कानपुर नगर, एक बैठक के दौरान सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव सिंह अर्कवंशी ने कहा कि उ0प्र0. सरकार द्वारा पिछडे वर्ग के छाो के साथ भेद-भाव किया जा रहा है, वर्त में यदि संख्या का अनुपात देखा जाये तो सामान्य वर्ग के छात्र-छात्राओं की संख्या उ0प्र0 में 7 लाख है वहीं पिछडे वर्ग के छात्र छात्राओं की संख्या 21 लाख है, इसके सापेक्ष मं सामान्य वर्ग के छात्र छात्राओं के छात्रवृत्ति हेतु सरकार द्वारा 609 करोड व पिछडे वर्ग के छात्र-छात्राओं हेतु 600 करोड की धनराशि का बजट आवंटित किया जाना सीधे-सीधे योगी सरकार की पिछडा विरोधी होने को दर्शाती है।
उन्होने कहा नीतिगत व्यवस्था के अनुसार प्रति वर्ष दस से 15 प्रतिशत बजट में वृद्धि का प्रावधान है, जबकि सरकार द्वारा बजट बढाने के बजाय 278 करोड रूपया कम कर दिया है है, जिसके कारण पिछडे वर्ग के छात्र छात्राओं को 20 प्रतिशत ही शुल्क प्रतिपूर्ति दी जा रही है वहीं सामान्य वर्ग के छात्रो को 85 प्रतिशत तक शुल्क प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा दी जा रही है। कहा सरकार वार्षिक आय प्रमाण पत्र में भी दलित के साथ भेदभाव कर रही है। कहा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी उत्तर प्रदेश की
योगी सरकार द्वारा संख्या के सापेक्ष पिछडो को शुल्क प्रतिपर्ति हेतु 2070 करोड जारी नही किया जाता है तो सुहेलदुव भारतीय समाज पार्टी इसको पिछडो के साथ धोखा मानकर प्रदेश व्यापी आन्दोलन करने को बाध्य होगी। कहा सरकार सीएए, एनआरसी, एनख्ीआर पर ध्यान भटकाकर शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी, महंगाई के तरफ ध्यान भटकानें का काम कर रही
है, जिसे पार्टी द्वारा स्वीकार नही किया जायेगा और हम जनहित के मुख्य मुददो व पिछडो के अधिकारो के लिए सडक से सदन तक सत्त संघर्ष करेगे।
Monday, February 3, 2020
उ0प्र0 सरकार द्वारा पिछडे वर्ग के छात्र-छात्राओं के साथ किया जा रहा भेद-भाव - राजीव सिंह
हाॅस्टल में रहने वाले छात्र ने लगायी फांसी
कानपुर नगर, थाना नवाबंगज क्षेत्र के विकास नगर इलाके में स्थित जुगल देवी सरस्वती शिशु वाटिका विधालय की एक कक्षा में सोमवार को एक छात्र का शव फांसी में झूलता मिलने के बाद स्कूल में सनसनी फैल गयी। स्कूल में बने छात्रावास के छात्र भी इस घटना की जानकारी के बाद भयभीत हो गये। मृतक छात्र स्कूल के ही हाॅस्टल में रहकर वहां पढाई कर रहा था। सूचना पाकर जहां मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच-पडताल शुरू की वहीं मृतक छात्र के परिजनो ने हत्या की आशंका जताई है।
गोडा निवासी तथा प्राइमरी स्कूल के शिक्षक कामता प्रसाद का पुत्र आशुतोष कुमार कानपुर के विकास नगर क्षेत्र में स्थित सीबीएसई बोड से जुगल देवी सरस्वती स्कूल में कक्षा 9 का छात्र था। बताया जाता है कि उसकी माता का निधन हो चुका है ओर वह स्कूल के ही हास्टल में रहकर पढाई कर रहा था। सोमवार की सुबह लगभग नौ बजे जब स्कूल खुला तो वहां मौजूद स्कूल का चपराी क्लास खोलने के लिए दूसरी मंजिल पर गया औरजैसे ही कमरा नं0 22 में पहुंचा तो उसकी चीख निकल गयी। उसने तत्काल घटना की जानकारी स्कूल प्र बन्धक को दी वहीं सूचना पर हाॅस्टल के सभी छात्र सहम गये। सूचना पाकर शिक्षक भी मौके पर पहुंच गये और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची फाॅरेंसिक टीम ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले और फिंगर प्रिंट व साक्ष्य एकत्र किये। बताया जाता है कि यह कमरा 26 जनवरी से बंद है। पुलिस द्वारा हाॅस्टल वार्डन से पूंछतांछ की गयी वहीं किसी प्रकार का अभी तक कोई सुसाइट नोट नही मिला। सीसीटीवी फुटेज में सात सवा नौ बजे आशुतोष गैलरी में टहलता देखा गया। फिलहाल उसके परिजनो ने हत्या की आशंका व्यक्त की है वहीं पुलिस प्रथम
दृष्टया आत्महत्या का मामला मान रही है। वहीं स्कूल के प्रधानाचार्य ने कहा कि उन्हे कुछ छात्रो ने बताया था कि आशुतोश कुछ दिनो से रस्सी का इंतजाम कर रहा था वहीं आशुतोष के साथ रहने वाले छात्र पवन ने बताया कि रात में वह अपने बेड पर सो गया था लेकिन सुबह वह अपने बिस्तर पर नही था इस बात की उसने वार्ड जीवन कुमार को भी जानकारी दी थी। फिलहाल पुलिस द्वारा जांच-पडताल की जा रही है।
ट्रेन में पुजारी बना जहरखुरानी का शिकार
कानपुर नगर, अमजेर से रांजी जा रही गरीब नवाज एक्सप्रेस में सफर के दौरान एक पुजारी को निशाना बनाते हुए उसे जहरखानी का शिकार बनाया गया। उसे नशीला पानी पिलाकर उसकी नगदी व सामान लूट लिया गया। सेंट्रल पर ट्रेन आने के बाद पुजारी को उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया।
जानकारी के अनुसार 62 वर्षीय राजेन्द्र कुमार पाण्डेय पुत्र अवधेश पांडेय निवासी रोइया जीरादेई, सीवान, बिहार का
रहने वाला है और पुजारी है। बताया जाता है कि वह अपने किसी जजमान के घर पूजा कराने जयपुर गये थे तथा ट्रेन संख्या 18632 अजमेर- रांजी गरीब नवाज एक्सप्रेस से वापस लौट रहे थे। यात्रा के दौरान जनरल कोच में मौजूद कुछ युवक मौजूद थे, जिन्होने पहले तो पुजारी से मित्रता बढाई फिर उन्हे नशीला पानी पिला दिया। पुजारी के बेहोश होते है बदमाश उनका सामान तथा दस हजार रू0 नगर लेकर फरार हो गये। सेंट्रल पहुंचे पर पुजारी को बेहोशी की हालत में ट्रेन से उतार गया तथा डाक्टर ने मुआयनाकर उसे केपीए अस्पताल रिफर कर दिया।
सिपाही विजय यादव ने उपचार के लिए पुजारी को अस्पताल पहुंचाया।
राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति जल्द जारी की जाएगी
भारत का लॉजिस्टिक्स सेक्टर काफी एकीकृत है और इसका लक्ष्य 2022 तक लॉजिस्टिक्स लागत को सकल घरेलू उत्पाद की मौजूदा 14% दर से कम कर इसे 10% तक लाना है। भारत का लॉजिस्टिक्स सेक्टर 20 से अधिक सरकारी एजेंसियों, 40 पीजीए, 37 निर्यात संवर्धन परिषदों, 500 प्रमाणपत्रों, 10000 वस्तुओं, 160 बिलियन के बाजार आकार के साथ बहुत जटिल है। इसमें 12 मिलियन रोजगार आधार, 200 शिपिंग एजेंसियों, 36 लॉजिस्टिक्स सेवाएं, 129 आईसीडी, 168 सीएफएस, 50 आईटी इकोसिस्टम और बैंक तथा बीमा एजेंसियां भी शामिल हैं। इसके अलावा, एक्जिम के लिए 81 प्राधिकरणों और 500 प्रमाण पत्रों की आवश्यकता होती हैं।
भारतीय लॉजिस्टिक्स क्षेत्र 22 मिलियन से अधिक लोगों को आजीविका प्रदान करता है और इस क्षेत्र में सुधार से अप्रत्यक्ष लॉजिस्टिक्स लागत में 10% की कमी आएगी जिससे निर्यात में 5 से 8% की वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त, यह अनुमान लगाया जाता है कि भारतीय लॉजिस्टिक्स बाजार का मूल्य अगले दो वर्षों में वर्तमान के लगभग 160 बिलियन अमरीकी डॉलर की तुलना में 215 बिलियन अमरीकी डॉलर के आसपास होगा।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा बनाई गई राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति भारत की व्यापार प्रतिस्पर्धा में सुधार करेगी और अधिक रोजगार सृजित करेगी, वैश्विक रैंकिंग में भारत के प्रदर्शन में सुधार करेगी और भारत को एक लॉजिस्टिक्स हब बनने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
वित्त मंत्री के बजट भाषण में निम्नलिखित घोषणाएँ राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति को और सुदृढ़ बनाएंगी:
- जीएसटी लागू होने से लॉजिस्टिक्स और परिवहन क्षेत्र में दक्षता आई है। इससे ट्रकों के टर्नअराउंड समय में 20% से अधिक कमी आ गई है।
- सभी वेयरहाउसिंग की जियो-टैगिंग।
- डब्ल्यूडीआरए मानदंडों का अनुपालन करने के लिए वेयरहाउसिंग को बढ़ावा दिया जाएगा।
- पीपीपी मोड पर ब्लॉक / तालुक स्तरों पर वेयरहाउसिंग स्थापित करने के लिए वीजीएफ प्रदान किया जाएगा। भारतीय खाद्य निगम, केंद्रीय भंडारण निगम भी इस उद्देश्य के लिए अपनी भूमि की पेशकश करेगा।
- महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्राम भंडारण योजना बीजों के लिए बैकवर्ड लिंकेज प्रदान करेगी जिससे लॉजिस्टिक्स लागत कम होगी। मुद्रा ऋण और नाबार्ड के तहत वित्तीय सहायता इस उद्देश्य के लिए प्रदान की जाएगी।
- मछली और शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं के लिए कोल्ड चेन को बढ़ावा दिया जाएगा।
- रेफ्रिजरेटेड वैन को जल्द ही शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं की आवाजाही को बढ़ावा देने के लिए पैसेंजर ट्रेनों से जोड़ा जाएगा।
- कृषि ट्रेनों को भी पीपीपी मोड पर चलाया जाएगा।
- कृषि उड़ान योजना को बढ़ावा दिया जाएगा / लॉन्च किया जाएगा, जिसके जरिए बागवानी और शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं को वायु-मार्ग के माध्यम से ले जाया जाएगा, जो विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र और जन-जातीय क्षेत्र को लाभान्वित करेगा। यह निश्चित रूप से उत्पादन क्षेत्रों से लेकर उपभोग क्षेत्रों तक शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं और खाद्य पदार्थों की आवाजाही में मदद करेगा।
- बागवानी को बढ़ावा देने के लिए क्लस्टर दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। एक उत्पाद एक जिला को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- जैविक उत्पादों के लिए राष्ट्रीय जैविक ई-बाजार विकसित किया जाएगा।
- निगोशिएबल वेयरहाउसिंग प्राप्तियों के वित्तपोषण और ई-एनएएम के साथ इसके एकीकरण को भी प्रोत्साहित किया जाएगा ।
- राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति जल्द ही जारी की जाएगी। यह केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और प्रमुख नियामकों की भूमिकाओं को स्पष्ट करेगी। यह सिंगल विंडो ई-लॉजिस्टिक्स मार्केट प्लेस बनाएगी और रोजगार, कौशल पैदा करने और एमएसएमई को प्रतिस्पर्धी बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
- 100 लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन शुरू की गई है जिसमें 6500 से अधिक बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शामिल हैं। राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन में सड़कों के लिए 19.6 लाख करोड़ रुपये, रेलवे के लिए 13.69 लाख करोड़ रुपये, हवाई अड्डों के लिए रु. 4.3 लाख करोड़ और बंदरगाहों के लिए रू.1.01 लाख करोड़ की परियोजनाएँ हैं।
- राजमार्गों, 2500 कि.मी. एक्सेस कन्ट्रोल्ड राजमार्गों, 9000 कि.मी. आर्थिक गलियारों, 2000 कि.मी. तटीय और भूमि-बंदरगाह सड़कों और 2000 कि.मी. सामरिक राजमार्गों का त्वरित विकास किया जाएगा।
- दिल्ली - मुंबई और चेन्नई - बेंगलुरु एक्सप्रेस राजमार्ग 2023 तक चालू किए जाएंगे।
- 6000 किलोमीटर से अधिक के राजमार्ग निर्माण के 12 लॉट 2024 तक मुद्रीकरण के लिए प्रस्तुत किए जाएंगे।
- एक प्रमुख बंदरगाह के निगमीकरण के लिए शासन संरचना की शुरुआत की जाएगी।
- अंतर्देशीय जलमार्ग, विशेष रूप से जल विकास मार्ग (एनडब्ल्यू 1) को चालू किया जाएगा।
- असम में धुबरी से सदिया तक अंतर्देशीय जलमार्ग को 2022 तक बढ़ावा दिया जाएगा।
- अंतर्देशीय जलमार्ग को अर्थ-गंगा अर्थात, नदी के तटों के साथ आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना, नामक कार्यक्रम के तहत बढ़ावा दिया जाएगा ।
- उड़ान योजना के तहत 100 और हवाई अड्डे स्थापित किए जाएंगे।
- वर्तमान 600 के अतिरिक्त 1200 हवाई जहाज जोड़े जाएंगे।
- 2020-21 में परिवहन क्षेत्र के लिए रु 1.7 लाख करोड़ आवंटित किए गए हैं।