Thursday, March 12, 2020

भारतीय रेल ने कोरोना वायरस (कोविड-19) की रोकथाम के लिए व्यापक उपाए किए

भारतीय रेल ने कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण की रोकथाम के लिए व्यापक उपाए किए हैं। रेल तथा वाणिज्य उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने रेल बोर्ड को भारतीय रेल प्रणाली में इस बीमारी की पर्याप्त रोकथाम के उपाए सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। रेल बोर्ड के अध्यक्ष श्री विनोद कुमार यादव ने तैयारियों की समीक्षा तथा प्राथमिकताओं और निर्देश के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 5 और 6 मार्च, 2020 को सभी महाप्रबंधकों के साथ बैठक की। आवश्यक प्रबंध करने के लिए क्षेत्रीय रेल, मंडलों तथा इकाइयों के प्रमुख के साथ बैठक कर रहे हैं। रेलवे बोर्ड, जोन तथा मंडल स्तर पर स्थिति की निगरानी की जा रही है और समन्वय किया जा रहा है। पूरी रेल प्रणाली में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं और रेल कर्मचारियों को इस बारे में संवेदी और शिक्षित बनाया गया है। संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ सहयोग और तालमेल सुनिश्चित किया जा रहा है।


भारतीय रेल द्वारा कोरोना वायरस (कोविड-19) की रोकथाम के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं-  


(ए.) रेलवे स्टेशनों तथा रेलगाड़ियों में जन-साधारण की जागरूकता के लिए स्थानीय भाषाओं में सूचना शिक्षा और संचार सामग्री (पोस्टर तथा पर्ची) प्रमुखता से लगाए गए हैं और अस्पताल जाने वाले रोगियों तथा रेलवे आवासीय परिसरों में यह सामग्रियां वितरीत की जा रही है। जागरूकता फैलाने के लिए रेलवे स्टेशनों पर ऑडियो और वीडियो क्लिप चलाए जा रहे हैं। स्टेशनों पर सार्वजनिक घोषणाएं की जा रही हैं।


(बी.) रेलवे अस्पतालों में बुखार ग्रस्त व्यक्तियों को अन्य रोगियों से अलग रखा जा रहा है। बुखार वाले मामलों के लिए अलग से वार्ड स्थापित किए गए हैं। ऐसे क्षेत्रों में चिकित्साकर्मियों को सुरक्षात्मक उपायों के साथ तैनात किया गया है।


(सी.) रेलवे के अस्पतालों में 1100 अलग बिस्तर लगाए गए हैं ताकि कोरोना वायरस के संदिग्ध लोगों का इलाज किया जा सके। पूरे देश में रेलवे ने विभिन्न स्थानों पर क्वाटैन्टाइन करने के लिए 12483 बिस्तर चिन्हित किए गए हैं।


(डी.) चिकित्साकर्मियों को किसी भी रेलवे अस्पताल जोन/पीयू की स्वास्थ्य इकाई में कोरोना वायरस बीमारी के संदिग्ध व्यक्तियों की सूचना रेलवे बोर्ड तथा स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित करने की सलाह दी गई है।


(ई.) जोन/पीयू के सभी चिकित्सा प्रभारियों को इस बारे में जारी दिशा-निर्देशों/नवीनतम स्थिति की जानकारी प्राप्त करने के लिए संबंधित राज्य के अधिकारियों से निरंतर सम्पर्क में रहने तथा ऐसे अधिकारियों द्वारा सुझाव गए उपाए करने की सलाह दी गई है।


(एफ.) सभी रेलवे अस्पतालों में नियंत्रण कक्ष और टेलीफोन हेल्पलाइन स्थापित की गई हैं।



कोविड-19 पर नवीनतम स्थिति

भारत सरकार ने कोविड-19 बीमारी के फैलाव को देखते हुए अनेक देशों से भारतीय नागरिकों और अन्य देशों के नागरिकों को निकाला है।



ईरान में कोविड-19 फैलने की स्थिति में भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपाए करने शुरू किए। ईरान में भारतीय नागरिकों में तीर्थ यात्री, विद्यार्थी और मछुवारे शामिल हैं। ईरान से 7 मार्च को 108 नमूने प्राप्त किए गए। इन नमूनों की जांच एम्स की प्रयोगशाला में की जा रही है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमएआर) के 6 वैज्ञानिकों को ईरान में तैनात किया गया है। प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए उपकरण तथा रिजेंट भेज जा रहें है। ईरान से पहली खेप में 58 व्यक्तियों को निकाला गया और यह लोग 10 मार्च, 2020 को भारत पहुंचे। इनमें 25 पुरुष, 31 महिलाएं तथा दो बच्चे हैं। ईरान से निकाले गए सभी लोगों में बीमारी के लक्षण पाए गए हैं।


भारत सरकार ने अभी तक कोविड-19 प्रभावित देशों से 948 यात्रियों को निकाला हैं। इनमें से 900 भारतीय नागरिक हैं और 48 लोग मालदीव, म्यामांर, बांग्लादेश, चीन, अमेरिका, मेडागास्कर, श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और पेरु के नागरिक हैं। चीन के हुबेई प्रांत का वुहान शहर कोविड-19 का केन्द्र है और वहां सैकड़ों भारतीय फंसे हुए हैं। एयर इंडिया की विमान सेवा ने वहां से निकालने के लिए दो विशेष उड़ानों का उपयोग किया और 654 यात्रियों को वुहान से निकाला गया। इनमें 647 भारतीय नागरिक हैं।


पहली फरवरी को चीन के वुहान से पहली खेप में 324 भारतीय नागरिकों को निकाला गया। उन्हें आईटीबीपी छावला शिविर में निगरानी के लिए अलग रखा गया था और शेष 220 लोगों को मानेसर की सेना की चिकित्सा सुविधा में रखा गया। 3 फरवरी, 2020 को दूसरी खेप में 330 यात्री भारत पहुंचे। इनमें मालदीव के 7 नागरिक थे और 2 भारतीय दूतावास के अधिकारी थे जो लोगों को निकाले जाने के कार्य में समन्वय के लिए तैनात किए गए थे। 300 लोगों को आईटीबीपी छावला शिविर में रखा गया, जबकि 30 लोगों को मानेसर की चिकित्सा सुविधा में निगरानी के लिए भेजा गया।


वुहान से निकाले गए सभी लोगों को 14 दिनों के लिए अलग रखा गया। उनकी दो बार जांच की गई और उन्हें निगेटिव पाया गया। 18 फरवरी, 2020 को उनकी छुट्ठी कर दी गई।


भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी को चीन के हुबेई प्रांत से 112 यात्रियों को निकाला। इनमें 76 भारतीय नागरिक थे। भारतीय वायु सेना द्वारा निकाले गए विदेशी लोगों में म्यामांर, बांग्लादेश, मालदीव, चीन, अमेरिका, मेडागास्कर और दक्षिण अफ्रीका के नागरिक थे। यात्री 27 फरवरी, 2020 को भारत पहुंचे और उन्हें प्रोटोकॉल के मुताबिक 14 दिनों के लिए आईटीबीपी शिविर में रखा गया। पहली जांच में सभी यात्री निगेटिव पाए गए हैं। भारतीय वायु सेना के विमान से सद्भाव के तौर पर चीन को सप्लाई करने के लिए चिकित्सा सामग्रियां भी ले जाई गई।


इसके अतिरिक्त जापान के योकोहाम बंदरगाह से जापानी जहाज डायमंड प्रिंसेंस के मामले में 124 यात्रियों को निकाला गया। इसमें 5 लोग श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका तथा पेरु के थे। इन सभी लोगों को मानेसर में सेना की चिकित्सा सुविधा में रखा गया और पहली जांच में इन्हें निगेटिव पाया गया।


रोकथाम के उपाए के तौर पर भारत सरकार ने 10 मार्च, 2020 को चीन, हांगकांग, कोरिया गणराज्य, जापान, इटली, थाईलैंड, मलेशिया, फ्रांस, स्पेन तथा जर्मनी की यात्रा करने वाले यात्रियों को 14 दिनों के लिए अलग रखे जाने का परामर्श जारी किया।


देश में अब तक कोविड-19 के 60 पॉजिटिव मामले पाए गए हैं। इनमें 3 केरल के थे। कल से 10 नए मामलों की रिपोर्ट की गई है जिनमें से 8 केरल के तथा 1-1 राजस्थान और दिल्ली के हैं।




कोविड-19 पर नई जानकारी

कैबिनेट सचिव ने देश में कोविड-19 मामलों की स्थिति, ऐहतियाती कार्यों, तैयारियों और प्रबंधन की समीक्षा के लिए संबंधित मंत्रालयों / विभागों के सचिवों के साथ आज यहां एक उच्च स्तरीय बैठक की।


भारत आने वाले सभी अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी करने और अनुशंसित ‘क्या करें या क्या ना करें’ निर्देशों का पालन करने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है क्योंकि दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में कोविड​​-19 के मामले उजागर हुए हैं। इन देशों के यात्री या हाल में विदेश गए लोग वहां प्रवास या हवाईअड्डों पर आने-जाने के दौरान कोविड-19 से पहले से संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।


एडवाइजरी में चीन, हॉन्गकॉन्ग, कोरिया, जापान, इटली, थाईलैंड, सिंगापुर, ईरान, मलेशिया, फ्रांस, स्पेन और जर्मनी से आने वालों यात्रियों को आगमन की तिथि से लेकर अगले 14 दिनों की अवधि के लिए खुद को सबसे अलग-थलग कर लेने और नियोक्ताओं को भी इस अवधि के दौरान ऐसे कर्मचारियों से घर से काम करने की सुविधा देने की सलाह दी गई है।


पहले से ही जारी निर्देशों के अलावा, फ्रांस, जर्मनी, और स्पेन के नागरिकों को 11.03.2020 को या उससे पहले दिए गए सभी नियमित वीजा (ई वीजा सहित) और जिन्होंने अभी तक भारत में प्रवेश नहीं किया हो, उनके वीजा निलंबित हैं। सभी विदेशी नागरिकों को दी गई नियमित वीजा (ई वीजा सहित) जो इन देशों में 1.2.2020 को या उसके बाद यात्रा किए हों और जिन्होंने अभी तक भारत में प्रवेश नहीं किया है, उनके वीजा भी निलंबित हैं। भारत में पहले से मौजूद सभी विदेशियों के वीजा की वैधता बनी हुई है और यदि वे अपने वीज़ा के विस्तार / रूपांतरण आदि का विकल्प चुनते हैं या वे कोई दूतावास संबंधी सेवा चाहते हैं तो इसके लिए वे ई-एफआरआरओ मॉड्यूल के माध्यम से निकटतम एफआरआरओ / एफआरओ से संपर्क कर सकते हैं। इस बारे में ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन (बीओआई) द्वारा एक अधिसूचना जारी की जा रही है।


इसके अलावा, भारत के नागरिकों के लिए यात्रा पर पहले से जारी सलाहों को जारी रखने के साथ ही, नागरिकों को फ्रांस, स्पेन और जर्मनी की यात्रा करने से परहेज करने की दृढ़ता से सलाह दी जाती है।


देश में अब तक कोविड-19 के कुल पचास (50) मामले की पुष्टि हुई है। कल घोषित किए गए 44 पॉजिटिव मामलों के बाद बेंगलुरू से तीन (3) (अमेरिका, दुबई से आने वाली यात्री), हीथ्रो के जरिए अमेरिका से आने वाले बेंगलुरु से एक अन्य, और पुणे से (2) (दुबई से आने वाली यात्री) नए मामले सामने आए हैं। कुल 3 लोगों (केरल से पहले के मामलों) को अब छुट्टी दे दी गई है। इन 50 मामलों में से 34 मामले भारतीयों से जुड़े हैं और 16 इतालवी हैं। इसके अलावा, मीडिया में कल मुर्शिदाबाद और लद्दाख से हुई दो मौतों की जो चर्चा थी उन दोनों में कोविड-19 की जांच निगेटिव पाई गई।


अब तक 1400 से अधिक लोगों को निगरानी में रखा गया है। इसके अलावा, भूटान में अमेरिकी नागरिकों के संपर्क में आने वाली 404 भारतीय नागरिकों में कोविड​-19 की जांच पॉजिटिव पाई गई है और इन्हें असम में निगरानी में रखा गया है।


इसके अतिरिक्त, आज ईरान से 58 लोगों का पहला जत्था भारत पहुंचा जिसमें 25 पुरुष, 31 महिलाएं और 2 बच्चे शामिल हैं। आईएएफ सी-17 की उड़ान आज सुबह 9.27 बजे आई। सभी लोगों की जांच की गई और अभी उनकी हालत स्थिर है।



Wednesday, March 11, 2020

मैं तुम्हें पूजता ही रहा आज तक

जो भी उलझन है मेरी
वो सुलझा दो तुम
मैं अकेले उलझता
रहा आज तक..।।
थक गया हूँ अकेले
सफ़र लंबा है
मैं अकेला चला हूँ
सदा आज तक..।।
अब मिले साथ तेरा
सम्भल जाऊं मैं
लड़खड़ाता रहा हूँ
अभी आज तक..।।
आसरा अब भी
छोड़ा नहीं आस की
राह तकता रहा हूँ
तेरा आज तक..।।
मेरी उम्मीद को
सार्थक कर दो तुम
मैं तुम्हें पूजता ही
रहा आज तक..।।
मैं तुम्हें पूजता ही
रहा आज तक..।।


मुझे लिखना भी आता है

मुझे हंसना भी आता है
मुझे रोना भी आता है
अगर रूठे कोई मुझसे
मनाना मुझको आता है..।।

कोई समझे मुझे अपना
तो जीवन कर दूं मैं अर्पण
बने यदि प्रेम का रिश्ता
निभाना मुझको आता है..।।

सफर कितना भी लंबा हो
सहज कर देंगे मिलकर हम
अगर हो साथ में अपना
मुझे चलना भी आता है..।।

अगर पतझड़ हो जीवन में
दुःखों की बदरी छा जाए
नहीं होंगे कदम डगमग
मुझे सहना भी आता है..।।

तुम्हारे रूप और सौंदर्य को
परिभाषित कर दूं मैं
अगर मानों यकीं मेरा
मुझे लिखना भी आता है..।।
मुझे लिखना भी आता है..।।


 

कुछ भी भाता नहीं

छोड़कर इस तरह
चल दिए तुम मुझे
अब मुझे तो
किसी का सहारा नहीं..।।
अब जिऊं किस तरह
अब सहूं किस तरह
अब तुम्हारे बिना
कुछ भी भाता नहीं..।।
चैन रूठा मेरा
नींद आती नहीं
अब तो चौखट पर
दस्तक भी होती नहीं..।।
अब हवाओं का रुख भी
बदल सा गया
कोई खुशबू इधर
लेकर आती नहीं..।।
हर उम्मीदों के तालाब
सूखे पड़े
अब तो आंखों से
बारिश भी होती नहीं..।।


 

भारत द्वारा कोविड-19 से प्रभावित देशों से अपने नागरिकों और अन्य नागरिकों की निकासी

भारत सरकार ने कोविड-19 के प्रकोप के बाद कई देशों से अपने नागरिकों की निकासी का अभियान चलाया। चीन के हुबेई प्रांत में वुहान शहर कोविड-19 का मुख्य केंद्र बन गया था और उस शहर में सैकड़ों भारतीय फंस गए थे। भारत ने अपने नागरिकों और अन्य मित्र राष्ट्रों के नागरिकों को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित बाहर निकालने को लेकर चीन के साथ बातचीत की।


एयर इंडिया ने निकासी प्रयासों के लिए दो विशेष उड़ानों का संचालन किया, जिसमें 654 यात्रियों को वापस लाया गया जिनमें 647 भारतीय नागरिक शामिल थे।


1 फरवरी को चीन के वुहान से 324 भारतीयों का पहला जत्था निकाला गया था। इनमें से 104 को आईटीबीपी छावला शिविर में संगरोधन के लिए रखा गया था और बाकी 220 को मानेसर में सेना के सुविधा केन्द्र में रखा गया।


03 फरवरी को 330 यात्रियों का दूसरा जत्था (मालदीव के सात नागरिकों और भारतीय दूतावास के दो अधिकारियों सहित जो निकासी के प्रयासों को समन्वित कर रहे थे, शामिल थे) भारत पहुंचा। इनमें से 300 (7 मालदीव नागरिकों सहित) को आईटीबीपी छावला कैंप में रखा गया था और 30 को निगरानी के लिए मानेसर सुविधा केन्द्र में स्थानांतरित कर दिया गया।


बाहर निकाले गए इन सभी नागरिकों को 14 दिनों के लिए आइसोलेशन केन्द्रों में रखा गया। उनका दो बार परीक्षण किया गया और उन्हें कोविड-19 निगेटिव पाया गया। उन्हें 18 फरवरी, 2020 को छुट्टी दे दी गई।


26 फरवरी को, भारतीय वायु सेना ने चीन के हुबेई प्रांत से 112 यात्रियों को बाहर निकाला। इनमें 76 भारतीय नागरिक थे। भारतीय वायु सेना द्वारा निकाले गए अन्य नागरिकों में म्यांमार, बांग्लादेश, मालदीव, चीन, अमेरिका, मेडागास्कर और दक्षिण अफ्रीका के नागरिक शामिल थे। यात्री 27 फरवरी को भारत पहुंचे और बाद में प्रोटोकॉल के अनुसार 14 दिनों की अवधि के लिए उन्हें आईटीबीपी शिविर में रखा गया है। पहले परीक्षण में उन्हें कोविड-19 निगेटिव पाया गया है। भारतीय वायुसेना की उड़ान ने चिकित्सा आपूर्ति भी की थी जो चीन को सद्भावना के रूप में दी गई थी।


जापान (डायमंड प्रिंसेस क्रूज शिप): 3700 यात्रियों को ले जा रहा जापानी क्रूज शिप, डायमंड प्रिंसेस को कोविड-19 के प्रकोप का सामना करना पड़ा, जब 705 यात्री परीक्षण किये जाने पर कोविड-19 पॉजिटिव पाये गये। 705 प्रभावित यात्रियों में से 16 भारतीय नागरिक थे। 27 फरवरी को, एयर इंडिया की उड़ान ने जापान के पोर्ट योकोहामा से श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और पेरू के 5 विदेशी नागरिकों सहित 124 यात्रियों को वापस लाने के लिए एक निकासी अभियान चलाया। कोविड-19 के लिए पॉजिटिव पाये गए 16 भारतीय नागरिकों का इलाज चल रहा है।


बाहर निकाले गए नागरिकों को मानेसर में सेना के सुविधा केन्द्र पर रखा गया है। पहली परीक्षण में वे निगेटिव पाए गए हैं।


ईरान में भारतीय नागरिकों की मॉनिटरिंग और निगरानी: जैसा कि यह स्पष्ट हो गया कि ईरान भी कोविड-19 प्रकोप का सामना कर रहा था, भारत सरकार ने उस देश में अपने नागरिकों की हिफाजत और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपाय करना शुरू कर दिया। ईरान में भारतीय नागरिकों में तीर्थयात्री, छात्र और मछुआरे शामिल हैं। 7 मार्च को ईरान से 108 नमूने मिले थे। इन नमूनों का परीक्षण एम्स की प्रयोगशाला में किया जा रहा है। साथ ही, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के छह वैज्ञानिक ईरान में तैनात किए गए हैं। उपकरण और रिजेन्ट्स को एक प्रयोगशाला स्थापित करने में सक्षम करने के लिए भी भेजा गया है। भारत द्वारा जल्द ही अपने नागरिकों को निकालने के लिए अभियान शुरू किये जाने की उम्मीद है।


अब तक, भारत सरकार ने कोविड-19 प्रभावित देशों से 890 यात्रियों की निकासी की है। इनमें से 842 भारतीय नागरिक थे और 48 मालदीव, म्यांमार, बांग्लादेश, चीन, अमेरिका, मेडागास्कर, श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और पेरू सहित अलग-अलग देशों के नागरिक थे।



प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को होली के पर्व पर बधाई दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को रंग, उमंग और आनंद के त्योहार होली की बधाई दी है। उन्होंने कहा, “यह पर्व सभी देशवासियों के जीवन में खुशियां लेकर आए”।



रंग, उमंग और आनंद के त्योहार होली की आप सभी को बहुत-बहुत बधाई। यह पर्व सभी देशवासियों के जीवन में खुशियों लेकर आए। pic.twitter.com/xfrfdNaduX




कोरोना वायरस (कोविड-19) की ताजा स्थिति: एक नए मामले का पता चला

कैबिनेट सचिव ने आज यहां सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत की। उन्होंने प्रवेश के बिंदुओं (पीओई) पर निगरानी, ​​समुदाय में निगरानी, ​​प्रयोगशाला सहायता और अस्पताल की तैयारी जैसे कार्यों पर बल दिया। उन्होंने लॉजिस्टिक्स, क्वारंटाइन सुविधाओं, क्षमता निर्माण, सूचना प्रबंधन और जोखिम संचार को बढ़ाने के लिए राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों का आह्वान किया।


पंजाब से एक और नया मामला सामने आया है। इस प्रकार, अब तक देश में सीओवीआईडी ​​-19 के 44 पुष्ट मामले (केरल से 3 पॉजिटिव मामले सामने आए थे जिन्हें अब डिस्चार्ज कर दिया गया है) हैं। आईडीएसपी के सामुदायिक अनुवर्ती के तहत 11,913 मामले हैं। अमेरिकी नागरिकों के 404 भारतीय संपर्कों, जिन्हें भूटान में परीक्षण के बाद पॉजिटिव पाया गया था, उनकी पहचान कर ली गई है और उन्हें असम में निगरानी में रखा गया है।


अभी तक 8,827 उड़ानों से कुल 9,41,717 अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की हवाई अड्डों पर जांच की गई है, जिसमें 54 यात्रियों को आईडीएसपी / अस्पतालों को रेफर कर दिया गया है।


यात्रियों की बढ़ती मांग और सुविधाजनक स्क्रीनिंग को पूरा करने के लिए, हवाई अड्डों पर तैनात कर्मचारियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि कर दी गई है। अब देशभर के हवाई अड्डों पर 286 डॉक्टर, 160 नर्स और 295 पैरामेडिक्स तैनात हैं।



दिल्ली विश्वविद्यालय ने नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के हिस्से के रूप में पैनल चर्चा आयोजित की

दिल्ली विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ लॉ के लॉ सेन्टर–II ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2020 के अवसर पर "महिला सशक्तीकरण: नई आयाम" पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत औपचारिक दीप प्रज्ज्वलित करने के साथ हुई, जिसके बाद लॉ सेन्टर–II के प्रोफेसर-इन-चार्ज प्रो. वी.के.आहूजा ने स्वागत भाषण दिया, जिसमें उन्होंने गणमान्य महिला हस्तियों के प्रख्यात पैनल का परिचय दिया। इनमें फैकल्टी ऑफ लॉ के कैम्पस लॉ सेंटर की प्रोफेसर कमला संकरण; दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के अर्थशास्त्र विभाग की प्रोफेसर पमी दुआ, वाणिज्य विभाग की प्रोफेसर कविता शर्मा; एनसीडब्ल्यूईबी की प्रोफेसर गीता भट्ट और मध्य प्रदेश सरकार की अपर निदेशक सुश्री प्रियंका मिश्रा शामिल थीं।


प्रथम वक्ता प्रोफेसर गीता भट्ट ने नए आयामों को सूचीबद्ध करते हुए कहा, "जब प्रकृति ने महिलाओं का सृजन किया, तो उसने जिम्मेदारियों को अपनाने और उसे निष्पादित करने की ताकत और क्षमता के अंतर्निहित गुणों के साथ महिलाओं का निर्माण किया।" उन्होंने सदियों से विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के योगदान को भी रेखांकित किया। प्रोफेसर पामी दुआ ने एक जीवंत ब्रह्मांड की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि "न केवल दुनिया के लिए बल्कि मानवता के लिए भी महिलाओं की भूमिका को स्वीकार करना महत्वपूर्ण है।" उन्होंने यह भी कहा कि "महिलाएं हमारे अन्यथा सांसारिक अस्तित्व में जीवन, रंग और अर्थ लाती हैं; और वे समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्ग में नहीं हैं, बल्कि स्वाभाविक अधिकारों की हकदार हैं।”


प्रोफेसर कमला संकरण ने महिला सशक्तीकरण के संबंध में कानूनी क्षेत्र में हाल के घटनाक्रमों के बारे में बात करते हुए 1924 में नामांकित पहली महिला अधिवक्ता का उदाहरण दिया जिनके लिए बार के कानून में बदलाव की आवश्यकता पड़ी। उन्होंने कहा कि तृतीयक क्षेत्र में महिलाओं का योगदान बढ़ रहा है, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि चिंता का एक कारण यह है कि हाल के आंकड़ों से अनौपचारिक और विशेष रूप से कृषि क्षेत्र में महिलाओं के रोजगार में गिरावट देखी गई है। उन्होंने शीर्ष अदालत के हालिया कई फैसलों का भी हवाला दिया जिसमें न्यायपालिका ने लिंगभेद न करते हुए सभी के लिए एक सम्मानजनक और न्यायसंगत मानवीय अस्तित्व सुनिश्चित करने में एक सक्रिय भूमिका निभाई है।


प्रोफेसर कविता शर्मा ने महिलाओं की रूढ़िवादी छवि को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया और रोजगार में समानता के अलावा जिम्मेदारियों में समानता की बात कही। डॉ. रजनी अब्बी ने सत्र का संचालन करने के अतिरिक्त कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि "एक आदर्शवादी समाज के निर्माण के लिए पीढ़ियों तक घर में समानता की सीख दी जाए।" उन्होंने सुस्पष्ट रूप से कहा कि आज के कॉर्पोरेट वातावरण में भी निदेशक मंडल में महिलाओं को खोजना कठिन है। कार्यक्रम निदेशक डॉ. पिंकी शर्मा ने अतिथियों का सम्मान किया और डॉ. वागेश्वरी देशवाल द्वारा प्रस्तावित धन्यवाद ज्ञापन के साथ चर्चा संपन्न हुई।



डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड ​​-19 पर दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की

“संपर्क का पता लगाने, सामुदायिक निगरानी, ​​अस्पताल प्रबंधन, आइसोलेशन वार्डों के विकास और प्रबंधन, जागरूकता अभियान के लिए संबंधित विभागों, राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों, निगमों और एजेंसियों आदि के बीच अच्छी तरह से समन्वित कार्रवाई, वे प्रमुख फोकस क्षेत्र हैं, जिनपर वर्तमान में ध्यान देने की आवश्यकता है। हमें कोविड-19 द्वारा उत्पन्न खतरे से लड़ने के लिए एक साथ मिलकर काम करना होगा।” केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दिल्ली सरकार के सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा और समन्वय बैठक की अध्यक्षता करने के दौरान यह बात कही। इस बैठक में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी सरकार के उपराज्यपाल अनिल बैजल, दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सत्येंद्र जैन भी उपस्थित थे।


भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव सुश्री प्रीति सुदान ने वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर वर्तमान में उभर रहे परिदृश्य के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है लेकिन हम सतर्क हैं और कोविड-19 के प्रबंधन के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 पर उठाए जा रहे कदमों और की जाने वाली तैयारियों पर नियमित रूप से विभिन्न राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की जा रही हैं।


डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हमें केंद्रीय मंत्रालयों / विभागों के साथ अंतर-क्षेत्रीय समन्वय पर फोकस करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को दैनिक आधार पर अपनी तैयारियों और समीक्षा कार्यों को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता है। राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को और अधिक संवेदनशील होने की जरूरत है और कोविड-19 के लिए उपयुक्त कार्य और तैयारियों में हमें सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि इस समय जिला कलेक्टरों को अधिक जवाबदेह बनाने, संपर्क का पता लगाने और व्यापक सामुदायिक संचरण से बचने और यदि पाया गया तो संचरण को तोड़ने के राज्य और जिला निगरानी टीमों को मजबूत बनाने के जरिए क्लस्टर संरोधन कार्यनीति जैसे अधिक रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।   


डॉ. हर्षवर्धन ने यह भी सलाह दी कि राज्यों को अलर्ट पर रहने और प्रत्येक जिले में बड़ी संख्या में पुष्ट / संदिग्ध मामलों को समायोजित करने के लिए और साथ ही उनकी लॉजिस्टिक आवश्यकताओं को समायोजित करने के लिए आइसोलेशन सुविधाओं की पहचान करने की आवश्यकता है।


उन्होंने यह भी आग्रह किया कि राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को रोग की तैयारी और निगरानी, ​​प्रयोगशाला निदान, अस्पताल की तैयारी, लॉजिस्टिक प्रबंधन, क्षमता निर्माण और जोखिम संचार जैसी अनुक्रियाओं के लिए मुख्य क्षमताओं का अनुपालन करने की आवश्यकता है। उन्होंने आग्रह किया कि अस्पतालों को लक्षण वाले रोगियों और नियमित रोगियों के बीच पृथक्करण के लिए समुचित व्यवस्था करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में आने वाले रोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा, अस्पतालों को अपने स्वास्थ्य कर्मचारियों और डॉक्टरों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने दिल्ली सरकार को स्थानीय केबल टीवी चैनलों, ऑडियो घोषणाओं और एफएम रेडियो आदि का उपयोग करने सहित स्थानीय भाषाओं में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया का उपयोग करके सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने की सलाह दी। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली बहुत सारे पर्यटकों को आकर्षित करती है, इसलिए घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों यात्रियों, जो दिल्ली का दौरा कर रहे हैं, का उचित आईईसी किया जाना चाहिए। झुग्गी झोपड़ियों जैसे कलस्टरों में जागरूकता अभियान माइक के उपयोग के द्वारा और स्थानीय भाषाओं में किये जाने की आवश्यकता है।


श्री अनिल बैजल ने यह भी कहा कि स्थानीय भाषाओं में लोगों के संवेदीकरण, समुदाय के निकट परीक्षण सुविधाओं का विकास, आइसोलेशन / क्वारंटाइन सुविधा का विकास और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण राज्य सरकार के लिए चार प्रमुख स्तंभ और फोकस क्षेत्र होने चाहिए।


श्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि एक विशेष टास्क फोर्स पहले से ही गठित है और उसे  प्रशिक्षित भी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ समन्वय में काम करेगी और कोविड-19 के कारण होने वाली आकस्मिकताओं के मामले में उपायों को मजबूत करने पर केंद्र सरकार के मार्गदर्शन और निर्देशों का पालन करेगी।


आईसीएमआर के सचिव डॉ. बलराम भार्गव, विशेष सचिव (स्वास्थ्य) श्री संजीव कुमार, डीजीएचएस डॉ. राजीव गर्ग,  संयुक्त सचिव श्री लव अग्रवाल,  दिल्ली में नगर निगमों के महापौर,एसडीएमसी, ईडीएमसी और एनडीएमसी के आयुक्त, केंद्र और राज्य सरकार दोनों के अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षक और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।



Tuesday, March 10, 2020

ऐसी होली चलो फिर मनाएंगे हम

आज रंगों का उत्सव
मनाएंगे हम
मिलकर अपनों के संग
खिलखिलाएंगे हम..।।
भूल शिकवे गिले
फिर मिलेंगे गले
फिर से संबंध मिलकर
निभाएंगे हम..।।
आज यादों को फिर
ताज़ा हो जाने दो
फिर से रंगों की खुशियां
मनाएंगे हम..।।
भाईचारे की बुनियाद
मजबूत हो
ऐसी होली चलो फिर
मनाएंगे हम..।।
सबकी पिचकारी में
रंग खुशियों का हो
सबके चेहरे पर मुस्कान
लाएंगे हम..।।
सबके चेहरे पर मुस्कान
लाएंगे हम..।।
***विजय कनौजिया***


Monday, March 9, 2020

जिला अधिकारी व पुलिस अधीक्षक से मिले हियुवा के पदाधिकारी




*ब्यूरो रिपोर्ट:- जितेंद्र सिंह अन्नू*

उत्तर प्रदेश बाराबंकी जिले में हिन्दू युवा वाहिनी के जिला प्रभारी रवी सिंह जिला अधिकारी व पुलिस अडीक्षक से मिलकर सुरछा ब्यवस्था को लेकर चर्चा किया। रवी सिंह ने  सप्तरंगी रंगो के महापर्व होली पर जनपद वासियों को महापर्व होली की शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए उनके सुख व समृद्धि की कामना की है हिन्दू युवा वाहिनी जिला प्रभारी रवी सिंह जी ने जनपद के सभी नागरिकों से अपील की है कि आप सभी लोग होली का पर्व सौहार्द व शांतिपूर्ण वातावरण में मनाएं होली रंगों का त्योहार खुशियों का त्योहार है इसे सभी को मिलजुलकर सौहार्दपूर्ण ढंग से मनाना चाहिए कोई व्यक्ति व वर्ग ऐसा कार्य न करें जिससे किसी की धार्मिक भावना को आघात पहुंचे एवं कानून एवं शांति व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न हो वहीं हिन्दू युवा वाहिनी जिला प्रभारी रवी सिंह ने होली त्यौहार पर जनपद वासियों को अग्रिम शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए कहा कि होली पर शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं तथा असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखी जा रही है यदि कोई व्यक्ति एवं वर्ग शांति व्यवस्था बनाए रखने में व्यवधान उत्पन्न करता है तो उसके साथ सख्ती से निपटा जाएगा । 

इस मौके पर हिन्दू युवा वाहिनी बाराबंकी के जिला महामन्त्री दीप्तांसु निगम के साथ मोहित सिंह अखिलेश सिंह व अन्य कार्यकर्ता साथ रहे ।