Monday, April 6, 2020

जरूरत मंदो को वितरित किया गया राशन सामग्री 



बेनीगंज हरदोई ।(अयोध्या टाइम्स)बेनीगंज नगर में कोरोना वायरस जैसी महामारी के बीच जरूरत मंदो को मौलाना के द्वारा खाद्यान्न सामग्री दी गई। बताते चलें कि बेनीगंज नगर  के उल्जा रोड बड़ी बाजार के पास स्थित मौलाना नईमुद्दीन काशमी के आवास पर इन्हीं के द्वारा गरीब असहाय परिवारों को खाद्यान्न वितरण किया गया इस मौके पर मौजूद बेनीगंज पुलिस प्रसासन व नगर के सम्मानित व्यक्ति उपस्तिथ रहे।


 

 



 

एक दिया एक संदेश






आज 9 मिनट की दीपावली से एक संदेश जो कि हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है और हमेशा से दुनिया में भारत का गौरव बढ़ाता रहा है। वह है "विविधता में एकता"।आज एक बार फिर हमने एक दिया जलाकर अंधकार रूपी इस समय से लड़ने का संकल्प लिया है।

इस लड़ाई में हर वह लोग योद्धा है जो सभी स्वास्थ्य सम्बन्धी नियमों का पालन कर रहे हैं और विषम परिस्थिति होने के वावजूद मुस्कुरा रहे हैं।सभी देश के वीर योद्धाओ को नमन है और गर्व है कि हम भारतवासी है ।आज ताकतवर से ताकतवर मुल्क विषम परिस्थितियों में है मौत का आगोश हर तरफ फैल रहा है। चीख पुकार हाय तौबा और यह बंदी के बीच भी आपकी यह 9 मिनट का जज्वा देश ही नही दुनिया को ताकत देगा और हम जीतेंगे।

                                    आशुतोष

                                    पटना बिहार   


 

 



 



कोरोना - नया रूप लेकर 102 साल पुराना दर्द

    आज पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही है।ये वायरस लगभग सभी देशों में फ़ैल चूका है।पूरे दुनिया में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है।कोरोना वायरस कि इस महामारी ने लोगों को 1918 के स्पेनिश फ्लू की याद दिला दी है।उस दौर में जिस तेजी से ये संक्रमण फैला था और जितनी मौतें हुई थी उससे पूरे दुनिया को हिला दिया था।102 साल पहले पूरी दुनिया में स्पेनिश फ्लू के कहर से एक तिहाई आबादी इसकी चपेट में आ गयी थी।कम से कम पाँच से दस करोड़ लोगों की मौत इसकी वजह से हुई थी।रिपोर्टस के मुताबिक इस फ्लू के कारण भारत में कम से कम 1 करोड़ 55 लाख लोगों ने जान गवाईं थी।

        स्पेनिश फ्लू की वजह से करीब पौने दो करोड़ भारतीयों की मौत हुई है जो विश्व युद्ध में मारे गए लोगों की तुलना में ज्यादा है। उस वक्त भारत ने अपनी आबादी का छह फीसदी हिस्सा इस बीमारी में खो दिया था।मरने वालों में ज्यादातर महिलाएँ थीं।ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि महिलाएँ बड़े पैमाने पर कुपोषण का शिकार थी।वो अपेक्षाकृत अधिक अस्वास्थ्यकर माहौल में रहने को मजबूर थी।इसके अलावा नर्सिंग के काम में भी वो सक्रिय थी।

          ऐसा माना जाता है कि इस महामारी से दुनिया की एक तिहाई आबादी प्रभावित हुई थी और करीब पाँच से दस करोड़ लोगों की मौत हो गई थी।गांधी जी और उनके सहयोगी किस्मत के धनी थे कि वो सब बच गए। हिंदी के मशूहर लेखक और कवि सुर्यकांत त्रिपाठी निराला की बीवी और घर के कई दूसरे सदस्य इस बीमारी की भेंट चढ़ गए थे।

          उन्होंने बाद में इस सब घटना चक्र पर लिखा भी था *कि मेरा परिवार पलक झपकते ही मेरी आँखों से ओझल हो गया था।"* वो उस समय के हालात के बारे में वर्णन करते हुए कहते हैं कि *गंगा नदी शवों से पट गई थी. चारों तरफ इतने सारे शव थे कि उन्हें जलाने के लिए लकड़ी कम पड़ रही थी* . ये हालात तब और खराब हो गए थे जब खराब मानसून की वजह से सुखा पड़ गया और आकाल जैसी स्थिति बन गई।इसकी वजह से बहुत से लोगो की प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई थी।शहरों में भीड़ बढ़ने लगी।इससे बीमार पड़ने वालों की संख्या और बढ़ गई।

बॉम्बे शहर इस बीमारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ था।उस वक्त मौजूद चिकित्सकीय व्यवस्थाएं आज की तुलना में और भी कम थीं।हालांकि इलाज तो आज भी कोरोना का नहीं है लेकिन वैज्ञानिक कम से कम कोरोना वायरस की जीन मैपिंग करने में कामयाब जरूर हो पाए हैं. इस आधार पर वैज्ञानिकों ने टीका बनाने का वादा भी किया है।1918 में जब फ्लू फैला था।तब एंटीबायोटिक का चलन इतने बड़े पैमाने पर नहीं शुरू हुआ था. इतने सारे मेडिकल उपकरण भी मौजूद नहीं थे जो गंभीर रूप से बीमार लोगों का इलाज कर सके. पश्चिमी दवाओं का इस्तेमाल भी भारत की एक बड़ी आबादी नही किया करती थी और ज्यादातर लोग देसी इलाज पर ही यकीन करते थे।

इन दोनों ही महामारियों के फैलने के बीच भले ही एक सदी का फासला हो लेकिन इन दोनों के बीच कई समानताएं दिखती हैं। संभव है कि हम बहुत सारी जरूरी चीजें उस फ्लू के अनुभव से सीख सकते हैं।उस समय भी आज की तरह ही बार-बार हाथ धोने के लिए लोगों को समझाया गया था और एक दूसरे से उचित दूरी  बनाकर ही रहने के लिए कहा गया था।सोशल डिस्टेंसिंग को उस समय भी बहुत अहम माना गया था और आज ही की तरह लगभग लॉक डाउन की स्थिति उस समय भी थी इतने सालों बाद भी वही स्थिति वापस हो गई है।

        स्पेनिश फ्लू की चपेट में आए मरीजों को बुखार, हड्डियों में दर्द, आंखों में दर्द जैसी शिकायत थीं। इसकी वजह से महज कुछ दिन में मुंबई में कई लोगों की जान चली गई। एक अनुमान के मुताबिक जुलाई 1918 तक 1600 लोगों की मौत स्पैनिश फ्लू से हो चुकी थी। केवल मुंबई इससे प्रभावित नहीं हुआ था। रेलवे लाइन शुरू होने की वजह से देश के दूसरे हिस्सों में भी ये बीमारी तेजी से फैल गई। ग्रामीण इलाकों से ज्यादा शहरों में इसका प्रभाव दिखाई दिया।

बॉम्बे में तेजी से फैलने के बाद इस वायरस ने उत्तर और पूर्व में सबसे ज्यादा तांडव मचाया।ऐसा माना जाता है कि दुनियाभर में इस बीमारी से मरने वालों में पांचवां हिस्सा भारत का था। बाद में असम में इस गंभीर फ्लू को लेकर एक इंजेक्शन तैयार किया गया, जिससे कथित तौर पर हजारों मरीजों का टीकाकरण किया गया। जिसकी वजह से इस बीमारी को रोकने में कुछ कामयाबी मिली।

          हालांकि बाद में कुछ बाते सामने आई।सन 2012 की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत के जिन हिस्सो में अंग्रेजो की ज्यादा बसावत थी।उन हिस्सों में इस बीमारी ने ज्यादा कहर मचाया था।इन हिस्सो में भारतीय इस महामारी में सबसे अधिक मारे गए थे।अब एक बार फिर से कोरोना के बढ़ते कहर की वजह से लोग बेहद आशंकित हैं। फिलहाल सरकार और दूसरी संस्थाएं लगातार लोगों को इस गंभीर वायरस से बचाव को लेकर कोशिश में जुटी हुई हैं।

         आखिरकार गैर सरकारी संगठनों और स्वयं सेवी समूहों ने आगे बढ़कर मोर्चा संभाला था. उन्होंने छोटे-छोटे समूहों में कैंप बना कर लोगों की सहायता करनी शुरू की. पैसे इकट्ठा किए, कपड़े और दवाइयां बांटी है।नागरिक समूहों ने मिलकर कमिटियां बनाईं।एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, "भारत के इतिहास में पहली बार शायद ऐसा हुआ था जब पढ़े-लिखे लोग और समृद्ध तबके के लोग गरीबों की मदद करने के लिए इतनी बड़ी संख्या में सामने आए थे।

आज की तारीख में जब फिर एक बार ऐसी ही एक मुसीबत सामने मुंह खोले खड़ी है तब सरकार चुस्ती के साथ इसकी रोकथाम में लगी हुई है लेकिन एक सदी पहले जब ऐसी ही मुसीबत सामने आई थी तब भी नागरिक समाज ने बड़ी भूमिका निभाई थी।जैसे-जैसे कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं, इस पहलू को भी हमें ध्यान में रखना होगा और सभी लोगो को मिलकर इस बीमारी की लड़ाई में आगे बढ़ना होगा।  

लखनऊ में क्षेत्र दुबग्गा के पास स्थित वसंत कुंज में राशन कार्ड धारकों ने यूनिट कट जाने के कारण कोटेदार से राशन न मिलने पर महिलाओं ने किया धरना

प्रदुम दीक्षित जिला संवाददाता लखनऊ दैनिक अयोध्या टाइम्स*                                      





राजधानी लखनऊ में लॉक डाउन के चलते आज बसंत कुंज में राशन को लेकर महिलाओं ने किया धरना प्रर्दशन। लखनऊ दुबग्गा में स्थित बसंत कुंज योजना में कोटेदार के द्वारा राशन वितरण न किए जाने पर राशन कार्ड धारक के यूनिट कट जाने पर राशन कार्ड धारकों ने किया धरना। पूर्व सभासद पंकज पटेल ने सभी कार्ड धारकों को बताया कि अपने यूनिट जाकर चढवा ले लेकिन कार्ड धारकों ने उनसे बहस की और कहा कि हमें सरकार द्वारा ना भोजन ना राशन कुछ भी नहीं मिल रहा है जबकि रोजाना गाड़ी से आकर हर घर घर जाकर पूर्व पार्षद पंकज पटेल  के द्वारा भोजन वितरण करने का कार्य किया जा रहा है। महिलाओं का कहना है कि हमें कोटेदार के द्वारा राशन नहीं दिया गया है जबकि वहां पर राशन लेने पहुंची महिलाएं को तो कोटेदार ने बताया कि आपके यूनिट कम हो गई हैं और अभी राशन नहीं मिल पाएगा इसी समस्याओं को लेकर आज महिलाओं ने अम्रपाली पुलिस चौकी के पास में किया जोरदार धरना। महिलाओं के धरने में पूर्व पार्षद पंकज पटेल व उनके अन्य साथी लोग भी मौजूद रहे जो भोजन वितरण करने आए थे साथ ही साथ वहां पर भोजन का भी वितरण किया गया।


 

 



 

कुँवर साहब ने 101 दीप जलाकर मोदी सरकार का किया समर्थन




*ब्यूरो रिपोर्ट - जितेंद्र सिंह 'अन्नू'*

उत्तर प्रदेश बाराबंकी जिले के निवासी कुंवर अखंड प्रताप सिंह ने आज अपने घर पर 101 दीप जलाकर यह प्रण लेता हूं कि हमारे यशस्वी शक्तिशाली प्रधानमंत्री द्वारा करोना महामारी को लेकर जो भी निर्णय होगा मैं उस निर्णय को निष्ठा के साथ अपना कर्तव्य समझ कर निभाऊंगा अतः मेरा पूरे देशवासियों से निवेदन है कि इतनी कठिन परिस्थितियों में जो हमारे यशस्वी शक्तिशाली प्रधानमंत्री जी ने निर्णय लिया है वह बहुत ही प्रोत्साहन लायक है अतः हम देशवासियों को मोदी जी के जो कि हमारे राजा के रूप में  विराजमान है उनके आदेशों का हम लोगों को पालन करना चाहिए अतः मेरे कुछ भाई बंधु यह सोच रहे हैं की मैं भी अपना योगदान इस करोना वायरस में देना चाहता हूं अतः मेरा उनसे या निवेदन है कि आप लोग अपने घरों में ही रहे क्योंकि यह इस महामारी में सबसे बड़ा योगदान है अंत में मैं यही कहूंगा कि हम सब लोग अपने व्हाट्सएप डीपी और स्टेटस इंस्टाग्राम स्टोरी पर किसी पुलिस वाले या हमारे किसी डॉक्टर की एक फोटो लगाकर उनको धन्यवाद दें अगर मेरी यह बात आप लोगों को सही लगे तो कृपया यह बात   पूरे देशवासियों तक  पहुंचाएं धन्यवाद


 

 



 

“पीएम मोदी की इस ९ मिनट  दीप जलाने की पहल से समस्त भारतवासियों मे एकता की भावना जगी” -केशव प्रसाद  मौर्य




पुष्पेंद्र सिंह ब्यूरो चीफ दैनिक अयोध्या टाइम्स लखनऊ

लखनऊः 5 अप्रैल 2020 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री  श्री केशव प्रसाद मौर्य  आज  अपने आवास  -7 -कालिदास मार्ग  लखनऊ  में रात 9 बजे 9मिनट दीप जलाने हुये  कहा कि कोरोना संकट के बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के अपील को पूरे 130 करोड़ देशवासियों ने माना और संकट की घड़ी में एकजुटता दिखाई. । 

श्री मौर्य ने कहा कि धर्मिक दृष्टि से देखा जाए तो दीप का बड़ा ही महत्व है। हिंदू धर्म में दीप को आत्मा और ईश्वर का प्रतीक तक माना गया है  इस पूरे देश ने इस बात को बखूबी प्रदर्शित किया. ।

उन्होने कहा कि इस कार्य ने कोरोना से जंग लड़ने में लोगों को नई ऊर्जा तो दिया ही, साथ ही जो लोग कई दिनों लॉक डाउन मे अपने घरों मे हैं ,उनके जीवन में भी सकरात्मक आयी। पीएम मोदी की इस अच्छी पहल से देश के 130 करोड़ भारतवासियों मे एकता की भावना जगी है। इस लड़ाई से लड़ने वाले योद्धाओं डॉक्टर, पुलिस आदि को बल मिला। हम सब एक है, यह संदेश एक दूसरे को मिला। साथ ही कोरोना संकट के इस काल में देश की साधारण जनता को आगे भी इस युद्ध में लड़ने की हिम्मत मिलेगी।


 

 



 

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा युवा और भाजपा की महिला मोर्चा मण्डल अध्यक्ष ने अपने परिवार के साथ कॅरोना के खिलाफ युद्ध में दीपक जलाया




*पुष्पेंद्र सिंह ब्यूरो चीफ दैनिक अयोध्या टाइम्स लखनऊ*

लखनऊ :- अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा युवा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र प्रताप सिंह जी ने अपने परिवार के साथ कॅरोना के खिलाफ युद्ध में दीपक जलाकर प्रधानमंत्री जी जी पहल का समर्थन किया ,प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार पूरे प्रदेश में संग़ठन के लोगो ने दीपक जलाकर इस मुहिम का हिस्सा बना , लखनऊ ,गाजीपुर उन्नाव,गौतमबुद्ध नगर, रायबरेली,प्रयागराज,वनारस ,मऊ,आज़मगढ़, चंदौली,प्रतापगढ़, जौनपुर,कानपुर,सीतापुर,लखीमपुर, गोंदा, बहराइच, बस्ती,बाराबंकी,फैज़ाबाद,आयोध्या,के साथ सभी जिलों में संग़ठन के लोगो ने  दीपक जलाकर इसका समर्थन किया।

वहीँ दूसरी तरफ भाजपा महिला मोर्चा मण्डल अध्यक्ष पुष्पा सिंह  और मण्डल उपाध्यक्ष सकीना अस्करी , मुन्ना मिश्रा , राजू तिवारी ने भी अपने घरो में और  मोहहल्ले वाशियो के साथ दीपक जलाया और सबको जागरूक भी क्या और पूरे मोहहल्ले पुराना तोप खाना बालागंज में दीपक ही दीपक नजर आये और प्रधानमंत्री के आदेशों का पालन भी किया गया। 

नोवल कोरोना से लड़ने के लिए दीपक जलाया।


 

 



 

Sunday, April 5, 2020

समाजवादियों ने ज़रूरतमंदो को तेल व राशन दिया 

कानपुर, उत्तर प्रदेश प्रान्तीय व्यापार मण्डल के प्रदेश अध्यक्ष व सपा नेता अभिमन्यु गुप्ता ने मरे कंपनी पुल के पास मलिन बस्ती में मौजूद मज़दूरों व ज़रूरतमंदों को तेल,राशन,ब्रेड,सब्ज़ी आदि वितिरित किया। बच्चों को अलग से भोजन,बिस्किट व ब्रेड आदि वितिरित किया व उनको आर्थिक सहयोग भी दिया।सपा से जुड़े व्यापारी नेता अभिमन्यु गुप्ता लगातार अपने घर के आस पास हर ज़रूरतमंद विशेषकर मज़दूर परिवारों की मदद करने में लगे हैं जो लोकडाउन की वजह से परेशान हैं।अभिमन्यु ने कहा कि आज तेल के दीपक जलाने की जगह ज़रूरमंदों को तेल बांटा ताकि उनके घर खाना बन सके।कानपुर में 14 दिन से लगातार अभिमन्यु गुप्ता दिहाड़ी मज़दूरों व ज़रूरतमंदों व उनके परिवारों को खाना बाटने का काम कर रहे हैं।अभिमन्यु गुप्ता ने जानकारी दी कि लगातार इस ही तरह वे ज़रूरतमंदों को राशन,खाना व आर्थिक सहयोग देते रहेंगे।

 

नि:शुल्क खाद्यान्न योजनान्तर्गत कोविड-19 के नियमानुसार प्रातःकाल (डोर टू डोर)  आवेदन प्राप्त किये 

कानपुर, युवा सामाजिक संगठन द्वारा आज उ०प्र० शासन व  जिलाधिकारी महोदय कानपुर नगर की अनुशंसा (दि०-1/4/2020) के अनुसार कोविड-19 महामारी में निर्धन एवं पात्र गृहस्थी के आवेदकों को दिये जा रहे निशुल्क खाद्यान्न योजनान्तर्गत फजलगंज क्षेत्र के गडरियन पुरवा में अत्यंत गरीब व निर्धन परिवारों के राशन कार्ड ना होने की जानकारी प्राप्त होने पर कोविड-19 के नियमानुसार सामाजिक दूरी का अनुपालन कर प्रातःकाल (डोर टू डोर) जाकर उनसे आवेदन प्राप्त किये गये इस दौरान क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि हमने कई बार राशन कार्ड हेतु आवेदन किये परन्तु हमारे कार्ड आजतक जारी नहीं किये गये जिस कारण हमें गरीब होने के पश्चात किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलता हमारे घरों में खाद्यान्न की अति आवश्यकता है इस क्रम में संगठन द्वारा कई लोगों के आवेदन पत्रों को आवश्यक अर्हतायें पूरी करते हुए सम्बन्धित विभाग को आनलाइन आवेदन पत्र अंतरित किये गये संगठन के अध्यक्ष राकेश सिद्धार्थ महासचिव चन्दन गुप्ता विनय कुमार मोहित कुमार आदि रहे।

 

सघन आबादी क्षेत्र रेड जोन घोषित पुलिस कर रही ड्रोन से निगरानी

कानपुर-कोविड-19  के बढ़ते खतरे को देखते हुए नगर की सघन आबादी क्षेत्र को रेड जोन घोषित कर दिया गया है,और संबंधित थानों द्वारा उन इलाकों की ड्रोन कैमरे द्वारा निगरानी की जा रही है।

 प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन ने नगर के सघन आबादी क्षेत्र चमनगंज,बेकनगंज,मोहम्मद अली पार्क,कंघी मोहाल,तलाक महल,कर्नलगंज,छिपियाना,गम्मू खां का हाता,छोटे मियां का हाता,नीली पोस्ट रोड,इफ्तिखारबाद,मुन्ना पुरवा,हीरामन का पुरवा आदि क्षेत्रों को रेड जोन घोषित कर दिया है।यहां के निवासियों से जिला प्रशासन ने अपील की है कि वह अपने घरों से बाहर ना निकले और लॉक डाउन का पूर्णतया पालन करें,कानून का पालन न करने वालों को जिला प्रशासन की तरफ से सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई।

विदित हो कि पिछले दिनों कोरोना संदिग्धों की जांच में चार कोरोना मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने से जिला प्रशासन ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए युद्धस्तर पर तैयारी शुरू कर दी थी।इसी क्रम में जिला प्रशासन की तरफ से चमनगंज,मोहम्मद अली पार्क,हलीम प्राइमरी स्कूल की तरफ सेनेटाइजर का छिड़काव भी किया जा रहा है जिससे कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके,इसी के साथ थाना बेकनगंज के पुलिसकर्मियों द्वारा ड्रोन कैमरे से पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा रही है,जिससे क्षेत्रीय जनता अपने घरों से बाहर न निकल सके।

 

डॉ0कंचन ने गरीबो को खाने के साथ किया दवा का का इंतिज़ाम 


कानपुर - विश्व में फैली कोरोना महामारी से जहां विश्व में कोहराम मचा है जिसका आंशिक असर भारत में भी है,कोरोना महामारी के कारण देश में गरीब दिहाड़ी मजदूर को एक वक्त का खाना मिलना मुश्किल हो रहा है तो वही देश में हर तरफ गरीबों के मददगारो ने भी अपनी भूमिका का निर्वहन करते हुए गरीबों के खाने की व्यवस्था शुरू कर दी है। गरीबों के लिए सामाजिक संस्थाओं ने हमदर्दी का हाथ बढ़ाया तो वही राजनीतिक व्यक्तियों ने भी इस संकट की घड़ी में देश के गरीबों के लिए अपने द्वार खोल दिए जो यह दर्शाता है कि भारत में आज भी मानवता का राज है।

करोना वायरस के लॉक डाउन के दौरान डॉक्टर कंचन शुक्ला राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बजरंग सेना ने आज जरूरतमंद लोगों को  गरीब बस्तियों के बीच जाकर भोजन सामग्री वितरित की,डॉ कंचन शुकला ने कहा मध्यम व गरीब वर्ग लाक डाऊन के चलते परेशान हैं लोग अपने काम पर नहीं जा पा रहे हैं,देश की जनता आज आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं इसी को देखते हुए उन्होंने आज राहत सामग्री के साथ  दवा के लिए जरूरतमंद लोगों को आर्थिक मदद भी पहुंचाई इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज देश के लोगों को आगे बढ़कर ऐसे लोगों की मदद करनी चाहिए,किसी भूखे का पेट भरना से बड़ा पूर्णय कोई नहीं है अतः समाज के धनवान लोगों को इस समय देश हित में मानवता की सेवा करनी चाहिए इसी दौरान लाक डाऊन मे निरंतर डॉक्टर कंचन के द्वारा भोजन पैकेट ,दूध ,आटा ,दाल चावल व अन्य सामग्री मलिन बस्तियों में बांटी जा रही है और जो लोग अपने घरों से दूर हैं रैन बसेरे में रह रहे हैं उनके लिए भी राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है।


 

एम्बुलेंस कर्मियों की हड़ताल पर जिला प्रशासन की साथ आई सामाजिक संस्था

कानपुर,108,102 एम्बुलेंस कर्मियों द्वारा हड़ताल किये जाने पर डॉ मोहम्मद गुफरान अंसारी मेमोरियल फाउंडेशन ने निःशुल्क एम्बुलेंस चालक उपलब्ध कराने को हाथ बढ़ाया है डॉ0मोहम्मद गुफरान अंसारी मेमोरियल फाउंडेशन के अध्यक्ष मो0इमरान अंसारी ने गत मार्च की अख़बार की खबर को संज्ञान में लेते हुए (जिसमे छापा था की एम्बुलेंस कर्मी हड़ताल पर जा रहे है) प्रशासन को किसी प्रकार कोविड-19 से लड़ने में असुविधा न हो यह कदम उठाया है,कानपुर जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी कानपुर को निःशुल्क एम्बुलेंस चालक उपलब्ध कराने के लिए दस चालकों की लिस्ट के साथ ज्ञापन दिया Iसाथ ही मो0इमरान अंसारी ने कहा की जैसा की आज पूरा  विश्व COVID-19 से लड़ रहा है और कानपुर  प्रशासन  भी पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ इस वायरस को हराने के लिए काम कर रहा है वहीं दूसरी ओर कानपुर के 108,102 एम्बुलेंस कर्मियों ने अपनी माँगो को लेकर हड़ताल की घोषणा कर दिया है जो की वर्तमान समय में देश विरोधी और मानवता विरोधी है। जहाँ जिला प्रशासन स्वास्थ सेवा प्रदान करने के लिए काम कर रही है ऐसे समय में एम्बुलेन्स कर्मियों को हड़ताल पर जाना मानवता के खिलाफ है, ऐसे विषम परिस्थिति में हमारी संस्था डॉ मोहम्मद गुफरान अंसारी मेमोरियल फाउंडेशन जो की समय समय पर स्वास्थय व सामाजिक कार्यो में बढ़चढ़ के काम करती रहती है ऐसे वक़्त हमारी संस्था ने निर्णय लिया है की अगर एम्बुलेंस कर्मी हड़ताल पर जाते है तो एम्बुलेन्स चालक 108,102 को सुचारु रूप से चालू करने के लिए 50 एम्बुलेंस चालक निःशुल्क उपलब्ध कराएगी ताकि हमारी संस्था जिला प्रशासन की COVID-19 वायरस से लड़ने में सहयोग दे सके I 10 एम्बुलेंस चालकों की लिस्ट जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को प्रेषित की गई  है जो तत्काल प्रभाव से निःशुल्क  सेवा के लिये उपलब्ध है, हर्षित गुप्ता, सलमान खान,मो ईदुल अंसारी, दुर्गेश राठौर, शिव कुमार सविता 

, शान मोहम्मद, सद्दाम  मोहम्मद रिजवान, अभिकृत त्रिपाठी,अली हसन  साथ ही हमारी उन एम्बुलेंस कर्मियों  और संगठनों से सहानुभूति भी है ऐसे में जिला प्रशासन का साथ दे I 

इंस्पेक्टर ठाकुरगंज प्रमोद कुमार मिश्रा के नेतृत्व में एस एस आई वीरपाल सिंह यादव अपनी टीम के साथ बालागंज में कर रहे मुस्तैदी से ड्यूटी




*पुष्पेंद्र सिंह ब्यूरो चीफ दैनिक अयोध्या टाइम्स लखनऊ*

इंस्पेक्टर ठाकुरगंज ने लोगो से घर में रहकर कोरोना जैसी खतरनाक  बीमारी से सतर्क रहने की जनता से की अपील ।

ठाकुरगंज एस एस आई वीरपाल सिंह  पुलिस बल के साथ बड़ी मुस्तैदी से कर रहे है ड्यूटी।

जो लोग फालतू में घूम रहे लोगो को वापस किया और कुछ लोगो के चालान भी क्या गया।  पुलिस के मना करने पर भी जनता मानने को तैयार नही ।

एडीसीपी विकाश चंद्र त्रिपाठी के आदेश पर एसीपी दुर्गा प्रसाद तिवारी , इंस्पेक्टर ठाकुरगंज प्रमोद कुमार मिश्रा के नेतृत्व में एस एस आई वीरपाल सिंह यादव और एस आई ब्रजेश कुमार , हेड कांस्टेबल विनोद कुमार ,  अरविन्द कुमार शर्मा , कांस्टेबल हरिकेश , कांस्टेबल धर्मात्मा , महिला कांस्टेबल सोनम , महिला कांस्टेबल ममता मौजूद रहे। थाना ठाकुरगंज पुलिस बल के  साथ सभी गाड़ियों को चेक करके ही आगे जाने दिया।