Monday, November 29, 2021

राष्ट्रीय बहुआयामी निर्धनता सूचकांक - मानव विकास, भूख, प्रतिस्पर्धात्मकता, मानव पूंजी, नवाचार सहित 29 वैश्विक सूचकांकों में देश के निष्पादन पर नज़र रखी जा रही है

वैश्विक मान्यता प्राप्त सूचकांको के आधार को औजार बनाकर रणनीतिक रोडमैप बनाकर परिणामों में सुधार के लिए सूचकांक के निगरानी तंत्र का लाभ उठाना ज़रूरी - एड किशन भावनानी

गोंदिया - भारत में दशकों से हम मीडिया के माध्यम से पढ़ व सुन रहे हैं कि गरीबी रेखा के नीचे, गरीबी रेखा के ऊपर, रंगराजन कमेटी की रिपोर्ट, तेंदुलकर कमेटी की रिपोर्ट, दांडेकर समिति की रिपोर्ट, अर्जुन सेनगुप्ता कमेटी का गठन गरीबी का पैमाना नापने का आधार, सबका अपना-अपना पैमाना परंतु साथियों आज भी वही चल रहा है कौन गरीबी रेखा के नीचे है, और कौन ऊपर। सन 2012 में जारी योजना आयोग के साल 2009-2010 के गरीबी आंकड़े कहते हैं कि पिछले पांच साल के दौरान देश में गरीबी 37.2 फीसदी से घटकर 29.8 फीसदी पर आ गई है। यानि अब शहर में 28 रुपए 65 पैसे प्रतिदिन और गांवों में 22 रुपये 42 पैसे खर्च करने वाले को गरीब नहीं कहा जा सकता।नए फार्मूले के अनुसार शहरों में महीने में 859 रुपए 60 पैसे और ग्रामीण क्षेत्रों में 672 रुपए 80 पैसे से अधिक खर्च करने वाला व्यक्ति गरीब नहीं है। साथियों बात अगर हम गरीबी की करें तो, गरीब कौन ? गरीबी रेखा क्या है? गरीब,गरीबी और गरीबी रेखा आय-व्यय, कैलौरी मात्र, कुपोषण अर्द्ध-भुखमरी व भूख से मौतों जैसे मुद्दोंपर सरकार, योजनाकारों व जनता के बीच कई दशकों से देश में बहस चल रही है। हाल ही में गरीबी रेखा पर हुई बहस में योजनाकारों द्द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में 26 रूपये तथा शहरी क्षेत्रों में 32 रुपये प्रति व्यक्ति प्रतिदिन आय से कम प्राप्त करने वालों को गरीबी रेखा के नीचे या बी. पी. एल. माना गया जिसे सभी वर्गों ने एकमत से नकार दिया तथा इस सम्बन्ध में सुझाव देने हेतु सरकार दवारा नई समिति का गठन किया गया। गरीबी बहस का विषय नहीं है, सोचने समझने और महसूस करने तथा उसे हर संभव तरीके से निपटने का विषय है। गरीबी रेखा के निर्धारण में रात-दिन कवायद चल रही है। सभी समितियों के निष्कर्ष भिन्न-भिन्न व विरोधाभासी होने के कारण किसी ठोस निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका है। साथियों बात अगर हम नीति आयोग की इस रिपोर्ट की करें तो उसके अनुसार 12 इंडिकेटर के आधार पर तय होते हैं राज्यों की रैंकिंग। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और नीति आयोग की पीआईबी के अनुसार, नीति आयोग द्वारा जारी सूचकांक के अनुसार, बिहार की 51.91 प्रतिशत जनसंख्या गरीब है जबकि झारखंड में 42.16 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 37.79 प्रतिशत आबादी गरीबी में रह रही है। सूचकांक में मध्य प्रदेश (36.65 प्रतिशत) चौथे स्थान पर है, जबकि मेघालय (32.67 प्रतिशत) पांचवें स्थान पर है। केरल (0.71 प्रतिशत), गोवा (3.76 प्रतिशत), सिक्किम (3.82 प्रतिशत), तमिलनाडु (4.89 प्रतिशत) और पंजाब (5.59 प्रतिशत) पूरे देश में सबसे कम गरीब लोग वाले राज्य हैं और सूचकांक में सबसे नीचे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत का राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनीशिएटिव (ओपीएचआई) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा विकसित विश्व स्तर पर स्वीकृत और मजबूत पद्धति का उपयोग कर तैयार किया जाता है। बहुआयामी गरीबी सूचकांक में मुख्य रूप से परिवारकी आर्थिक हालात और अभाव की स्थिति को आंका जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है, भारत के एमपीआई में तीन समान आयामों-स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर का मूल्यांकन किया जाता है। इसका आकलन पोषण,बाल औरकिशोर मृत्यु दर, प्रसवपूर्व देखभाल, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, खाना पकाने के ईंधन, स्वच्छता, पीने के पानी, बिजली, आवास, संपत्ति तथा बैंक खाते जैसे 12 संकेतकों के जरिये किया जाता है। साथियों बात अगर हम नीति आयोग द्वारा दिनांक 27 नवंबर 2021को जारी राष्ट्रीय बहुआयामी निर्धनता सूचकांक पर व्याख्यात्मक नोट की करें तो पीआईबी के अनुसार, कैबिनेट सचिव की सुधार एवं विकास हेतु वैश्विक सूचकांक पहल के तहत, मानव विकास सूचकांक, वैश्विक भूख सूचकांक, वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक, मानव पूंजी सूचकांक, वैश्विक नवाचार सूचकांक सहित 29 वैश्विक सूचकांकों में देश के निष्पादन पर नज़र रखी जा रही है। इस कार्य का लक्ष्य महत्वपूर्ण सामाजिक, आर्थिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सूचकांकों के निगरानी तंत्र का लाभ उठाना है, ताकि परिणामों में सुधार लाने के लिए इन सूचकांकों को औजार के रूप में इस्तेम…

Sunday, November 28, 2021

श्रीमद्भागवत गीता का कथा कहते हुए रवि कुमार भार्गव ने कहा कि"काम,क्रोध,लोभ, यही मनुष्य जीवन को पतन की ओर ले जाता है

(रवि कुमार भार्गव अयोध्या टाइम्स सिरहाकोठी पूर्वीचंपारण)


आज सप्ताहिक श्रीमद्भागवत गीता कथा कार्यक्रम में रवि कुमार भार्गव ने कहा कि काम क्रोध और लोभ ये तीनों मनुष्य का पतन करने वाले हैं।जिनका उद्देश्य भोग भोगना और संग्रह करना होता है,वे लोग अपनी सोंच समझ के अनुसार अपनी उन्नति करने के लिए इन तीनों दोषों को हितकारी मान लेते हैं।उनका यही भाव रहता है कि हम लोग काम आदि से सुख पायेंगे,आराम से रहेंगे,खूब भोग भोगेंगे,यही भाव उनकी मनुष्य जीवन का पतन कर देता है।

ये काम क्रोध आदि नरको के दरवाजे हैं, इसलिए मनुष्य इनका त्याग कर दें।भोग भोगना"काम"है,दूसरे को रिस्ते की जाल में,प्रेम की जाल में,कोई काम की लालच देकर धन संग्रह करना, "लोभ" है,किसी असहाय की स्त्री जमीन पर कब्जा करना साक्षात मृत्यु के गाल में समाने की कदम है,आप जानते हैं कि इन तीनों मे बाधा आने पर लिप्त ब्यक्ति को बाधा उत्पन्न करने वाले ब्यक्ति पर क्रोध आ जाता है।ये तीनों ही आसुरी सम्पत्ति के मूल रूप हैं, मनुष्य सभी तरह के पाप इन तीनों के वशीभूत होकर ही करता है, इसलिए हम दैवी शक्ति सम्पत्ति वाले मनुष्य को अपने अन्दर इन तीनों काम क्रोध लोभ को नही आने देनी चाहिए।

मुजफ्फरपुर में नवनिर्वाचित मुखिया पर फायरिंग,

    बाल-बाल बचीं:जीत का सर्टिफिकेट लेकर पति के साथ लौट रही थीं, अपराधी बोला- तुमको मुखियायिन नहीं रहने देंगे।

(रवि कुमार भार्गव ब्यूरो चीफ अयोध्या टाइम्स बिहार) मुजफ्फर


पुर में पंचायत चुनाव की गिनती खत्म होने के बाद शुक्रवार देर रात नवनिर्वाचित मुखिया पर बदमाशों ने हमला कर दिया। इसमें वह बाल-बाल बच गईं। घटना गायघाट थाना क्षेत्र के मकरंदपुर गांव की है। यहां लक्ष्मणनगर पंचायत की नवनिर्वाचित मुखिया अनामिका देवी और उनके पति अशोक कुमार पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। वे दोनों जीत का सर्टिफिकेट लेकर कार से अपने घर की ओर जा रहे थे। तभी उन पर हमला हुआ। फायरिंग करने वाले अपराधियों ने कार के सामने से गोली चलाई है। इसमें गोली गाड़ी का शीशा भेदते हुए सीट में लगी है। मौके से 2 खोखा बरामद किया गया है। घटना के संबंध में गायघाट पुलिस का कहना है, 'मामले की छानबीन की जा रही है।' मुखिया पति अशोक कुमार ने गायघाट थाना में एप आई आर दर्ज कराने के लिए लिखित शिकायत की है। इसमें उन्होंने दो लोगों को नामजद किया है। शिकायत में उन्होंने बताया है, 'गायघाट इलाके के लक्ष्मण नगर के रहने वाले हैं। पत्नी अनामिका देवी मुखिया पद की उम्मीदवार थी। शुक्रवार को मुखिया पद के लिए निर्वाचित हुई है। जिसका प्रमाण पत्र मतगणना स्थल से लेकर हम लोग लौट रहे थे। इस बीच मकरंदपुर स्थित अपने समर्थक विकास सिंह से मिलने के लिए रुक गए। वहां से देर रात करीब 11 बजे निकले। इस बीच बदमाशों ने गाड़ी पर फायरिंग कर दी। इसमें दोनों बाल-बाल बच गए। गोली कार के शीशा को भेदते हुए सीट में लगी। बदमाशों ने धमकाया कि तुमको मुखियायिन नहीं रहने देंगे, तुम्हें जान से मार देंगे।' इधर, विकास ने भी आरोपी पक्ष पर फायरिंग करने की बात कही है। उसने कहा, 'दोनों के ऊपर 10 राउंड फायरिंग की गई है। गोली कार पर लगी है।'

सीतामढ़ी में लड़कियों की खरीद-फरोख्त का गंदा खेल, युवती ने क‍िया पर्दाफाश, तीन दलाल ग‍िरफ्तार

(रवि कुमार भार्गव ब्यूरो चीफ अयोध्या टाइम्स बिहार) सीतामढ़ी ज‍िले देह व्‍यापार के लिए रेडलाइट एरिया में युवती को जिंदा जलाने का प्रयास ग्राहकों के पास जाने से मना करने पर द‍िया घटना को अंजाम जान बचाकर भागी पीड़िता पहुंची नगर थाने पुलिस को सुनाई आपबीती एसपी के आदेश पर छापेमारी।


सीतामढ़ी में लड़कियों की खरीद-फरोख्त का 'गंदा खेल' अर्से से चल रहा है। पुलिस ने फिर एकबार छापेमारी कर बदनाम गली से दो युवियों को दलालों के चंगुल से मुक्त कराया। एक महिला समेत तीन दलालों को गिरफ्तार भी किया गया है। इससे पहले जुलाई महीने में ही कई थानों की पुलिस ने छापेमारी की थी जिसमें कई लोग पकड़ाए भी थे और दलालों के चंगुल से लड़कियां भी मुक्त हो पाई थीं। इस दलदल में जबरन ढकेली गई एक युवती ने हिम्मत दिखाई तो पुलिस ने छापेमारी कर उसको मुक्त कराया। युवती ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस से शिकायत भी की जिसके बाद उनको गिरफ्तार किया गया। शनिवार शाम पीड़ित युवती रेड लाइट एरिया से भागकर नगर थाना पहुंच गई। वह जख्मी हालत में थी। एसपी हर किशोर राय के आदेश पर तुरंत छापेमारी की गई जिसमें रेड लाइट एरिया से एक महिला चांदनी खतून, मो. बादल व मो. असगर को गिरफ्तार कर थाने लाया गया। देर शाम तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। जख्मी युवती काे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। ऐसे लड़क‍ि‍या फांसते हैं जालसाज  युवती ने बताया कि कुछ दिन पूर्व दलालों के एक गिरोह ने उसे अपनी जाल मे फांस कर रेड लाइट एरिया में ढकेल दिया। हफ्ते भर से उसे देह व्‍यापार के लिए दबाव डाला जा रहा था। इनकार करने पर उसके जिस्म के कई हिस्सों पर लोहे की रॉड को गर्म कर दागा दिया गया। उसके बाद भी वह तैयार नहीं हुई तो जिस्म के सौदागरों ने उसकी जान लेने की कोशिश की। बेरहमी से पिटाई की और शरीर में आग लगा दी। युवती ने फिर भी हिम्मत नहीं हारी और किसी तरह वह रेड लाइट एरिया से भाग निकली। नगर थाना पुलिस को उसने आपबीती सुनाई। पुलिस ने बिना विलंब एसपी को इतला किया। एसपी के आदेश पर टाऊन सर्किल इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह, नगर थानाध्यक्ष विकास कुमार राय, महिला थाना प्रभारी रेखाकुमारी, पीएसआई रश्मि कुमारी, एसआई ओम प्रकाश, एएसआई रामवती भगत, रामाशीष पासवान के आलवा बड़ी संख्या में महिला व पुरुष पुलिस बल को वहां छापेमारी के लिए भेजा गया।