Saturday, April 24, 2021

भारत स्काउट गाइड के जिला सलाहकार द्वारा मुस्कुराहट कायम रहे अभियान चलाया गया

राजापाकर( वैशाली )संवाद सूत्र, दैनिक अयोध्या टाइम्स

कोविड-19 वैश्विक महामारी की स्थिति में मानव जाति भयभीत है। कोरोना वायरस से भयभीत होकर जीवन जीने को मजबूर है, ऐसे विषम परिस्थिति में जीवन को बेहतर एवं आनंदमय तरीके से जीने के लिए भारत स्काउट गाइड के जिला सलाहकार सह प्रखंड साधन सेवी राजापाकर प्रमोद कुमार सहनी वैशाली जिले के साथ साथ पुरे बिहार में मुस्कुराहट कायम रहे अभियान चला रहे हैं। मुस्कुराहट कायम रहे अभियान जिला सलाहकार प्रमोद कुमार सहनी के कुशल नेतृत्व में मार्च 2020 से अभी तक निरंतर जारी है। बच्चे ,बूढ़े एवं जवान आदि सभी को खुश रखने के लिए   प्रमोद कुमार द्वारा मुस्कुराहट कायम रहे अभियान को ऑनलाइन भी संचालित किया जा रहा है। मुस्कुराहट एक भाव है जिसे किसी के मन की खुशी के भाव का इजहार होता है। लोगों को जब किसी भी बात की खुशी महसूस होती है तब वह आंखों ही आंखों में मुस्कुराता है।इससे वह जीवन का आनंद लेता है। मुस्कुराहट से तनाव कम होती है। मुस्कुराहट तभी आती है जब खुशी का इजहार होगा, तब कोई व्यक्ति लंबी और स्वस्थ जीवन जी सकता है। मुस्कुराते रहने से रोग शोक से मुक्ति मिल सकती है। मानसिक रूप से स्वस्थ रहने एवं लंबी आयु जीने के लिए प्रमोद कुमार द्वारा विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन गतिविधि संचालित किए जा रहे हैं। मुस्कुराहट जीवन जीने की एक संजीवनी बूटी है, मुस्कुराहट जीवन के लिए ऑक्सीजन की तरह प्राणवायु है।मनुष्य के जीवन में जीवन में अगर मुस्कुराहट नहीं है तब सर्व संपन्न होने के बावजूद भी मरघट की तरह जीवन जीता है। इसलिए जीवन में मुस्कुराइए ,उस का आनंद लीजिए। फूल बनकर मुस्कुराना जिंदगी है, मुस्कुराकर गम भुलाना जिंदगी है, जीत कर खुश हो गए तो क्या हुआ, हार कर भी मुस्कुराना जिंदगी है।

लखनऊ पश्चिम विधायक सुरेश चंद्र श्रीवास्तव की कोरोना से हुआ निधन

पुष्पेंद्र सिंह दैनिक अयोध्या टाइम्स लखनऊ


उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ पश्चिम क्षेत्र के विधायक के सुरेश श्रीवास्तव का आज कोरोना संक्रमण के कारण लखनऊ के एसजीपीजीआई अस्पताल में निधन हो गया । विधायक सुरेश श्रीवास्तव 70 वर्ष के थे और उनकी पत्नी मालती श्रीवास्तव व पुत्र सौरभ श्रीवास्तव भी कोरोना संक्रमण की वजह से लखनऊ के एसजीपीजीआई अस्पताल में इलाज करा रहे हैं । स्वर्गीय सुरेश चंद्र श्रीवास्तव लखनऊ पश्चिम क्षेत्र से चार बार विधायक रह चुके हैं। लखनऊ पश्चिम क्षेत्र के विधायक स्वर्गीय सुरेश चंद्र श्रीवास्तव एलडीए सचिवालय कॉलोनी में रहते थे 1 सप्ताह से उनका लखनऊ के एसजीपीजीआई अस्पताल में इलाज चल रहा था । स्वर्गीय सुरेश श्रीवास्तव को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था । शुक्रवार की शाम कोरोना के कारण जब उनके निधन की खबर आई तो सिर्फ पश्चिम क्षेत्र में ही नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में भी शोक की लहर दौड़ गई । सरल स्वभाव वाले सुरेश चंद्र श्रीवास्तव मृदुभाषी शैली के लिए जाने जाते थे उनकी एक पुत्री और एक पुत्र चिकित्सक है। स्वर्गीय सुरेश चंद श्रीवास्तव के निधन के बाद उनके घर पर उनके चाहने वालों का तांता लग गया उनके निधन पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा शोक संवेदना व्यक्त की गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि स्वर्गीय सुरेश चंद श्रीवास्तव की कमी को पूरा नहीं किया जा सकता।

Friday, April 23, 2021

सकल घरेलू उत्पाद का 8% स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च किया जाना चाहिए

भारत दुनिया के मुकाबले स्वास्थ्य सेवाओं पर सबसे कम खर्च करती है हमारे यहां जीडीपी का मात्र 1•२% ही स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च किया जाता है।वक्त आ गया है कि अब इसमें अच्छी खासी बढोतरी की जाय। राष्ट्रीय स्वास्थ्य  नीति ने तो राज्य सरकारो को 8-10% तक बजट में खर्च करने की बात कही है।जो औसतन 4-5% ही खर्च कर पाते हैं।

आज स्वास्थ्य सेवाओं का चरमराना आम लोगो पर भारी पड़ रहा है। वेड, वेंटिलेटर,आईसीयू, दवाएँ और ऑक्सीजन जैसी जरूरी सामान की किल्लत ने न जाने कितने  ही परिवारों को निगल चुकी है ।अच्छी स्वास्थ्य सेवा का होना अनिवार्य है जो कि सरकारें ही सुनिश्चित कर सकती है और सरकारो को भी जात-पात, आरक्षण से परे हटकर दायरा बढाना होगा ।आज चारो तरफ किल्लत ही किल्लत है आखिर क्यूँ? क्या बजट के प्रावधानों में स्वास्थ्य की अहमियत नही रही?क्या सरकारे सिर्फ जात पात और सब्सिडी बांटने परअपना ध्यान और क्षमता को केन्द्रित करती रहेंगी आखिर कबतक?

देश की स्वास्थ्य और उनसे जुड़े हुए सारी सेवा को चाकचौबंध करना ही होगा और बजट के दायरे को बढाये वगैर ऐसा संभव नहीं है।इस महामारी काल ने हमारे सफेद पोश की सफेद झूठ का पोल इस तरह खोला है कि चारो ओर चीख पुकार सुनने को मिल रही है क्या यही अच्छे दिन की परिभाषा है या फिर सरकारों की मनमौजी ।आखिर राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति की बातों को अनदेखी क्यों हो रही है।जब हम स्वस्थ्य ही नही रहेंगे तो एक रूपये गेहूँ और एक रूपये चावल बांटने की नीति का क्या करेंगे?

वैसे देखा जाय तो स्वास्थ्य के क्षेत्र में अमूल्य परिवर्तन हुए हैं लेकिन यह सिर्फ चंद शहरो तक सीमित हैं जबकि ग्रामीण स्तर पर या फिर जिला स्तर पर यह परिवर्तन होनी चाहिए जो सिर्फ और सिर्फ बातो से नही अपितु जमीनी स्तर पर करना ही होगा वैसी कार्य प्रणाली और सेवा प्रणाली को सुदृढ करना होगा जो स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्यो को जिम्मेदारीपूर्वक करें सभी सरकारों को स्वास्थ्य के लिए  पहली प्राथमिकता के साथ तवज्जो देनी होगी और समस्याओ के निदान कर्मठ व योग्य चिकित्सको को लाना होगा।यह सभी कार्यो को तभी अमलीजामा पहनाया जा सकता है जब बजट हो और उसका इस्तेमाल सही तरीके से हो तो कुछ भी संभव है ।

हम आबादी के हिसाब से भी देखे तो एक वेहतर स्वास्थ्य लाभ के लिए 2500 से 5000 की आबादी पर एक डाक्टर और एक नर्स का होना अनिवार्य माना जाएगा।लेकिन जब हम ऑकडो पर आते है तो ग्रामीण क्षेत्रो में यह 50,000और शहरी क्षेत्रों में 25,000 पर पहुँच जाता है ऐसे में एक अच्छी स्वास्थ्य सेवा का सपना देखना लोगो पर भारी पड़ रहा है और सरकारें विकास का वखान करती नजर आ रही हैं जबकि हकीकत सबके सामने है।

 संविधान के 74वें संशोधन कहता है कि नगर निगम और नगरपालिका जैसे स्थानीय शहरी निकायों का कर्तव्य है कि वे शहरी क्षेत्र में प्राथमिक और व सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करावें।स्वास्थ्य के लिए हर किसी की प्राथमिकता देनी होगी चाहे वह पंचायत प्रतिनिधि हो विधायक हो सांसद अथवा मंत्री।

आज यह महामारी हमारी सिस्टम और प्रचारित कार्यप्रणाली की कलई खोल रही है और सभी मूकदर्शक बने हुए है जबकि जिन्दगी दम तोड़ने पर विवश है।कोई वेड खोज रहा, कोई ऑक्सीजन, तो कोई डाक्टर, कोई अस्पताल,कोई एम्बुलेंस, कोई श्मशान, ऐसा हिन्दुस्तान विवश और लाचार कभी नही दिखा इस महामारी ने सबको लाचार बना डाला है चाहे वह सरकारें हो या आम जनता।
                                          आशुतोष 
                                         पटना बिहार 

सोनपुर में 83 कोरोना संक्रमित व्यक्ति की हुई पहचान

एक संक्रमित की हुई मौत,283 लोगो को दी गयी कोविड19 वैक्सिन*           

सारण( ब्यूरो चीफ संजीत कुमार) दैनिक अयोध्या टाइम्स      सोनपुर--- सोनपुर प्रखंड क्षेत्र में लगातार कोरोना के संक्रमित व्यक्ति की संख्या में आए दिन बढ़ोतरी हो रही है इसमें कमी  होती नही दिखाई दे रही है । सोनपुर कोरोना नोडल अधिकारी डॉ अभिषेक कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को स्थानीय मेडिकल स्टोर के व्यवसाय के साथ एक बैठक कर बढ़ते कोरोना के संक्रमित मरीज को देखते हुए आवश्यक दवाईया व अन्य जरूरतमंद सामान उपलब्ध रखने को कहा गया वहीं स्थानीय प्रशासन इस महामारी से बचाव के लिए सख्ती से पालन करते हुए बिना मास्क के चलने वाले वैसे लोगों एवं भीड़भाड़ वाले स्थानों पर उपस्थित लोगों के साथ-साथ दुकानों अन्य स्थानों पर एकत्रित होने वाले वैसे लोगों को ऊपर कठोरता से पेश करें तभी संक्रमित की संख्या में कमी आ सकती है । वही  सिन्हा ने यह भी  बताया कि  रैपिड कीट से कोरोना की जांच की गई जिसमें रेलवे स्टेशन ,अनुमंडल अस्पताल, एएनएम ट्रेनिंग सेंटर पर कुल 300 लोगों को जांच किया गया जिसमें 83 लोग संक्रमित पाए गए हैं । उन्होंने  बताया कि सोनपुर अनुमंडल चिकित्सा प्रभारी डॉ हरिशंकर चौधरी के भाई कोरोना संक्रमित हो गए थे जहाँ ईलाज के दौरान सोनपुर एएनएम ट्रेनिग सेंटर पर मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि सोनपुर के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों व पंचायत में मेडिकल टीम पहुँच कर कुल 283 लोगों को कोविड-19 की वैक्सीन दी  ।