Sunday, May 2, 2021

महुआ ताजपुर मार्ग पर ट्रक बोलेरो की हुई भीषण टक्कर बोलेरो ड्राइवर की हुई मौत

महुआ (संवाददाता वसीम आलम)  दैनिक अयोध्या टाइम्स

पातेपुर थाना क्षेत्र  के बाजितपुर  गांव निवासी रामा मिश्रा के पुत्र गुड्डू मिश्रा बताया जा रहा है जोकि एक तिलक समारोह में जा रहा था कि अचानक महुआ ताजपुर मार्ग के महुआ नगर परिषद कार्यालय के निकट एक  ट्रक में धक्का लगने के कारण ड्राइवर अनियंत्रित हो गया और  आगे से गाड़ी पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गया और ड्राइवर बहुत बुरी तरीके से घायल हो गया घटना की सूचना मिलते ही महुआ प्रशासन मौके पर  पहुंच कर घायल गुड्डू कुमार को आनन-फानन में महुआ अनुमंडल अस्पताल इलाज के लिए  ले गए जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया और यह बोलेरो गाड़ी एक तिलक समारोह में जा रहा था गाड़ी पर जितने भी व्यक्ति बैठे हुए थे वह गाड़ी का एक्सीडेंट होते ही उसमें से निकलकर सभी व्यक्ति फरार हो गए

सेवानिवृत्ति को संक्षिप्त सम्मान समारोह का आयोजन किया गया

महुआ (वैशाली) अनुमंडल संवाददाता दैनिक अयोध्या टाइम्स।


महुआ अनुमंडल के थाना परिसर में शनिवार के दिन सेवानिवृत्ति को संक्षिप्त सम्मान समारोह का आयोजन किया गया है। सहायक अवर निरीक्षक मीना चौधरी का दिनांक -30-04-21 को सेवानिवृत्ति हो गई है। संक्षिप्त सम्मान समारोह का आयोजन थाना परिवार के द्वारा कोविड -19 के नियमों का पालन करते हुए आयोजन किया गया।

थानाध्यक्ष कृष्णानंद झा ने बताया कि आयोजन में अंचल निरीक्षक विश्वनाथ राम भी उपस्थित थे। मौके पर साथ ही पुअनि अशोक त्रिवेदी, अजीत श्री वास्तव, शिवेंद्र नारायण सिंह, पुष्पराज शर्मा, अभय कुमार, सहायक अवर निरीक्षक अजय सिंह, सुनिल कुमार, निरंजन कुमार, हरे राम आदि उपस्थित थे।

बिदुपुर पुलिस ने भारी मात्रा में विदेशी 20 लाख की शराब बरामद की है

वैशाली नवीन कुमार संवाददाता दैनिक अयोध्या टाइम्स।


(वैशाली) बिदुपुर थाना क्षेत्र की पुलिस ने हाजीपुर जंदाहा एनएच 322 देवा चौक के पास से भारी मात्रा में विदेशी शराब बरामद किया। शराब को ट्रको में लाया जा रहा था , बरामद शराब की कीमत 20 लाख बताई जा रही है, हालांकि शराब कारोबारी गिरफ्तार नहीं हो सका वह भागने में सफल रहा।

मिली जानकारी के अनुसार थाना अध्यक्ष धनंजय पांडे को गुप्त सूचना मिली थी कि देवा चौक के पास एक ट्रक शराब मंगाई गई है और उसे देहाती क्षेत्रों में खपाने की तैयारी में लगे है धंधेबाज इस सूचना पर थाना अध्यक्ष ने अपनी टीम पुलिस को छापेमारी करने का निर्देश दिया वही जब पुलिस घटना स्थल के पास पहुंची तो वहां एक मोबाइल टावर के पास एक ट्रक को खड़ा पाया गया पुलिस ने जब उसकी तलाशी ली तो उसमें भारी मात्रा में शराब पाया वही बरामद की गई सभी कार्टन 479 कार्टन विदेशी शराब बरामद की गई है ।

गोली मारकर अपराधियो ने एक युवक को सुलाया मौत की नींद

सरण (ब्युरो चीफ संजीत कुमार) दैनिक आयोध्या टाइम्स 

सोनपुर---सोनपुर थाना अंतर्गत भिनिक टोला बतरौली गांव में बीती रात अपराधियों ने एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी ।  अपराधियों द्वारा उसे पूरी प्लानिंग के साथ सीने में गोली मारी गई थी।  जिससे कि उसके बचने की गुंजाइश बिल्कुल नहीं रहे । मृतक सोनपुर थाना क्षेत्र के भिंडी टोला बतरौली गांव निवासी रणधीर राय का 22 वर्षीय पुत्र सोनू कुमार राय बताया गया है।  उसकी मौत का समाचार मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया।   वही सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मामले की छानबीन प्रारंभ की। जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए छपरा सदर अस्पताल भेज दिया गया, जहां रविवार को शव का पोस्टमार्टम कराया गया ।शव का पोस्टमार्टम कराए जाने के बाद पुलिस ने शव परिजनों के हवाले कर दिया।  समाचार प्रेषण तक इस मामले में प्राथमिकी की प्रक्रिया चल रही थी । इस मामले में सोनपुर एसडीपीओ अंजनी कुमार ने हत्या की पुष्टि करते हुए बताया कि मामले की जांच की जा रही है शीघ्र ही अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा।वही इस घटना के बाद परिवार जनों को रो- रो का बुरा हाल है ।

सारण के प्रभारी मंत्री बनाए गए विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह

सारण (ब्युरो चीफ संजीत कुमार) दैनिक अयोध्या टाइम्स 


सोनपुर- -बिहार के जमुई जिले अंतर्गत  चकाई से निर्दलीय विधायक व नीतीश सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह को सारण का प्रभारी मंत्री बनाए जाने के बाद समर्थकों में हर्ष व्याप्त है। बिहार सरकार मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग की अधिसूचना 339,1 मई 2021 के अनुसार जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष सह प्रभारी मंत्री के रूप में सुमित कुमार सिंह का मनोनयन सारण के लिए किया गया है।सुमित कुमार सिंह बिहार के जमुई के निर्दलीय विधायक हैं जो जमुई जिले के चकाई से चुनाव जीते हैं उन्हें नीतीश सरकार में विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री बनाया गया है। सारण का प्रभारी मंत्री बनाए जाने पर सुमित कुमार सिंह के निजी मीडिया प्रभारी व सारण जिले के मशरख प्रखंड के अरना गांव निवासी फिल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य अनूप नारायण सिंह व सोनपुर बर्बटा के मंत्री के ससुर  अधिवक्ता सह वरिष्ठ भाजपा नेता ओम कुमार सिंह सहित सोनपुर वासियों ने उन्हें बधाई दी है। मंत्री सुमित कुमार सिंह के निजी मीडिया प्रभारी अनूप नारायण सिंह ने कहा कि उनके सारण के प्रभारी मंत्री बनाए जाने से संकट की इस घड़ी में लोगों को तत्क्षण सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पाएगा।

कोरोना कम दहशत से मौते ज्यादा सरकार को उठाने चाहिए ठोस कदम


बिहार ब्यूरो चीफ अखिलेश कुमार दैनिक अयोध्या टाइम्स की रिपोर्ट

       विश्व हो या भारत देश मे कोरोना का दूसरा फेज क्या आया मानो देश दहल गया सरकार के हर कोशिश को नाकाम की ओर ले जा रहा है इसका मुख्य कारण कोरोना महामारी का दुष्य प्रचार का होना , होगा भी क्यो नही क्योंकि आज वेलगाम हो गया है सोशलमीडिया, यूट्यूब चैनल,टीवी न्यूज चैनल,अखबार इस पर सरकार ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो आने बाले समय भयंकर ,दहशत,विमारियों का अमवार लगने से कोई रोक नही सकता।हमारे वैज्ञानिक भी अपनी छवि को दुरन्त उजागर कर देते है उनको सभी बिंदु पर मौन रह कर गहराई से विचार करना चाहिए आज जैसा माहौल बन रहा है जिससे लोगो मे साहस और धैर्य खो रहे है अब एक पोजेटिव,धर्मिक,सोच विचार,सकरात्मक प्रचार प्रसार की आवश्यकता है देश  व विदेशी की सरकार हो या राज्य के सरकार सभी लोगो की कोरोना महामारी पर एक साथ वैज्ञानिक,साधू संत,डॉक्टर,बुध्दिजीवी लोगो का विचार विमर्श कर एक ठोस निर्णय लेने की आवश्यकता है ये मेरा अपना विचार है और सरकार और जनता को भी आगे आने की आवश्यकता है मौहाल तो इतना भयवाह होता जा रहा है की प्राइवेट अस्पताल हो या सरकारी अस्पताल अपनी जिम्मेदारी से भागते दिख रहा है। इस पर भी अमल होना चाहिए खास कर ग्रामीण परिवेश में कोरोना जैसे महामारी के बारे में जन जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।

Saturday, May 1, 2021

राजद के पूर्व सांसद बाहुबली शहाबुद्दीन के असामयिक निधन पर कार्यकर्ताओं में गहरा शोक

राजापाकर (वैशाली) संवाद सूत्र, दैनिक अयोध्या टाइम्स

 आरजेडी के बाहुबली पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को कोरोना  संक्रमित से शनिवार को निधन होने के पश्चात राजद कार्यकर्ताओं ने गहरा दुख प्रकट करते हुए कहा है कि उनका निधन पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है ।मालूम हो कि बिहार के सिवान से सांसद रह चुके आरजेडी नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन दिल्ली के तिहाड़ जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे थे ।वही कोरोना जैसे महामारी की चपेट में आ गए तथा इलाज के दौरान दिल्ली के डी डी यू अस्पताल में शनिवार को आखरी सांस ली ।उनके निधन की खबर फैलते ही राजद कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई। शोक संवेदना प्रकट करने वालों में राजापाकर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक प्रतिमा कुमारी, राजद के पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम, राजद नेतातपसी सिंह, पवन यादव, राजद प्रखंड अध्यक्ष मुखिया कैलाश राय, युवा राजद के अनुमंडल अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ पंकज यादव समेत दर्जनों कार्यकर्ता शामिल है।

 राजापाकर प्रखंड क्षेत्र के तमाम राजद नेताओं ने शोक जताते हुए ईश्वर से उनको जन्नत में जगह देने तथा शोकाकुल परिवार को संबल प्रदान करने की प्रार्थना की है ।मालूम हो कि शहाबुद्दीन लालू यादव के खास लोगों में शामिल थे।

शराफत का ढोंग

एक कबूतर और एक क़बूतरी एक पेड़ की डाल पर बैठे थे।

उन्हें बहुत दूर से एक आदमी आता दिखाई दिया ।

क़बूतरी के मन में कुछ शंका हुआ औऱ उसने क़बूतर से कहा कि चलो जल्दी उड़ चले नहीं तो ये आदमी हमें मार डालेगा।

क़बूतर ने लंबी सांस लेते हुए इत्मीनान के साथ क़बूतरी से कहा..भला उसे ग़ौर से देखो तो सही, उसकी अदा देखो, लिबास देखो, चेहरे से शराफत टपक रही है, ये हमें क्या मारेगा..बिलकुल सज्जन पुरुष लग रहा है...?

क़बूतर की बात सुनकर क़बूतरी चुप हो गई।

जब वह आदमी उनके क़रीब आया तो अचानक उसने अपने वस्त्र के अंदर से तीर कमान निकाला औऱ झट से क़बूतर को मार दिया...औऱ बेचारे उस क़बूतर के वहीं प्राण पखेरू उड़ गए....

असहाय क़बूतरी ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई औऱ बिलखने लगी।उसके दुःख का कोई ठिकाना न रहा औऱ पल भर में ही उसका सारा संसार उजड़ गया।

उसके बाद वह क़बूतरी रोती हुई अपनी फरियाद लेकर राजा के पास गई औऱ राजा को उसने पूरी घटना बताई।

राजा बहुत दयालु इंसान था।

राजा ने तुरंत अपने सैनिकों को उस शिकारी को पकड़कर लाने का आदेश दिया।

तुरंत शिकारी को पकड़ कर दरबार में लाया गया।शिकारी ने डर के कारण अपना जुर्म कुबूल कर लिया।

उसके बाद राजा ने क़बूतरी को ही उस शिकारी को सज़ा देने का अधिकार दे दिया औऱ उससे कहा कि " तुम जो भी सज़ा इस शिकारी को देना चाहो दे सकती हो औऱ तुरंत उसपर अमल किया जाएगा "।

क़बूतरी ने बहुत दुःखी मन से कहा कि " हे राजन,मेरा जीवन साथी तो इस दुनिया से चला गया जो फ़िर क़भी भी लौटकर नहीं आएगा, इसलिए मेरे विचार से इस क्रूर शिकारी को बस इतनी ही सज़ा दी जानी चाहिए कि

अगर वो शिकारी है तो उसे हर वक़्त शिकारी का ही लिबास पहनना चाहिए , ये शराफत का लिबास वह उतार दे क्योंकि शराफ़त का लिबास ओढ़कर धोखे से घिनौने कर्म करने वाले सबसे बड़े नीच होते हैं....।"

ज्ञान-इसलिए अपने आसपास शराफ़त का ढोंग करने वाले बहरूपियों से हमेशा सावधान रहें।

      लेखक-प्रमोद कुमार सहनी

हाजीपुर महनार मुख्य मार्ग पर चलाया गया वाहन चेकींग अभियान

वैशाली नवीन कुमार संवाददाता दैनिक अयोध्या टाइम्स।

(वैशाली) बिदुपुर थाना क्षेत्र के हाजीपुर महनार मुख्य मार्ग पानापुर चौक के निकट एएसआई दिलीप कुमार सिंह के नेतृत्व में वाहन चेकिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान इधर उधर से गुजर रहे सभी दोपहिया वाहनों को रोककर वाहनों के कागजात ड्राईविंग लाईसेंस की जांच की गई हालांकि इस दौरान किसी भी वाहन में कोई आपत्तिजनक समान बरामद नहीं हुआ। वहीं लोगों को सख्त हिदायत भी दिया कि हेलमेट,मास्क,जूते पहनकर ही वाहन चलायें तथा यातायात के नियमों का पालन करते हुए सावधानी पूर्वक वाहन चलाऐं। 

ताकि आये दिन होनेवाले सड़क दुर्घटनाओं पर काबू पाया जा सके।

कोरोना महावारी से निपटने के लिए नीतीश कुमार सरकार का बड़ा फैसला,मंत्रियों को दी बड़ी जिम्मेवारी

बिहार(ब्यूरो चीफ अखिलेशकुमार)सरकार ने कोरोना से निपटने को लेकर बड़ा फैसला लिया है। नीतीश मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों को अलग-अलग जिलों का प्रभार सौंपा गया है। संक्रमण काल के दौरान जिला का प्रभारी मंत्री बनाया गया है। साथ ही जिला कार्यान्वयन समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।


प्रभारी बनाए गए मंत्रियों की सूची इस प्रकार है: * तारकेश्वर प्रसाद-पटना और मुंगेर * रेणु देवी– बेगूसराय, बांका * विजय कुमार चौधरी-नालंदा, शेखपुरा * बिजेंद्र  यादव-पूर्णिया, किशनगंज * अशोक चौधरी-रोहतास, जमुई * शीला कुमारी-लखीसराय * संतोष कुमार सुमन-जहानाबाद * मुकेश साहनी-मुजफ्फरपुर * मंगल पांडे-भोजपुर, बक्सर * अमरेन्द्र प्रताप सिंह-गोपालगंज, अरवल * रामप्रीत पासवान-कैमूर * जीवेश मिश्रा-सहरसा * रामसूरत राय-भागलपुर * सैयद शाहनवाज हुसैन-गया * श्रवण कुमार-समस्तीपुर * मदन सहनी-खगड़िया * प्रमोद कुमार-कटिहार * संजय कुमार झा-सुपौल, मधेपुरा * लेसी सिंह-मधुबनी * सम्राट चौधरी-दरभंगा * नीरज कुमार सिंह-नवादा * सुभाष सिंह–शिवहर * नितिन नवीन– पश्चिम चंपारण * सुमित कुमार सिंह-सारण * सुनील कुमार– पूर्वी चंपारण * श्री नारायण प्रसाद-सीवान * जयंत राज–वैशाली * आलोक रंजन-अररिया * मोहम्मद जमाल खान-सीतामढ़ी * जनक राम-औरंगाबाद का प्रभारी बनाया गया है।

लूट मचाने वालों सोचो

गलियां सूनी सड़कें सूनी,

      सूने पार्क, माल, मुहल्ले।
इस बिपत्ति की घडी में,
     कुछ की है बल्ले बल्ले।
कुछ की है बल्ले बल्ले,
     कुछ तो चांदी कूट रहे।
कोरोना के कहर में यारों,
     दिया जला के लूट रहे।
वह सोच रहे हैं ऐसे ही,
     बिपदा की आंधी रोज बहे।
हो अवैध कमाई हर दिन,
     कुबेर हमारा हाथ  गहें ।।

लूट की कमाई जो खाये,
     उन्नति हो उसकी आठ गुनी।
जब प्रकृति की मार पड़े ,
     तो रोये बेचारा सिर धुनी।
तो रोये बेचारा सिर धुनी,
     पीटे दोनों हाथ से छाती ।
क्या बिगाड़ा राम बताओ,
     कह रोवे दुष्ट का नाती ।
लूट मचाने वालों सोचो,
      बिना आवाज उसकी लाठी।
पड़ेगी मार जब उसकी,
      तो मिलेगा न जग में साथी।।

विलुप्त होते प्रकृति के सफाई कर्मी

प्रकृति ने अपनी व्यवस्था को अनवरत चलाने के लिए अपने ऊपर तरह तरह के पेड पौंधों तथा जीव जन्तुओं का सृजन किया है। निरन्तरता को बनाए रखने के लिए इन सभी को एक दूसरे पर निर्भर बनाया है। एक दूसरे पर निर्भरता ही आपसी सामंजस्य की जननी है। इस प्रकृति में रहने वाला हर जीवधारी एक श्रृंखला में बंधा हुआ है। जिस तरह से जंजीर की एक कड़ी के टूट जाने पर उसकी उपयोगिता नहीं रह जाती है ठीक उसी तरह से इस प्रकृति के किसी भी प्राणी के न होने पर प्रकृति की श्रृंखला टूटने लगती है। इस टूटन के कारण प्रकृति के अन्य 

प्राणियों के लिए भी समस्याएं खड़ी होने लगती है। 

इस प्रकृति में हर चीज उपयोगी है। जो चीज हमारे लिए अनुपयोगी हैं वही वस्तु दूसरे के लिए उपयोगी है। इस प्राकृतिक सत्य को समझने के लिए हम बेकार फेंके गये कचरे को उदाहरण के लिए देखते हैं। एक सामान्य व्यक्ति अपने घर में काटी हुई सब्जियों के डंठल तथा बचे हुए खाने के अवशेष को कचरा समझकर फेंक देता है। बेकार समझकर फेंके गये कचरे से अपना जीवन यापन करने वालों की एक श्रृंखला काम करती है। सब्जी के डंठल तथा बेकार खाने को जानवर खा लेते हैं जिससे कि वे अपनी भूख को मिटाकर दूध तथा गोबर उत्पन्न करते हैं। दूध से मनुष्य दही तथा घी बनाता हैं तथा गोबर मिट्टी में मिलकर धरा को उपजाऊ बनाता है। मिट्टी के उपजाऊ होने पर ज्यादा मात्रा में उपज प्राप्त होती है।यही उपज फिर मनुष्य के खाने के काम आती है।

प्रकृति की इसी श्रृंखला की एक कड़ी प्राकृतिक सफाई कर्मी हैं जिनका अस्तित्व आज खतरे में है। इन कर्मियों में मुख्य रूप से गिध्द,चील, गीदड़, मछलियां तथा कछुए मुख्य हैं। इनमें से सबसे ज्यादा खतरे में गिध्द जाति लगभग सामाप्ति की ओर है। श्री रामचन्द्रजी के लंका विजय अभियान के समय सीताजी का पता बताने वाले गिध्दराज जटायु तथा उनके भाई सम्पाती से हर भारतीय परिचित है। गिध्द एक बलशाली पक्षी है। ऐसा कहा जाता है कि यह चार योजन तक देखने की क्षमता रखते हैं।  किसी जानवर के मर जाने पर मनुष्य उपयोग के लिए उसका चमड़ा निकाल लेता है तथा जानवर का मांस तथा हड्डियॉं पड़ी रह जाती है। किसी जानवर के मर जाने पर यह पक्षी आसमान में ऊॅचा उड़ते हुए भी देख लेता है और तत्काल मांस पर टूट पड़ता है। देखते ही देखते इनका पूरा समूह आ जाता है और पलक झपकते ही मांस को नोच नोचकर खा जाता है। इनके पाचनतंत्र की यह विशेषता है कि मांस चाहे जैसा भी हो या मांस मे किसी भी तरह के कीटाणु हों पूरे के पूरे इनके पाचनतंत्र में जाते ही समाप्त हो जाते हैं। 

कुछ वर्षों पहले तक यह आबादी के पास पीपल के ऊँचे वृक्षों पर ज्यादातर रहते हुए दिखायी पडते थे। चिकित्सा विज्ञान की प्रगति के साथ ही इनके अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा। जानवरों के बीमार होने पर विभिन्न तरह की दवाएं प्रयोग में लायी जाने लगीं तथा फसलों को कीडों से बचाने के लिए कीटनाशकों का प्रयोग अंधाधुंध किया जाने लगा। फसलों के ऊपर किया जाने वाला छिड़काव भी जानवरों के शरीर में भोजन के साथ जाने लगा। जानवरों के अन्दर भोजन के माध्यम से गया हुआ कीटनाशक जानवरों के मांस को विषाक्त बना देता है। इस विषाक्त मांस के उपयोग के कारण मांसाहारी पक्षियों तथा जानवरों पर विपरीत प्रभाव पड़ने लगा जिसके कारण इनकी प्रजनन दर में कमी तथा मृत्यु दर में बढ़त देखी जाने लगी। पिछले कुछ ही वर्षो में गिध्द तथा चीलों की संख्या लुप्तप्राय स्थिति तक पहुँच गयी है।

आधुनिकता के चलन के चलते पालतू जानवरों जैसे गाय, बैल, भैंस एंव घोडों के पालने वालों की संख्या में भारी कमी आयी है। जहॉ गॉवों में हर परिवार में कम से कम बैलों की एक जोड़ी होती थी तथा साथ में दूध के लिए दो चार गाय या भैंसें पाली जाती थीं। इन जानवरों के मरने के बाद मांसाहारी पक्षियों तथा जानवरों को भोजन मिलता रहता था।

 किन्तु आज तेजी से बढ़ती आबादी के कारण चरागाह समाप्त हो गये। कुछ वर्ष पहले तक गॉवों तथा कस्बों के पास खाली जमीन पड़ी रहती थी जिसमें उगी हुई घास पशुओं के चारे के रूप में प्रयुक्त होती थी। आज इन चरागाहों तथा बेकार में पड़ी जमीन पर ट्रैक्टर से खेती 
की जाने लगी। आवास की बढ़ती आवश्यकता के कारण जंगलों तथा पेड़ पौंधों की संख्या में सिकुड़न जारी है जिसके कारण मॉसाहारी पक्षियों तथा जानवरों के सामने भोजन की कमी की समस्या भी इनके बिलुप्त होने  का कारण बन रही है।

बेचारी चील भी इन्हीं सम्स्याओं का शिकार हो गयी है। अपने सटीक निशाने के लिए मशहूर यह पक्षी आज समाप्ति के कगार पर है। दूर आसमान में उड़ती हुई एक झपट्डे में ही अपने भोजन को अपने मजबूत पंजों में पकड़ कर उड़ जाने के लिए मशहूर है। यह शाकाहारी तथा मांसाहारी दोनों प्रकार का भोजन करती है। यह ऐसे धार्मिक स्थलों के पास भी देखी जाती है जहॉं पर प्रसाद के रूप में पूड़ी या हलवा चढ़ाया जाता है।  यह नीले आसमान में इतना ऊपर उड़ती है कि धरती से एक बिन्दु की तरह दिखायी देती है। 

नदियों में प्रदूषण की समस्या तो विख्यात ही है। हम मनुष्यों ने अपनी सुविधा के साधन जोड़ने के चक्कर में पृथ्वी के अन्य जीवों की अनदेखी की है। हम यह भूल गये कि हम भी इस धरती की आहार श्रृंखलाखला की एक कड़ी मात्र हैं। हमारे द्वारा फसलों, बागों तथा घरों में ज्यादा उपज लेने के लिए तथा कीड़ों को मारने के लिए प्रयोग किए जाने वाले रासायनिक पदार्थ, शरीर तथा कपडों को साफ करने के लिए प्रयोग किया जाने वाला डिटरजेन्ट तथा घरों को साफ रखने के लिए प्रयोग में लाये जाने वाले फिनाइल जैसे पदार्थ पानी के साथ बहकर नदियों में मिल रहे हैं। इन्हीं रसायनों के कारण मछलियों के भोजन शैवाल पर भी संकट गहरा गया है। शैवाल लगभग स्थिर पानी में उगने वाली एक जलीय घास है। यह ज्यादा छोटी नदियों या तालाबों में देखी जाती है।  प्रदूषण के कारण मछलियों का यह भोजन समाप्त हो रहा है। 

मछलियों के चारे में कमी के चलते इनकी संख्या में कमी आती जा रही है। नदियों में मछलियों की कमी की दूसरी सबसे बडी वजह है इनके अंडों को खाने का बढ़ता चलन। मछलियॉं प्रकृति की दूसरी सबसे बड़ी सफाई कर्मचारी हैं। इसी कारण लोग पहले मछली को कुएं में भी पालते थे जिससे कि पीने वाला पानी साफ बना रहे। मछली पानी में आने वाली सभी गंदगी को खाकर पानी को साफ रखने में हमारी मददगार हैं। आज इनकी कमी के चलते ही नदियों में प्रदूषण बढ़ा है जिसका सबसे बड़ा जिम्मेदार मनुष्य है। अपने सुस्तपन तथा आलसी स्वभाव के कारण मशहूर कछुआ भी आज संकट में है। यह प्रकृति का सबसे ज्यादा दिनों तक जीवित रहने 
वाला प्राणी है। 

समुद्र में आने वाले ज्वार भाटे के कारण काफी मात्रा में इनके अंडे बह जाते हैं तथा कुछ को मांसाहारी पक्षी तथा जानवए खा जाते हैं। शेष बचे अंडों में से कुछ को मनुष्य नुकसान पहॅुंचा देते हैं। जो अंडे अंत मे बच जाते हैं उनमें से बच्चे बाहर निकलते ही पुन : शोषण शुरू हो जाता है। धन के लालची शिकारी इनको पकड़कर बाजारों में बेच रहे हैं। लोग इनके मांस को खा रहे हैं। कई मामले ऐसे भी प्रकाश में आये है जब कस्टम विभाग के लोगों ने अन्य देशों में निर्यात के लिए काफी मात्रा में ले जाये जा रहे कछुओं को मुक्त कराया है। 

आज हम अपने लिए ज्यादा सुविधा साधन जोेड़ने के लिए प्रकृति की आनदेखी किए जा रहे हैं। हम प्रकृति द्वारा निश्चित क्रम को तोड रहे हैं। इस धरती का हर जीव जन्तु प्रकृति के लिए महत्वपूर्ण है। हर जीव जन्तु के लिए प्रकृति ने कुछ काम निश्चित किए हुए हैं। एक काम के भी 
छूट जाने पर प्रकृति के काम में व्यवधान पैदा हो जाता है। इन्ही व्यवधानों के कारण ही जल, थल तथा नभ में तमाम तरह की आपदाएं जैसे तूफान, अतिवृष्टि, अनावृष्टि, सुनामी तथा विभिन्न तरह के नये नये रोग अपना विकराल रूप दिखा रहे हैं। मनुष्य इतना सब होने पर भी 
अनदेखी किए जा रहा है। मनुष्य स्वयं को सबसे बडा बुध्दिमान समझ रहा है। आज हम अपने अधिकारों के लिए ज्यादा सचेत होते जा रहे हैं किन्तु अपने कर्तव्यों की अनदेखी किए जा रहे हैं। जो कि मनुष्य के लिए घातक है।

आवश्यकता इस बात की है कि हम प्रकृति के किसी भी जीव को छोटा न समझें। सभी को जीने का अधिकार दें। हर छोटे बड़े जीव का अपना महत्व है। जहॉं पर जिसकी आवश्यकता है उस काम को उसके लिए निर्धारित जीव ही कर सकता है। रहीम दास जी ने इसी महत्ता को ध्यान में रखते हुए लिखा है :-

रहिमन देख बडे़न को, लघु न दीजिए डारि।
जहॉं काम आवे सुई, कहां करे तरवारि।। 

इस संसार को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रकृति के इन सफाई कर्मियों को बचाना होगा। निरीह सफाई कर्मियों के विरूध्द काम कर रहे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की आवश्यकता है। ऐसे लोग जो कम समय में बिना काम किए हुए इनको नुकसान पहुँचाकर धनपति बनने के काम में लगे हैं उनके खिलाफ समाजिक दण्ड की कार्यवाही करके हतोत्साहित किया जाना चाहिए।

इन सफाईकर्मियों के न रहने पर समाज को एक बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। हमें यदि अपनी भावी पीढी को आगे ले जाना है तो हर उस क्रियाकलाप को बन्द करना होगा जो कि इनके बंशानुक्रम तथा जीवन के लिए घातक हैं।

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 -हरी राम यादव फैजाबादी
  पूर्व संवाददाता
  श्रीराम जन्मभूमि साप्ताहिक

तुम मुझ मैं

वक्त की दौड़ में

वक्त की हौड़ में
सब कुछ
बहता चला जा रहा है।
सिवाए मेरे हृदय में
खनखनाती हुई तेरी
स्थिर यादों के।

वक्त के शोर में
वक्त के हिलोर में
सब जगह
खामोशी का एक सन्नाटा
बिखरे जा रहा है।
सिवाए मेरे अंतर्मन में
तेरी गुनगुनाती यादों के।

राजीव डोगरा 'विमल'
(भाषा अध्यापक)
गवर्नमेंट हाई स्कूल ठाकुरद्वारा