Wednesday, January 29, 2020

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने दिल्‍ली में नेशनल कैडेट कोर की रैली में हिस्‍सा लिया

     प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज दिल्‍ली में नेशनल कैडेट कोर की रैली में हिस्‍सा लिया। रैली में प्रधानमंत्री ने गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया और एनसीसी के विभिन्‍न जत्‍थों के साथ-साथ अन्‍य मित्र एवं पड़ोसी देशों के कैडेटों की मार्च पास्‍ट का अवलोकन किया।


बोडो एवं ब्रू-रियांग समझौता  


     पूर्वोत्‍तर के विकास के लिए जारी प्रयासों का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले यह क्षेत्र उपेक्षित था एवं इसे उग्रवाद से निरंतर जूझना पड़ रहा था और हिंसा के कारण अनेक निर्दोष लोगों की मौत हो गई। उन्‍होंने कहा कि इस सरकार ने जहां एक ओर पूर्वोत्‍तर के विकास के लिए अभूतपूर्व योजनाएं बनाईं, वहीं दूसरी ओर खुले मन एवं खुले दिल से सभी हितधारकों के साथ संवाद शुरू किया गया। बोडो समझौता इसी का परिणाम है। यह युवा भारत की सोच है।








मिजोरम एवं त्रिपुरा के बीच ब्रू-रियांग समझौते के बाद ब्रू जनजातियों से जुड़ी 23 वर्ष पुरानी समस्‍या सुलझा ली गई है। यह युवा भारत की सोच है। हम सबका साथ लेकर, सबका विकास करते हुए, सबका विश्‍वास हासिल करते हुए देश को आगे बढ़ा रहे हैं।








नागरिकता संशोधन कानून


   प्रधानमंत्री ने कहा कि यह देश के युवाओं के लिए अत्‍यंत आवश्‍यक है कि वे नागरिकता संशोधन कानून से जुड़ी वास्‍तविकता से अवगत हों। आजादी मिलने के बाद स्‍वतंत्र भारत ने पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश एवं अफगानिस्‍तान में रहने वाले हिन्‍दू, सिख एवं अन्‍य अल्‍पसंख्‍यकों से यह वादा किया कि यदि उन्‍हें आवश्‍यकता महसूस हुई, तो वे भारत आ सकते हैं। प्रधानमंत्री ने वादा किया कि भारत उनके साथ खड़ा है। उन्‍होंने कहा कि गांधी जी की भी यही इच्‍छा थी। इसी तरह वर्ष 1950 में हुए नेहरू-लियाकत समझौते की भी यही भावना थी। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इन देशों में व्‍यक्तिगत आस्‍था के कारण जिन लोगों को प्रताडि़त किया गया, उन्हें शरण देना एवं भारत की नागरिकता देना हमारे देश की जिम्मेदारी है, लेकिन इस तरह के हजारों लोगों को लौटा दिया गया।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इस तरह के लोगों के साथ हुए ऐतिहासिक अन्‍याय को समाप्‍त करने के लिए हमारी सरकार नागरिकता संशोधन कानून लाई है। भारत के पुराने वादे को पूरा करने के लिए इस तरह के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।’   


   प्रधानमंत्री ने कहा कि बंटवारे के समय अनेक लोग भारत छोड़कर चले गए थे, लेकिन उन्‍होंने यहां स्थित अपनी संपत्तियों पर अपना अधिकार जताया। उन्‍होंने कहा कि करोड़ रुपये की इन सपंत्तियों पर भारत का अधिकार होने के बावजूद शत्रु संपत्ति को कई दशकों तक ठंडे बस्‍ते में रखा गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने शत्रु संपत्ति कानून का विरोध किया था, वही लोग अब नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने के लिए आगे आ रहे हैं।


भारत-बांग्‍लादेश सीमा विवाद


   प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्‍लेख किया कि भारत और बांग्‍लादेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में विवाद को सुलझाने के लिए कोई ठोस पहल नहीं की गई थी। उन्‍होंने कहा कि जब तक सीमाओं पर विवाद रहेगा, तब तक घुसपैठ को नहीं रोका जा सकता है। विवाद को जारी रखो, घुसपैठियों को खुला रास्‍ता दे दो, अपनी राजनीति चलाते रहो।    


      उन्‍होंने कहा कि सरकार ने एक-दूसरे की बात सुनकर, एक-दूसरे को समझकर और आपसी सहमति से एक ठोस समाधान ढूंढकर बांग्‍लादेश के साथ सीमा विवाद सुलझाया। उन्‍होंने इस बात पर संतोष जताया कि न केवल सीमा विवाद सुलझा लिया गया है, बल्कि भारत और बांग्‍लादेश के बीच संबंध अब ऐतिहासिक उच्‍चतम स्‍तर पर पहुंच गए हैं और दोनों ही देश आपस में मिलकर गरीबी से लड़ रहे हैं।


करतापुर कॉरिडोर


      प्रधानमंत्री ने कहा कि बंटवारा गुरुद्वारा करतारपुर साहिब को हमसे दूर ले गया और इसे पाकिस्‍तान का एक हिस्‍सा बना दिया। करतारपुर गुरुनानक की पावन भूमि थी। उन्‍होंने कहा कि करोड़ों देशवासियों की आस्‍था इस पावन स्‍थल से जुड़ी हुई थी। उन्‍होंने कहा कि कई दशकों से सिख श्रद्धालु बड़ी सहजता के साथ करतारपुर पहुंचने और गुरु भूमि की झलक पाने के अवसर का इंतजार कर रहे थे। इस सरकार द्वारा करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण करने के साथ ही यह सपना साकार हो गया है।   















जम्मू और कश्मीर भारत का ताजः प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि युवा भारत समस्याओं को टालना नहीं चाहता है और अलगाववाद और आतंकवाद का मुकाबला करना चाहता है। श्री मोदी आज नई दिल्ली में एनसीसी रैली को संबोधित कर रहे थे।


देश से युवा मन और उत्साह विकसित करने का आग्रह करते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की समस्या दशकों से बनी हुई है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से जम्मू और कश्मीर की समस्या चली आ रही है। उन्होंने पूछा कि समस्या सुलझाने के लिए क्या किया गया है ?


उन्होंने कहा कि तीन-चार परिवार तथा राजनीतिक दल समस्या के समाधान में कोई दिलचस्पी नहीं रखते थे और चाहते थे कि समस्या अपनी जगह बनी रहे। इसका परिणाम यह हुआ कि निरंतर आतंकवाद से कश्मीर बर्बाद हो गया और हजारों बेगुनाह लोग मारे गए। उन्होंने कहा कि राज्य में लाखों लोगों को घरों से बाहर कर दिया गया और सरकार मूक-दर्शक की तरह देखती रही।


अनुच्छेद 370 की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अस्थायी प्रबंध था, लेकिन कुछ राजनीतिक दलों की वोट बैंक की राजनीति के कारण यह सात दशकों तक बना रहा। उन्होंने कहा कि कश्मीर देश का ताज है और इसे अशांति से बाहर निकालना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 की समाप्ति का उद्देश्य जम्मू और कश्मीर की पुरानी समस्याओं को सुलझाना है।


आतंकवाद से मुकाबले में सर्जिकल स्ट्राइक तथा एयर स्ट्राइक


      उन्होंने कहा, ‘हमारे पड़ोसी ने हमारे साथ तीन बार युद्ध किया, मगर सभी लड़ाईयों में पराजित हुआ। अब यह हमारे साथ छद्म युद्ध कर रहा है और हमारे हजारों नागरिक मारे जा रहे हैं। पहले इस विषय पर क्या सोच थी। इसे कानून और व्यवस्था की समस्या के रूप में देखा जाता था।’


      प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समस्या को बनाए रखा गया और सुरक्षा बलों को कार्रवाई करने का कभी मौका नहीं दिया गया।


      ‘आज युवा सोच और मन के साथ भारत प्रगति कर रहा है। इसी कारण भारत सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करने में सक्षम रहा और प्रत्यक्ष रूप से आतंकी शिविरों पर हमला किया।’


      प्रधानमंत्री ने कहा कि इन कार्रवाई के परिणाम स्वरूप आज देश में चारों तरफ शांति है और आतंकवाद में काफी कमी आई है।


राष्ट्रीय युद्ध स्मारक


      प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में कुछ लोग शहीदों का स्मारक नहीं चाहते थे। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों का मनोबल ऊपर उठाने के बदले सुरक्षा बलों के गर्व को ठेस पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे थे। उन्होंने कहा कि युवा भारत की इच्छा के अनुसार आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक तथा राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का निर्माण किया गया है।


चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ


      प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे विश्व में सशस्त्र बलों में परिवर्तन हो रहा है और सेना, नौसेना तथा वायुसेना के बीच तालमेल पर बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस विषय में कई दशकों से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की मांग की जा रही थी, लेकिन दुर्भाग्यवश निर्णयहीनता की स्थिति बनी रही। उन्होंने कहा कि युवा सोच और मन से प्रेरणा लेते हुए हमारी सरकार द्वारा नये सीडीएस की नियुक्ति की गई है।


      उन्होंने कहा ‘सीडीएस पद का गठन और नये सीडीएस की नियुक्ति हमारी सरकार द्वारा की गई है’।


राफेल को शामिल करना- अगली पीढ़ी का लड़ाकू विमान


      सशस्त्र सेना के आधुनिकीकरण और तकनीकी उन्नयन के विषय में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश से प्यार करने वाला कोई भी व्यक्ति चाहेगा कि उसके देश के सुरक्षा बल आधुनिक और उन्नत हों।


      उन्होंने इस बात पर अफसोस किया कि 30 वर्षों के बाद भी भारतीय वायुसेना अगली पीढ़ी का एक भी विमान हासिल नहीं कर सकी।


      उन्होंने कहा, ‘हमारे विमान पुराने और दुर्घटना जोखिम वाले थे, हमारे लड़ाकू पायलट शहीद हो रहे थे।’


      उन्होंने कहा, ‘हमने तीन दशकों से लंबित कार्य को पूरा किया। आज मुझे खुशी है कि तीन वर्षों की प्रतीक्षा के बाद भारतीय वायुसेना को अगली पीढ़ी का लड़ाकू विमान – राफेल – मिला।’







 






बसंत ऋतु का आगमन

 

बसंत ऋतु का हुआ आगमन,

पतझड़ का अब हुआ गमन।

चहुँओर दिख रही हरियाली,

तन मन ख़ूब हो रहा प्रसन्न।।

 

खेतों में  बसंती पीले रंग के,

सरसों के ढेरों हैं फूल  खिलें।

प्रकृति हरा घाघरा चुनरी ओढ़े,

आम के  पेड़ पर बौर  लगे।।

 

दुल्हन  बन के सजी प्रकृति,

सुंदर फूलों का कर  श्रृंगार।

अनुपम सौंदर्य से मंत्र मुग्ध,

मंद  मंद  बह रही  बयार।।

 

पतझड़ अब खत्म हो गए,

नव  पल्लव से हैं वृक्ष लदे।

प्रकृति को मिला नवजीवन,

सपनों से लगते आँख मुदें।।

 

बोल रही कोयल  डालों पर,

पंछियों का हो रहा कलरव।

मन में उमड़ी ख़ुशियाँ अपार,

लगता है जैसे कोई उत्सव।।

 

धरती सजी है  दुल्हन  जैसे,

पायल की  रुनझुन झंकार।

प्रकृति की है  छंटा निराली,

अविरल सुंदर सा उपहार।।

 

पुलिस की कार्यप्रणाली से छुब्ध एक महिला ने आत्महत्या की चेतावनी दी है



एसपी सिंह / ज्ञान प्रकाश मिश्रा
करनैलगंज(गोंडा)। पुलिस की कार्यप्रणाली से छुब्ध एक महिला ने आत्महत्या की चेतावनी दी है। करनैलगंज में एक महिला सफाईकर्मी की बहू के साथ 29 नवंबर की रात्रि एक व्यक्ति घर में घुसकर उसके साथ बलात्कार करने का प्रयास किया और विरोध करने पर उसे मारा पीटा भी और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर गालियां दी और धमकी देते हुए फरार हो गया। इसके साथ ही परिजनों के आ जाने पर उनके साथ भी मारपीट की गई।
महिला द्वारा महिला आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, पुलिस अधीक्षक, डीआईजी व अन्य तमाम अधिकारियों को भेजे गए प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि पुलिस ने घटना के पांच दिनों तक उसकी एफआईआर नहीं पंजीकृत किया। उसके बाद पुलिस ने मामूली धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया। बाद में पुलिस क्षेत्राधिकारी द्वारा विवेचना में एससीएसटी एक्ट को भी हटा दिया गया।
जबकि जाति प्रमाण पत्र भी दिया गया। महिला का कहना है कि घर में घुसकर हुई इस वारदात में पुलिस ने समुचित धाराओं के तहत न तो मुकदमा पंजीकृत किया न ही अब तक आरोपी के विरुद्ध कोई कार्यवाही की गई। आरोपी के परिजन लगातार उसे ताना मारते हुए धमकी भी दे रहे हैं। महिला का कहना है कि प्रार्थना पत्र देकर परेशान हो चुकी है। पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। ऐसे में पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती है तो वह आत्महत्या करने के लिए विवश होगी।
उसने कहा है कि सामाजिक प्रतिष्ठा खराब होने से और वह और उसका परिवार पूरी तरीके से आहत है। उधर कोतवाल केके राणा बताते हैं कि संबंधित मुकदमे की विवेचना पुलिस क्षेत्राधिकारी द्वारा की जा रही थी। एससी एसटी एक्ट हटाए जाने के बाद अब उसकी विवेचना कोतवाली के दरोगा द्वारा की जा रही है। विवेचना के बाद कार्रवाई अवश्य की जाएगी।