Thursday, February 11, 2021

सड़क व ड्रेन निर्माण कार्य का तबस्सुम आरा ने किया शुभारम्भ

कुल्टी : आसनसोल नगर निगम के वार्ड नं 16 में कुछ दिन पहले सड़क व डैरेन के मांग को लेकर चलबलपुर के निवासियों ने सड़क को अवरुद्ध कर दिया था।  सड़क व डैरेन की मांग को लेकर वार्ड नंबर 16 में सड़कें जाम किया गाया था।  पूर्व डिप्टी मेयर और आसनसोल नगरपालिका के प्रशासनिक बोर्ड के सदस्य तबस्सुम आरा ने नाकाबंदी के दौरान आए और निवासियों को अस्वासन दिया कि वह सड़कों और डैरेन के निर्माण की पहल करेंगे।

 आज उस सड़क को बनाने का काम शुरू हुआ।  तबस्सुम आरा ने खुद आकर उस सड़क को बनाने का काम शुरू किया।  उन्होंने यह भी कहा कि नाली का काम शुरू होगा।  सड़क बनाने के लिए 16 लाख रुपये और नाली बनाने के लिए 10 लाख रुपये से अधिक खर्च होंगे।  हालाँकि आज उद्घाटन के समय कुछ लोग जय श्रीराम के नारा भी तबस्सुम आरा के सामने जाप किया, लेकिन कुछ स्थानीय युवकों के साथ-साथ ममता बनर्जी जिंदाबाद के तृणमूल कार्यकर्ताओं ने भी जप शुरू कर दिया।

कुल्टी ब्लॉक तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष बिमान आचार्य और अन्य उपस्थित थे।

रिश्तों के चार पायदान

जीवन में आमतौर पर चार चीजें यानि विश्वास, रिश्ता, हृदय और वचन बड़ा ही महत्वपूर्ण स्थान रखतें हैं, क्योंकि यह चारों सीढ़ी के पायदान हैं.... 

पहला विश्वास :, किसी भी रिश्ते को बनने के लिए जरूरी है विश्वास।

दूसरा रिश्ता : जब आपसी विश्वास पैदा हो जाए तभी हम उसको रिश्ते से जोड़ने का प्रयत्न करते हैं। यह रिश्ता चाहे दोस्ती का हो या सामाजिक हो

तीसरा ह्रदय : जब कोई रिश्ता बनता है और पनपता है तो उसकी जड़े हृदय से जाकर जुड़ती हैं दोनों तरफ से। और जिसकी जड़ें हृदय से जुड़ती हैं वह रिश्ता बहुत मजबूत और अटूट रहता है।

और चौथा आखिरी पायदान वचन : यह एक ऐसा पायदान है जिस पर हर कोई नहीं चढ़ सकता क्योंकि इस पायदान पर चढ़ने के बाद संतुलन बनाना बहुत आवश्यक है। क्योंकि वचन दोनों तरफ से बनाया और निभाया जाता है जहां पर दोनों पक्षों को संतुलित रूप से व्यवहार करना होता है अपने साथ-साथ अन्य सभी बातों को ध्यान रखते हुए।


प्रफुल्ल सिंह "बेचैन कलम"

प्यार के नाम एक ‌संदेश

प्यार के मौसम ने अपनी खुशबू चारों और फैलानी शुरू कर दी है कहीं लाल गुलाब के फूल महक रहें है, तो कहीं हजारों गिफ्ट दिखाई देते हैं। बाजार में एक अलग ही रौनक छाई हुई है प्यार के इस मौसम में लेकिन इस सब के बीच आज प्यार का असल अर्थ धुंधला हो गया है। लोग अच्छे-अच्छे गिफ्ट, घूमना फिरना खाना पीना इत्यादि में ही प्यार को खोजते हैं और उसी के आधार पर प्यार की कीमत लगाते हैं। जिसे देख लगता है कि राम और सीता का प्यार में बंधा संबंध हो या राधा श्याम का प्रेम आज के युग में देखना मुश्किल हो गया है।


आज के युग में प्रेम समय व्यतीत करने का साधन और जरूरत मात्र बन गया है हमने प्यार को केवल दिखावे की वस्तु बना कर रख दिया है आज के युवक युवती एक दूसरे के साथ केवल अपनी आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए रहते हैं। उनको एक दूसरे से जुड़ाव केवल तब तलक का होता है जब तक उन्हें उनकी जरूरत महसूस होती है। फायदे और नुकसान बस इन्हीं दो शब्दों से आज प्रेम का रिश्ता बन गया है। ऐसे रिश्तो में प्रेम कभी नहीं होता फिर भी प्यार का नाम लेकर अक्सर प्यार को बदनामी का दाग लगा दिया जाता है।

प्यार का असल अर्थ हम सदैव ही एक पुरुष और स्त्री के प्यार में खोजते हैं जबकि ऐसा नहीं है, प्यार का अर्थ पुरुष और स्त्री तक सीमित नहीं है। प्यार एक छोटा शब्द अवश्य है किंतु इसका स्वरूप बहुत ही विशाल है। जिसे अगर हम समझना चाहते हैं तो हमें पहले प्यार के लिए समाज की बनाई सीमाओं से बाहर निकलना होगा। प्यार शारीरिक संबंध या रिश्तो से नहीं पनपता है। जरूरी नहीं है कि आप की मां, बहन, बेटी, पत्नी ही आपको‌ प्यार करें। प्यार का रिश्ता स्वार्थ और शारीरिक संबंध से नहीं जुड़ा ‌हुआ है। प्यार को अक्सर हम समाज द्वारा बनाए गए संबंधों में बांधकर देखते हैं किंतु प्यार किसी रिश्ते का गुलाम नहीं है। प्यार की परिभाषा में हम सभी के लिए समझ पाना बहुत ही मुश्किल हैं क्योंकि हम प्यार के संपूर्ण रूप को कभी समझ ही नहीं पाते हैं। प्यार एक ऐसा शब्द है जो शब्दों में तो बहुत ही छोटा है किन्तु इसका स्वरूप बहुत ही विशाल है। प्यार दोस्त का दोस्त के लिए भी हो सकता है। प्यार एक इंसान के लिए ही नहीं किसी वस्तु या प्रकृति के अन्य स्रोत से भी हो सकता है। अपने कार्य से भी आपका प्रेम हो सकता है। आम रूप में, जब आप किसी के बिना रह नहीं सकते वह प्यार है। एक जीवन में एक मनुष्य हजारों दफा प्यार कर सकता है चाहे वह वस्तुओं से हो या फिर व्यक्तियों से उसकी कोई सीमा नहीं है।

प्यार एक एहसास है जो जरूरी नहीं कि मां के आंचल में ही मिले, प्यार मां की परवरिश मैं भी झलकता है। किसी की माथे की बिंदिया से ज्यादा उसके हाथों के छालों में उसका प्यार नजर आता है। प्यार खुशबू से महकती जुल्फों से ज्यादा पसीने से लथपथ बदन में नजर आता है। प्यार सड़क किनारे बैठे बच्चे को देख जगने वाली ममता भी हो सकती हैं। विदा होती बेटी को देख मां-बाप के भावनाओं के साथ दोस्त के लिए ‌ मुस्कुराती सहेली की निगाहों में भी प्यार झलकता है। प्यार किसी सांचे या खूबसूरती का मोहताज नहीं वह हर बंधन से मुक्त हैं।

     लेकिन जब हम सच्चे प्यार की बात करते हैं। तब वह ऐसा प्यार है जो किसी फायदे नुकसान की सोचें बिना जिंदगी भर किया जाता है। उम्र के अंतिम दौर में खुशाली का जीवन जीते हुए अपनी संपूर्ण परिवार के बीच बैठे उस व्यक्ति को याद करते हैं जिसके लिए एक वक्त आपका दिल धड़का था वही सच्चे प्यार की परिभाषा है। सच्चा प्यार आपको रिश्ते-नाते, रीति-रिवाजों से ऊपर ले जाता है। प्यार के लिए ना रिश्ते की जरूरत है ना बंधन की। बस जरूरत है उस प्यार भरे एहसास की जिसे दिल में बसा के आप जिंदगी भर एक नाम के साथ गुजार सकते हैं।

    प्यार को बाजारों में रखे गिफ्ट से कीमत से मोल मत लगाओ, भावनाओं से मोल लगाओ। फिर कभी ना कभी सच्चे प्यार की डोर तुम्हारे हाथों में जरूर बन्ध जाएंगी। प्यार को आप किस एहसास में देखते हैं यह समझना जरूरी है। आप प्यार को अपने जीवन में जिस आधार में ढालेंगे वह उसी आकृति को ग्रहण कर लेगा। जिस तरह से पानी जिस प्रकार के बर्तन में रखा जाता है, वह वैसा ही हो जाता है। प्यार भी उसी प्रकार से हैं। प्यार को समझने के लिए आपको अपने मानसिक रूपी बर्तन के आकार को बदलना होगा‌ जितना अधिक विस्तृत हमारा मन होगा प्यार के प्रति, हम प्यार के अर्थ को उतना अधिक समझ कर अपने जीवन में ग्रहण कर सकेंगे।
    राखी सरोज

Wednesday, February 10, 2021

नालंदा में प्रेमिका के साथ पकड़ा गया प्रेमी, पति ने दोनों को काट डाला,हुआ फरहार

 बिहार(ब्युरो चीफ) दैनिक अयोध्या टाइम्स।प्रेमिका की शादी के कई सालों बाद भी प्रेमी नहीं माना। वैलेंटाइन सप्ताह में वह उससे मिलने उसकी ससुराल जा पहुंचा। दोनों को घर के अंदर कमरे में साथ देख कर पति का गुस्सा सातवें आसमे पर चढ़ गया। उसने पत्‍नी व उसके प्रेमी की वहीं काटकर हत्‍या कर दी। इसके बाद पूरा परिवार दोनों के शवों को वहीं छोड़कर फरार हो गया। घटना नालंदा के थरथरी थाना क्षेत्र के रूपन बीघा गांव में बुधवार की सुबह हुई।रूपन बीघा गांव के रहने वाले सबलू यादव की पत्नी रेखा देवी की हत्या उसके प्रेमी निशांत कुमार उर्फ छोटू के साथ बुधवार की सुबह पति व ससुराल वालों ने कर दी। रेखा एवं निशांत के शव घर के कमरे में जमीन पर पड़े मिले। हत्या में प्रयुक्त फाबड़े को हत्‍यारों ने पीनी से धोकर छिपा दिया था, जिस पुलिस ने कमरे से पास से बरामद कर लिया है। रेखा के पति समेत घर के सभी सदस्य फरार हैं।

मिली जानकारी के अनुसार रेखा का निशांत के साथ शादी के पहले से ही प्रेम संबंध था। लेकिन परिवार वालों ने उसकी शादी सबलू से करा दी। 30 वर्षीया रेखा देवी की चार व तीन साल की दो संतानें भी हैं। इसके बाद भी दोनों का प्रेम संबंध कायम रहा। रेखा का मायका हिलसा थाना क्षेत्र के धरमपुर गांव में है। उसका प्रेमी भी उसी गांव का रहने वाला था। दोनों मौका निकाल कर गुपचुप मिलते रहते थे।