Friday, April 3, 2020

कानपुर पेंट मैन्युफैक्चर वा सेवा दल द्वारा गरीबों को बांटा जा रहा है राशन




कानपुर- जहां पूरे देश में करोना वायरस का हाहाकार मचा है वही चारों तरफ लॉक डाउन है वही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि कोई भी कालाबाजारी नहीं करेगा उचित रेट पर सामान बेचकर गरीबों के हित में काम करेगा और कोई भी गरीब भूखा ना सोए इसके लिए कानपुर पेंट मैन्यूफैक्चर व सेवा दल द्वारा गरीबों को रोज राशन वितरित किया जा रहा है सोशल डिस्टेंस करके जरूरतमंदों को रोज सुबह 9:00 से 11:00 तक गुजैनी एफ  ब्लॉक में राशन वितरित किया जाता है जिससे कई जरूरतमंदों के घर में चूल्हे जलते हैं राशन वितरित करते हुए विनोद पाल व राजू कश्यप ने बताया कि जब से लॉक डाउन हुआ है तब से रोजाना गरीबों को राशन मुफ्त में वितरित किया जाता है और बीच-बीच में भोजन वितरण की भी प्रक्रिया होती है कानपुर महानगर में लोगों को जागरूक होना चाहिए और ऐसे जरूरतमंदों की सहायता करनी चाहिए कमेटी में उपस्थित रहे राजू कश्यप एडवोकेट, विनोद पाल, हरेंद्र प्रताप सिंह ,धीरेंद्र प्रताप सिंह, मोहित प्रजापति आदि लोग उपस्थित रहे कानपुर से विजय कुमार की रिपोर्ट


 

 



 

थाना ठाकुरगंज बालागंज क्षेत्र अंतर्गत जल निगम रोड बिस्मिल्लाह कैंटीन के पास विवाद के कारण चली गोली




पुष्पेंद्र सिंह ब्यूरो चीफ दैनिक अयोध्या टाइम्स लखनऊ

एक तरफ कोरोना के चलते जनता को घर से बाहर निकलने के किये मना जा रहा है। लेकिन जनता  मानने के लिये तैयार नही आपस में विवाद करती जा रही।  लोगो को न तो शासन का डर है। न ही प्रशासन का खौफ है।   पुलिस को तो एक कतपुतली समझ रही है जनता। सूत्रो के मुताबिक थाना ठाकुरगंज क्षेत्र में हरीनगर चौराहे के पास पूर्व की रंजिश को लेकर रम्मन पुत्र मुन्ना नि जल निगम रोड ठाकुरगंज का निज़ाम पुत्र रसूल नि अली कॉलोनी ( दूध का काम ) तथा मो उस्मान पुत्र अब्दुल जब्बार नि नानक नगर ( प्लास्टिक की दुकान ) से बाद विवाद हुआ तथा रम्मन द्वारा फायरिंग कर दी गई जिसमें मो उस्मान के दाहिने कंधे में चोट आयी उसे ट्रामा सेंटर भेजा गया जहां उसकी स्थिति खतरे से बाहर है |   निज़ाम जिसका पूर्व से रम्मन से विवाद था उसके हाथ में मामूली खरोंच आई है |     प्रकरण में निज़ाम की तहरीर पर अभियुक्त रम्मन , राजू , सूफियान  के विरूद्ध थाना ठाकुरगंज पर अभियोग पंजीकृत कर अभियुक्तगण की गिरफ्तारी हेतु प्रयास किया जा रहा है |


 

 



 

*मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कोरोना में जनता की मदद को लेकर दावे फेल होते नज़र आ रहे है उत्तर प्रदेश की पुलिस व* *@cell112uttarpradesh ने मुख्यमंत्री के आदेशों को रखा तक पर*




*दैनिक अयोध्या टाइम्स समाचार*

*कोई गरीब भूखा नही रहेगा सिर्फ हवा हवाई*

कोरोना के  चलते मुख्यमंत्री यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा लोगो को लगातार बताया गया और जा भी रहा  है कि कोई भी समस्या हो तो @cell112uttarpradesh पर कॉल कर सहायता मांग सकते है पर साहब कुछ लोगो की मदद कर उत्तरप्रदेश प्रशासन  सोशल मीडिया का किंग बनजाता है  लोग अपनी गुहार ही लगाते रहते है @cell112uttarpradesh सिर्फ आश्वासन ही देता है लगभग 20, 20  घण्टे  सूचना ही दर्ज होती रहती है मदद के नाम पर सिर्फ आश्वासन  बताते चले कल दोपहर लखनऊ प्रशासन को 1 ट्वीट किया गया जिसमें तहनूर नाम की महिला ने 1 वीडियो बनाकर प्रशासन से मदद मांगी cell112uttarpradesh ने मदद की तत्काल आश्वासन भी दिया और तो और आपात सहायता हेतु इवेंट आईडी p02042017036भी दी गयी पर मदद के नाम पर आज लगभग 20 घण्टे होने को आए आज भी सिर्फ ज़ुबानी सहारा ही दिया जा रहा है पीड़ित ने सोशल मीडिया की तरफ से आज फिर 1 वीडियो के सहारे सरकार व लखनऊ प्रशासन से मदद मांगी पर समाचार लिखे जाने तक महिला को कोई भी सहायता नही प्राप्त हुई



 

 

अब  देखना ये है कि 2 दिन से मदद मांग रही इस महिला को शासन प्रशासन कोई मदद करता है या ये गरीब युही मदद की गुहार लगाते हुवे मायूसी के साथ लौकडॉन खुलने का इन्तिज़ार करेगी| 

महिला के लिए कल से आज तक किये गए ट्वीट के स्क्रीन शार्ट समाचार में उपलब्ध है|


 

 




 


तुम दुःख मेरे नाम करो

प्रथम प्रेम का प्रथम निवेदन
तुम मेरा स्वीकार करो
पूरी हो मेरी अभिलाषा
बस थोड़ा उपकार करो..।।

मेरी चाहत के पन्नों पर
नाम तुम्हारा अंकित हो
प्रेम की स्याही से लिख दो तुम
बस मेरा ये काम करो..।।

मैं जीवन ये अर्पण कर दूं
आदेश मुझे थोड़ा दे दो
हो प्रेम अंकुरित अपना भी
बस थोड़ा सा प्रयास करो..।।

मिले मुझे भी प्रेम आपका
प्रेम पुजारी मैं बन जाऊं
अपना हर सुख मैं दे दूंगा
तुम दुःख मेरे नाम करो..।।
तुम दुःख मेरे नाम करो..।।


कोविड-19 से लड़ने में युद्ध स्तर पर जुटे सीएसआईआर के वैज्ञानिक

कोविड-19 महामारी के संकट को देखते हुए यह सवाल पूछा जा रहा है कि इस जिद्दी वायरस से लड़ने के लिए भारत के वैज्ञानिक आखिर क्या कर रहे हैं! लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद की स्थितियों से निपटने में देश के वैज्ञानिकों का योगदान क्या हो सकता है? उनके प्रयासों से कौन से उपचार उभर सकते हैं? कोविड-19 वायरस से लड़ने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, डीआरडीओ और जैव प्रौद्योगिकी विभाग समेत देश के विभिन्न सार्वजनिक एवं निजी संस्थान कार्य कर रहे हैं। लेकिन, सार्वजनिक क्षेत्र के जिन संस्थानों से यह अपेक्षा सबसे अधिक की जा रही है, उनमें वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) अग्रिम पंक्ति में शामिल है।


विभिन्न क्षेत्रों की प्रौद्योगिकियों के विकास से जुड़ीं सीएसआईआर की 38  वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं का नेटवर्क देशभर में फैला हुआ है, जो इस महामारी से लड़ने के लिए कार्य कर रही हैं। सीएसआईआर ने दो अलग-अलग योजनाओं के अंतर्गत कोविड-19 से निपटने के लिए शोध प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। पहली योजना के तहत शोध प्रस्ताव उद्योगों या स्टार्टअप कंपनियों से मंगाए गए हैं। भारत में पंजीकृत 50 प्रतिशत से अधिक भारतीय शेयरधारक कंपनियां इसके तहत शोध प्रस्ताव भेज सकती हैं। जिन कंपनियों के भारतीय शेयर 50 प्रतिशत से कम हैं और उनकी विनिर्माण इकाई भारत में है, वे भी इस योजना के अंतर्गत प्रस्ताव भेज सकती हैं। दूसरी योजना के अंतर्गत सीएसआईआर प्रयोगशालाओं से शोध प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं, ताकि किफायती और त्वरित डायग्नोस्टिक किट विकसित की जा सकें। इन दोनों योजनाओं के तहत शोध प्रस्ताव 5 अप्रैल तक भेजे जा सकते हैं।


कोरोना संक्रमण के संदिग्ध व्यक्तियों के नमूनों का परीक्षण प्रभावित लोगों की पहचान करने के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन, परीक्षण उपकरण बहुत महंगे हैं, जिसके कारण इनकी पहुँच सीमित है। उदाहरण के लिए, आरटी-पीसीआर मशीन की कीमत सुविधाओं के आधार पर 10 से 20 लाख रुपये के बीच होती है। कोविड-19 से लड़ने के लिए सीएसआईआर के वैज्ञानिक कोराना के परीक्षण के लिए किफायती पेपर किट विकसित कर रहे हैं, जो क्षणों में ही वायरस की पहचान कर सकता है।


सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ शेखर सी. मांडे ने बताया कि नई दिल्ली स्थित “जिनोमिकी और समवेत जीव विज्ञान संस्थान (आईजीआईबी) के वैज्ञानिक जल्दी ही कोराना के परीक्षण के लिए यह किट विकसित कर लेंगे। इस किट के उपयोग से जाँच की लागत सिर्फ 100 रुपये आएगी और इसकी मदद से कहीं पर भी कोरोना का परीक्षण किया जा सकेगा।” इसके साथ ही, सीएसआईआर सीरो-डायग्नोस्टिक्स (रक्त सीरम के अध्ययन पर आधारित निदान) भी ला रहा है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल बायोलॉजी, कोलकाता और आईजीआईबी, नई दिल्ली के वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं।


कोविड-19 से निपटने के लिए सीएसआईआर पाँच सूत्रीय एजेंडा पर काम कर रहा है। इनमें बीमारी के खतरे और उसकी प्रकृति को समझने के लिए आणविक स्तर पर निगरानी, किफायती जाँच किट बनाना, दवा का विकसित करना, अस्पतालों व निजी सुरक्षा उपकरणों का विकास और चिकित्सकीय उपकरणों की आपूर्ति शामिल है। सीएसआईआर की कोर टीम, जिसमें इसकी प्रयोगशालाओं के आठ निदेशक शामिल हैं, महानिदेशक, डॉ शेखर मांडे के नेतृत्व में कोविड-19 से लड़ने के लिए काम कर रहे हैं।


कोविड-19 से जुड़े विभिन्न आयामों पर केंद्रित होकर कार्य करने के लिए सीएसआईआर ने कुछ कंपनियों के साथ करार भी किया है। इन कंपनियों में बीएचईएल और सिप्ला के अलावा टीसीएस शामिल है। किसी बीमारी के उभरने पर दूसरे रोगों में उपयोग होने वाली दवाओं का उपयोग उस बीमारी के उपचार के लिए किया जाता है। कोविड-19 से लड़ने के लिए भी इसी तरह की रणनीति अपनायी जा रही है। कम समय में दवाओं के उत्पादन के लिए सीएसआईआर नई प्रक्रियाएं विकसित कर रहा है। इसके लिए, सिप्ला जैसी दवा कंपनी और सॉफ्टवेयर जगत की दिग्गज कंपनी टीसीएस की लाइफ-साइंस विंग से करार किया गया है।


सीएसआईआर की तीन प्रयोगशालाओं – राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला (एनसीएल), पुणे, केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई), लखनऊ और भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी), हैदराबाद के वैज्ञानिक दवा के विकास पर काम कर रहे हैं। इसके लिए दवा कंपनी सिप्ला और कैडिला जायडस से एमओयू किया गया है। दूसरी ओर, अस्पताल व निजी सुरक्षा उपकरण बनाने के लिए बीएचईएल के साथ मिलकर कार्य शुरू किया गया है। सीएसआईआर बीएचईएल के साथ मिलकर इलेक्ट्रोस्टेटिक-स्प्रेयर और 10 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक के वेंटिलेटर विकसित कर रहा है। ये किफायती वेंटिलेटर हैं, जिनको विकसित करने का उद्देश्य देश के हर अस्पताल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इसकी पहुँच को आसान बनाना है।


कोरोना वायरस के उपचार के लिए सीएसआईआर के सहयोग से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करके टीसीएस नई रासायनिक संरचनाओं को डिजाइन कर रहा है। टीसीएस इनोवेशन लैब्स के एक ताजा शोध के अनुसार, उन्होंने "3CL प्रोटीज को रोकने में सक्षम नए छोटे अणुओं के डिजाइन के लिए "डीप न्यूरल नेटवर्क आधारित जेनरेटिव तथा प्रिडिक्टिव मॉडल का उपयोग किया है। इस तरह, उत्पन्न अणुओं का परीक्षण SARS-CoV-2 की 3CLप्रोटीज संरचना की बाइंडिंग साइट के खिलाफ किया गया है। शोधकर्ताओं ने SARS-CoV-2 के खिलाफ संश्लेषण और परीक्षण के लिए 31 संभावित यौगिकों की पहचान की है।


हैदराबाद स्थित कोशकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) कोविड-19 वायरस से संक्रमित लोगों से लिए गए नमूनों का संपूर्ण जीन अनुक्रमण कर रहा है। सीसीएमबी के निदेशक डॉ राकेश के मिश्रा ने कहा है कि "बड़े पैमाने पर जीनोम अनुक्रमण से हमें इस वायरस की प्रकृति, रूपांतरण की दर और प्रसार के संभावित मार्गों के बारे में समझने में मदद मिल सकती है।" जीनोम जीवों की आनुवंशिक सामग्री है और जीनोम अनुक्रमण जीवों के जीनोम की पहचान करने का विज्ञान है।


सीएसआईआर से संबद्ध कोलकाता स्थित एक अन्य प्रयोगशाला भारतीय रासायनिक जीवविज्ञान संस्थान (आईआईसीबी) के वैज्ञानिकों ने कोरोना प्रोटीन्स के खिलाफ "अवरोधक" खोजने के लिए एक शोध प्रस्ताव तैयार किया है। वैज्ञानिक ऐसे बायोकेमिकल का पता लगाना चाहते हैं, जो नये कोरोना वायरस को मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोक सके। आईआईसीबी स्थानीय अस्पतालों को तकनीकी सहयोग और आरटी-पीसीआर मशीनें भी उपलब्ध करा रहा है। इन मशीनों का उपयोग जीन अभिव्यक्ति का अध्ययन करने के लिए किया जाता है, जो आनुवंशिक रोगों के निदान और ड्रग थेरेपी की निगरानी के लिए आवश्यक है।


मास्क और सैनेटाइजर का उपयोग कोविड-19 वायरस से सुरक्षा की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। कम कीमत में इसकी उपलब्धता को बनाए रखने के लिए सीएसआईआर गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) से संपर्क कर रहा है। सीएसआईआर ने कई ऐसी तकनीकें विकसित की हैं, जो बाजार में बिकने योग्य उत्पाद बनाने में ग्रामीणों के लिए मददगार हो सकती हैं। लॉकडाउन के बाद अपने घरों को लौट रहे प्रवासी कामगारों को स्थानीय स्तर पर इन प्रौद्योगिकियों के उपयोग से नये उत्पाद बनाकर आमदनी का अवसर मिल सकता है। कुछ स्थानों पर ग्रामीणों को मास्क और सैनेटाइजर जैसे उत्पाद बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है, जिसमें एनजीओ की भूमिका अहम हो सकती है। इस बीच सीएसआईआर की कई प्रयोगशालाएं सैनेटाइजर बनाकर वितरित कर रही हैं।


देश के विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों द्वारा कोविड-19 को हराने के लिए किए जा रहे सैकड़ों प्रयासों की यह एक छोटी-सी झलक है, जो फलीभूत होती है, तो कोविड-19 को परास्त करना कठिन नहीं होगा।



आईबीबीआई ने ‘कोविड-19’ के प्रकोप के कारण ‘सीआईआरपी’ नियमों में संशोधन किए

‘कोविड-19’ की वजह से लागू किए गए लॉकडाउन के कारण हो रही कठिनाई को दूर करने के लिए भारतीय दिवाला एवं दिवालियापन बोर्ड (आईबीबीआई) ने ‘सीआईआरपी’ नियमों में संशोधन कर संबंधित लोगों को सहूलियत दी है। इसमें बताया गया है कि कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए लॉकडाउन की अवधि को कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया से संबंधित ऐसे किसी भी कार्य के लिए तय की गई समय सीमा में नहीं गिना जाएगा, जो लॉकडाaउन के कारण पूरा नहीं हो सका। हालांकि, इसके तहत संबंधित संहिता (कोड) में दी गई समग्र समय सीमा को ध्‍यान में रखा जाएगा।


  आईबीबीआई ने 29 मार्च, 2020 को भारतीय दिवाला एवं दिवालियापन बोर्ड (कॉरपोरेट व्यक्तियों के लिए दिवाला समाधान प्रक्रिया) नियम, 2016 (सीआईआरपी नियम) में संशोधन किए।


   भारत सरकार ने कोविड-19 को फैलने से रोकने और इसे नियंत्रण में रखने के ठोस कदम के तहत 25 मार्च, 2020 से 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की है। लॉकडाउन की अवधि के दौरान दिवाला से जुड़े प्रोफेशनलों के लिए प्रक्रिया का संचालन जारी रखना, कर्जदाताओं की समिति के सदस्यों के लिए बैठकों में भाग लेना और समाधान संबंधी संभावित आवेदकों के लिए समाधान योजनाओं को तैयार करना एवं प्रस्तुत करना मुश्किल है। अत: इस स्थिति में सीआईआरपी नियमों में निर्दिष्ट समयसीमा के भीतर किसी कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया के दौरान विभिन्न कार्यों को पूरा करना मुश्किल हो सकता है।


   संशोधित नियम 29 मार्च, 2020 से प्रभावी हो गए हैं। ये www.mca.gov.in और www.ibbi.gov.in पर उपलब्ध हैं।


 



रेल तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कोविड-19 से लड़ने के राष्ट्रीय प्रयासों को बढ़ाने की भारतीय रेल की तैयारियों की समीक्षा की

रेल तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने भारतीय रेल के अधिकारियों को अपनी सर्वश्रेष्ठ मानवीय क्षमताओं एवं संसाधनों के अनुसार भोजन एवं अन्य सहायता के साथ जरुरतमंद लोगों के पास पहुंचने का निर्देश दिया है।


आईआरसीटीसी एवं आरपीएफ जैसे रेलवे के संगठन पहले ही जरुरतमंद लोगों के लिए निशुल्क भोजन के वितरण से जुड़ चुके हैं। मंत्री ने कहा कि रेलवे को अपने प्रयासों का दायरा बढ़ाना चाहिए और जिला अधिकारियों तथा एनजीओ आदि के परामर्श से रेलवे स्टेशनों से दूर के क्षेत्रों तक पहुंचना चाहिए।


बैठक में रेल राज्य मंत्री श्री सुरेश अंगडी, रेलवे बोर्ड के सदस्य, जीएम एवं देश भर से पीएसयू के प्रमुखों ने भाग लिया जो वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जुड़़े हुए थे।


अभी तक कोरोना से लड़ने में असाधारण कार्य करने एवं आइसोलेशन कोचों के रूप में यात्री कोचों को बदलने जैसे नवोन्मेषी समाधानों को अपनाने के लिए रेलवे की सराहना करते हुए श्री पीयूष गोयल ने विश्वास जताया कि सभी जोन इन कोचों को पूर्ण रूप से तैयार करने की चुनौती को पूरी करेंगे और इन्हें जल्द से जल्द इससे लैस कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 5000 कोचों की पहली खेप के रूपांतरण पर कार्य पहले ही चरणबद्ध तरीके से आरंभ हो चुका है।


रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने मंत्री को जानकारी दी कि प्रधानमंत्री की राष्ट्र को अपील के बाद पीएम केयर फंड में 151 करोड़ रुपये का योगदान दिया गया। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष श्री विनोद कुमार यादव ने सूचित किया कि भारतीय रेल एवं रेल पीएसयू के कर्मचारियों ने एक दिन का वेतन न लेने और उसे पीएम केयर फंड में देने का फैसला किया है। रेल के कई पीएसयू भी राष्ट्रीय प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए फंड में योगदान देने की योजना बना रहे हैं।


महत्वपूर्ण वस्तुओं की आपूर्ति के लिए विशेष पार्सल रेलगाड़ी चलाने की समीक्षा करते हुए, श्री पीयूष गोयल ने अधिकारियों को और अधिक रूटों पर इन सेवाओं को उपलब्ध कराने को कहा जिससे कि दवाओं, अनिवार्य उपकरणों, खाद्य वस्तुओं की त्वरित समय में देश भर में आपूर्ति हो सके। ई-कॉमर्स कंपनियों और अन्य महत्वपूर्ण वस्तुओं जिनकी कम मात्रा में आवश्यकता होती है, के आपूर्तिकर्ताओं को पार्सल रेलगाडि़यों से लाभ पहुंचेगा। विशेष पार्सल रेलगाडि़यां पहले ही 8 रूटों पर चल रही हैं और विभिन्न जोनों में 20 और की योजना है।


श्री पीयूष गोयल ने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ाई में अगले कुछ सप्ताह महत्वपूर्ण हैं और हममें से सभी के संकल्पित प्रयास यह सुनिश्चित करेगा कि देश इस लड़ाई में विजयी रहे।


मंत्री ने कहा कि इतिहास में पहली बार किसी भी यात्री की किसी रेल दुर्घटना में मृत्यु नहीं हुई। अब हम यह सुनिश्चित करने पर काम कर रहे हैं कि कोविड-19 का भारत पर न्यूनतम प्रभाव पडे।



जेएनसीएएसआर ने कोटिंग विकसित की, संक्रमण रोकने मदद में मिल सकती है

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत आने वाले स्वायत्त संस्थान जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड सांइसटफिक रिसर्च (जेएनसीएएसआर) ने एक एंटी-माइक्रोबियल कोटिंग विकसित की है। इसे कपड़े, प्लास्टिक पर लगाने से कोविड-19 जैसे वायरस मर जाएंगे।  


रासायनिक पदार्थों को मिलाकर तैयार किए गए इस सहसंयोजक कोटिंग को लेकर किए अनुसंधान संबंधी शोध पत्र को रिसर्च जर्नल 'एप्लाइड मैटेरियल एंड इंटरफेस' ने स्वीकार कर लिया है। शोध में पाया गया कि यह कोटिंग मेथिसिलिन प्रतिरोधी स्टैफिलोकोकस ऑरियस और फ्लुकोनाज़ोल प्रतिरोधी सी. अल्बिकंस एसपीपी सहित रोगजनक बैक्टीरिया और कवक से बचाने के साथ ही इन्फ्लूएंजा वायरस को पूरी तरह खत्म कर देगा।   


हाल ही में सामने आए सार्स-कोवी-2 हालिया प्रकोप ने वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य में अभूतपूर्व हलचल पैदा की है। कोरोना वायरस भी इन्फ्लूएंजा की तरह ही है। इसलिए यह अनुमान है कि कोटिंग से संपर्क में आने पर सार्स-कोवी-2 को निष्क्रिय कर सकती है और विभिन्न सतहों पर इसे लेपित करने पर यह संक्रमण को रोकने में मदद कर सकती है।


अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि, "आज तक, हमारी जानकारी में कोई सहसंयोजक कोटिंग रणनीति नहीं है जो सभी वायरस, बैक्टीरिया और कवक को खत्म सकती है।" इस कोटिंग को विभिन्न सतहों पर लगाया जा सकता है, और इसकी सुलभता और मजबूती कोटिंग की खरीद कुशल कर्मियों की आवश्यकता को पूरा कर सकती है।


विकसित अणुओं में यूवी विकिरण पर विभिन्न सतहों के साथ रासायनिक रूप से क्रॉस-लिंक करने की क्षमता होती है। कोटिंग का इस्तेमाल रोगजनकों (यानी बैक्टीरिया) की झिल्ली को निष्क्रिय करने में अग्रणी भूमिका निभा सकता है।


माइक्रोबियल संक्रमण और अलग-अलग सतहों पर इसे लगाने से सामुदायिक संक्रमण को रोकने के साथ-साथ स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था में यह एक प्रमुख भूमिका निभाएगा। इसे ध्यान में रखते हुए, दैनिक जीवन में और साथ ही नैदानिक व्यवस्था में उपयोग की जाने वाली कई प्रकार की वस्तुओं को कोट करने के लिए एक सहज नजरिये के साथ इसे विकसित किया गया था।


अणु की एक विस्तृत श्रृंखला (जैसे कि पानी, इथेनॉल, क्लोरोफॉर्म इत्यादि) में उनकी इष्टतम घुलनशीलता को ध्यान में रखते हुए और आसानी से और उच्च क्षमता के साथ तीन से चार लेयर वाली सिंथेटिक रणनीति के साथ एक लागत प्रभावी डिजाइन तैयार किया गया था। अणु कपड़ा, पॉलीयुरेथेन, पॉलीप्रोपाइलीन, पॉलीस्टीरिन आदि विभिन्न वस्तुओं पर लगे होते हैं, जो कि हमारे आस-पास दिखाई देने वाली अधिकांश वस्तुओं का निर्माण करते हैं। संक्षेप में कहें तो कपड़े पर इसकी कोटिंग का तरीका बताते हैं। कोटिंग करने के लिए इसे पानी में मिलाकर कपड़े की चादर को उसमें डुबोना होगा। जबकि अन्य मामलों में इथेनॉल सब्सट्रेट पर यूवी विकिरण के द्वारा इसकी कोटिंग की जाती है। कोटिंग के बाद, सतहों का मूल्यांकन उनके जीवाणुरोधी, एंटिफंगल और एंटीवायरल गतिविधि के लिए किया जा चुका है।


कोरोना वायरस के मौजूदा प्रकोप को ध्यान में रखते हुए, यदि इसका इस्तेमाल किया जाए, तो सीआरओ (कॉन्ट्रैक्ट रिसर्च ऑर्गनाइजेशन) के माध्यम से अणु को बड़े पैमाने पर संश्लेषित किया जा सकता है और निजी संगठनों के साथ मिलकर इसे विभिन्न व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपकरण जैसे मास्क, दस्ताने, गाउन आदि पर लेपित किया जा सकता है। इस कोटिंग को अस्पताल-अधिग्रहित या नोसोकोमियल संक्रमण से बचने के लिए अन्य चिकित्सा उपकरणों और उपकरणों पर भी लेपित किया जा सकता है।



Thursday, April 2, 2020

भारत सरकार के ट्रेजरी बिलों की नीलामी का कैलेंडर (जून 2020 में समाप्त होने वाली तिमाही के लिए)

भारत सरकार नेभारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श सेजून 2020 में समाप्‍त तिमाही के लिए ट्रेजरी बिल जारी करने के लिए रकम को अधिसूचित करने का निर्णय लिया हैजो इस प्रकार हैं:











































































































ट्रेजरी बिल की नीलामी के लिए अधिसूचित राशि


(1 अप्रैल2020 से 30 जून2020)


(करोड़रुपये में)



नीलामी की तिथि



91 दिन



182 दिन



364 दिन



कुल



08 अप्रैल, 2020



10,000



8,000



7,000



25,000



15 अप्रैल, 2020



10,000



8,000



7,000



25,000



22 अप्रैल, 2020



10,000



8,000



7,000



25,000



29 अप्रैल, 2020



10,000



8,000



7,000



25,000



06 मई, 2020



10,000



8,000



7,000



25,000



13 मई, 2020



10,000



8,000



7,000



25,000



20 मई, 2020



10,000



8,000



7,000



25,000



27 मई, 2020



10,000



8,000



7,000



25,000



03 जून, 2020



10,000



8,000



7,000



25,000



10 जून, 2020



10,000



8,000



7,000



25,000



17 जून, 2020



10,000



8,000



7,000



25,000



24 जून, 2020



10,000



8,000



7,000



25,000



कुल



120,000



96,000



84,000



300,000



2. भारत सरकार/ भारतीय रिजर्व बैंक को सरकार की आवश्यकताओं, बाजार की स्थितियों और अन्य प्रासंगिक कारकों के मद्देनजर ट्रेजरी बिल की नीलामी के लिए अधिसूचित राशि और समय को संशोधित करने का अधिकार होगा। इस प्रकारइस कैलेंडर में परिवर्तन किया जा सकता है जैसे छुट्टियों के कारण ऐसी कोई परिस्थिति उत्‍पन्‍न हुई तो। यदि ऐसा कोई बदलाव किया गया तो नियमित प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सूचित किया जाएगा।


3. ट्रेजरी बिल की नीलामी भारत सरकार द्वारा दिनांक 27 मार्च, 2018 को जारी सामान्य अधिसूचना संख्या एफ संख्‍या 4(2) - डब्‍ल्‍यू एंड एम / 2018 में निर्दिष्ट नियमों एवं शर्तों और समय-समय पर किए जाने वाले संशोधनों के अधीन होगी।



कार्गो उड़ानों ने देश के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति की; निजी हवाई कंपनियों ने भी महत्वपूर्ण आपूर्ति कार्यों के लिए उड़ानों का परिचालन किया

कार्गो उड़ानों का 30 मार्च, 2020 को चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति के लिए दक्षिणी, पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में परिचलान किया गया। विवरण निम्न हैः-


लाइफ लाइन 1 - एअर इंडिया की फ्लाइट ए-320 ने अपने मार्ग मुंबई-नई दिल्ली-बेंगलुरु-मुंबई के दौरान एचएलएल खेप (6593 किलो), एवं नागालैंड वेंटिलेटर मास्क, केरल और कर्नाटक की खेप, मेघालय के लिए बिपैप्स की खेप और कोयंबटूर के लिए वस्त्र मंत्रालय की खेप पहुंचाई।


लाइफ लाइन 2 -  आईएएफ फ्लाइट ने हिंडन-दीमापुर-इंफाल-गुवाहाटी मार्ग पर एचएलएल की खेप और शिलोंग के लिए आईसीएमआर किट पहुंचाई।


इंडिगो, स्पाइसजेट और ब्लू डार्ट जैसी निजी हवाई कंपनियों ने भी वाणिज्यिक आधार पर उड़ानों का परिचालन किया।


एमओसीए समूह का गठन महत्वपूर्ण हितधारकों के साथ किया गया था। हब एंड स्पोक मॉडल के तहत लाइफ लाइन सेवाएं शुरू की गईं। दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बैंगलोर, कोलकाता में हब बनाए गए हैं। ये हब अपने स्पोक्स - गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, अगरतला, ऐजल, इम्फाल, कोयंबटूर और तिरुवनंतपुरम को सामग्री की आपूर्ति करते हैं।  


































































क्र. सं.



तारीख



एअर इंडिया



एलायंस



आईएएफ



इंडिगो



स्पाइसजेट



परिचालन किए गए कुल उड़ान



1



26.3.2020



02



-



-



-



02



04



2



27.3.2020



04



09



-



-



-



13



3



28.3.2020



04



08



-



06



-



18



4



29.3.2020


 



04 *



10 *



06 *



--



-



20



 



कुल उड़ान



14



27



06



06



02



55



* एअर इंडिया और आईएएफ ने लद्दाख के लिए आपसी साझेदारी की।


    26 मार्च से 29 मार्च, 2020 के दौरान कुल कार्गो भार 10 टन था। कार्गो में कोविड-19 से संबंधित री-एजेंट, एंजाइम, चिकित्सा उपकरण, पीपीई और जांच किट, एचएलएल के दस्ताने और अन्य सामान तथ राज्य केन्द्र/शासित प्रदेश सरकारों द्वारा मांग किए गए कार्गो शामिल थे।


    चिकित्सा एअर कार्गो के लिए समर्पित एक वेबसाइट की शुरुआत की गई है, जो आंशिक रूप से कार्य कर रही है। यह वेबसाइट 1 अप्रैल, 2020 से पूरी तरह काम करने लगेगी। लिंक एमओसीए वेबसाइट पर उपलब्ध है (www.civilaviation.gov.in)। आपूर्ति को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए सूचनाओं को साझा करने, प्रश्नों के उत्तर देने और जमीनी कार्य चौबीसों घंटे किए जा रहे हैं ताकि कोविड-19 से लड़ने के प्रयासों की गुणात्मक वृद्धि की जा सके और सहायता प्रदान की जा सके।


केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री सदानंद गौड़ा ने अपने मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक उपक्रमों से आग्रह किया कि वे कोविड-19 वैश्विक महामारी से लड़ने  के लिए अपने सीएसआर जारी करें

केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए तत्काल आवश्यकता को ध्‍यान में रख्‍ते हुए अपने मंत्रालय के अधीन सभी लाभप्रद सार्वजनिक उपक्रमों से आग्रह किया है ताकि वे अपने सीएसआर फंड का एक हिस्सा प्रधानमंत्री की नागरिक सहायता एवं आपातकालीन स्थिति राहत कोष (पीएम केयर्स) में दान कर सकें।


  श्री गौड़ा ने सभी सार्वजनिक उपक्रमों के सीएमडी को भेजे गए पत्र मेंकहा हैकि भारत सरकार इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। लेकिन इतने बड़े पैमाने पर सार्वजनिक स्वास्थ्य व्‍यवस्‍था के लिए समाज के सभी वर्गों से ठोस प्रयासों की आवश्यकता है। इसलिए मैं आप सभी से अनुरोध करता हूँ कि आप अपने सीएसआर बजट की अधिकतम संभव राशि का योगदान पीएम केयर्स फंड में करें।


      श्री गौड़ा ने कहाकिभारत सरकार ने कोविड-19 महामारी के कारण पैदा होने वाली किसी भी आपातकालीन अथवा संकट की स्थिति से निपटने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ पीएम केयर्स फंड की स्थापना की है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की ओर से पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि इस फंड में किया गया कोई भी योगदान कंपनी अधिनियम 2013 के तहत सीएसआर खर्च के रूप में मान्‍य होगा।


      श्री गौड़ा ने कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों के लिए यह एक अच्‍छा अवसर है और वेइस फंड में तुरंत योगदान करते हुए वित्‍त वर्ष 2019-20 के लिए अपने सीएसआर फंड का उपयोग कर सकते हैं। इसी प्रकार कंपनियां भी वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अप्रैल 2020 से इस फंड में योगदान दे सकती हैं।


      केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने सभी पीएसयू के सीएमडी से यह भी अनुरोध किया है कि वे अपनी कंपनी के कर्मचारियों को स्वेच्छा कम से कम एक दिन का वेतन पीएम केयर्स फंड में योगदान करने के लिए प्रेरित करें।


      श्री गौड़ा ने अपना एक महीना का वेतन और अपने सांसद निधि से 1 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री राष्‍ट्रीय राहत कोष में दान किए हैं।



राष्ट्रपति कल राज्यपालों, लेफ्टिनेंट गवर्नरों एवं राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों के साथ कोविड-19 रिस्पांस पर चर्चा करेंगे

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद कल (3 अप्रैल, 2020) राष्ट्रपति भवन से उप राष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू के साथ कोविड-19 प्रकोप से उत्पन्न संकट को नियंत्रित एवं प्रबंधित करने के लिए केंद्रीय एवं राज्य स्तर पर किए जा रहे प्रयासों को बढ़ावा देने हेतु राज्यपालों, लेफ्टिनेंट गवर्नरों एवं सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों के साथ वीडियो कांफ्रेंस आयोजित करेंगे।


राज्यपालों/लेफ्टिनेंट गवर्नरों एवं राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों के साथ यह इस प्रकार का दूसरा वीडियो कांफ्रेंस होगा। 27 मार्च, 2020 को आयोजित पहले वीडियो कांफ्रेंस में 14 राज्यपालों एवं दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर ने अपने क्षेत्रों के अनुभव को साझा किया था। शेष राज्यपाल/लेफ्टिनेंट गवर्नर एवं प्रशासक कल अपने अनुभव साझा करेंगे।


कांफ्रेंस के एजेंडा में राज्यों में कोविड-19 की स्थिति, निर्बल वर्गों पर फोकस के साथ रेड क्रास की भूमिका, एवं नोवेल कोरोना वायरस के प्रकोप को नियंत्रित करने में केंद्रीय एवं राज्य सरकारों के प्रयासों में सहायता देने में सिविल सोसाइटी/ स्वयंसेवी संगठनों/निजी क्षेत्र की भूमिका शामिल होगी।



विनिमय दर अधिसूचना संख्या 37/2020 - सीमा शुल्क (एन.टी.)

सीमा शुल्‍क अधिनियम, 1962 (1962 का 52) की धारा 14 द्वारा प्रदत्‍त अधिकारों का उपयोग करते हुए और अधिसूचना संख्‍या 27/2020 – सीमा शुल्‍क (एन.टी.) दिनांक 19 मार्च, 2020 का अधिक्रमण करते हुए, ऐसे अधिक्रमण से पूर्व की गई अथवा हटाई जाने वाली बातों को छोड़कर, केन्‍द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्‍क बोर्ड एतद् द्वारा यह निर्धारित करता है कि संलग्‍न प्रत्‍येक अनुसूची-I और अनुसूची-II के कॉलम (2) में विनिर्दिष्‍ट प्रत्‍येक विदेशी मुद्रा के भारतीय मुद्रा में और भारतीय मुद्रा के विदेशी मुद्रा में विनिमय की दर 02 अप्रैल, 2020 से वह दर होगी, जिसका उल्‍लेख आयातित और निर्यातित माल के संबंध में उक्‍त धारा के उद्देश्‍य के लिए कॉलम (3) में दी गई तत्‍संबंधी प्रविष्‍टि में किया गया है: -


अनुसूची-I




















































































































































क्रम संख्या



विदेशी मुद्रा



भारतीय रुपये के समतुल्‍य विदेशी मुद्रा की प्रत्‍येक इकाई की विनिमय दर




  1.  



(2)



(3)



 



 



()



(बी)



 



 



(आयातित वस्‍तुओं के लिए)



(निर्यात वस्‍तुओं के लिए)



1.



ऑस्ट्रेलियाई डॉलर



47.80



45.65



2.



बहरीन दीनार



203.05



197.60



3.



कैनेडियन डॉलर



54.20



52.40



4.



चाइनीज युआन



10.80



10.50



5.



डेनिश क्रोनर



11.35



10.95



6.



यूरो



84.75



81.75



7.



हांगकांग डॉलर



9.90



9.55



8.



कुवैती दीनार



247.90



232.25



9.



न्‍यूजीलैंड डॉलर



46.75



44.55



10.



नार्वेजियन क्रोनर



7.30



7.05



11.



पौंड स्‍टर्लिंग



94.85



91.55



12.



कतर रियाल



21.40



20.10



13.



सउदी अरब रियाल



20.75



19.45



14.



सिंगापुर डॉलर



53.95



52.15



15.



दक्षिण अफ्रीकी रैंड



4.35



4.05



16.



स्‍वीडिश क्रोनर



7.65



7.40



17.



स्विस फ्रैंक



80.20



77.10



18.



तुर्की लीरा



11.85



11.15



19.



यूएई दिरहम



21.20



19.90



20.



अमेरिकी डॉलर



76.35



74.65



 


अनुसूची-II


 








































क्रम संख्या



विदेशी मुद्रा



भारतीय रुपये के समतुल्‍य विदेशी मुद्रा की प्रति 100 इकाइयों की विनिमय दर




  1.  



(2)



(3)



 



 



()



(बी)



 



 



(आयातित वस्‍तुओं के लिए)



(निर्यात वस्‍तुओं के लिए)



1.



जापानी येन



70.95



68.35



2.



कोरियाई वॉन



6.40



6.00