍थापित हो जाने की संभावना है।


      चूंकि, यात्रा से संबंधित कोरोना वायरस-19  मामलों के अलावा, सामुदायिक संक्रमण के कुछ मामलों को भी देखा गया है, इसलिए इसमें जिला कलेक्टरों और राज्यों को शामिल करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही, राज्‍यों को जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तरों पर तेजी से द्रुत कार्रवाई टीम गठित करने का निर्देश दिया गया है।


      कोरोना वायरस-19  के प्रबंधन में निजी क्षेत्र को भी शामिल किया जा रहा है। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री आज शाम प्रमुख साझेदारों के साथ बैठक करेंगे।


      परीक्षण के लिए भेजे गए कुल 3,542 नमूनों में से  अब तक कोरोना वायरस-19  के 29  मामलों की पुष्टि की गई है। 92 नमूनों के परीक्षण की प्रक्रिया चल रही है तथा 23  नमूनों का फिर से परीक्षण किया जा रहा है।



धुले और नंबूरदार स्‍थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र से महाराष्‍ट्र विधान परिषद के लिए उपचुनाव

धुले और नंबूरदार स्‍थानीय प्राधिकरण निर्वाचन क्षेत्र से महाराष्‍ट्र विधान परिषद में एक आकस्मिक रिक्ति है। रिक्ति का विवरण नीचे दिया गया है:




















 क्र.सं.



सदस्‍य का नाम



रिक्ति का कारण



रिक्ति की तिथि



सेवानिवृत्ति की तिथि  



1.



अमरीश भाई रसिक लाल पटेल



त्यागपत्र



1 अक्‍टूबर, 2019 (दोपहर)



01.01.2022



निर्वाचन आयोग ने उपर्युक्‍त रिक्ति को भरने के लिए महाराष्‍ट्र विधान परिषद के लिए उपचुनाव कराने का निर्णय लिया है, जो निम्‍नलिखित कार्यक्रम के अनुसार होगा :-          


 



















































क्र.संख्‍या



विषय



तिथियां एवं दिवस




  1.  



अधिसूचनाएं जारी करना



05 मार्च, 2020  (बृहस्पतिवार)




  1.  



नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि



12 मार्च, 2020  (बृहस्पतिवार)




  1.  



नामांकनों की जांच



13  मार्च, 2020  (शुक्रवार)




  1.  



नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि



16  मार्च, 2020  (सोमवार)




  1.  



मतदान की तिथि



30  मार्च, 2020 (सोमवार)




  1.  



मतदान का समय



प्रात: 8.00 बजे से सायं 4.00 बजे तक




  1.  



मतगणना



31  मार्च, 2020  (मंगलवार)




  1.  



जिस तिथि से पहले चुनाव कार्य पूरा हो जाएगा



01 अप्रैल, 2020  (बुधवार)



 


इन चुनावों से संबंधित आदर्श आचार संहिता संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में तात्कालिक प्रभाव से लागू हो जाएगी। विवरण निर्वाचन आयोग की वेबसाइट https://eci.gov.in/files/file/4070-biennial-bye-elections-to-the-legislative-councils-from-council-constituencies-by-graduates%E2%80%99-and-teachers%E2%80%99-and-local-authorities%E2%80%99-constituencies-%E2%80%93-mcc-instructions-%E2%80%93-regarding/ पर उपलब्ध है।                                                                                   


प्रज्ञान सम्मेलन 2020 :  भविष्य के युद्ध के विश्लेषण पर भारतीय सेना की अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी

सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडिज (सीएलएडब्ल्यूएस) द्वारा आयोजित भारतीय सेना की अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘प्रज्ञान सम्मेलन 2020’ आज नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में प्रारंभ हुई। दो दिन के इस सम्मेलन में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ जमीनी युद्ध की बदलती विशेषताओं और सेना पर इसके प्रभाव पर विचार-विमर्श करेंगे।


संगोष्ठी में रक्षा राज्यमंत्री श्री श्रीपद येशो नाइक, सेना प्रमुख जनरम एम एम नरवाने, उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एस के सैनी और रक्षा मंत्रालय सेना के तीनों अंगों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और अग्रणी थिंक टैंक और देश के अकादमिक संस्थानों के गणमान्य उपस्थित थे।


संगोष्ठी ने नए युग की युद्ध प्रणाली को परिभाषित करने वाले उभरते विचारों, दृष्टिकोणों पर विचार-विमर्श का मंच प्रदान किया। नए युग की युद्ध प्रणाली में स्वरूप के साथ – साथ युद्ध स्थल का स्वरूप बदल रहा है और लक्ष्य प्राप्ति के नए उपायों का उपयोग किया जा रहा है।


संगोष्ठी में मुख्य भाषण रक्षा राज्यमंत्री श्री श्रीपद येशो नाइक ने दिया। उन्होंने बदलती सुरक्षा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सशस्त्र बलों के व्यापक परिवर्तन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि चीफ-ऑफ-डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) तथा सैन्य कार्य विभाग (डीएमए) इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।


अपने उद्घाटन भाषण में सेना प्रमुख ने कहा कि युद्ध की प्रकृति निरंतर है, लेकिन स्वरूप विकसित होता रहता है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के आने से सशस्त्र बलों को कुशल होने और निरंतर परिवर्तन के साथ रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सीडीएस के गठन से तीनों सेनाओं के बीच एकता की भावना मजबूत हुई है।


संगोष्ठी के पहले दिन दो सत्रों में विशेषज्ञों ने युद्ध प्रणाली विकास और बदलती परिस्थिति पर चर्चा की। विशेषज्ञों ने भविष्य के युद्ध लड़ने में उभरती प्रवृत्तियों तथा संभावनाओं की दृष्टि से सेना पर इसके प्रभाव को लेकर विचार-विमर्श किया। दूसरे सत्र में प्रौद्योगिक क्रांति-मौलिक चुनौती विषय पर चर्चा की गई। चर्चा में बहुपक्षीय कार्रवाइयों में इन्फॉरमेशन वारफेयर, साइबर तथा अंतरिक्ष युद्ध और एआई और रोबोटिक्स के प्रभाव पर चर्चा की गई। संगोष्ठी के दूसरे दिन ट्रांसफोरमेंशन इन बैटल स्पेसेज तथा हाइब्रिड/सब-कवेन्शनल वारफेयर विषय पर विचार किया जाएगा।


सेना प्रमुख ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर फील्डमार्शल मानेकशॉ लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया। प्रतियोगिता देश के युवाओं में रणनीतिक सोच को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित की गई।    



मंत्रिमंडल ने कंपनी (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2019 को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कंपनी अधिनियम, 2013 में संशोधन के लिए कंपनी (संशोधन) विधेयक, 2019 को मंजूरी दी है।


 यह विधेयक चूक के मामले में इस कानून के तहत आपराधिकता को दूर करेगा जिसे निष्पक्ष तरीके से निर्धारित किया जा सकता है और जिसमें धोखाधड़ी के तत्व मौजूद न हो अथवा व्‍यापक सार्वजनिक हित शामिल न हो। इससे देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को और मजबूत किया जा सकेगा। यह विधेयक कानून का पालन करने वाले उद्योगपतियों के लिए जीवन को भी सुगम बनाएगा।


इससे पहले कंपनी (संशोधन) अधिनियम, 2015 के तहत इस कानून के कुछ प्रावधानों में संशोधन किया गया था ताकि इस कानून के विभिन्‍न प्रावधानों को लागू करने  आने वाली कठिनाइयों को दूर किया जा सके।



भारत में कोरोनावायरस दवाओं की उपलब्‍धता की वर्तमान स्थिति

औषध विभाग ने चीन में फैले कोरोनावायरस को ध्‍यान में रखते हुए देश में औषध सुरक्षा के मुद्दे के हल के लिए केन्‍द्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के संयुक्‍त औषध नियंत्रक डॉ. एश्‍वारा रेड्डी की अध्‍यक्षता में एक समिति गठित की है।  


समिति ने अपनी रिपोर्ट में, कहा है कि एपीआई का वर्तमान स्‍टॉक फार्मूले के आधार पर उसे उपयुक्‍त तरीके से तैयार करने और सिफारिशें देने के लिए 2 से 3 महीनों के लिए पर्याप्‍त हो सकता है। समिति ने आगे कहा कि जहां तक औषध सुरक्षा का प्रश्‍न है उसके लिए किसी को भी दहशत में आने की आवश्‍यकता नहीं है।


समिति की सिफारिशों के आधार पर, विभाग ने एपीआई की पर्याप्‍त आपूर्ति और बाजार में किफायती मूल्‍यों पर फार्मूले के आधार पर उसे तैयार करने और काला बाजारी, अवैध जमाखोरी, देश में कृत्रिम कमी को रोकने के लिए राष्‍ट्रीय औषध मूल्‍य प्राधिकरण (एनपीपीए), भारत के औषध महानियंत्रक (डीसीजीआई) और राज्‍य सरकारों को आवश्‍यक निर्देश जारी किए है एनपीपीए ने राज्‍यों के मुख्‍य सचिवों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वे एपीआई के उत्‍पादन और उसकी उपलब्‍धता के साथ-साथ फार्मूले के आधार पर उसे तैयार करने पर कड़ी नज़र रखें ताकि उनके राज्‍यों और संघ शासित प्रदेशों में काला बाजारी और जमाखोरी रोकी जा सके। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा सके कि सीलिंग मूल्‍यों का पालन करने/अनुसूचित/गैर-अनुसूचित फार्मूलों के आधार पर मूल्‍यों में मुनासिब वृद्धि के संबंध में औषधि (मूल्‍य नियंत्रण) आदेश 2013 का उल्‍लंघन न हो। इस पत्र की प्रतियां प्रधान सचिव स्‍वास्‍थ्‍य और राज्‍य औषध नियंत्रकों को भी भेजी गई हैं। इस संबंध में, औषध विभाग ने डीजीएफटी को पत्र लिखा है कि वह 13 एपीआई के निर्यात और इन एपीआई का इस्‍तेमाल करके फार्मूले के आधार पर इसे तैयार करने पर रोक लगाए। इन एपीआई को प्रमुख तौर पर चीन के हूबेई प्रांत में तैयार किया गया है।


नवीनतम जानकारी के अनुसार, औषध सामग्री का निर्माण कर रही अधिकांश चीनी कम्‍पनियों (हूबेई प्रांत को छोड़कर) ने आंशिक रूप से काम करना शुरू कर दिया है और उम्‍मीद है कि ये मार्च के अंत तक पूरी तरह काम करने लगेंगी। चीन से एपीआई के निर्यात पर कोई रोक-टोक नहीं है। चीनी कम्‍पनियां भारत को निर्यात के लिए तैयार हैं, हांलाकि लॉजिस्टिक क्षेत्र ने अभी पूरी तरह काम करना शुरू नहीं किया गया है। सीडीएससीओ के बंदरगाह कार्यालयों में देखा गया है कि चीन से एपीआई का आयात किया जा रहा है। सीडीएससीओ के बंदरगाह कार्यालयों से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार, एपीआई की 56 खेप का 26 और 27 फरवरी 2020 के दौरान आयात किया गया। 56 में से 40 खेप चीन से और शेष चीन के अलावा अन्‍य देशों से आई हैं।



स्पष्टीकरण

पिछले कुछ दिनों से, विभिन्न लोगों और संगठनों द्वारा प्रधानमंत्री तथा अन्य अधिकारियों को ई-मेल भेजे जा रहे हैं, जिसमें नीति आयोग  के विज़न डॉक्यूमेंट का जिक्र करते हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत पशुधन को शामिल करने के लिए नीति आयोग  द्वारा कथित प्रस्ताव पर चिंता जताई जा रही है।


      यह स्पष्ट किया गया है कि नीति आयोग  ने कभी भी पीडीएस या किसी अन्य पोषण कार्यक्रम के तहत अंडे, मांस, मछली या किसी अन्य पशुधन को शामिल करने का प्रस्ताव या चर्चा नहीं की है। कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार भ्रामक तथा बिना किसी आधार के हैं। नीति आयोग  सभी संबंधित पक्षों को यह आश्‍वस्‍त करना चाहता है कि ऐसा सुझाव या सिफारिश देने के बारे में उसका कोई प्रस्ताव नहीं है, जो समाज के किसी वर्ग की भावनाओं को आहत करता हो।



Wednesday, March 4, 2020

राष्‍ट्रपति ने 61वें वार्षिक ललित कला अकादमी पुरस्‍कार प्रदान किए

राष्‍ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने आज (04 मार्च, 2020) राष्‍ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में 15 श्रेष्‍ठ कलाकारों को 61वें वार्षिक ललित कला अकादमी पुरस्‍कार प्रदान किए।


जिन कलाकारों को आज सम्‍मानित किया गया वे हैं: अनूप कुमार मन्‍झुखी गोपी, डेविड मलाकार, देवेन्‍द्र कुमार खरे, दिनेश पांड्या, फारूख अहमद हलदर, हरिराम कुम्‍भावत, केशरी नंदन प्रसाद, मोहन कुमार टी, रतन कृष्‍ण साहा, सागर वसंत काम्‍बले, सतविंदर कौर, सुनील थिरूवयूर, तेजस्‍वी नारायण सोनावाने, यशपाल सिंह और यशवंत सिंह। इन कलाकारों की कला का प्रदर्शन 22 मार्च 2020 तक, नई दिल्‍ली स्थित ललित कला अकादमी दीर्घा में किया जाएगा।


ललित कला अकादमी कला को बढ़ावा देने और प्रतिभा को सम्‍मानित करने के लिए हर वर्ष कला प्रदर्शनियां और पुरस्‍कार समारोह आयोजित करती है। यह प्रदर्शनी देश भर की प्रतिभाओं को एक स्‍थान पर लाती है और उभरती हुई कला प्रतिभाओं को प्रोत्‍साहित करती है ताकि वे पेंटिंग, मूर्तिकला, ग्राफिक्‍स, फोटोग्राफी, ड्राइंग, प्रतिष्‍ठापन और मल्‍टीमीडिया आदि की दुनिया की नई प्रकृति और माध्‍यमों को सीख सकें।



उपराष्ट्रपति ने आंध्र प्रदेश में ओबुलावरिपल्ली - कृष्णापट्टनम रेल लाइन पर यात्री सेवाओं को शीघ्र शुरू करने का आह्वान किया


उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने उपराष्ट्रपति ने आंध्र प्रदेश में ओबुलावरिपल्ली - कृष्णापट्टनम रेल लाइन पर यात्री सेवाओं को शीघ्र शुरू करने का आह्वान कियाआज आंध्र प्रदेश में ओबुलावरिपल्ली- कृष्णापट्टनम रेलमार्ग पर कृष्णापट्टनम और रायपुर रेलवे स्टेशनों के बीच यात्री सुविधाओं के शीघ्र निर्माण करने तथा यात्री सेवाओं की जल्‍द शुरुआत करने के लिए रेल मंत्रालय का आह्वान किया।


 रेल राज्य मंत्री श्री सुरेश अंगदी के साथ उपराष्ट्रपति भवन में आज एक बैठक के दौरान, उपराष्‍ट्रपति ने उपर्युक्त मार्गों पर यात्री सेवाओं की प्रगति और यात्री सुविधाओं के प्रावधान के बारे में जानकारी ली।


ओबुलावरिपल्ली-कृष्णापट्टनम रेल परियोजना, एक संयुक्त उद्यम कंपनी (एसपीवी) कृष्णापटनम रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड (केआरसीएल) के पास है, जिसमें रेल विकास निगम लिमिटेड, कृष्णापटनम पोर्ट लिमिटेड, सागरमाला (आंध्र प्रदेश की सरकार), राष्ट्रीय खनिज विकास निगम और ब्राह्मणी स्टील्स शामिल हैं।


बैठक में उपस्थित रेलवे अधिकारियों ने उपराष्ट्रपति को बताया कि रेल मंत्रालय रियायत समझौते में संशोधन के लिए केआरसीएल के साथ बातचीत कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि यात्री सेवाओं की शुरूआत से संबंधित खंड को शामिल करने के लिए उनके बीच पूर्व में हस्ताक्षर किए गए समझौते को संशोधित करने की आवश्यकता है। उन्होंने इस संबंध में प्रक्रिया में तेजी लाने का आश्वासन दिया।


कृष्णापटनम पोर्ट-वेंकाचलम-ओबुलवरिपल्ली रेलवे लाइन दो प्रमुख रेल मार्गों के बीच महत्वपूर्ण रेल संपर्क प्रदान करती है और गुंटाकल डिवीजन से कृष्णापटनम तक आने वाली रेलगाडि़यों के लिए 72 किमी की दूरी कम करती है तथा ओबुलावरिपल्ली-रेनिगुंटा-गुडूर सेक्शन में यातायात की भीड़भाड़ को कम करती है।



सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कोरोनावायरस के संबंध में एडवाइजरी जारी की

 सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कोरोनावायरस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी की गई एडवाइजरी के संबंध में सभी निजी उपग्रह समाचार टीवी चैनलों और सभी निजी एफएम रेडियो चैनलों को एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी के जरिये देश भर में लोगों तक पहुंचने के लिए निजी टीवी चैनलों और एफएम रेडियो चैनलों को योगदान और मदद करने की सलाह दी गई है। ऐसे सभी चैनलों और उनके संघों से अनुरोध है कि वे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी संशोधित यात्रा एडवाइजरी के प्रचार-प्रसार पर जोर दें।


      विस्तृत एडवाइजरी निम्नलिखित यूआरएल पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है:


 


जयपुर में कोविड-19 के एक मामले की पुष्टि  

जयपुर में कोविड-19 के एक मामले की पुष्टि की गई है।


रोगी को पृथक वार्ड में रखा गया है और उसकी हालत स्थिर है।   



सरकार ने एपीआई और उनके द्वारा तैयार नुस्खों की निर्यात नीति में संशोधन किया

सरकार ने सक्रिय औषधि अवयव (एपीआई) और उनके द्वारा तैयार नुस्खों के सम्बंध में निर्यात नीति तथा प्रतिबंधित निर्यात में संशोधन किया है।


वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन विदेश व्यापार महानिदेशालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि प्रतिबंध फौरन प्रभाव में आ जायेंगे और अगले आदेशों तक लागू रहेंगे। इस अधिसूचना में निम्नलिखित एपीआई और उनके द्वारा तैयार नुस्खों का विवरण इस प्रकार है –


             i.     पैरासिटामोल


            ii.     टिनिडेजोल


           iii.     मेट्रोनीडेजोल


           iv.     ऐसीक्लोविर


            v.     विटामिन बी 1


           vi.     विटामिन बी 6


           vii.     विटामिन बी 12


          viii.     प्रोजेस्टेरोन


           ix.     क्लोरेमफेनिकोल


            x.     एरिथ्रोमाइसिन साल्ट


           xi.     नियोमाइसीन


           xii.     क्लिंडामाइसिन साल्ट


          xiii.     ऑरनीडिजोल