Thursday, April 2, 2020

जेएनसीएएसआर ने कोटिंग विकसित की, संक्रमण रोकने मदद में मिल सकती है

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत आने वाले स्वायत्त संस्थान जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड सांइसटफिक रिसर्च (जेएनसीएएसआर) ने एक एंटी-माइक्रोबियल कोटिंग विकसित की है। इसे कपड़े, प्लास्टिक पर लगाने से कोविड-19 जैसे वायरस मर जाएंगे।  


रासायनिक पदार्थों को मिलाकर तैयार किए गए इस सहसंयोजक कोटिंग को लेकर किए अनुसंधान संबंधी शोध पत्र को रिसर्च जर्नल 'एप्लाइड मैटेरियल एंड इंटरफेस' ने स्वीकार कर लिया है। शोध में पाया गया कि यह कोटिंग मेथिसिलिन प्रतिरोधी स्टैफिलोकोकस ऑरियस और फ्लुकोनाज़ोल प्रतिरोधी सी. अल्बिकंस एसपीपी सहित रोगजनक बैक्टीरिया और कवक से बचाने के साथ ही इन्फ्लूएंजा वायरस को पूरी तरह खत्म कर देगा।   


हाल ही में सामने आए सार्स-कोवी-2 हालिया प्रकोप ने वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य में अभूतपूर्व हलचल पैदा की है। कोरोना वायरस भी इन्फ्लूएंजा की तरह ही है। इसलिए यह अनुमान है कि कोटिंग से संपर्क में आने पर सार्स-कोवी-2 को निष्क्रिय कर सकती है और विभिन्न सतहों पर इसे लेपित करने पर यह संक्रमण को रोकने में मदद कर सकती है।


अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि, "आज तक, हमारी जानकारी में कोई सहसंयोजक कोटिंग रणनीति नहीं है जो सभी वायरस, बैक्टीरिया और कवक को खत्म सकती है।" इस कोटिंग को विभिन्न सतहों पर लगाया जा सकता है, और इसकी सुलभता और मजबूती कोटिंग की खरीद कुशल कर्मियों की आवश्यकता को पूरा कर सकती है।


विकसित अणुओं में यूवी विकिरण पर विभिन्न सतहों के साथ रासायनिक रूप से क्रॉस-लिंक करने की क्षमता होती है। कोटिंग का इस्तेमाल रोगजनकों (यानी बैक्टीरिया) की झिल्ली को निष्क्रिय करने में अग्रणी भूमिका निभा सकता है।


माइक्रोबियल संक्रमण और अलग-अलग सतहों पर इसे लगाने से सामुदायिक संक्रमण को रोकने के साथ-साथ स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था में यह एक प्रमुख भूमिका निभाएगा। इसे ध्यान में रखते हुए, दैनिक जीवन में और साथ ही नैदानिक व्यवस्था में उपयोग की जाने वाली कई प्रकार की वस्तुओं को कोट करने के लिए एक सहज नजरिये के साथ इसे विकसित किया गया था।


अणु की एक विस्तृत श्रृंखला (जैसे कि पानी, इथेनॉल, क्लोरोफॉर्म इत्यादि) में उनकी इष्टतम घुलनशीलता को ध्यान में रखते हुए और आसानी से और उच्च क्षमता के साथ तीन से चार लेयर वाली सिंथेटिक रणनीति के साथ एक लागत प्रभावी डिजाइन तैयार किया गया था। अणु कपड़ा, पॉलीयुरेथेन, पॉलीप्रोपाइलीन, पॉलीस्टीरिन आदि विभिन्न वस्तुओं पर लगे होते हैं, जो कि हमारे आस-पास दिखाई देने वाली अधिकांश वस्तुओं का निर्माण करते हैं। संक्षेप में कहें तो कपड़े पर इसकी कोटिंग का तरीका बताते हैं। कोटिंग करने के लिए इसे पानी में मिलाकर कपड़े की चादर को उसमें डुबोना होगा। जबकि अन्य मामलों में इथेनॉल सब्सट्रेट पर यूवी विकिरण के द्वारा इसकी कोटिंग की जाती है। कोटिंग के बाद, सतहों का मूल्यांकन उनके जीवाणुरोधी, एंटिफंगल और एंटीवायरल गतिविधि के लिए किया जा चुका है।


कोरोना वायरस के मौजूदा प्रकोप को ध्यान में रखते हुए, यदि इसका इस्तेमाल किया जाए, तो सीआरओ (कॉन्ट्रैक्ट रिसर्च ऑर्गनाइजेशन) के माध्यम से अणु को बड़े पैमाने पर संश्लेषित किया जा सकता है और निजी संगठनों के साथ मिलकर इसे विभिन्न व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपकरण जैसे मास्क, दस्ताने, गाउन आदि पर लेपित किया जा सकता है। इस कोटिंग को अस्पताल-अधिग्रहित या नोसोकोमियल संक्रमण से बचने के लिए अन्य चिकित्सा उपकरणों और उपकरणों पर भी लेपित किया जा सकता है।



उपराष्ट्रपति ने रामनवमी की पूर्व संध्या पर लोगों को शुभकामनाएं दी

भारत के उपराष्ट्रपति, श्री एम. वेंकैया नायडू ने रामनवमी की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को शुभकामनाएं दी। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि श्री राम द्वारा अनुकरण किए गए मूल्यों को आत्मसात करके, हम एक ऐसी दुनिया बना सकते हैं जो समावेशी, स्वस्थ, समृद्ध और प्राकृति सम्मत स्थायी हो।


उनके संदेश का पूरा पाठ निम्न है-


यह पावन अवसर, हमारे सनातन मूल्यों, सम्पूर्ण मानवता के प्रति करुणा, न्याय परायणता, सत्य निष्ठा के हमारे संस्कारों के साक्षात स्वरूप, मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। वे हमारे आदर्श पुरुष हैं।


मैं राम नवमी के शुभ अवसर पर सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।


यद दिवस भगवान श्री राम के जन्म का प्रतीक है, जो सत्य, धार्मिकता, ईमानदारी, करुणा और मानव कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता के प्रतीक हैं। वह उन गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिन्हें हम एक आदर्श इंसान के रूप में देखते हैं।


श्री राम के आदर्श का अनुकरण कर, अपने जीवन तथा विश्व दर्शन में उन्हीं संस्कारों को अपना कर, हम उस विश्व का निर्माण कर सकते हैं जिसकी हम अपेक्षा करते हैं, एक ऐसा विश्व जो समावेशी हो, समृद्ध हो, स्वस्थ हो और प्रकृति सम्मत स्थायी हो।


आइए इस पावन अवसर पर अपनी गौरवशाली सनातन परम्परा, अपने प्राचीन महाकाव्यों तथा कालजयी दार्शनिक एवं साहित्यिक ग्रंथों में निहित उत्कृष्ट जीवन मूल्यों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लें।


यह पावन पर्व हमारे देशवासियों के जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि, सुख, संतोष, शांति और खुशहाली लाए। हम, आज हमारे सामने उपस्थित इस गंभीर स्वास्थ्य चुनौती का सम्मिलित रूप से कारगर समाधान ढूंढने में सक्षम और सफल हों।”



सीसीआई ने भारत में सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली उत्पादन में अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और टोटल एस.ए.के बीच संयुक्त उद्यम को मंजूरी दी

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई)ने भारत में सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली उत्पादन के कारोबार में अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और टोटल एस.ए.के बीच संयुक्त उद्यम के गठन को मंजूरी दे दी है।


प्रस्तावित संयुक्‍त उद्यममें अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड को अपनी सहायक कंपनियों में से कुछ को एक नई निगमित कंपनी (जेवी) में स्थानांतरित करने की परिकल्पना की गई है। इसके बाद, टोटल एस.ए.प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जेवीकी इक्विटी शेयर पूंजी का 50% प्राप्त कर लेगा।


टोटल एस.ए.टोटल ग्रुप की बुनियादी उत्‍पादक कम्‍पनी है। टोटल ग्रुप एक अंतरराष्ट्रीय एकीकृत ऊर्जा उत्पादक है जिसका तेल और गैस उद्योग के हर क्षेत्र में परिचालन है। टोटल ग्रुप भारत में अक्षय ऊर्जा और बिजली उत्पादन क्षेत्रों में भी शामिल है।


लक्षित कंपनियाँ भारत में सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली उत्पादन के व्यवसाय में सक्रिय हैं।


सीसीआईके विस्तृत आदेश का पालन होगा।



डॉ.हर्षवर्धन ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के साथ नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19)पर किए गए कार्यों और आगे की तैयारियों की समीक्षा की

केन्‍द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 से संबंधित देश भर के चिकित्‍सा कर्मचारियों की चिंता और उससे निपटने की तैयारियों के बारे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आईएमए)और एसोसिएशन की राज्‍य शाखाओं के वरिष्ठ सदस्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग वीसी)के जरिये आज नई दिल्‍ली में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्हें देश के वर्तमान परिदृश्य, विभिन्न दिशानिर्देशों, उपचार और प्रोटोकॉल की जानकारी दी गई। वीडियो कॉन्‍फ्रेंस में दिल्ली, केरल, झारखंड, महाराष्ट्र, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, पंजाब, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम, कर्नाटक, मणिपुर, असम, ओडिशा, गुजरात, चंडीगढ़, तेलंगाना और उत्तराखंड के डॉक्टरों ने हिस्‍सा लिया।


स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में कोविड-19 की रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन की उच्चतम स्तर पर निगरानी की जा रही है और राज्यों के सहयोग से विभिन्न कार्य शुरू किए गए हैं। उन्होंने बताया कि माननीय प्रधान मंत्री संबंधित मंत्रालयों / विभागों और राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों के शीर्ष अधिकारियों के साथ स्थिति की नियमित रूप से निगरानी और समीक्षा कर रहे हैं।


डॉ. हर्षवर्धन ने बिस्‍तरों की उपलब्धता, एकांत वार्ड, उच्च परीक्षणों के लिए प्रयोगशाला की तत्परता के सम्‍बन्‍ध में तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने आईएमए और उसके क्षेत्रीय सदस्यों को एक टास्क फोर्स बनाने और राज्य, जिला और स्थानीय स्तर पर आधिकारिक मशीनरी की मदद करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि चिकित्सा पेशेवरों के रूप मेंजमीनी स्तर पर समुदायों में सही जानकारी पहुंचाने और शिक्षा के प्रसार में उनकी भूमिका समाज में उनकी स्थिति के कारण बहुत महत्वपूर्ण है। डा. हर्षवर्धन ने कहा, "आप देश हित में प्रभावी ढंग से और जिम्मेदारी के साथ लॉकडाउन की अवधि का प्रबंधन करने के बारे में जागरूकता फैलाने में सरकार के प्रयासों में सहायता कर सकते हैं।"


डॉ. हर्षवर्धन ने विभिन्न चिकित्सा पेशेवरों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह कोविड-19 के खतरे को रोकने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने का समय है। उन्होंने कहा कि देश को उन चिकित्‍सकों पर गर्व है जिन्‍होंने कोविड​​-19 से निपटने, खासकर पिछले तीन महीनों में ढृढ़ता दिखाई। उन्‍होंने कहा कि "सरकार आपके पीछे चट्टान की तरह खड़ी है।" उन्‍होंने देश में कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए निजी चिकित्सकों और अस्पतालों द्वारा सरकार के साथ किए जा रहे विभिन्न सहयोग उपायों की सराहना की। उन्होंने एक बार फिर राष्ट्र से अपील की कि डॉक्टरों और स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं को बहिष्‍कृत या निशाना नहीं बनाया जाए, बल्कि बड़े पैमाने पर जनता की मदद करने के उनके प्रयासों की सराहना की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए डॉक्टर, नर्स, स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल कर्मी हमारे सम्मान, समर्थन और सहयोग के पात्र हैं।


डॉ. हर्षवर्धन ने हाल में प्रकाशित टेलीमेडिसिन दिशानिर्देशों के बारे में भी बताया, जिसके तहत एक डॉक्टर टेलीफोन पर मार्गदर्शन और डिजिटल प्रिसक्रिप्‍शन दे सकता है, जिससे मरीज घर पर ही संबंधित दवा की डिलीवरी करवा सकता है और लॉकडाउन के दौरान घर पर सुरक्षित रह सकता है।


डॉ. हर्षवर्धन ने इस संकल्प को दोहराया और कहा कि "हम कोविड- 19 के प्रसार को रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और इसे फैलने से रोकने के लिए हमने कदम उठाए, हम इसके प्रसार को रोकने के लिए सभी उपलब्ध कठोर और समयपूर्व कदम उठाएंगे।"


उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए एक प्रभावी बेहतर स्थिति बनाने के लिए लॉकडाउन का सम्मान करें और व्यक्तिगत स्वच्छता और सांस लेने संबंधी शिष्टाचार के सभी उपायों सहित क्‍वारंटीन के सभी दिशानिर्देशों का ठीक से पालन करें। उन्होंने कहा कि देश के लोगों को घर के अंदर रहना चाहिए और सलाह के अनुसार घर से काम करना चाहिए।



केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर को दिया 11 करोड़ रूपए का चेक

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अपील पर, कोरोना से निपटने के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) व भारतीय पोटाश लिमिटेड ने संयुक्त रूप से 11 करोड़ रूपए का योगदान PM CARES FUND में दिया। इसका चेक आज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर को एनसीडीसी के MD श्री संदीप नायक ने प्रदान किया।


एनसीडीसी सहकारिता के माध्यम से गांव-गांव तक वित्तीय सहायता पहुंचा रही है। बीते वित्तीय वर्ष में इसने 30 हजार करोड़ रूपए की मदद ऋण के रूप में किसानों और ग्रामीणों को की है।


कृषि मंत्री श्री तोमर को मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले अनेक संस्थान PM CARES FUND के लिए लगातार करोड़ों रूपए की धनराशि चेक के रूप में दे रहे है।


स्वयं श्री तोमर ने भी सांसद निधि से इस फंड में एक करोड़ रूपए के अलावा अपना एक माह का वेतन भी प्रदान किया है।


साथ ही, सांसद निधि से 50 लाख रूपए अपने संसदीय क्षेत्र मुरैना-श्योपुर के लिए प्रदान किए है।



रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कोविड-19 से निपटने के रक्षा मंत्रालय के प्रयासों की समीक्षा की;

 रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने मंत्रालय एवं इसके विभिन्न घटकों द्वारा कोविड-19 से निपटने के लिए किये जा रहे कारगर उपाओं की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की। रक्षा राज्य मंत्री श्रीपाद नाइक, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, नौ सेना अध्यक्ष एडमिरल कर्मबीर सिंह, वायु सेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया, थल सेना अध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे, रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार, सचिव (रक्षा उत्पादन) श्री राज कुमार, सचिव ( पूर्व सैनिक कल्याण) श्रीमती संजीवनी कुट्टी, सचिव ( रक्षा वित्त) श्रीमती गार्गी कौल, सचिव आर एंड डी रक्षा विभाग एवं रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी, महानिदेशक भारतीय तटरक्षक श्री कृष्णास्वामी नटराजन, महानिदेशक सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवाएं (एएफएमएस) लैफ्टिनेंट जनरल अनुप बैनर्जी, रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के प्रमुख (डीपीएसयूएस) और अन्य वरिष्ठ  सिविल तथा सैन्य अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस बैठक में भाग लिया।


          रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने विभिन्न सर्विसिज, संगठनों और डीपीएसयूएज द्वारा स्थल खाली करवाने के कार्य, क्वारंटाइन स्थलों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने और चिकित्सा अनुसंधान एवं अन्य उत्पादनों, सैनिटाइजर, फेश मास्क और वैयक्तिक सुरक्षा के उपकरण (पीपीई) के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।उन्होंने संकट की इस घड़ी में सभी संगठनों को अपने प्रयासों को दोगुना करने और केंद्र सरकार के अन्य मंत्रालयों/संगठनों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया।


          रक्षा प्रमुख अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने  श्री राजनाथ सिंह को बताया कि कोविड-19 से लड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अलग से अस्पताल चिन्हित किए गए हैं और अस्पतालों में  9,000 से ज्यादा बेड उपलब्ध करवाए गए हैं। जैसलमेर, जोधपुर, चेन्नई , मानेसर, हिंडन और मुंबई में 1,000 से ज्यादा  निष्क्रांतो को क्वारंटाइन  किया गया है। उनकी क्वारंटाइन की अवधि 07 अप्रैल 2020 तक है।


          नौ सेना अध्यक्ष जनरल कर्मबीर सिंह ने रक्षा मंत्री को बताया कि किसी भी प्रकार की आवश्यक सहायता करने के लिए नौसेना के जहाज तैयार स्थिति में रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि नौसेना स्थानीय सिविल प्रशासन को आवश्यक सहायता प्रदान कर रही है।


          वायु सेना के अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने बताया कि पिछले पांच दिनों में देश के अंदर लगभग 25 टन चिकित्सा आपूर्ति करने के लिए वायु सेना के जहाजों ने कई उड़ान भरे हैं। उन्होंने कहा कि सभी आवश्यक सावधानियाँ सुनिश्चित करने के लिए निर्णायक संक्रियात्मक कार्य भी जारी हैं।


          थलसेना अध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे ने रक्षा मंत्री को बताया कि आवश्यकता पड़ने पर सिविल प्रशासन को 8,500 से ज्यादा डॉक्टर और सहायक स्टाफ प्रदान कराये जा सकते हैं। श्री राजनाथ सिंह के पड़ोसी देशों को सहायता प्रदान करने के निर्देश की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर नेपाल को चिकित्सा उपकरणों की सहायता शीध्र प्रदान की जा सकती है।


          रक्षा आर एंड डी विभाग के सचिव और डीओरडीओ के अध्यक्ष डॉ सतीश रेड्डी ने रक्षा मंत्री को बताया कि दिल्ली पुलिस सहित सुरक्षा संस्थानों को डीआरडीओ की प्रयोगशालाओं में निर्मित 50,000 लिटर से ज्यादा सेनेटाइजर की आपूर्ति की गई और इसके अलावा एक लाख लिटर से ज्यादा सेनेटाइजर की आपूर्ति पूरे देश में गई। उन्होंने कहा कि वार फुटिंग में पांच लेयर वाला नैनो तकनीक से बना फेश मास्क एन99 बनाया जा रहा है। एक हजार बना लिए गए हैं और शीघ्र ही प्रतिदिन के हिसाब से 20,000 फेश मास्क बनाए जाएंगे। डीआरडीओ की प्रयोगशालाओं ने दिल्ली पुलिस को इनके अतिरिक्त 40,000 फेश मास्क की आपूर्ति की है। सचिवों के सशक्त समूह के सदस्य होने के नाते डीआरडीओ के सचिव चिकित्सा उपरकरणों के संबंध में स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ गहन तालमेल से काम कर रहे हैं। डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं ने प्रतिदिन के हिसाब से 20,000 से ज्यादा पीपीई बनाने का भी प्रबंध किया है। डीआरडीओ वैंटिलेटर में कुछ सुधार करने के कार्य में भी लगा हुआ है ताकि एक मशीन एक साथ चार मरीजों को संभाल सके।


          महानिदेशक एएफएमएस लैफ्टिनेंट जनरल अनुप बैनर्जी ने रक्षा मंत्री को बताया कि आवश्यक उपकरण मंगवाए गए हैं और विभिन्न अस्पतालों में भेज दिए गए हैं। सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कर्मियों को भी स्वैच्छिक सेवा करने के लिए तैयार किया गया है। राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के लगभग 25,000 कैडेटों को आवश्यक स्थानीय सहायता प्रदान करने के लिए तैयार किया जा रहा है।


          विभिन्न डीपीएसयूज जैसे कि हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटिड (एचएएल), भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटिड (बीईएल), मिश्र धातु निगम लिमिटिड (मिधानी), भारत अर्थ मुवर्स लिमिटिड (बीईएमएल), हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटिड (एचएसएल), गोवा शिपयार्ड लिमिटिड (जीएसएल)  ने  40 करोड़ की अपनी कोर्पोरोट सोशल रिस्पोंसिब्लिटी (सीएसआर) की राशि  आपात स्थिति में प्रधानमंत्री (राहत कोष) नागरिक सहायता और राहत निधि में योगदान दिया है।  इसके अलावा इन सभी ने अपने सभी कार्मिकों का एक दिन का वेतन भी प्रधानमंत्री राहत कोष में दिया है। रक्षा मंत्री के निर्देशों का पालन करते हुए डीपीएसयूज  ने अपने सभी दैनिक वेतन भोगियों और अनुबंधित कर्मचारियों को वेतन की अदायगी की है।


          आयुध निर्माणि बोर्ड (ओएफबी) भी हैंड सेनेटाइजर, फेश मास्क और पीपीई बनाने के कार्य में लगी हुई है।



प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और कुवैत के प्रधानमंत्री के बीच टेलीफोन पर बातचीत

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज कुवैत के प्रधानमंत्री, महामहिम शेख सबाह अल-खालिद अल-हमद अल-सबाह के साथ टेलीफोन पर बातचीत की।


प्रधानमंत्री ने कुवैत के अमीर, शाही परिवार और कुवैत की जनता के अच्छे स्वास्थ्य के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने भारत के विस्तारित पड़ोस के बहुमूल्‍य सदस्य कुवैत के साथ अपने संबंधों के महत्व पर जोर किया।


दोनों नेताओं ने वर्तमान कोविड-19 महामारी के घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पहलुओं के बारे में चर्चा की। वे इस बात पर सहमत हुए कि उनके अधिकारी स्वास्थ्य संकट के दौरान नियमित रूप से संपर्क बनाए रखेंगे, ताकि सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सके और सहयोग और पारस्परिक सहायता के अवसरों का पता लगाया जा सके।


महामहिम कुवैती प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि कुवैत विशाल भारतीय समुदाय के योगदान को बहुत महत्व देता है, और वर्तमान स्थिति में उनकी सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करना जारी रखेगा। प्रधानमंत्री ने इस तरह के आश्वासन के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया और कुवैत की सराहना की।



अस्सी प्रतिशत आबादी मास्क पहने तो महामारी पर लग सकती है लगाम

 अगर 50 प्रतिशत आबादी मास्क पहनती है, तो सिर्फ 50 प्रतिशत आबादी को ही कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा हो सकता है। पर, 80 प्रतिशत आबादी मास्क पहनती है, तो इस महामारी पर तत्काल प्रभाव से रोक लगायी जा सकती है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय द्वारा ये तथ्य सार्स-सीओवी-2 कोरोना वायरस से जुड़ी एक नियमावली में पेश किए गए हैं।



सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय में वरिष्ठ सलाहकार डॉ शैलजा वैद्य गुप्ता कहती हैं “मास्क की कमी को देखते हुए इस नियमावली में घर पर मास्क बनाने पर जोर दिया गया है। यह पहल मुख्य रूप से उन लोगों के लिए है, जो मास्क पहनना चाहते हैं, लेकिन उनके पास इन मास्कों तक पहुँच नहीं है। ऐसे में घर पर बनाए हुए मास्क उपयोगी हो सकते हैं। इनकी खूबी यह है कि इन्हें धोकर दोबारा उपयोग कर सकते हैं।”


कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय ने घर में बने मास्क पर केंद्रित एक विस्तृत नियमावली “सार्स-सीओवी-2 कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए मास्क” जारी की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का हवाला देते हुए इस नियमावली में कहा गया है कि “मास्क उन्हीं लोगों पर प्रभावी हैं जो अल्कोहल युक्त हैंडवॉश या साबुन और पानी से हाथ साफ करते हैं। यदि आप मास्क पहनते हैं, तो आपको इसके इस्तेमाल और इसके उचित निस्तारण के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।”


मास्क को क्यों पहना जाए? इस पर नियमावली कहती है कि एक व्यक्ति के दूसरे व्यक्ति से संपर्क में आने पर कोविड-19 वायरस आसानी से फैलता है। वायरस को ले जाने वाली बूंदें इसे तेजी से फैलाती हैं और हवा में जीवित रहते हुए यह आखिरकार विभिन्न सतहों के संपर्क में आ जाता है। कोविड-19 को फैलाने वाला वायरस सार्स-कोव-2 किसी ठोस या तरल सतह (एयरोसोल) पर तीन घंटे तक और प्लास्टिक व स्टेनलेस स्टील पर तीन दिन तक जीवित रहता है।


इस नियमावली में कहा गया है कि मास्क के उपयोग से संक्रमित व्यक्ति से निकले द्रव कणों में मौजूद वायरस के किसी दूसरे व्यक्ति के श्वसन तंत्र में प्रवेश की आशंका कम हो जाती है। सुरक्षित मास्क पहनकर वायरस के सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश की संभावनाएं कम हो जाती हैं, जो इसके प्रसार को रोकने के लिहाज से अहम हो सकता है। हालाँकि, ,मास्क को ऊष्मा, यूवी लाइट, पानी, साबुन और अल्कोहल के एक संयोजन के उपयोग से स्वच्छ किया जाना जरूरी है।


इस नियमावली को जारी करने का उद्देश्य मास्क, इनके उपयोग और मास्क के दोबारा उपयोग की सर्वश्रेष्ठ प्रक्रिया की सरल रूपरेखा उपलब्ध कराना है, जिससे एनजीओ और व्यक्तिगत रूप से लोग खुद ऐसे मास्क तैयार कर सकें और देश भर में तेजी से ऐसे मास्क अपनाए जा सकें। प्रस्तावित डिजाइन के मुख्य उद्देश्यों में सामग्रियों तक आसान पहुंच, घरों में निर्माण आसान करना, उपयोग और पुनः उपयोग को आसान बनाना शामिल है।




राष्ट्रपति ने राम नवमी की शुभकामनाएं दी भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने राम नवमी की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में कहाः “राम नवमी के पावन अवसर पर, मैं सभी देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाने वाली रामनवमी, हमारे मेहनतकश किसानों के लिए नव-धान्य का भी अवसर होती है। श्रीराम का आदर्श जीवन हमें सदाचार, सहनशीलता, सहृदयता और मैत्री-भाव का संदेश देता है। अपने-अपने कर्तव्य पथ पर हमें इन शाश्वत जीवन-मूल्यों के प्रति सच्ची निष्ठा दर्शानी चाहिए। आइए, राम नवमी के इस उल्लास-पूर्ण पर्व पर हम, अपने जीवन में श्रीराम के आदर्शों का अनुसरण करने और गौरवमयी भारत के निर्माण का संकल्प लें। साथ ही, त्योहार मनाते समय सोशल डिस्टेंसिंग सहित सभी सरकारी निर्देशों का पालन कर विश्वव्यापी आपदा कोविड-19 वायरस का मुकाबला करके इसे परास्त करना है।”

राष्ट्रपति ने राम नवमी की शुभकामनाएं दी


भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने राम नवमी की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में कहाः


 “राम नवमी के पावन अवसर पर, मैं सभी देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।


मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाने वाली रामनवमी, हमारे मेहनतकश किसानों के लिए नव-धान्य का भी अवसर होती है। श्रीराम का आदर्श जीवन हमें सदाचार, सहनशीलता, सहृदयता और मैत्री-भाव का संदेश देता है। अपने-अपने कर्तव्य पथ पर हमें इन शाश्वत जीवन-मूल्यों के प्रति सच्ची निष्ठा दर्शानी चाहिए।


आइए, राम नवमी के इस उल्लास-पूर्ण पर्व पर हम, अपने जीवन में श्रीराम के आदर्शों का अनुसरण करने और गौरवमयी भारत के निर्माण का संकल्प लें। साथ ही, त्योहार मनाते समय सोशल डिस्टेंसिंग सहित सभी सरकारी निर्देशों का पालन कर विश्वव्यापी आपदा कोविड-19 वायरस का मुकाबला करके इसे परास्त करना है।”



पीएफआरडीए ने कोविड-19 के प्रकोप से लड़ाई में सहायता प्रदान करने के लिए पीएम-केयर फंड में योगदान करने का संकल्प लिया

पेंशन क्षेत्र का नियामक, पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने 'आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष' (पीएम केयर्स फंड) में कर्मचारियों के वेतन का एक हिस्सा योगदान करने का संकल्प लिया है, जिसका प्रारंभ हाल ही में प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में कोरोनोवायरस (कोविड-19) के वैश्विक प्रकोप को देखते हुए देश के नागरिकों को सहायता और राहत प्रदान करने के लिए किया गया है।


अन्य सरकारी संस्थानों, उद्योगपतियों, जानी-मानी हस्तियों और व्यक्तियों के समान ही, पीएफआरडीए के कर्मचारियों ने अपने वेतन का एक हिस्सा योगदान करने का फैसला किया है और पीएफआरडीए, भारत में इस महामारी के खिलाफ सरकार द्वारा लड़ी जा रही लड़ाई में सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।


पीएफआरडीए के चेयरमैन, श्री सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने कहा, “यह सबसे चुनौतीपूर्ण समय में से एक है जिसका सामना आज हमारा देश कर रहा है। इस समय जो सबसे ज्यादा मायने रखता है, वह कोरोनावायरस (कोविड-19) के खिलाफ लड़ाई में जिम्मेदारी को हर संभव तरीके से साझा करना है। पीएफआरडीए इस महामारी की स्थिति के प्रति संवेदनशील है और इस संकट से निपटने में योगदान करना चाहता है।”


पीएफआरडीए के संदर्भ में


पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए), संसद की एक अधिनियम द्वारा स्थापित, वैधानिक प्राधिकरण है, जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) और पेंशन योजनाओं को विनियमित करने, बढ़ावा देने और उसके क्रमिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए है, जिन पर यह अधिनियम लागू होता है। शुरूआत में एनपीएस को 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद सेवा में शामिल हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए अधिसूचित किया गया था और बाद में उसे लगभग सभी राज्य सरकारों द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए अपनाया गया। एनपीएस को स्वैच्छिक आधार पर सभी भारतीय नागरिकों (निवासी/अनिवासी/विदेशी) और कारपोरेट जगत के कर्मचारियों के लिए बढ़ाया गया।


31 मार्च 2020 तक, एनपीएस और अटल पेंशन योजना के अतर्गत ग्राहकों की कुल संख्या 3.45 करोड़ के पार हो गई है और एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 4,17,478 करोड़ रुपये हो गया है। 68 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को एनपीएस के अंतर्गत नामांकित किया गया है और 22 लाख ग्राहकों ने निजी क्षेत्र में एनपीएस की सदस्यता प्राप्त की है, जिसमें 7,568 संस्थाएं कॉरपोरेट के रूप में पंजीकृत हैं। वर्तमान समय में, 2.11 करोड़ से ज्यादा उपभोक्ता सरकार की गारंटी पेंशन योजना - अटल पेंशन योजना के अंतर्गत आते हैं।



 ‘एक्सरसाइज एनसीसी योगदान’ के तहत एनसीसी के कैडेट कोविड-19 से निबटने के राष्ट्रव्यापी अभियान में होंगे शामिल

नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) ने  ‘एक्सरसाइज एनसीसी योगदान’के तहत कोडिट-19 से निबटने के राष्ट्रव्यापी अभियान में नागरिक प्रशासन को मदद की पेशकश की है।एनसीसी ने इसके लिए स्वैच्छिक सेवा देन के इच्छुक अपने कैडेटों के वास्ते अस्थायी रोजगार के दिशा-निर्देश जारी किए हैं, ताकि महामारी से निपटने के कार्यो में शामिल विभिन्न एजेंसियों की ओर से चलाए जा रहे राहत प्रयासों और काम काज के तरीकों को और मजबूत बनाया जा सके।



    योगदान के तहत एनसीसी कैडेटों के लिए निर्धारित कार्यों में , हेल्पलाइन / कॉल सेंटर का प्रबंधन; राहत सामग्री / दवाओं / खाद्य / आवश्यक वस्तुओं का वितरण; सामुदायिक सहायता; डेटा प्रबंधन और सार्वजनिक स्थानों पर लोगों के लिए कतार में खडे होने की व्यवस्था करना तथा यातायात प्रबंधन शामिल है। दिशानिर्देशों के अनुसार, कैडेटों को कानून और व्यवस्था की स्थिति से निपटने, सक्रिय सैन्य ड्यूटियों तथा कोरोना के हॉट स्पाट बन चुके स्थानों पर तैनात नहीं किया जा सकता है।


    दिशानिर्देशों के अनुसार अस्थायी रोजगार की व्यवस्था के तहत केवल 18 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ मंडल कैडट ही नियुक्त किए जा सकते हैं। उन्हें स्थायी प्रशिक्षक स्टाफ या एक एसोसिएट एनसीसी अधिकारी की देखरेख में आठ से 20  छोटे समूहों में नियोजित किया जाना चाहिए।


      स्वैच्छिक सेवा देने के इच्छुक ऐसे कैडेटों की नियुक्ति के लिए, राज्य सरकारों / जिला प्रशासन को राज्य एनसीसी निदेशालयों के माध्यम से अपनी आवश्यकताऐं प्रेषित करनी होंगी। इसका विवरण एनसीसी निदेशालय / समूह मुख्यालय / इकाई स्तर पर राज्य सरकार / स्थानीय नागरिक प्राधिकरण के साथ समन्वित किया जाएगा।  कैडेटों को ड्यूटी पर तैनात करने से पहले , जमीनी हालात और निर्धारित आवश्यकताओं को सुनिश्चित किया जाना जरूरी है।


      रक्षा मंत्रालय के अ​धीन कार्यरत एनसीसी देश का सबसे बड़ा वर्दीवाला युवा संगठन है जो  विभिन्न तरत की सामाजिक सेवा और सामुदायिक विकास की गतिविधियां संचालित करता है।  एनसीसी के कैडेट अपने संगठन की स्थापना के समय से ही  बाढ़ और चक्रवात आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राष्ट्र सेव में योगदान देते रहे हैं।




केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री की सलाह पर सीबीएसई ने संबद्ध स्कूलों को कक्षा 1 से 8 तक के सभी बच्चों को अगली कक्षा/ग्रेड में प्रमोट करने का निर्देश दिया

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने सीबीएसई को कक्षा 1 से 8 तक के सभी विद्यार्थियों को अगली कक्षा/ग्रेड में प्रमोट करने की सलाह दी है। कोविड-19 के कारण बने मौजूदा हालात को देखते हुए उन्होंने बोर्ड से यह भी कहा है कि प्रोजेक्ट्स, पीरियडिक टेस्ट्स, टर्म एग्जाम्स आदि समेत स्कूल आधारित मूल्यांकन पर कक्षा 9 और 11 में पढ़ रहे बोर्ड विद्यार्थियों को अगली कक्षा/ग्रेड में प्रमोट किया जाए। केंद्रीय मंत्री ने यह भी सुझाव दिया है कि 29 प्रमुख विषयों जो प्रमोशन और एचईआई (उच्च शिक्षण संस्थानों) में प्रवेश के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं, के लिए ही बोर्ड परीक्षाएं कराई जाएं और बाकी के विषयों के लिए बोर्ड परीक्षाएं आयोजित नहीं करेगा। ऐसे सभी मामलों में अंकन/मूल्यांकन के लिए निर्देश बोर्ड की तरफ से अलग से जारी किए जाएंगे।


एहतियाती उपाय के तौर पर और 18 मार्च 2020 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त निर्देशों के अनुपालन में, सीबीएसई ने 19 मार्च 2020 से 31 मार्च 2020 के बीच होने वाली सभी बोर्ड परीक्षाओं को स्थगित कर दिया था। 18 मार्च 2020 को बोर्ड की प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि हालात की फिर से समीक्षा करने के बाद प्रेस विज्ञप्ति और अपनी वेबसाइट के माध्यम से दोबारा से निर्धारित की गई बोर्ड परीक्षाओं की तारीखों के बारे में जानकारी दी जाएगी।


बोर्ड अपने विद्यार्थियों के शैक्षणिक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है इसलिए बोर्ड लगातार स्थिति का आकलन कर रहा है और विद्यार्थियों, अभिभावकों और स्कूलों की चिंता को कम करना चाहता है। कोविड-19 के दुनियाभर में फैलने से बनी असाधारण परिस्थितियों और देशव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर और छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को लेकर अपने हितधारकों द्वारा उठाए गए सवालों को देखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सुझाव के अनुसार, बोर्ड अपने से संबद्ध सभी स्कूलों को एक बार के उपाय के तौर पर निम्नलिखित सलाह/सूचना देता है:


1- कक्षा 1 से 8 के लिए: कक्षा 1 से 8 तक की कक्षाओं में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों को अगली कक्षा/ग्रेड में प्रमोट किया जा सकता है। यह एडवाइजरी एनसीईआरटी से परामर्श के बाद जारी की जा रही है।


2- कक्षा 9 और 11 के लिए: हमारे संज्ञान में आया है कि वैसे तो सीबीएसई से संबद्ध कई स्कूलों ने 2019-20 के शैक्षणिक सत्र में ग्रेड 9 और 11 में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की परीक्षाएं, मूल्यांकन और प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी कर ली है, लेकिन कई स्कूल ऐसे हैं जो अब तक ऐसा नहीं कर पाए हैं। इनमें अन्य के साथ केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, राज्यों/केंद्रशासित सरकारों के स्कूल, निजी स्कूल, भारत और विदेश में स्थित स्कूल आदि शामिल हैं। ऐसे सभी स्कूलों को सलाह दी जाती है कि वे अब तक किए गए प्रोजेक्ट वर्क, पीरियडिक टेस्ट्स, टर्म एग्जाम आदि समेत स्कूल आधारित मूल्यांकन के आधार पर 9वीं और 11वीं ग्रेड के विद्यार्थियों को अगली ग्रेड में प्रमोट करें। कोई भी बच्चा, जो इस आंतरिक प्रक्रिया (किसी भी विषय में) को पास करने में असमर्थ है तो स्कूल इस अवधि का इस्तेमाल इसका उपाय निकालने में कर सकता है और स्कूल ऐसे छात्रों के लिए स्कूल आधारित टेस्ट, ऑनलाइन या ऑफलाइन का एक मौका दे सकता है। ऐसे टेस्ट के आधार पर इस तरह के बच्चों का प्रमोशन तय किया जा सकता है।


3- कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षा का शेड्यूल: कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाएं फिर से निर्धारित करने के संबंध में सूचित किया जाता है कि इस परिस्थिति में बोर्ड के लिए परीक्षाओं का नया शेड्यूल तय कर उसकी घोषणा करना मुश्किल है। हालांकि यह सूचित किया जाता है कि परीक्षाओं के संबंध में बोर्ड का कोई भी फैसला उच्च शिक्षा अधिकारियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श कर और प्रवेश परीक्षा, प्रवेश तिथि आदि संबंधित सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर लिया जाएगा। इस संदर्भ में यह भी सूचित किया जाता है कि बोर्ड परीक्षाएं शुरू करने से पहले बोर्ड सभी हितधारकों को करीब 10 दिनों का नोटिस देगा।


4. बोर्ड परीक्षाओं के लिए विषय: यह सूचित किया जाता है कि कोविड-19 महामारी से बने हालात के कारण बोर्ड 8 परीक्षा दिवसों पर परीक्षा नहीं करा सका। इसके अलावा उत्तर पूर्वी दिल्ली जिले में कानून और व्यवस्था की स्थिति के कारण बोर्ड 4 परीक्षा दिवसों पर परीक्षा आयोजित नहीं करा सका था। वहीं, इस जिले और आसपास के काफी कम छात्र 6 परीक्षा तिथियों पर परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए थे।


असाधारण परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बोर्ड इस संबंध में अपनी नीति की समीक्षा करने के लिए मजबूर हुआ है। सामान्य परिस्थितियों में बोर्ड को 18 मार्च 2020 के बाद न होने वाली या किसी अन्य कारणों से स्थगित सभी परीक्षाओं को आयोजित करने में कोई हिचकिचाहट न होती। लेकिन वर्तमान स्थिति में बोर्ड ने निम्नानुसार निर्णय लिया है:



  • बोर्ड केवल उन मुख्य विषयों के लिए परीक्षाएं आयोजित करेगा जो अगली कक्षा में पास करने के लिए आवश्यक होंगे और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

  • बोर्ड बाकी विषयों के लिए परीक्षाएं आयोजित नहीं करेगा; ऐसे सभी मामलों में अंकन/मूल्यांकन के लिए बोर्ड की ओर से अलग से निर्देश जारी किए जाएंगे।

  • इस प्रकार से बोर्ड जब कभी परीक्षाएं आयोजित करने की स्थिति में होगा तो वह निम्नलिखित केवल 29 विषयों के लिए ही परीक्षाएं आयोजित करेगा:




























कक्षा 10 के विषय, जिनकी परीक्षाएं आयोजित होंगी



12वीं के विषय, जिनकी परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी



पूरे देश में आयोजित करने के लिए



उत्तर पूर्व दिल्ली में आयोजित करने के लिए



पूरे देश में आयोजित होंगी



उत्तर पूर्वी दिल्ली के लिए



 


कुछ नहीं



1.हिंदी कोर्स ए


2.हिंदी कोर्स बी


3.इंग्लिश कम्युनिकेशन


4.अंग्रेजी भाषा और साहित्य


5. विज्ञान


6.सामाजिक विज्ञान



1.बिजनस अध्ययन


2. भूगोल


3. हिंदी (वैकल्पिक)


4. हिंदी (कोर)


5. गृह विज्ञान


6. समाज शास्त्र


7. कंप्यूटर साइंस (ओल्ड)


8. कंप्यूटर साइंस (न्यू)


9. इन्फॉर्मेशन प्रैक्टिस (ओल्ड)


10.इन्फॉर्मेशन प्रैक्टिस (न्यू)


11. इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी 12. बायो-टेक्नोलॉजी



1.अंग्रजी वैकल्पिक- एन


2. अंग्रेजी वैकल्पिक- सी


3. अंग्रेजी कोर


4. गणित


5. अर्थशास्त्र


6. जीव विज्ञान


7. राजनीति विज्ञान


8. इतिहास


9. भौतिकी


10. लेखाशास्त्र


11. रसायनशास्त्र



कुछ नहीं



06


 



12


 



11



 


 


 


5- विदेशों में सीबीएसई स्कूल: 25 देशों में सीबीएसई के स्कूल हैं। इनमें से हर किसी देश में लॉकडाउन चल रहा है और/या अलग-अलग समयावधि के लिए स्कूलों को बंद रखने का फैसला किया गया है। ऐसी परिस्थितियों में यह महसूस होता है कि बोर्ड इनमें से हर एक देश के लिए अलग परीक्षा आयोजित करने की स्थिति में नहीं होगा। इसके साथ ही मौजूदा हालात में उत्तर पुस्तिकाओं को मूल्यांकन प्रक्रिया के लिए भारत लाना मुश्किल होगा। ऐसे में बोर्ड ने भारत के बाहर स्थित स्कूलों के 10वीं और 12वीं की कक्षा के विद्यार्थियों के लिए कोई और परीक्षा आयोजित नहीं करने का निर्णय लिया है। परिणाम घोषित करने के उद्देश्य से अंकन/मूल्यांकन की प्रणाली जल्द ही बोर्ड तय करेगा और इन स्कूलों को सूचना दे दी जाएगी।


6- मूल्यांकन कार्य: वर्तमान स्थिति के कारण बोर्ड अपना मूल्यांकन कार्य जारी रखने की स्थिति में नहीं है। बदली हुई परिस्थितियों में मूल्यांकन को लेकर बोर्ड आगे निर्देश लेकर आएगा। ये निर्देश और देश के विभिन्न मूल्यांकन केंद्रों में काम फिर से शुरू करने की तारीखों की घोषणा इस स्तर पर नहीं हो सकती है। हालांकि बोर्ड मूल्यांकन कार्य को फिर से शुरू करने के लिए सभी मूल्यांकन केंद्रों से संबंधित मुख्य नोडल पर्यवेक्षकों, मुख्य परीक्षकों, मूल्यांकनकर्ताओं, समन्वयकों आदि को 3-4 दिनों का नोटिस देगा।


7- अफवाहों से बचें: अफवाहों से गुमराह होने से बचने के लिए सभी हितधारकों को सूचित किया जाता है कि वे केवल बोर्ड की वेबसाइट पर बोर्ड द्वारा की गई आधिकारिक घोषणाओं पर ही भरोसा करें। सभी से अनुरोध है कि वे ताजा अपडेट के लिए केवल बोर्ड की वेबसाइट www.cbse.nic.in या इसके सोशल मीडिया हैंडल देखते रहें, जो इस प्रकार हैं:


इंस्टाग्राम : https://instagram.com/cbse_hq_1929 


ट्विटर : https://twitter.com/@cbseindia29


फेसबुक : https://www.facebook.com/cbseindia29/


8- सभी विद्यार्थियों को सूचित करें स्कूल: सभी स्कूलों से अनुरोध है कि वे यह सुनिश्चित करें कि यह जानकारी संबंधित स्कूलों द्वारा सभी छात्रों तक पहुंचा दी जाए।



लाइफलाइन उड़ान सेवाओं के तहत 70,000 किमी से अधिक की हवाई दूरी तय की गई

लाइफलाइन उड़ान कार्गो सेवाओं के तहत अब तक परिचालित74 उड़ानों में से 56 उड़ानों का संचालन एयर इंडिया समूह द्वारा किया गया है। छह दिनों (26 से 31 मार्च 2020) की अवधि में इन उड़ानों का परिचालन एयर इंडिया, अलायंस एयर, भारतीय वायु सेना, पवन हंस और निजी वाहकों द्वारा किया गया। लाइफलाइन उड़ान सेवा के तहत अब तक 70,000 किमी से अधिक की हवाई दूरी तय की गई है और इसके जरिये अब तक करीब 38 टन कार्गो की ढुलाई की गई है। हवाई अड्डों तक और वहां से कार्गो के सड़क परिवहन और विमानन कर्मियों की आवाजाही में लॉजिस्टिक संबंधी उल्‍लेखनीय चुनौतियों के बावजूद लाइफलाइन उड़ान सेवाओं का परिचालन किया जा रहा है।


 






















































































क्रम संख्‍या



तिथि



एयर इंडिया



अलायंस



भारतीय वायु सेना



इंडिगो



स्‍पाइसजेट



कुल परिचालित उड़ान



1



26.3.2020



02



-



-



-



02



04



2



27.3.2020



04



09



-



-



-



13



3



28.3.2020



04



08



-



06



-



18



4



29.3.2020



04



10



06



--



-



20



5



30.3.2020



04



-



03



--



-



07



6



31.3.2020



09



02



01



 



 



12



 



कुल उड़ान



27



29



10



06



02



74



 


कार्गो में अधिकतर वस्‍तुएं कम वजन और अधिक मात्रा वाले उत्पाद शामिल थे जैसे मास्क, दस्ताने एवं उपभोग की अन्‍य वस्‍तुएं जिनके लिए प्रति टन कार्गो अधिक स्थान की आवश्यकता होती है। इन वस्‍तुओं को सावधानीपूर्वक एवं उचित देखभाल के साथ यात्रियों के बैठने के स्‍थान पर रखने के लिए विशेष अनुमति दी गई है।


अंतर्राष्ट्रीय मोर्चे पर, नागरिक उड्डयन मंत्रालयऔर एयर इंडिया 3 अप्रैल 2020 से महत्वपूर्ण चिकित्सा आपूर्ति के लिए भारत और चीन के बीच कार्गो एयर-ब्रिज की स्थापना के लिए चीनी अधिकारियों के साथ काम कर रहे हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय और विमानन उद्योग भारत के दूरदराज के क्षेत्रों तककुशलता एवं कम लागत मेंचिकित्‍सा हवाई-कार्गो परिवहन के जरिये कोविड-19 के खिलाफ भारत की इस लड़ाई में मदद के लिए तैयार हैं।


 


लाइफलाइन उड़ान सेवाओं की तिथिवार विवरणइस प्रकार हैं:


* एयर इंडिया और भारतीय वायु सेना ने लद्दाख, दीमापुर, इंफाल, गुवाहाटी और पोर्ट ब्लेयर के लिए आपस में सहयोग किया।