Tuesday, May 4, 2021

ज़ुकाम

मौसमी जुकाम के इलाज में हल्दी काफी फायदेमंद है। बहती नाक के इलाज के लिए हल्दी को जलाकर इसका धुआं लें, इससे नाक से पानी बहना तेज हो जाएगा व तत्काल आराम मिलेगा। यदि नाक बंद है तो दालचीनी, कालीमिर्च, इलायची और जीरे के बीजों को बराबर मात्रा में लेकर एक सूती कपड़े में बांध लें और इन्हें सूंघें जिससे छींक आएगी। 


10 ग्राम गेहूं की भूसी, पांच लौंग और कुछ नमक लेकर पानी में मिलाकर इसे उबाल लें और काढ़ा बनाएं। एक कप काढ़ा पीने से लाभ मिलेगा। हालांकि जुकाम आमतौर पर हल्का-फुल्का ही होता है जिसके लक्षण एक हफ्ते या इससे कम समय के लिए रहते हैं, लेकिन खान-पान की आदतों को लेकर हमें काफी सतर्क रहना चाहिए और यदि जुकाम वगैरह के लक्षण दिखाई दे तो समुचित दवाओं आदि से इलाज कराना चाहिए। डिप्थीरिया होने पर अमलतास के काढ़े से गरारा करने पर जबर्दस्त आराम मिलता है। 
तुलसी और अदरक इस मौसम में लाभदायक होते हैं। तुलसी में काफी उपचारी गुण समाए होते हैं, जो जुकाम और फ्लू आदि से बचाव में कारगर हैं। तुलसी की पत्तियां चबाने से कोल्ड और फ्लू दूर रहता है। इसी तरह तुलसी और बांसा की पत्तियां (प्रत्येक 5 ग्राम) पीसकर पानी में मिलाएं और काढ़ा तैयार कर लें। इससे खांसी और दमा में काफी फायदा मिलेगा।
डॉ. दुर्गा प्रसाद पांडेय
प्राकृतिक चिकित्सक
मुंबई

टॉन्सिल के दर्द से राहत दिलाने वाले घरेलु उपाय

गला जहाँ से शुरू होता है वहीं प्रवेश द्वार पर एक लोरी होती है माँस के छोटे, पतले व लंबे टुकड़े की भांति, इसे घाटी भी कहते हैं। इसमें जब सूजन आ जाता है तो इसे टांसिल या घाटी बढ़ना कहते हैं। देखने में छोटा यह लोरी जैसा माँस का टुकड़ा शरीर की सारी क्रियाओं को संतुलित करता है, जब इस लोरी में असंतुलन पैदा होता तो शरीर के पंचतत्वों में भी असंतुलन पैदा होने लगता है और इसकी वजह से कई प्रकार के रोग जन्म लेने लगते हैं। छोटे बच्चों में टांसिल्स या घाटी बढ़ जाने की वजह से वह कुछ पिलाने पर उल्टी कर देते हैं।

पहले गांवों में कुछ ऐसी वैद्य महिलाएं होती थीं जो राख से घाटी को दबाकर ठीक कर देती थीं। लेकिन अब कोई यह जोखिम नहीं लेता है और चिकित्सक की सलाह पर दवा करना ज़्यादा पसंद करता है। आइए टांसिल के बारे में सही जानकारी प्राप्त करते हैं।
टांसिल्स दो तरह के होते हैं।
पहले प्रकार में दोनों तरफ़ या एक तरफ़ के टांसिल में सूजन आता है और वह सुपारी की तरह मोटा हो जाता है। उसके बाद उपजिह्वा में भी सूजन होकर वह रक्त वर्ण की हो जाती है। धीरे-धीरे यह खाने-पीने की नली को भी संक्रमित कर देता है और कुछ भी खाने-पीने में दर्द होता है। यह दर्द कान तक फैल जाता है। इस अवस्था में 103 डिग्री सेल्सियस से ज़्यादा बुखार चढ़ सकता है, जबड़े में दर्द हो सकता है तथा मुंह पूरा खुलता नहीं है। ऐसी स्थिति में यदि समय पर उचित इलाज न मिला तो टांसिल पक कर फूट सकता है।
 दूसरे तरह के टांसिल क्रोनिक होते हैं। जिसे बार-बार टांसिल्स की बीमारी होती हैं, वह क्रोनिक हो जाती है। टांसिल का आकर बड़ा हो जाता है और सांस लेने व छोड़ने में तकलीफ़ होने लगती है।
 टांसिल के मुख्य कारण
 चावल, मैदा, ठंडे पेय पदार्थ, खट्टी चीज़ों का ज़्यादा सेवन टांसिल्स का मुख्य कारण है।– 
मौसम में अचानक परिवर्तन, गर्मी से अचानक ठंडे मौसम में आ जाना व सर्दी लगने से भी टांसिल्स हो सकते हैं।
 टांसिल के लक्षण

*टांसिल होने पर ठंड लगने के साथ बुखार चढ़ता है। कुछ भी खाने-पीने में तकलीफ़ होती है और उसका स्वाद नहीं मिलता है। गले में तेज़ दर्द होता है, यहाँ तक कि थूक निगलने में भी दिक्कत होती है।*
 टांसिल के घरेलू उपचार
टांसिल यदि हो गया है तो गर्म पानी में नमक डालकर गरारा करने से लाभ मिलता है, सूजन कम हो जाती है।–
 दालचीनी या तुलसी की मंजरी का एक चुटकी चूर्ण, मधु में मिलाकर दिन में नियमित तीन बार सेवन करने से आराम मिलता है।–
 एक चम्मच अजवायन एक गिलास पानी में उबाल लें और उसे ठंडा करके गरारा करने से लाभ होगा।– 
 हल्दी का चूर्ण दो चुटकी व काली मिर्च का चूर्ण आधी चुटकी लेकर एक चम्मच अदरक के रस में मिलाकर आग पर गर्म कर लें। रात को सोते समय मधु में मिलाकर इसका सेवन करें। नियमित दो-तीन दिन के प्रयोग से ही टांसिल का सूजन चला जाता है।– 
पानी में सिंघाड़ा उबाल लें और उसी पानी से कुल्ला करें। लाभ मिलेगा।
टांसिल्स की समस्या है तो बिना नमक की उबली हुई सब्ज़ियों का प्रयोग करना चाहिए। 
मिर्च-मसाला, तेल, खट्टी व ठंडी चीज़ों के सेवन से परहेज़ करना चाहिए।
गला जहाँ से शुरू होता है वहीं प्रवेश द्वार पर एक लोरी होती है माँस के छोटे, पतले व लंबे टुकड़े की भांति, इसे घाटी भी कहते हैं। इसमें जब सूजन आ जाता है तो इसे टांसिल या घाटी बढ़ना कहते हैं। देखने में छोटा यह लोरी जैसा माँस होता है !!
डॉ. दुर्गा प्रसाद पांडेय
प्राकृतिक चिकित्सक
मुंबई

सुबह-सुबह क्यों बढ़ जाता है ब्लड शुगर लेवल, कम करने के लिए क्‍या करें

सुबह-सुबह शुगर बढऩे की एक वजह रात में शरीर से रिलीज होने वाले हार्मोन्स हैं। कुछ अच्छे उपाय इस स्थिति से बचने के लिए किए जा सकते हैं।

सुबह-सुबह क्यों बढ़ जाता है ब्लड शुगर लेवल, जानें कम करने के लिए क्‍या करें

डायबिटीज के मरीजों को शुगर लेवल का बेहद ख्याल रखना पड़ता है। इसे नियंत्रित करने के

बाद भी कुछ मरीजों का ब्लड शुगर लेवल सुबह अचानक से बढ़ जाता है। इस तरह अपने दिन की शुरूआत करना वाकई खतरनाक हो सकता है। अगर ऐसा अक्सर होने लगे, तो यह आपके मधुमेह को प्रबंधित करने के गोल को मुश्किल बना सकता है।
चाहे आपको टाइप-1 डायबिटीज हो या फिर टाइप 2 , सुबह के समय ब्लड शुगर का बढऩा कई कारणों से हो सकता है। इससे बचने के लिए कारणों को जानने के बाद जल्द कोई कदम उठाना या उपाय करना बेहद जरूरी है। बता दें कि डायबिटीज मरीजों में यह स्थिति सोमोगी प्रभाव के कारण बनती है।
​सोमोगी प्रभाव क्या होता है
सोमोगी प्रभाव तब होता है, जब आप बिस्तर पर जाने से पहले इंसुलिन लेते हैं और ज्यादा ब्लड शुगर लेवल के साथ सुबह उठते हैं। इस सिद्धांत के अनुसार, जब इंसुलिन आपके ब्लड शुगर को बहुत कम करता है, तो शरीर से हार्मोन रिलीज होता है।
इससे ब्लड शुगर ज्यादा होने की संभावना बढ़ जाती है। टाइप-2 डायबिटीज की तुलना में यह टाइप-1 वाले मरीजों में ज्यादा सामान्य माना जाता है।
सुबह-सुबह क्यों बढ़ जाती है ब्लड शुगर-
दरअसल, दिनभर शरीर को ज्यादा एनर्जी की जरूरत होती है, इसलिए सबुह के समय ब्लड शुगर बढऩे लगता है। दूसरा रात में सोते समय व्यक्ति के शरीर में इंसुलिन की मात्रा बहुत कम हो जाती है। इसके लिए यदि मरीज ने दवा लेने में कोई लापरवाही की हो, तो भी ब्लड शुगर सुबह के दौरान बढ़ सकता है।
एक अन्य कारण है कि यदि आपको मधुमेह है ,इसके लिए आप बहुत ज्यादा इंसुलिन इंजेक्ट कर लेते हैं और पर्याप्त भोजन किए बिना सोने जाते हैं तो यह आपके ब्लड शुगर लेवल को बहुत कम कर देता है। इसे हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है। इसके बाद शरीर एपिनेफ्रिन और ग्लेकाबन जैसे हार्मोन रीलिज करता है। ये हार्मोन आपके रक्त शकर्रा के स्तर को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं।
​कहीं रात में तो नहीं खाया मीठा
सबसे पहले आपको सुराग जुटाना होगा कि ऐसा क्यों हो रहा है। यदि ब्लड शुगर की रीडिंग सोते समय बढ़ जाती है, तो इसके लिए आपका भोजन और दवा जिम्मेदार है। अगर सोने से पहले आपकी ब्लड शुगर ज्यादा है, तो संभावित रूप से यह सुबह तक बनी रह सकती है।
रात में कुछ भी हैवी और मीठा खाने से ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा सकता है। इसलिए अपनी दवा को समायोजित करें और आप क्या खा रहे हैं उस पर ध्यान दें।
स्थिति को पहचानना जरूरी-
सुबह ब्लड शुगर को बढऩे से रोकना है, तो स्थिति की पहचानना करना भी उतना ही जरूरी है। इसके लिए नींद पैटर्न के बीच में ब्लड शुगर की जांच करनी होगी। अगर आप 11 बजे बिस्तर पर सोने जाते हैं तो सुबह के 3 बजे उठना बेहतर है।
3 बजे तक लगातार ब्लड शुगर का बढऩा मॉर्निंग ब्लड शुगर का संकेत देता है । इसके लिए आपको एक ग्लूकोज मीटर अपने पास रखना चाहिए। यह उच्च और निम्न रक्त शकर्रा के पैटर्न की पहचान करने में मदद करेगा।
यदि आपको डायबिटीज है, तो इंसुलिन पंप का यूज करें। इससे आप ब्लड शुगर को अचानक बढऩे से रोक सकते हैं।
कई लोगों का सोने से पहले ब्लड शुगर हाई होता है, जो सुबह तक हाई बना रहता है। इसलिए सोने से पहले ब्लड शुगर की जांच जरूर करें। विशेषज्ञों के अनुसार बढ़े हुए ब्लड शुगर के साथ सोने की गलती ना करें।
अगर सुबह आपका रक्त शकर्रा का स्तर बढ़ जाता है, तो वास्तव में आपको दवाओं के समय या प्रकार को बदलना होगा।
सोमोगी प्रभाव का अनुभव करने वालों को प्रोटीन और कार्ब का एक हेल्दी स्नैक लेना चाहिए। ये रात में आपके ब्लड शुगर के बढऩे पर रोक लगा सकता है।
दिन के समय शारीरिक रूप से एक्टिव रहने से आपको ब्‍लड शुगर को मैनेज करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा देर रात में खाने के बाद सीधे सोने ना जाएं, बल्कि कुछ देर टहलें।
सुबह के समय ब्लड शुगर बढ़ जाना चिंता की बात है। खासतौर से अगर ये स्थिति रोजाना बन रही हो, तो खतरे का संकेत है। लेकिन इस पर काबू पने के लिए आप ऊपर बताए गए उपाय कर सकते हैं इससे डायबिटीज में सुधार होगा और डायबिटीज से जुड़ी जटिलताओं को दूर करने में मदद मिलेगी।
डॉ. दुर्गा प्रसाद पांडेय
प्राकृतिक चिकित्सक
मुंबई

गोखरू

गोखरू(corn) हथेली अथवा पैरों के तलवों या तलवे के आस-पास गोलाकार, कठोर और गांठ के रूप में हो जाता है। इसे चर्म कील भी कहते हैं। पैर में होने पर इसके कारण चलने-फिरने मे परेशानी होती है। कुछ लोग इसे उस्तरे से कटवाते भी हैं फिर भी यह ठीक नहीं होता। Corn ज्यादातर अधिक मेहनत करने वाले लोगों की हथेली में होता है। अधिक घर्षण एवं दबाव के कारण उस जगह की त्वचा dead हो जाती है। Dead त्वचा गांठ का रूप धारण कर लेती है जिसे गोखरू(corn) अथवा चर्म कील


कहते हैं। पैरों में छोटे size अथवा plastic के जूता चप्पल पहनने से corn की समस्या उत्पन्न होती है। तलवे के जिस हिस्से में घर्षण एवं दबाव ज्यादा होता है उस हिस्से में गोखरू होने के ज्यादा chance होते हैं। यदि आप भी इस गोखरू से परेशान हैं तो निम्न घरेलू नुस्खा को बेझिझक आजमा  सकते हैं। 

उपचार:*--  गर्म पानी से पैर को धोकर साफ कर लें। गर्मी के मौसम में ठंडे पानी से भी धोकर साफ कर सकते हैं। अब मोटे कपड़े से रगड़ कर प्रभावित हिस्से को अच्छे से पोंछ लें। अपनी हथेली पर दो-तीन बूंद सरसो के तेल (mustard oil) में जरा सा नमक मिला लें। अब इस नमक और तेल के मिश्रन को गोखरू पर लगा दें। प्रतिदिन रात्रि में सोने के पहले लगा लें। कुछ ही दिनों के प्रयोग से लाभ होने लगता है। यदि चर्म कील नया हो तो 15 से 20 दिन में ठीक हो जाता है। पुराने चर्म कील को ठीक होने में समय लगता है परन्तु यह भी ठीक हो जाता है। यह एक आजमाया हुआ लाभप्रद नुस्खा है।
         *ध्यान रहे जिन लोगो के पैर में गोखरू हो गया हो* अथवा होने का भय हो उन्हें सही साइज का मुलायम जूता चप्पल का इस्तेमाल करना चाहिए। मोजा साफ सुथरा एवं सूती ही प्रयोग करना चाहिए।

*मूलेठी*- जब कॉर्न बनना शुरू होता है तब मूलेठी इसके दर्द को कम करने में असरदार रूप में काम करता है। मूलेठी में ग्लीसेरइज़ेन नामक तत्व होता है जो दर्द को कम करने और कड़क त्वचा को मुलायम बनाने में प्रभावकारी रूप से काम करता है।

*विधि*- मूलेठी के तीन-चार स्टिक ले लें और इनको ग्राइन्ड करके पेस्ट बना लें। इस पेस्ट में तिल का तेल या सरसों का तेल मिलायें। अब इस पेस्ट को सोने के पहले कॉर्न पर धीरे-धीरे रगड़ें। रात भर इसको काम करने दें, इससे स्किन नरम हो जाएगा और ये आकार में छोटा होने लगेगा।
*नींबू*– नींबू का एन्टीफंगल और एन्टीबैक्टिरीयल गुण कॉर्न के उपचार में काम आता है। इन गुणों के अलावा नींबू का एसिडीक गुण हार्ड स्किन को सॉफ्ट और हिल-अप करने में बहुत मदद करता है।
*विधि*– ताजे नींबू का स्लाइस लेकर कॉर्न के ऊपर रखकर कपड़ा या गॉज से अच्छी तरह से बांधकर रातभर रख दें। रोज़ाना इस्तेमाल करने के बाद दो हफ़्ते के बाद आपको इसका असर दिखने लगेगा।
*कच्चा पपीता-*  कच्चा पपीता स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होता है। पपीते का रस कॉर्न के कष्ट से आराम दिलाने में बहुत काम करता है।
*विधि*- कच्चे पपीते के स्लाइस काट कर उनका रस निचोड़ लें। अब उस रस को कॉर्न पर लगाकर रात भर यूं ही रख दें।
*जंगली प्याज़*- प्याज़ का बल्ब या कंद कॉर्न के सूजन और त्वचा में जो कड़ापन आ जाता है उसको कम करने में असरदार रूप से काम करती है। प्याज़ का एन्टीफंगल गुण इंफेक्शन से भी बचाता है और कॉर्न को कम करने में मदद करता है।
*विधि*-प्याज़ के कंद को भून लें और कॉर्न पर रखकर अच्छी तरह से बांध लें। रात भर इसको बांधे रहने दें।
*लहसुन*– लहसुन का एन्टीबैक्टिरीयल और एन्टीफंगल गुण कॉर्न के त्वचा को नरम करने में बहुत मदद करता है।
*विधि*- ज़रूरत के अनुसार लहसुन के कुछ फांक ले लें और उनको अच्छी तरह से पिसकर पेस्ट बना लें। अब उस पेस्ट को कॉर्न पर लगाकर अच्छी तरह से रात भर बांधकर रखें।
*बेकिंग सोडा*– बेकिंग सोडा के एसिडिक नेचर के कारण ये कॉर्न के आस-पास के रफ स्किन को सॉफ्ट बनाने में बहुत मदद करता है। बेकिंग सोडा में नींबू का रस मिलाने से और भी वह प्रभावकारी बन जाता है।
*विधि*- ज़रूरत के अनुसार बेकिंग सोडा लें और उसमें पेस्ट बन जायें इतना नींबू का रस मिलायें। अब इस पेस्ट को कॉर्न पर अच्छी तरह से लगाकर रात भर कपड़ा या गॉज से बांधकर रखें। लेकिन कॉर्न का मुँह अगर खुल गया है या इंफेक्शन हो गया है तो कभी भी इस उपचार को प्रयोग में न लायें, इससे जलन होगा और कॉर्न की अवस्था और भी बदतर हो जायेगी।
• पपीता कई तरह के बीमारियों से राहत दिलाने में बहुत मदद करता है। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि पपीता का दर्दनिवारक गुण गोखरू के दर्द से राहत दिलाने में भी बहुत मदद करता है। आधा चम्मच पपीते का रस गोखरू के कारण दर्द वाले जगह पर दिन में तीन बार लगायें।
डॉ. दुर्गा प्रसाद पांडेय
प्राकृतिक चिकित्सक
मुंबई

Monday, May 3, 2021

वृक्षों को जिंदा रहने दो

 प्राणवायु भी बहने दो

मानव के मानवता को

यूँ न हरपल मरने दो,

वृक्षों को जिंदा रहने दो


प्रकृति के श्रृंगार को यूँ ही न बर्बाद होने दो

मानवता को भी जिंदा रहने दो

मानव ने जब भी प्रकृति पर पर वार किया

प्रकृति ने फिर भी सम्मान किया

धरा को हरा भरा रहने दो

वृक्षों को जिंदा रहने दो


मानव ने वृक्षों को बेदर्दी से काट दिया 

इसे विकास का नाम दिया

अब और प्रकृति पर प्रहार न करो 

वृक्षों को जिंदा रहने दो 


निर्माण नया नित करते हैं

कल की परवाह न करते हैं

जो होता है वो होने दो

वृक्षों को जिंदा रहने दो


कल क्या होगा कुछ तो सोचो 

प्रकृति हिसाब जब मांगेगी

तब सोई आँखें ये जगेंगी

 मेघ नहीं जब बरसेंगे

सभी जीव बूँद बूँद को तरसेंगे

तब प्राणवायु के लिए तरसेंगे

जब प्रलय की घरी आएगी

सब कुछ ध्वंस हो जाएगा

तब अर्थ काम नहीं आएगा

ये बात मुझे अब कहने दो

वृक्षों को जिंदा रहने दो


अब और न देर होने दो

वृक्षों को जिन्दा रहने दो

हम बीज नया लगाएंगे

धरती को हरा भरा बनाएंगे

प्रकृति का श्रृंगार लौटाएंग।

          - प्रमोद कुमार सहनी (शिक्षक)सह जिला सलाहकार, भारत स्काउट गाइड वैशाली,बिहार

बैद्यनाथपुर स्वास्थ्य केंद्र समेत आसपास के गांव को सैनिटाइज कराने की मांग

 राजापाकर( वैशाली) संवाद सूत्र, दैनिक अयोध्या टाइम्स

 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजापाकर से संबद्ध  स्वास्थ्य उप केंद्र वैद्यनाथपुर को सेनीटाइज किए जाने की मांग की गई है। इस संबंध में राजापाकर के  सीएचसी के  प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को संबोधित आवेदन में समाजसेवी अविनाश कुमार एवं ग्रामीणों ने ध्यान आकृष्ट करते हुए अनुरोध किया है कि सरकार के दिशा निर्देश के अनुरूप स्वास्थ्य उप केंद्र  वैद्यनाथपुर में नियमित रूप से  नियमित रूप से कोरोना के  टीकाकरण का कार्य संचालित किए जा रहे हैं। टीकाकरण के दरम्यान टीका लेने पहुंचने वाले व्यक्तियों को लक्षण परिलक्षित होने पर स्थानीय स्तर पर जांच के क्रम में इन दिनों कोरोना संक्रमित व्यक्ति मिल रहे हैं। ग्रामीण स्तर पर भी संक्रमण फैल रहा है।बीते रविवार को जांच के क्रम में प्रखंड की बेरई पंचायत की एक महिला संक्रमित पाई गई थी जिसके कारण टीका कराने को इच्छुक अन्य संभावित व्यक्तियों के बीच भय का वातावरण कायम है। वही टीकाकरण कार्य में कार्यरत कर्मियों में भी भय व्याप्त होना स्वभाविक प्रतीत होता है। इसलिए  टीकाकरण कार्य को तत्काल स्थगित कर स्वास्थ्य उप केंद्र एवं आसपास के स्थानों को पूर्णरूपेण  सेनीटाइज किए जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

परमानंदपुर के मुखिया के बड़े भाई की गोली मारकर अपराधियों ने की हत्या, हत्या की गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस

सारण( ब्युरो चीफ) दैनिक आयोध्या टाइम्स 

सोनपुर में 2 दिन पूर्व हुए हत्या की गुत्थी अभी पुलिस सुलझा भी नहीं पाई थी कि सोमवार को बेखौफ अपराधियों ने परमानंदपुर पंचायत के मुखिया किशोर कुमार राय के बड़े भाई 50 वर्ष के करीब रमेश राय पिता दशरथ राय की गोली मारकर हत्या कर दी । अपराधियों ने  यह घटना का अंजाम परमानंदपुर के बन रहे सड़क मार्ग के फोरलेन में सोमवार को सुबह में जब परमानंदपुर फोर लेन में टहलने जा रहा था इसी बीच मोटरसाइकिल सवार अपराधियो ने उन्हें गोली मार कर मौत की नीद सुला दिया और भागने में सफल रहा ।  इस घटना के बाद परमानंदपुर में मृतक के घर पर कोहराम मच गया । घटना की सूचना पाकर सोनपुर  थानाध्यक्ष अकील अहमद अपने दलबल के साथ मौके पर पहुंचकर मामले की  छानबीन प्रारंभ किया वहीं जांच के क्रम में पुलिस ने दो गोली के खोखा बरामद करते हुए शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए उसे छपरा सदर अस्पताल भेज दिया ।  इस संबंध में पूछे जाने पर सोनपुर एएसपी अंजनी कुमार ने बताया कि हत्या गोली मारकर की गई है । उन्होंने बताया कि पुलिस इस हत्या के विभिन्न बिंदुओं पर जांच कर रही है । समाचार प्रेषण तक मृतक के परिजनों का बयान दर्ज नहीं हो पाने के कारण मामले की विस्तृत जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है । फिलहाल पुलिस इस दिशा में अनुसंधान कर रही है । बताते चलें कि सोनपुर में 36 घंटे के अंदर यह दूसरी हत्या है । विगत शुक्रवार की रात सोनपुर थाना क्षेत्र के भिनिक टोला, स्थित नयाटोला बतरौली में बेखौफ अपराधियों ने स्थानीय निवासी साइकिल दुकानदार रणधीर राय के 22 वर्षीय पुत्र सोनू कुमार को गोली मार कर हत्या कर दी थी।  जिससे उसकी मौत मौके पर ही हो गई थी। सोनपुर पुलिस उस हत्याकांड का जब तक उद्भेदन कर पाती तब तक उस हत्या के तीसरे दिन सुबह में ही अपराधियों ने परमानंद मुखिया के भाई की गोली मारकर हत्या कर दी है. तीन दिनों में सोनपुर थाना क्षेत्र में हुई दो हत्याओं के कारण स्थानीय लोगों में दहशत व्याप्त है।

कोरोना क्या आया गैस एजेंसियों के द्वारा अबैध लूटखसोट जारी

महुआ(अनुमंडल संवाददाता)दैनिक अयोध्या टाइम्स

महुआ अनुमंडल क्षेत्र के सभी प्रखण्ड के गैस एजेंसी के द्वारा कोरोना लहर का फायदा उठाने में कोई कसर छोड़ना नही चाह रहा है। गैस एजेंसी का इतना मनोबल बढ़ गया है कि होम डिलेभारी के नाम पर 20 रुपये 50 रुपये तक अधिक वशूली रहे है  ग्राहक अगर गैस रिफलिंग के लिए बुकिंग कर तो देता है लेकिन गैस के किल्लत दिखा कर कहता है कि अभी गैस नही है जब ग्राहक वरीय पदाधिकारी से शिकायत करने की बात करता है तब कर्मी द्वारा यह  बोला जाता है कि गोदम से जाकर गैस ले लीजिये मिल जाएगा । वहाँ से लेने पर भी होम डिलेभरी का चार्ज अलग से लिया जाता है ।जबकी बुकिंग में होम डिलेभारी का चार्ज ऑलरेडी बिल में जुड़ा हुआ रहता है। कभी कभी  तो गैस वितरण कर्ता से तू- तू मय भी ग्राहक से हो जाता है।

ऐसा ही एक मामला चेहराकला प्रखण्ड क्षेत्र के  रुसुलपुर फतह पंचायत (सुमेरगंज) स्थित भारत गैस एजेंसी में फोन करने पर गैस एजेंसी कर्मी ने होम डिलेभारी देने से ही इंकार हो गया उसका कथन है कि गोदाम से जाकर ले आइये जबकि गोदाम 8 किलोमीटर की दूरी पर है पर ऑफिस महज 2 किलोमीटर के लगभग दूरी पर है अगर ऑफिस से गैस सिलेंडर दिया गया तो बिल में छापे रुपये से 20 रुपये अधिक मांग किया जाता है नही देने पर गैस नही दिया जाता है। ऑफिस कर्मी के मोबाईल फोन पर एक ग्राहक और कर्मी का बातचीत के क्रम में ये बात उजागर हुआ है अगर सरकार समय रहते  इस पर ध्यान नही दिया गया तो आने बाले समय मे गैस के किल्लत से सरकार की किरकिरी भरी ज़िल्लत उठाना पर सकता है। अभी गैस के कीमत भी अधिक है ऊपर से ग्राहकों को अवैध वशूली कर शोषण किया जाता है।

प्राथमिकता के आधार पर पत्रकारों को भी दिया जाएगा कोरोना का टीका

बिहार सरकार ने पत्रकारों को कोविड- 19 के खिलाफ लड़ाई में फ्रंटलाइन वर्कर मानते हुए इन्हें प्राथमिकता के आधार पर कोविड-19 का का टीका देने का निर्णय लिया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी निर्देश के अनुसार राज्य सरकार ने पत्रकारों के हित में एक बहुत बड़ा निर्णय लिया है। राज्य सरकार द्वारा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त सभी पत्रकारों के साथ साथ जिला जनसंपर्क पदाधिकारी द्वारा सत्यापित अन्य पत्रकारों जिनमें प्रिंट इलेक्ट्रॉनिक और वेवमीडिया भी शामिल हैं, को प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण के लिए फ्रंटलाइन वर्कर की श्रेणी में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। ऐसे सभी पत्रकारों को प्राथमिकता के आधार पर कोविड 19 टीकाकरण किया जाएगा। सरकार ने माना है कि कोरोना संक्रमण के दौर में पत्रकार अपनी भूमिका का बेहतर निर्वहन कर रहे हैं और वह संक्रमण के खतरों के प्रति भी लोगों को जागरूक कर रहे हैं।बिहार सरकार के इस निर्णय का दैनिक अयोध्या टाइम्स के ब्यूरो चीफ अखिलेश कुमार ने   स्वागत किया और राज्य सरकार की बेहतर पहल माना है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार राज्य सरकार को किसी भी पत्रकार के कोरोना से निधन की स्थिति में उसके परिजनों को उसी प्रकार उचित सहायता देनी चाहिए जैसी अन्य फ्रंटलाइन वर्कर को दी जाती है।

कोरोना महामारी सुनामी में फिलहाल विपक्ष मुक्त भारत का स्वतःसंज्ञान सभी राजनैतिक दलों को लेने की अत्यंत तात्कालिक जरूरत

विपक्ष मुक्त भारत लोकतंत्र की सेहत के लिए उचित नहीं परंतु जनता के प्राण बचाने पक्ष-विपक्ष का साथ आना जरूरी - एड किशन भावनानी

गोंदिया - कोरोना महामारी का वैश्विक स्तर पर कहर बरपाना निरंतर जारी है। इस दूसरी लहर में इतनी तबाही है तो बातें अगर तीसरी लहर के आने की उम्मीद और संकेत के आधार पर तैयारियों में युद्ध स्तर पर शासन प्रशासन भिड़ गया है। सोमवार दिनांक 3 मई 2021 को टीवी चैनल से जानकारी आई कि 13 नाइट्रोजन प्लान्ट में मेडिकल ऑक्सीजन बनेगा और सुप्रीम कोर्ट ने कहा  मद्रास हाईकोर्ट की भारतीय चुनाव आयोग पर टिप्पणी एक कड़वी दवा के रूप में जो जनता और उनके हित में थी कोई आदेश नहीं था।रविवार दिनांक 2 मई 2021 को माननीय प्रधानमंत्री ने बड़े अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में एमबीबी एस अंतिम वर्ष के छात्रों की सेवाएं लेने पर चर्चा हुई। उधर रविवार 2 मई  को ही भारतीय चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के मुख्य सचिवों से कहा कोरोना प्रोटोकॉल का पालन और दिशा निर्देशों का पालन कराना हैं उसके अनुसार जीतका जुलूस, भीड़भाड़ और जश्न मनाने पर रोक है उल्लंघन होने पर उस क्षेत्र के एसएचओ पर कार्रवाई करने के आदेश जारी कर दिए थे। उसके बावजूद उन राज्यों में भीड़ उत्सव व जश्न मनाते हुए दिखी नाराज ईसी ने प्रमुख सचिवों से उन लोगों की पहचान कर उनपर एफआईआर दर्ज करने और एसएचओ को सस्पेंड करने को कहा है ऐसी जानकारी टीवी चैनलों पर चलाई जा रहीहै।..बात अगर हमकोरोना महामारी की विभीषकता की करें तो इस महामारी की आंखों पर पट्टी बंधी है।यह महामारी अमीर गरीब, छोटा बड़ा नहीं देखती, सब पर समानता से जकड़न कर अपने आगोश में ले रही है। नजर हटी दुर्घटना घटी, कोई नियमों, प्रोटोकॉल में जरासी भीलापरवाही बरत रहा है तो भारी पड़ जा रही है और जीवन को समाप्त कर दे रहीं है। प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से हमने पड़े और सुने कि बिहार के मुख्य सचिव, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के पिता, बिहार के उपमुख्यमंत्री के छोटे भाई, यूपी और अन्य राज्यों के अनेक विधायक, नेता, अधिकारी, माफिया शाहबुद्दीन, वरिष्ठ पत्रकार रोहित सरदाना सहित कई पत्रकार, कई राज्यों के वर्तमान और पूर्व विधायक मंत्री सहित अनेक ख्याति प्राप्त माननीयों को इस महामारी ने अपने चुंगल में लिया और कहर बरपना अभी भी जारी है।... बात अगर हम भारतीय राजनीति की करें तो यहां राष्ट्रीय व क्षेत्रीय स्तरपर अनेक पार्टियां हैं जो अपने अपने स्तरपर राष्ट्रीय या क्षेत्रीय याने राज्य स्तर, जिला स्तर पर, चुनाव लड़कर अपना प्रत्याशी जिताने की कोशिश करते हैं और जिसका बहुमत होता है उस सरकार के विपक्ष में आकर एकजुट होते हैं। हालांकि मजबूत विपक्ष भारत के लोकतंत्र की सेहत के लिए बहुत अच्छा वह जरूरी भी है। परंतु अनेक बार हम अनेक विषयों पर संसद में देखते हैं कि किसी बिल पर पक्ष-विपक्ष एक साथ आ जाते हैं। जैसे जनता के हित में जारी कई बिल संसद में विधायकों के भत्ते बढ़ाने का बिल, संसद में विधायकों की निधि बढ़ाने का बिल या अनेक बिल जिसमें जनता के हित के साथ मजबूत वोट की नींव भी दिखाई पड़ती है, उन्हें पक्ष-विपक्ष एक होकर बिल संसद में या विधानसभाओं में तीव्रता से पास हो जाता है ऐसी एकता बड़ी अच्छी भी लगती है। आज दिनांक 2 मई 2021 को बंगाल चुनाव में जो पार्टी जीती उसकी सुप्रीमो ने भी कहा अभी शॉर्ट में शपथ समारोह होगा और कोरोना लड़ाई से लड़ना है और शासकीय दिशा निर्देशों का पालन कढ़ाई से करने और वैक्सीनेशन की बात भी कही। वहीं  पीएम ने भी जीत की बधाई दी और हर संभव सहयोग करने का आश्वासन भी दिया। गृह मंत्री ने भी बधाई देते हुए जीते हुए तीनों विपक्षी राज्यों को केंद्र से तालमेल रख विकास के काम को आगे बढ़ाने की बात कही। भारत के सत्ताधारी दल सहित विपक्षी सभी पार्टियों के मुखिया ने जीत की बधाई दी यह भी अच्छी बात है।...परंतु अगर भारत की कोरोना महामारी के तीव्र वज्रपात की बात करें तो हमें टीवी चैनलों के माध्यम से अनेक विपरीत विपक्षी स्वर सुनाई देते हैं जो सत्ताधारी पार्टी के कटाक्ष के रूप में होते हैं। मेरा यह निजी मानना है और चाहत भी है कि इस संकट की घड़ी में जहां जनता का जीवन सांसो में अटका हुआ है। पूरा विश्व इस संकट की घड़ी में सहायता करने दौड़ पड़ा है। तो कुछ सीमित अवधि के लिए हमें विपक्ष मुक्त भारत रखने की  अत्यंत तात्कालिक जरूरत आन पड़ी है। हालांकि 26 अप्रैल 2021 को प्रमुख विपक्षी पार्टी की बड़ी नेता का बयान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आया उन्होंने कहा कि देश में कोरोना के बिगड़ते हालातों के बीच राजनीतिक दलों के नेताओंको अपने मतभेद भुलाकर उसमें ऊपर उठने तथा एक राष्ट्र के रूप में कोरोना से लड़ाई करने के लिए एक साथ आने की जरूरत है। यह लड़ाई कोरोना के खिलाफ है ना कि एक-दूसरे राजनीतिक दलों के खिलाफ। इस वक्त लोगों की जान बचाना है और एक राष्ट्रीय नीति बनाई जाए। मेरा यह मानना है कि आज देश की जनता की भी यही चाहत है कि सभी राजनैतिक दल एक साथ आकर लक्ष्य केवल जनता की जान बचाने की रखना चाहिए ताकि पूरा विश्व जो भारत की सहायता को दौड़ पड़ा है, वह भी देखें कि किस तरह भारतीय राजनीतिज्ञ संकट की घड़ी में एक हो जाते हैं और लक्ष्य, जनता की सहायता कर उनका जीवन बचाना हो जाता है। विश्व के सामने ऐसी मिसाल भारत देश को पेश करने का संकट की घड़ी में मौका हमारे पास है और विपक्षी दलों को दो-कदम आगे, पक्ष दलों को दो कदम पीछे हटकर योजनाओं को रणनीति में एक साथ बैठकर जनताके प्राणों की रक्षा में सुझाव देकर, योजनाओं, नीतियों, रणनीतियों के क्रियान्वयन में अत्यंत तात्कालिक गति से आगे बढ़ाने में सहयोग करना होगा और साथ में बनाई गई नीतियों, रणनीतियों को प्रोत्साहित करना होगा किसी एक पार्टी का पक्ष का यह निर्णय नहीं बल्कि पूरी पार्टियों का मानवता के साथ लिया गया निर्णय होना चाहिए। क्योंकि जनता को भी आभास हो जाए कि हम भारतवंशी हैं और समय आने पर दुश्मन को भी गले लगाते हैं क्योंकि भारत की मिट्टी में ही संस्कार मान मर्यादा मानवता समाई हुई है। अतः उपरोक्त सभी चर्चाओं का विश्लेषण करें तो वर्तमान संकट की स्थिति में निर्धारित अवधि के लिए पक्ष -विपक्ष दोनों राजनीतिक पार्टियों को विपक्ष मुक्त भारत का स्वतः संज्ञान लेकर जनता के प्राण बचाना जरूरी है। 

Sunday, May 2, 2021

अखिल भारतीय किसान महासभा ने मई दिवस को किसान मजदूर एकता दिवस के रुप में मनाया

राजापाकर( वैशाली )संवाद सूत्र, दैनिक अयोध्या टाइम्स।

राजापाकर थाना के अलीपुर गांव में शनिवार को मई दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय किसान महासभा ने किसान मजदूर एकता दिवस मनाया। इस अवसर पर तीनों किसान विरोधी कृषि कानूनों को वापस लेने ,न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून बनाने, बिजली संशोधन बिल 2020 वापस लेने ,मजदूर विरोधी चार श्रम कोड वापस लेने तथा कोविड-19 की व्यापक जांच की व्यवस्था करने ऑक्सीजन वेंटिलेटर , बेड दवा  आदि अधिक मात्रा में उपलब्ध करने की मांग की गई ।इस अवसर पर किसान महासभा के जिला अध्यक्ष सुमन कुमार ,महताब राय ,रामचंद्र सहनी सहित दर्जनों किसान नेता मौजूद थे।

पातेपुर के राजद कार्यकर्ताओं ने पुर्व सांसद दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन को दी श्रद्धांजली

पातेपुर (वैशाली) संवाददाता दैनिक अयोध्या टाइम्स

सिवान के पूर्व सांसद राजद के कद्दावर नेता दिवंगत मो0 सहाबुद्दीन के असामयिक निधन की खबर शोसल मीडिया के माध्यम से आते ही पातेपुर के राजद कार्यकर्ताओ एवं नेताओ में शोक की लहर दौड़ गई। सहाबुद्दीन के निधन पर पातेपुर में राजद कार्यकताओं एवं नेताओ ने कैंडल मार्च निकाल कर श्रद्धांजलि अर्पित की वही सैंकड़ो नेताओ व कार्यकर्ताओं ने दिवंगत नेता के असामयिक निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है।

       दिल्ली के तिहार जेल में बंद राजद के उपाध्यक्ष सह सिवान के दिवंगत पूर्व सांसद मो0 सहाबुद्दीन की कोरोना से असामयिक निधन की खबर सुनते ही पातेपुर के राजद परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। रविवार की देर शाम पातेपुर बाजार में राजद नेताओ व कार्यकर्ताओं ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए कैंडल मार्च निकाल कर दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की।कैंडल मार्च में मुखिया ललित राय, आदील अब्बास , राजद जिला उपाध्यक्ष मनीष राय, पैक्स अध्यक्ष पंकज, , व्यापार मंडल अध्यक्ष गणेश राय, सीताराम राय, सियालाल राय, चंदन कुमार,  अरविंद राय, मोख्तार सिद्दकी, मो0 इरफान, मो0 आलमगिर आदि लोगो ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि दिवंगत नेता के निधन से राजद परिवार को अपूरणीय क्षति पहुंची है।पूरा राजद परिवार ने भगवान से प्रार्थना करते हुए दिवंगत नेता के परिजनों को इस विकट घड़ी में सहनशक्ति प्रदान करने के लिए प्रार्थना की। एवं दिवंगत आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की।

सरैया में बिजली की आंख मिचौली से उपभोक्ता परेशान

सरैया (मुजफ्फरपुर) संवाददाता दैनिक अयोध्या टाइम्स

भीषण गर्मी के बीच सरैया में बिजली कटौती से आम जनजीवन बेहाल रहा. वही दूसरी ओर बिजली नही रहने के कारण क्षेत्र में पेयजल की किल्लत से लोग बिलबिलाते रहे  रविवार को सरैया प्रखंड में बिजली विभाग द्वारा बिजली की कटौती के कारण आम जनजीवन अस्त व्यस्त रहा. तेज धूप और भीषण गर्मी के बीच बिजली कटौती के कारण जहां लोग बेहाल रहे वही बिजली की आपूर्ति नही होने के कारण क्षेत्र में नल जल का मोटर नही कालने के कारण जलापूर्ति पूरी तरह ठप हो गया जिससे आम लोगो के साथ साथ पशुपालकों के लिए जल की विकट समस्या उत्पन्न हो गई. स्थानीय लोगो के अनुसार रविवार को सुबह से ही क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति बाधित होने के कारण लोगो को काफी कठिनायों का सामना करना पड़ा है.लोग मोबाइल चार्ज करने के लिए भी इधर उधर भटकते रहे. भीषण गर्मी में लोगो को घर के भीतर रहना जहां मुश्किल रहा वही इलेक्ट्रॉनिक दुकानदारों को भी काफी कठिनाई झेलनी पड़ी. लोगो ने कहा कि अभी गर्मी शुरुआत ही हुई है कि बिजली विभाग द्वारा बिजली की कटौती शुरू हो गई है जिससे लोगो के सामने सबसे बड़ी समस्या पेयजल की उत्पन्न हो गई है.वही इस संबंध में विभाग के जेई  से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनके द्वारा फोन उठाना भी मुनासिब नही समझा गया।