Saturday, March 28, 2020

संभल जाओ ऐ दुष्ट

यह कैसा वक्त आया 

जानवर पशु पक्षी को खुला पाया

जबकि उनपर जुल्म करने वाला

अपने आशियाने में बंद नजर आया।

 

मत सताओ गरीबो को

उनके हक मत मारा करो

एक दिन ऐसा भी आयेगा

जब गरीबी तुम्हें मारेगी

वक्त रहते संभल जाया करो।

 

देखो पैदल चलते मजदूरों को

मत मजाक बनाओ उनकी मजबूरी को

वक्त बदलेगा जरूर

देखो बदल रहे प्रकृति को।

 

सेवा का धर्म अपना लो

भोग विलास मांसाहारी से दूर रहकर

शायद प्रकृति तुम्हें माफ कर दे

तुम्हारी विवशता देखकर।

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