Thursday, June 4, 2020

प्यार बांटो नफरत नही

जयंत और दीपाली शादी के पहले से ही एक दूसरे से बेहद प्यार करते थेI 

थोड़ी नोक झोक रुठना मनाना सब चलता रहता था। लेकिन 

शादी के बाद तो जैसे सब कुछ बदल ही गया हर छोटी बात को लेकर बड़ी नोक-झोक होने लगी थी।

बहुत दिनों तक दोनों एक दूसरे से बात चीत करना पसंद नहीं करते थे।आज दीपाली का जन्म दिन था जयंत को दीपाली ने याद भी नहीं दिलाया....वह देखना चाहती थी कि जयंत को उसका जन्म दिन याद भी है या नहीं? लेकिन जयंत तो हमेशा की तरह घर से तैयार होकर दफ़्तर चला गयाI जयंत के दफ़्तर जाते ही दीपाली की आखों में आसूं भर आए वो सोचने लगी क्या सच में यह अब भी वही जयंत है जो शादी से पहले था!मेरी कितनी देखभाल,मुझसे जुड़ी हर छोटी बड़ी चीजें याद रखता था..I सोचते-सोचते दीपाली की आंख लग गई I तभी दरवाजे की घंटी सुनाई पड़ीI दीपाली ने दरवाजा खोला तो देखा कि जयंत हाथों में गुलाबी गुलदस्ते और ढेर सारे उपहारों को हाथ में लेकर खड़ा थाI दीपाली ने गुलदस्ते और उपहार को थामते हुए जयंत के सीने से लिपट गईI जयंत घर के अंदर चला गया, दीपाली सोफे पर बैठी सोच ही रही थी कि वो कितनी गलत थी जो जयंत को गलत समझ रही थी....कि तभी दीपाली का फोन बज उठा फोन नजदीकी पुलिस थाने से था फोन करने वाले पुलिस वाले ने बताया कि जयंत का बुरी तरह एक्सीडेंट हो गया है अब वो इस दुनिया में नहीं है,,पुलिस को जयंत का पर्स वा मोबाइल बरामद हुआ है I लेकिन तभी दीपाली को याद आया कि जयंत तो उसको गिफ्ट और गुलदस्ते देकर घर के अंदर गया हैI लेकिन दीपाली को वह बात भी याद आ गई जो उसने बहुत पहले सुन रखी थी कि मृत्यु के बाद हर किसी की आत्मा अपनी अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए एक बार आती जरूर हैI दीपाली भागते हुए कमरे में गई और देखा तो जयंत कमरे में नहीं थाI दीपाली को आभास हो गया कि जयंत की आत्मा अपनी अंतिम इच्छा पूरी करने उसके पास आई थीI वापस लौट आओ जयंत वापस लौट आओ यह कहकर

दीपाली जोर-जोर से रोने लगीIतभी दरवाजे की घंटी बजी दीपाली भागकर दरवाजा खोली देखी तो जयंत उदास मुंह लटकाए दरवाजे पर खड़ा था दीपाली को देखते ही जयंत बोला घर से दफ्तर के लिए निकलते ही रास्ते में किसी चोर ने मेरा पर्स और मोबाइल दोनों चुराकर भाग गया..इसलिए मैं तुम्हारे लिए गुलदस्ते और उपहार नहीं खरीद पाया शौरी... यह सुनते ही दीपाली पागलों की तरह जयंत से लिपटकर रोने लगी और सिसकते हुए बोली की तुम मेरे पास हो मेरे साथ हो यह मेरे लिए सबसे बड़ा उपहार है..अब इस जन्म में मेरा तुमसे कभी कोई भी झगड़ा नहीं होगा..I आज जिंदगी का सबसे बड़ा उपहार और सबक मुझे मिल चुका हैI कि रिश्ते की अहमियत को समझना है I जब तक जिंदगी है तब तक सिर्फ प्यार बांटना है नफरत नहीI 

 

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