Saturday, April 4, 2020
मुकदमों में वांछित चल रहा अपराधी को बल्दीराय पुलिस ने किया गिरफ्तार
मां भगवती इच्छापूर्ति मंदिर चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा गरीबों को बांटा गया भोजन
भूखों को भोजन खिलाने से अंतर्मन को सुख मिलता हैं- तहसीलदार रामसनेही घाट
Friday, April 3, 2020
2 महिलाओं को कच्ची शराब के साथ किया गिरफ्तार
उपजा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने समाजसेवी के साथ मिलकर वितरण किया खाद्य सामग्री
भारत सेवा न्यास को कोराना महामारी से बचाव लिए जन जागरूकता एवं गरीबों को भोजन वितरण अभियान लिए सम्मानित किया
राष्ट्रीय लोक दल से सुधीर सिंह को बाराबंकी जिला अध्यक्ष बनाया गया
कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर पुलिस द्वारा ली गई सभी धर्मगुरूओं की बैठक*श
संदिग्ध परिस्थितियों में युवक ने फंदे से लटक कर दी जान
पलायन कर आए हुए लोगों की की गई थर्मल स्क्रीनिंग
कछौना/ हरदोई।(अयोध्या टाइम्स) विकासखंड कछौना के अंतर्गत मरेउरा ग्राम सभा में आए हुए दिहाड़ी मजदूरों को प्राथमिक विद्यालय में आइसोलेट कर उनकी ग्राम प्रधान के मौजूदगी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कछौना की टीम ने थर्मल स्क्रीनिंग की
बताते चलें की कोविड-19 कोरोना वायरस महामारी के चलते भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा लाक डाउन किए जाने के बाद दिहाड़ी मजदूर महानगरों से गांव को पलायन कर गए जिससे कछौना विकासखंड में लगभग सभी गांवों को लोग बड़ी तादाद में आए हुए हैं जिनको गांव के बाहर विद्यालय में आइसोलेट करने की व्यवस्था की गई जहां पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कछौना की टीम के द्वारा लगातार 200 तथा ढाई सौ मरीजों का थर्मल स्क्रीनिंग किया जा रहा है आज इसी क्रम में मरेउरा ग्राम सभा के प्राथमिक विद्यालय में डॉक्टर किसलय वाजपेई के नेतृत्व में आरआर टीम मनोज कुमार देश दीपक मिश्रा पंकज तथा विकास सिंह के द्वारा आए हुए 46 लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई जिसमें ग्राम प्रधान साहब लाल वर्मा तथा आशा बहू मौजूद रहीं।
भदरौली में घटतौली की शिकायत करने पर भड़का राशन डीलर , मारपीट व अभद्रता का आरोप
मीडिया व पत्रकारों पर टिप्पणी करने के विरोध में मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ की सुसनेर इकाई ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को सोपा ज्ञापन
सुसनेर।* सोशल मीडिया पर समाज विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के खिलाफ सुसनेर इकाई ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा जिसमें आगर मालवा जिले के नलखेड़ा थाना क्षेत्र के इमरान लाला द्वारा पत्रकारों व मीडिया पर अभद्र टिप्पणी सोशल मीडिया पर की गई। जो जिले में लागू धारा 144 का उलंघन करता है।
इसके संबंध में सुसनेर श्रमजीवी पत्रकार संघ द्वारा एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए टिप्पणी करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
बाहर से आये लोग गांवों में बन सकते हैं विस्फोट का कारण अधिकांश आश्रय स्थलों पर अव्यवस्थाओं का लगा अम्बार
कछौना(हरदोई):(अयोध्या टाइम्स) कोरोना बचाओ को लेकर प्रशासन ने शिकंजा तो कस दिया है। बाहरी क्षेत्र से आए गांव में लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा है। इन्हें गांव से बाहर स्कूल व पंचायत घरों में 14 दिनों के लिए रुकने का निर्देश दिया गया है जिसके लिए खास बंदोबस्त करने का निर्देश है परंतु विभागों के सामंजस्य के अभाव में अव्यवस्थाओं का अंबार है। कहीं भी कोई जिम्मेदार व्यक्ति मौजूद नहीं है। अधिकतर सचिवालय भवन में शौचालय, पेयजल, विद्युतीकरण की सुविधा नहीं उपलब्ध है। इन भवनों को सैनिटाइज भी नहीं किया गया है। सफाई व्यवस्था न होने के कारण गंदगी का अंबार है। लोगों का बैठना भी दुष्कर है। दूरदराज से आए लोगों को न ही मास्क, साबुन व सैनिटाइजर मुहैया कराए गए हैं। ग्राम प्रधानों व जागरूक नागरिकों की सूचना पर स्वास्थ्य टीम ने केवल स्क्रीनिंग की है। खाने-पीने की सुविधा परिजन स्वयं उठा रहे हैं। पूरे-पूरे दिन लोगों को भोजन नहीं मिल पाता है। इन लोगों को कोरोना वायरस को लेकर जागरूक भी नहीं किया गया है जिसके कारण सोशल डिस्टेंसिंग मजाक बनी हुई है। आश्रय स्थलों की दशा देखकर कोई भी व्यक्ति का रुकना संभव नहीं है। गरीब तबके के लोग दबाव में रुक भी जाते हैं, परंतु बड़े लोग इन आश्रय स्थलों में नहीं रुक रहे हैं। पूरी व्यवस्था राम भरोसे चल रही है।
मिली जानकारी के अनुसार विकासखंड कछौना में लगभग बाहरी व्यक्तियों की संख्या 1000 के आसपास है। ग्राम सभाओं में नियुक्त की गई स्वास्थ्य समितियों की भूमिका भी नगण्य है। इन समितियों को गांव के बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रतिवर्ष ₹10000 की धनराशि जारी होती है। वह भी कागजों पर खर्च हो जाती है। क्षेत्रीय विकास जन आंदोलन के संयोजक रामखेलावन कनौजिया ने दुख जताते बताया कि हमारे देश की व्यवस्थाएं राम भरोसे हैं। ग्रामीणों में जागरूकता के अभाव के चलते सब कुछ खानापूर्ति तक ही सीमित है। कुछ प्रधानों ने व्यक्तिगत रूचि दिखाते हुए इन आश्रय स्थलों में सुविधाएं मुहैया कराई हैं परंतु अधिकांश ग्राम प्रधान रुचि नहीं ले रहे हैं। इन आश्रय स्थलों पर कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति मौजूद नहीं रहता है। अगर एक व्यक्ति को भी कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ तो वह पूरे समाज में विस्फोट का कारण बनेगा, इसलिए समय रहते इस गंभीरता को ध्यान रखते हुए प्रभावी कार्रवाई की जाए। अगर इन आश्रय केंद्रों को ब्लॉक स्तर पर नर्सिंग होम या इंटर कॉलेज या डिग्री कॉलेजों में बनाया जाए जहां पर एक स्वास्थ्य विभाग की टीम हमेशा मौजूद रहे व जिम्मेदार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाए जिससे इस कोरोना महामारी से बचा जा सकता है अन्यथा यह सब कागजों पर ही आंकड़े दुरुस्त होंगे। जमीनी स्तर पर प्रभावी कार्रवाई नहीं होने के कारण यह बड़ी महामारी का रूप ले सकती है।