Thursday, April 2, 2020

प्रधानमंत्री ने एयर वाइस मार्शल (सेवानिवृत्त) चंदन सिंह राठौर के निधन पर शोक व्यक्त किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एयर वाइस मार्शल (सेवानिवृत्त) चंदन सिंह राठौर के निधन पर शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने कहा। 'भारत हमेशा एयर वाइस मार्शल (सेवानिवृत्त) चंदन सिंह राठौर की त्रुटिरहित सेवा को याद रखेगा। वह एक बहादुर एयर वॉरियर थे जिन्होंने एक मजबूत और सुरक्षित भारत के लिए योगदान दिया। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार के प्रति संवेदना। ओम शांति।'

मोदी सरकार कोविड-19 से लड़ाई के लिए देश भर में लागू 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान लोगों की मुश्किलों को दूर करने को प्रतिबद्ध : केंद्रीय गृह मंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान लोगों की मुश्किलों को दूर करने के दृष्टिकोण के मद्देनजर केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने सामाजिक दूरी बनाए रखने के उद्देश्य से लागू लॉकडाउन का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के वास्ते उचित कदम उठाने के लिए राज्य/ संघ शासित क्षेत्रों की सरकारों के साथ संवाद किया। इसके साथ ही उन्होंने इस अवधि के दौरान प्रवासी कामगारों की आर्थिक दिक्कतों को दूर करने पर भी चर्चा की।


केंद्रीय गृह मंत्री के दिशा-निर्देशों के तहत गृह सचिव ने सभी राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को बड़ी संख्या में प्रवासी कामगारों को अपने गृह राज्य जाने से रोकने के लिए सभी बुनियादी सुविधाओं से युक्त राहत शिविर बनाने और उनकी आर्थिक दिक्कतें दूर करने के वास्ते कदम उठाने को लिखा है, जिससे कोविड-19 को फैलने से रोका जा सके।


लॉकडाउन के कदमों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने और पलायन करने वाले कामगारों की आर्थिक दिक्कतें दूर करने के लिए सभी राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को निम्नलिखित अतिरिक्त कदम उठाने की सलाह दी गई है:



  • राज्य/ संघ शासित क्षेत्रों की सरकारें लॉकडाउन के कारण संबंधित इलाकों में फंसे प्रवासी कामगारों के साथ ही गरीब और वंचित लोगों के लिए अस्थायी आश्रय की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करें और खाद्य आदि का प्रावधान करें;

  • अपने गृह राज्यों या गृह नगर जाने के लिए निकलने वाले प्रवासी लोगों को संबंधित राज्य/ गृह नगरों द्वारा पर्याप्त जांच के बाद नजदीक के आश्रय स्थल पर कम से कम 14 दिन तक के लिए क्वारंटाइन (एकांतवास) में रखा जाए। इस दौरान मानकीकृत स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन किया जाए;

  • उद्योग या दुकानें या कोई अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान हो, सभी नियोक्ता अपने कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान उनके प्रतिष्ठान बंद रहने की अवधि के दौरान बिना किसी कटौती के अपने कार्यस्थल पर निश्चित तारीख पर ही भुगतान करें;

  • यह सुनिश्चित किया जाए कि किराये के घर में रहे प्रवासियों सहित सभी कामगारों से मकान मालिकों को एक महीने के किराये की मांग नहीं करनी चाहिए।

  • अगर कोई मकान मालिक जबरन किसी कामगार और छात्र से अपना घर खाली करने के लिए कहता है तो उनके खिलाफ कानून के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।


आदेश में कहा गया है कि उक्त निर्देशों में से किसी एक के उल्लंघन पर संबंधित राज्य/ संघ शासित क्षेत्र की सरकार को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत जरूरी कदम उठाने होंगे और जिलाधिकारी/ उप आयुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षक/ पुलिस उपायुक्त उक्त दिशानिर्देशों और पूर्व में जारी लॉकडाउन के उपायों को लागू करने के लिए व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार होंगे।



कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने सभी एनएसटीआई को कोविड-19 के लिए क्वारंटीन केंद्रों के रूप में उपयोग किए जाने के लिए तैयार किया

नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रसार से लड़ने के लिए सरकार की तैयारी के एक हिस्से के रूप में, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीआई) ने देश भर के सभी राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) एवं उनके छात्रावासों को कोविड-19 के लिए क्वारंटीन/आइसोलेशन केंद्रों के रूप में परिवर्तित करने का फैसला किया है। यह निर्णय मंत्रालय द्वारा महामारी के लिए केंद्र सरकार की तैयारी के प्रयासों के अनुरूप किया गया है जिसकी वजह से लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग को प्रोत्साहित करने के लिए तीन सप्ताह का राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन किया गया है।


एमएसडीआई ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को लगभग एक लाख कार्मिकों की सूची भी उपलब्ध कराई है जिन्हें स्किल इंडिया मिशन के तहत विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल कौशलों में प्रशिक्षित किया गया है। विभिन्न रोजगार भूमिका में प्रशिक्षित, ये उम्मीदवार प्रसार को नियंत्रित करने एवं स्थापित किए जा रहे नए क्वारंटीन/आइसोलेशन/अस्पताल सुविधा केंद्रों में संक्रमित लोगों के उपचार एवं देखभाल के प्रयासों को बढ़ावा देंगे।


इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ 2000 हेल्थकेयर प्रशिक्षकों एवं 500 से अधिक हेल्थकेयर एसेसर्स की सूची भी साझा की गई है।


इसके अतिरिक्त, कार्मिक मंत्रालय ने कारोना वायरस महामारी से लड़ने के सरकार के प्रयासों में मदद करने के लिए कम से कम एक दिन के वेतन का योगदान पीएम केयर्स फंड को देने का भी फैसला किया है।


कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा है कि एनएसटीआई को जोड़े जाने से अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों के लिए एक विकल्प उपलब्ध कराने के द्वारा वायरस द्वारा संक्रमित लोगों के उपचार में जिला एवं राज्य प्रशासनों को भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘ नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) के अभूतपूर्व प्रसार द्वारा उत्पन्न वैश्विक आपातकाल को देखते हुए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय इस महामारी से लड़ने में केंद्रीय सरकार को हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगा।‘ हमने एनएसटीआई के सभी क्षेत्रीय निदेशकों से आग्रह किया है कि वे उत्पन्न होने वाली स्थिति की आवश्यकता की पूर्ति में सहायता करने के लिए पूरी तरह राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ सहयोग करें।


इसके अतिरिक्त, राज्य सरकारें भी इस कार्य के लिए आईटीआई के परिसरों का उपयोग कर सकती हैं।‘


प्रशिक्षण महानिदेशालय द्वारा संचालित, एनएसटीआई वे उत्कृष्ट संस्थान हैं जो देश भर में फैले अपने प्रशिक्षण केंद्रों एवं छात्रावासों में विशिष्ट कौशलों में प्रशिक्षण उपलब्ध कराता है। लगभग एक लाख उम्मीदवार, जो कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में आपातकाल और आइसोलेशन कार्यों में सहायता देंगे, को विभिन्न रोजगार में प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:


पीएमकेवीवाई स्वास्थ्य प्रशिक्षित : 92 ,040     आपातकालीन मेडिकल टेकनिशियन (बेसिक) : 989


रेडियोलॉजी : 373                                                            होम हेल्थ ऐड : 1644


एक्सरे टेकनिशियन : 299                                              जनरल ड्यूटी सहायक : 10 ,172


अग्रिमपंक्ति स्वास्थ्य कार्यकर्ता : 530                                            फ्लेबोटोमी टेकनिशियन : 334


कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय अपने रोजगारपरकता कौशलों को बढ़ाने पर फोकस करता है। अपनी शुरुआत से ही कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने नीति, संरचना एवं मानकों को औपचारिक रूप देने, नए कार्यक्रमों एवं योजनाओं को आरंभ करने, नई अवसंरचना का सृजन करने एवं वर्तमान संस्थानों का उन्नयान करने, राज्यों के साथ साझीदारी करने, उद्योगों के साथ सहयोग करने एवं कौशलों के लिए समाजगत स्वीकृति एवं आकांक्षाओं का निर्माण करने के लिहाज से उल्लेखनीय पहल और सुधार किए हैं। मंत्रालय का उद्वेश्य न केवल वर्तमान रोजगारों, बल्कि उन रोजगारों के लिए भी जिनका सृजन किया जाना है, के लिए नए कौशलों एवं नवोन्मेषण का निर्माण करने के लिए कुशल श्रमबल की मांग एवं आपूर्ति के बीच अंतराल को कम करना है। अभी तक स्किल इंडिया के तहत तीन करोड़ से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया है। अपने प्रमुख कार्यक्रम, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) 2016-2020 के तहत, मंत्रालय ने अभी तक 73 लाख से अधिक उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया है।



केंद्रीय मंत्री श्री गौड़ा ने कोविड-19 से निपटने में मदद के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में अपने एक मास का वेतन और सांसद निधि से 1 करोड़ रुपये दिए

केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री श्री सदानंद गौड़ा ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए चलाए गए राहत कार्यों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में अपने एक महीने का वेतन तथा सांसद निधि से एक करोड रुपए देने का फैसला किया है।


श्री गौड़ा ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि कोविड​​-19 महामारी से लड़ने की तत्काल आवश्यकता के मद्देनजर, मैं अपना एक महीने का वेतन और सांसद निधि से 1 करोड़ रुपये  दान कर रहा हूं ताकि इसका इस्तेमाल बचाव और उपचार के कामों के लिए किया जा सके।


श्री गौड़ा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा समय-समय पर तेजी से सभी आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहत उपायों का उद्देश्य आम लोगों विशेषकर गरीबों और श्रमिकों के लिए हर संभव सर्वोत्तम सुरक्षा और स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करना है।



ईपीसीएच ने आईएचजीएफ-दिल्ली फेयर स्प्रिंग-2020 के 49वें संस्करण को रद्द किया

भारत और विदेशों में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट (ईपीसीएच) द्वारा आईएचजीएफ-दिल्ली फेयर स्प्रिंग-2020 के 49 वें संस्करण को रद्द कर दिया गया है। ईपीसीएच के महानिदेशक, राकेश कुमार ने कहा कि चूंकि देश लॉकडाउन की स्थिति में है, इसलिए निकट भविष्य में इस प्रकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन करना अव्यवहार्य बन गया है।


इससे पहले, 15-19 अप्रैल, 2020 को इस मेले का आयोजन होने वाला था, जिसे इस उम्मीद के साथ स्थगित कर दिया गया था कि कोविड-19 की स्थिति में सुधार आ जाएगा और मेले का आयोजन जून/जुलाई में कभी भी किया जा सकता है।


इस मेले में 10,000 से ज्यादा आगंतुकों और 7,000 विदेशी खरीदारों और उनके प्रतिनिधियों के आने की उम्मीद थी, जिसमें पूरे देश से भारतीय हस्तशिल्प में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 3,200 से ज्यादा प्रदर्शकों द्वारा मेजबानी किया जाना था।


हस्तशिल्प, सामूहिक गतिविधि पर आधारित होता है और इस मेले के रद्द होने से प्रमुख शिल्प समूहों जैसे मुरादाबाद, सहारनपुर, जोधपुर, जयपुर, आगरा, नरसापुर, फिरोजाबाद और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र का निर्यात प्रभावित होने वाला है।


आईएचजीएफ-दिल्ली फेयर ऑटम के 50वें संस्करण का आयोजन 14-18 अक्टूबर 2020 को इंडिया एनसीआर सेंटर और मार्ट, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली एनसीआर में किया जाएगा।



विनिमय दर अधिसूचना संख्या 37/2020 - सीमा शुल्क (एन.टी.)

सीमा शुल्‍क अधिनियम, 1962 (1962 का 52) की धारा 14 द्वारा प्रदत्‍त अधिकारों का उपयोग करते हुए और अधिसूचना संख्‍या 27/2020 – सीमा शुल्‍क (एन.टी.) दिनांक 19 मार्च, 2020 का अधिक्रमण करते हुए, ऐसे अधिक्रमण से पूर्व की गई अथवा हटाई जाने वाली बातों को छोड़कर, केन्‍द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्‍क बोर्ड एतद् द्वारा यह निर्धारित करता है कि संलग्‍न प्रत्‍येक अनुसूची-I और अनुसूची-II के कॉलम (2) में विनिर्दिष्‍ट प्रत्‍येक विदेशी मुद्रा के भारतीय मुद्रा में और भारतीय मुद्रा के विदेशी मुद्रा में विनिमय की दर 02 अप्रैल, 2020 से वह दर होगी, जिसका उल्‍लेख आयातित और निर्यातित माल के संबंध में उक्‍त धारा के उद्देश्‍य के लिए कॉलम (3) में दी गई तत्‍संबंधी प्रविष्‍टि में किया गया है: -


अनुसूची-I




















































































































































क्रम संख्या



विदेशी मुद्रा



भारतीय रुपये के समतुल्‍य विदेशी मुद्रा की प्रत्‍येक इकाई की विनिमय दर




  1.  



(2)



(3)



 



 



()



(बी)



 



 



(आयातित वस्‍तुओं के लिए)



(निर्यात वस्‍तुओं के लिए)



1.



ऑस्ट्रेलियाई डॉलर



47.80



45.65



2.



बहरीन दीनार



203.05



197.60



3.



कैनेडियन डॉलर



54.20



52.40



4.



चाइनीज युआन



10.80



10.50



5.



डेनिश क्रोनर



11.35



10.95



6.



यूरो



84.75



81.75



7.



हांगकांग डॉलर



9.90



9.55



8.



कुवैती दीनार



247.90



232.25



9.



न्‍यूजीलैंड डॉलर



46.75



44.55



10.



नार्वेजियन क्रोनर



7.30



7.05



11.



पौंड स्‍टर्लिंग



94.85



91.55



12.



कतर रियाल



21.40



20.10



13.



सउदी अरब रियाल



20.75



19.45



14.



सिंगापुर डॉलर



53.95



52.15



15.



दक्षिण अफ्रीकी रैंड



4.35



4.05



16.



स्‍वीडिश क्रोनर



7.65



7.40



17.



स्विस फ्रैंक



80.20



77.10



18.



तुर्की लीरा



11.85



11.15



19.



यूएई दिरहम



21.20



19.90



20.



अमेरिकी डॉलर



76.35



74.65



 


अनुसूची-II


 








































क्रम संख्या



विदेशी मुद्रा



भारतीय रुपये के समतुल्‍य विदेशी मुद्रा की प्रति 100 इकाइयों की विनिमय दर




  1.  



(2)



(3)



 



 



()



(बी)



 



 



(आयातित वस्‍तुओं के लिए)



(निर्यात वस्‍तुओं के लिए)



1.



जापानी येन



70.95



68.35



2.



कोरियाई वॉन



6.40



6.00




मार्च, 2020 में जीएसटी राजस्व का संग्रह

मार्च, 2020 में सकल जीएसटी (वस्‍तु एवं सेवा कर) राजस्‍व संग्रह 97,597 करोड़ रुपये का हुआ जिसमें सीजीएसटी 19,183 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 25,601 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 44,508 करोड़ रुपये (आयात पर संग्रहीत 18,056 करोड़ रुपये सहित) और उपकर (सेस) 8,306 करोड़ रुपये (आयात पर संग्रहीत 841 करोड़ रुपये सहित) हैं। फरवरी माह के लिए 31 मार्च, 2020 तक दाखिल किए गए जीएसटीआर-3बी रिटर्न की कुल संख्‍या 76.5 लाख है।


सरकार ने नियमित निपटान के रूप में आईजीएसटी से सीजीएसटी के लिए 19,718 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 14,915 करोड़ रुपये का निपटान किया है। केंद्र सरकार ने इसके अलावा केंद्र और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के बीच 50:50 के अनुपात में 6000 करोड़ रुपये के गैर-निपटान वाले शेष आईजीएसटी को बांटा है। मार्च, 2020 में नियमित निपटान के बाद केन्‍द्र सरकार और राज्‍य सरकारों द्वारा अर्जित कुल राजस्‍व सीजीएसटी के लिए 41,901 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 43,516 करोड़ रुपये है।


घरेलू लेन-देन से मार्च, 2020  के दौरान प्राप्त जीएसटी राजस्व ने मार्च, 2019 के दौरान हासिल राजस्व की तुलना में 4  प्रतिशत की ऋणात्‍मक बढ़त दर्शायी है। यदि हम वस्‍तुओं के आयात से प्राप्त जीएसटी पर भी विचार करें, तो मार्च, 2020 के दौरान प्राप्त कुल राजस्व ने भी मार्च, 2019 के दौरान हासिल राजस्व की तुलना में 8  प्रतिशत की ऋणात्‍मक वृद्धि दर्शायी है। मार्च, 2020  के दौरान वस्तुओं के आयात पर जीएसटी ने मार्च, 2019 की तुलना में (-) 23  प्रतिशत की ऋणात्मक वृद्धि दर्ज की है।


2019-20 के पूरे वित्‍त वर्ष के दौरान घरेलू लेन-देन से जुड़े जीएसटी ने इससे पिछले वर्ष के दौरान प्राप्‍त राजस्‍व की तुलना में 8 प्रतिशत की बढ़त दर्शायी है। इस दौरान वस्‍तुओं के आयात से प्राप्त जीएसटी पिछले वर्ष के मुकाबले 8 प्रतिशत घट गया। कुल मिलाकर, इस दौरान सकल जीएसटी राजस्व पिछले वर्ष के जीएसटी राजस्व की तुलना में 4% अधिक आंका गया है।


तालिका में चालू वर्ष के दौरान मासिक सकल जीएसटी राजस्व का रुझान दिखाया गया है। तालिका में मार्च 2019 की तुलना में मार्च, 2020 के दौरान और पूरे वर्ष के दौरान प्रत्येक राज्य में जीएसटी के संग्रह को राज्यवार दर्शाया गया है।


मार्च 2020 के दौरान राज्य-वार जीएसटी संग्रह


 (करोड़ रुपये में)














































































































































































































































































































































































राज्‍य



मार्च 2019



मार्च 2020



वृद्धि दर



2018-19



2019-20



वृद्धि दर



जम्मू-कश्मीर



388



276



-29%



3,792



4,010



6%



हिमाचल प्रदेश



660



596



-10%



7,593



7,960



5%



पंजाब



1,166



1,181



1%



13,979



15,235



9%



चंडीगढ़



162



153



-5%



1,779



1,988



12%



उत्तराखंड



1,451



1,195



-18%



15,150



14,722



-3%



हरियाणा



4,561



4,874



7%



55,233



59,560



8%



दिल्ली



3,722



3,273



-12%



39,845



44,161



11%



राजस्थान



3,132



2,820



-10%



30,722



32,821



7%



उत्तर प्रदेश



5,548



5,294



-5%



61,337



65,281



6%



बिहार



1,177



1,056



-10%



10,755



12,640



18%



सिक्किम



160



189



19%



1,917



2,248



17%



अरुणाचल प्रदेश



85



67



-22%



398



581



46%



नगालैंड



46



39



-16%



227



317



40%



मणिपुर



46



36



-22%



309



435



41%



मिजोरम



50



33



-33%



213



296



39%



त्रिपुरा



64



67



5%



556



680



22%



मेघालय



127



133



5%



1,368



1,522



11%



असम



956



932



-3%



8,989



10,423



16%



पश्चिम बंगाल



3,841



3,582



-7%



39,780



43,386



9%



झारखंड



2,149



2,049



-5%



23,916



22,847



-4%



ओडिशा



2,626



2,633



0%



26,952



29,677



10%



छत्तीसगढ़



2,143



2,093



-2%



22,932



24,160



5%



मध्य प्रदेश



2,624



2,407



-8%



25,683



28,354



10%



गुजरात



6,521



6,820



5%



73,440



78,923



7%



दमन और दीव



103



95



-8%



1,105



1,155



5%



दादरा और नगर हवेली



174



169



-3%



1,718



1,810



5%



महाराष्ट्र



15,596



15,002



-4%



1,70,289



1,85,917



9%



कर्नाटक



6,983



7,144



2%



78,763



83,408



6%



गोवा



389



316



-19%



4,103



4,280



4%



लक्षद्वीप



1



1



54%



20



20



2%



केरल



1,635



1,475



-10%



16,343



19,234



18%



तमिलनाडु



6,941



6,178



-11%



70,562



74,430



5%



पुडुचेरी



184



149



-19%



1,924



1,871



-3%



अंडमान और निकोबार द्वीप समूह



28



39



40%



297



361



21%



तेलंगाना



3,897



3,563



-9%



36,408



39,820



9%



आन्ध्र प्रदेश



2,589



2,548



-2%



25,331



27,108



7%



अन्य भू-भाग



167



133



-21%



2,484



1,753



-29%



केंद्र का क्षेत्राधिकार



74



81



10%



580



1,003



73%



कुल योग



82,165



78,700



-4%



8,76,794



9,44,414



8%




प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने समाज कल्याण संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श किया  

   प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समाज कल्याण के लिए काम करने वाले संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श कि‍या।  


  प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरा देश ‘कोविड-19’ की विकट चुनौती का सामना करने में असीम हिम्‍मत, दृढ़ता और संयम का परिचय दे रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी को स्‍मरण करते हुए बताया कि बापू कहा करते थे कि गरीबों और विभिन्‍न सुविधाओं से वंचित लोगों की सेवा करना ही राष्ट्र की सेवा करने का सबसे अच्छा तरीका है और इसके साथ ही उन्होंने मानवता की सेवा के प्रति इन संगठनों के समर्पण और प्रतिबद्धता की सराहना की।


   प्रधानमंत्री ने कहा कि इन संगठनों की तीन प्रमुख विशेषताएं हैं: मानवीय दृष्टिकोण, बड़ी संख्‍या में लोगों तक पहुंच एवं उनसे जुड़ाव और सेवा करने की अनुपम मानसिकता, जिसकी बदौलत लोग उन पर आंख मूंद कर विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र एक अप्रत्‍याशित संकट का सामना कर रहा है और इन संगठनों की सेवा एवं उनके संसाधनों की जितनी आवश्यकता अभी है उतनी पहले कभी नहीं रही थी। उन्होंने सुझाव दिया कि ये संगठन गरीबों के लिए बुनियादी आवश्यकताओं की ठोस व्यवस्था करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और इसके साथ ही वे अपनी चिकित्सा सुविधाओं एवं स्वयंसेवकों को मरीजों तथा जरूरतमंद लोगों की सेवा करने के लिए समर्पित कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने यह बात रेखांकित की कि ‘कोविड-19’ की चुनौती से पार पाने के लिए देश को अल्पकालिक उपायों और एक दीर्घकालिक विजन दोनों की ही सख्‍त आवश्यकता है।


   प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अंधविश्वास, गलत धारणाओं और भ्रामक सूचनाओं से निपटने में उन्‍हें अहम भूमिका निभानी है। उन्होंने इस ओर ध्‍यान दिलाया कि गलत धारणाओं के कारण लोगों को विभिन्‍न स्थानों पर इकट्ठा होते हुए और फि‍र सामाजिक दूरी बनाए रखने के मानदंड का उल्‍लंघन करते हुए देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि वायरस को फैलने से रोकने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखने के विशेष महत्व का और भी अधिक प्रचार-प्रसार करना अत्‍यंत आवश्यक है।


  समाज कल्याण संगठनों के प्रतिनिधियों ने अत्‍यंत निपुणता के साथ एक जटिल परिस्थिति का सामना करने में प्रधानमंत्री के नेतृत्व की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने सरकार के उन अत्‍यंत सक्रिय उपायों की भी सराहना की जो वायरस को फैलने से रोकने में काफी प्रभावकारी साबित हो रहे हैं। इन संगठनों ने ‘पीएम केयर्स फंड’ में अपना योगदान देने का संकल्‍प व्‍य‍क्‍त किया। इसके साथ ही इन संगठनों ने कहा कि उनके कार्यबल संकट की इस घड़ी में राष्ट्र की सेवा के लिए पूरी तरह से समर्पित होंगे। इन संगठनों ने चुनौती से निपटने के लिए वर्तमान में उनके द्वारा किए जा रहे विभिन्‍न कार्यों के बारे में भी बताया जिनमें डिजिटल माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाना, जरूरतमंद लोगों के बीच आवश्यक वस्तुओं, खाद्य पदार्थों के पैकेटों, सैनिटाइजर एवं दवाओं का वितरण करना और चिकित्सीय मदद देना शामिल हैं।


  प्रधानमंत्री ने जागरूकता बढ़ाने, बुनियादी आवश्यकताओं की व्यवस्था करके गरीबों एवं जरूरतमंदों की मदद करने एवं चिकित्सीय मदद देने के साथ-साथ अपने स्वयंसेवकों को को‍विड-19 से संक्रमित लोगों की सेवा के लिए समर्पित करने के महत्व को दोहराया। उन्होंने चिकित्सीय एवं वैज्ञानिक परामर्श देने और भ्रामक सूचनाओं से निपटने के महत्व पर विशेष बल दिया। प्रधानमंत्री ने इस महामारी की चुनौती का सामना करने के लिए निरंतर एक साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।


  प्रधानमंत्री के सलाहकार और नीति आयोग के सीईओ ने भी इस विचार-विमर्श में भाग लिया।



पूर्वोत्तर के राज्यों में चिकित्सा उपकरण और आपातकालीन सामानों को पहुंचाने के लिए विशेष रूप से कार्गो एयर उड़ानों का इस्तेमाल किया जाएगा- डॉ. जितेंद्र सिंह

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मामलों के केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया है कि लॉकडाउन के मद्देनजर पूर्वोत्तर राज्यों में अन्य आवश्यक वस्तुओं के साथ-साथ चिकित्सा उपकरण और आपातकालीन सामानों को भेजने के लिए विशेष रूप से कार्गो एयर उड़ानों का इस्तेमाल किया जाएगा।



नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने क्षेत्र के हवाई अड्डों की पहल को मंजूरी दे दी है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों को आश्वस्त करने में यह बहुत ही सफल होगा कि ऐसे समय में भी देश के किसी दूसरे हिस्से की तरह ही उन पर पर्याप्त ध्यान दिया जा रहा है। बताया गया है कि कार्गो ऑपरेशन के लिए संपर्क विवरण और रोडमैप जल्द ही उपलब्ध कराया जाएगा। क्षेत्र के हवाई अड्डों के निदेशकों से ट्विटर के माध्यम से अपनी जरूरतों के बारे में सूचित करने के लिए कहा गया है।


डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा पूर्वोत्तर क्षेत्र के कल्याण को प्राथमिकता में शीर्ष पर रखा है। मुख्य रूप से उनके व्यक्तिगत तौर पर ध्यान देने के कारण पिछले छह वर्षों में पूर्वोत्तर में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है। और पूर्वोत्तर के लिए कार्गों उड़ानों को संचालित करने का फैसला इस तथ्य को फिर से दोहराता है कि इस मुश्किल समय में भी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी पूर्वोत्तर की चिंता कर रहे हैं।


यह उल्लेख करना उचित है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, पूर्वोत्तर परिषद और भारत सरकार के दूसरे मंत्रालयों द्वारा पहले से आवंटित धनराशि से बढ़कर केवल तीन दिन पहले पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और पूर्वोत्तर परिषद ने 25 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड आवंटित किया है। उन्होंने कहा कि यह अतिरिक्त धनराशि विशेष रूप से कोरोना से संबंधित गतिविधियों में सहायता और गैप-फंडिंग के लिए है।




प्रधानमंत्री ने राजस्थान के राज्य दिवस के अवसर पर वहां के लोगों को बधाई दी

प्रधानमंत्री ने राजस्थान के लोगों को राज्य दिवस की शुभकामनाएं दी हैं।


एक संदेश में श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, 'राजस्थान के लोग अपने साहस, शौर्य और पराक्रम के लिए प्रसिद्ध हैं। मेरी कामना है कि राज्य निरंतर प्रगति और विकास के पथ पर आगे बढ़े।'



गृह मंत्रालय ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से कोविड-19 से लड़ने के लिए लॉकडाउन उपायों को अक्षरशः लागू करने का अनुरोध किया

केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने भारत सरकार के मंत्रालयों/ विभागों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों/ प्रशासनों द्वारा अपनाए जाने वाले लॉकडाउन उपायों के बारे में समेकित दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिससे देश में कोविड-19 के संचरण की श्रृंखला को तोड़ा जा सके।


यह देखा गया कि कुछ राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश लॉकडाउन अंतर्गत आने वाले अपवादों से ज्यादा की अनुमति प्रदान कर रहे हैं, जैसा कि एमएचए द्वारा डीएम अधिनियम 2005 के तहत जारी समेकित दिशा-निर्देशों में शामिल है।


इस अवलोकन के अनुपालन में, केंद्रीय गृह सचिव, श्री अजय कुमार भल्ला ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वे आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए, कोविड-19 से लड़ने के लिए लॉकडाउन के उपायों को सख्ती के साथ अक्षरशः लागू करें।



जेएनसीएएसआर ने कोटिंग विकसित की, संक्रमण रोकने मदद में मिल सकती है

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत आने वाले स्वायत्त संस्थान जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड सांइसटफिक रिसर्च (जेएनसीएएसआर) ने एक एंटी-माइक्रोबियल कोटिंग विकसित की है। इसे कपड़े, प्लास्टिक पर लगाने से कोविड-19 जैसे वायरस मर जाएंगे।  


रासायनिक पदार्थों को मिलाकर तैयार किए गए इस सहसंयोजक कोटिंग को लेकर किए अनुसंधान संबंधी शोध पत्र को रिसर्च जर्नल 'एप्लाइड मैटेरियल एंड इंटरफेस' ने स्वीकार कर लिया है। शोध में पाया गया कि यह कोटिंग मेथिसिलिन प्रतिरोधी स्टैफिलोकोकस ऑरियस और फ्लुकोनाज़ोल प्रतिरोधी सी. अल्बिकंस एसपीपी सहित रोगजनक बैक्टीरिया और कवक से बचाने के साथ ही इन्फ्लूएंजा वायरस को पूरी तरह खत्म कर देगा।   


हाल ही में सामने आए सार्स-कोवी-2 हालिया प्रकोप ने वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य में अभूतपूर्व हलचल पैदा की है। कोरोना वायरस भी इन्फ्लूएंजा की तरह ही है। इसलिए यह अनुमान है कि कोटिंग से संपर्क में आने पर सार्स-कोवी-2 को निष्क्रिय कर सकती है और विभिन्न सतहों पर इसे लेपित करने पर यह संक्रमण को रोकने में मदद कर सकती है।


अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि, "आज तक, हमारी जानकारी में कोई सहसंयोजक कोटिंग रणनीति नहीं है जो सभी वायरस, बैक्टीरिया और कवक को खत्म सकती है।" इस कोटिंग को विभिन्न सतहों पर लगाया जा सकता है, और इसकी सुलभता और मजबूती कोटिंग की खरीद कुशल कर्मियों की आवश्यकता को पूरा कर सकती है।


विकसित अणुओं में यूवी विकिरण पर विभिन्न सतहों के साथ रासायनिक रूप से क्रॉस-लिंक करने की क्षमता होती है। कोटिंग का इस्तेमाल रोगजनकों (यानी बैक्टीरिया) की झिल्ली को निष्क्रिय करने में अग्रणी भूमिका निभा सकता है।


माइक्रोबियल संक्रमण और अलग-अलग सतहों पर इसे लगाने से सामुदायिक संक्रमण को रोकने के साथ-साथ स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था में यह एक प्रमुख भूमिका निभाएगा। इसे ध्यान में रखते हुए, दैनिक जीवन में और साथ ही नैदानिक व्यवस्था में उपयोग की जाने वाली कई प्रकार की वस्तुओं को कोट करने के लिए एक सहज नजरिये के साथ इसे विकसित किया गया था।


अणु की एक विस्तृत श्रृंखला (जैसे कि पानी, इथेनॉल, क्लोरोफॉर्म इत्यादि) में उनकी इष्टतम घुलनशीलता को ध्यान में रखते हुए और आसानी से और उच्च क्षमता के साथ तीन से चार लेयर वाली सिंथेटिक रणनीति के साथ एक लागत प्रभावी डिजाइन तैयार किया गया था। अणु कपड़ा, पॉलीयुरेथेन, पॉलीप्रोपाइलीन, पॉलीस्टीरिन आदि विभिन्न वस्तुओं पर लगे होते हैं, जो कि हमारे आस-पास दिखाई देने वाली अधिकांश वस्तुओं का निर्माण करते हैं। संक्षेप में कहें तो कपड़े पर इसकी कोटिंग का तरीका बताते हैं। कोटिंग करने के लिए इसे पानी में मिलाकर कपड़े की चादर को उसमें डुबोना होगा। जबकि अन्य मामलों में इथेनॉल सब्सट्रेट पर यूवी विकिरण के द्वारा इसकी कोटिंग की जाती है। कोटिंग के बाद, सतहों का मूल्यांकन उनके जीवाणुरोधी, एंटिफंगल और एंटीवायरल गतिविधि के लिए किया जा चुका है।


कोरोना वायरस के मौजूदा प्रकोप को ध्यान में रखते हुए, यदि इसका इस्तेमाल किया जाए, तो सीआरओ (कॉन्ट्रैक्ट रिसर्च ऑर्गनाइजेशन) के माध्यम से अणु को बड़े पैमाने पर संश्लेषित किया जा सकता है और निजी संगठनों के साथ मिलकर इसे विभिन्न व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपकरण जैसे मास्क, दस्ताने, गाउन आदि पर लेपित किया जा सकता है। इस कोटिंग को अस्पताल-अधिग्रहित या नोसोकोमियल संक्रमण से बचने के लिए अन्य चिकित्सा उपकरणों और उपकरणों पर भी लेपित किया जा सकता है।



उपराष्ट्रपति ने रामनवमी की पूर्व संध्या पर लोगों को शुभकामनाएं दी

भारत के उपराष्ट्रपति, श्री एम. वेंकैया नायडू ने रामनवमी की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को शुभकामनाएं दी। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि श्री राम द्वारा अनुकरण किए गए मूल्यों को आत्मसात करके, हम एक ऐसी दुनिया बना सकते हैं जो समावेशी, स्वस्थ, समृद्ध और प्राकृति सम्मत स्थायी हो।


उनके संदेश का पूरा पाठ निम्न है-


यह पावन अवसर, हमारे सनातन मूल्यों, सम्पूर्ण मानवता के प्रति करुणा, न्याय परायणता, सत्य निष्ठा के हमारे संस्कारों के साक्षात स्वरूप, मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। वे हमारे आदर्श पुरुष हैं।


मैं राम नवमी के शुभ अवसर पर सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।


यद दिवस भगवान श्री राम के जन्म का प्रतीक है, जो सत्य, धार्मिकता, ईमानदारी, करुणा और मानव कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता के प्रतीक हैं। वह उन गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिन्हें हम एक आदर्श इंसान के रूप में देखते हैं।


श्री राम के आदर्श का अनुकरण कर, अपने जीवन तथा विश्व दर्शन में उन्हीं संस्कारों को अपना कर, हम उस विश्व का निर्माण कर सकते हैं जिसकी हम अपेक्षा करते हैं, एक ऐसा विश्व जो समावेशी हो, समृद्ध हो, स्वस्थ हो और प्रकृति सम्मत स्थायी हो।


आइए इस पावन अवसर पर अपनी गौरवशाली सनातन परम्परा, अपने प्राचीन महाकाव्यों तथा कालजयी दार्शनिक एवं साहित्यिक ग्रंथों में निहित उत्कृष्ट जीवन मूल्यों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लें।


यह पावन पर्व हमारे देशवासियों के जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि, सुख, संतोष, शांति और खुशहाली लाए। हम, आज हमारे सामने उपस्थित इस गंभीर स्वास्थ्य चुनौती का सम्मिलित रूप से कारगर समाधान ढूंढने में सक्षम और सफल हों।”