Monday, July 6, 2020

""राजनैतिक संरक्षण के बिना हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे जैसा अपराधी नहीं पैदा हो सकता ""

आपको बता दें कि कानपुर में जो गुरुवार को हमारे 8 पुलिसकर्मियों की हत्या को अंजाम दिया था जो अपराधी विकास दुबे वह खादी का चोला पहन चुका था, राजनैतिक दलों में सक्रिय  रहा हैं और तो और प्रधान के साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुका है । आज हम देख रहे है की राजनीति भाई- भतीजावाद बाहुबल और धनबल के साथ ही चापलूसी जो करते हैं उन्हीं के लिए यह दरवाजा खुला हुआ है । ऐसा ही देखने को हमें मिलता है कि पंचायत चुनाव से लेकर विधानसभा से लेकर लोकसभा तक और तो और विश्वविद्यालय का जो छात्र संघ चुनाव होता है वहां भी बाहुबल , धनबल भाई- भतीजावाद के साथ-साथ चापलूसी को ही मौका दिया जाता है। वैसे ही विकास दुबे राजनेताओं के संरक्षण से खादी का चोला पहना और राजनीति में प्रवेश भी किया साथ ही ना जाने कितने यह हिस्ट्रीशीटर ने अपराध किया जिसका कोई आंकड़ा स्पष्ट रूप से हम नहीं कह सकते है ,अगर हम आंकड़े देखें तो हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर गिरोह बनाकर लूट हत्या से लेकर डकैती जैसे कई मुकदमे अलग-अलग थानों में दर्ज हुआ है और तो और यह बिकास दुबे शिवली थाना के बाहर भाजपा के मंत्री की हत्या में भी नामजाद हुआ था।  जैसा कि सुनने में आया है मीडिया के माध्यम से ही कि इस विकास दुबे का काला कारोबार प्रदेश के कानपुर से लेकर इलाहाबाद व गोरखपुर फैला हुआ था। यह दुष्ट अपराधी कारोबारी तथा व्यापारी से जबरन वसूली करता था जिसके लिए यह कुख्यात था फिर आखिर राज्य सरकार इस पर पहले ही नकेल क्यों नहीं कसी  ? इसीलिए दोस्तों मैं कहता हूं कि इसको राजनीतिक संरक्षण मिलता रहा है और आप भी जानते हैं कि आज राजनीति में भाई भतीजावाद ,जातिवाद ,धन्य बल बाहुबल और चापलूसी अपने चरम स्थान पर है ।

 इस दैत्य हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का जघन्य अपराध इतिहास रहा है दोस्तों इसने 60-70 से भी अधिक हत्या का प्रयास किया है जिसका अभी  केस भी चल रहा है । मीडिया के मुताबिक बचपन से ही अपराध की दुनिया में यह अपना नाम कमाना चाहता था , इसके लिए उसने पहले  गैंग बनाया और फिर  लूट, डकैती हत्याएं करने लगा और तो और  इस बेशर्म ने बहुत से युवाओं को भी अपने रास्ते में लाया उनको भटकाया और अपने अपराध को दिन -प्रतिदिन बढ़ाते गया और राजनीतिक संरक्षण इसको मिलते गया और आज हमारे देश के रक्षा करने वाले पुलिस को ही मार डाला। यह आज वांछित अपराधी बन चुका है सुनने में तो यह भी आया है कि दहशथ के जोर पर चुनाव में जीत दिलाना इसका पेशा  बन चुका था और इसके लिए राजनीतिक पार्टियां इसको संरक्षण देने के साथ-साथ खूब धन भी उड़ाते थे इस अपराधी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर अब  आप सोच  सकते हो कि आज राजनीतिक किस स्तर पर गिरती जा रही है l  आपको बता दे‌ की अपराधी विकास दुबे दूसरों के घरों को जेसीबी से  तोडा करता था , उसके घर में प्रतिबंधित हथियार से जब दिल करता था तब पुलिस पर हाथ उठा देता था और तो और उसने एक  जज  साहब को भी धमका दिया था , सूत्रों के मुताबिक पुलिस विभाग में उसका मुखबिर रहा करते थे, लेकिन आज वह जहां भी भागा है अब छोड़ा नहीं जाएगा अब उसके दिन गिनती के ही रह गए है ऐसा ही कहना हमारे प्रशासन का भी लेकिन अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया ? कहीं कोई नेता जी ही तो नहीं अपने घरों में छुपा कर रखे हैं , ऐसा मै इसलिए बोल रहा हूं क्योंकि इसको राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था और वह अलग-अलग पार्टियों में अलग-अलग पदों पर रह भी चुका था ।

आज दुनिया को भले पता चला कि कोई हिस्ट्रीशीटर अपराधी विकास दुबे है  लेकिन चौबेपुर ,कानपुर में हर एक  लोग जानता था विकास दुबे की कहानियां ।

नेताओं का तो  वैसे भी विकास प्रिय शब्द है जिस नेता जी को जहां मौका मिलता है वही विकास कराने लगते है , कभी शिक्षा का विकास की बात करते हैं तो कभी किसान का विकास तो कहीं राज्य और देश का विकास लेकिन विकास छलता ही रहा है । ध्यान से देखिए तो विकास अपने ऊपर जल्दी हाथ किसी का नहीं रखने देता है, कई बार तो हवा में ही रह जाता है नेता जी के भाषण से इसी प्रकार चौबेपुर के विकास में भी अपने ऊपर किसी का हाथ नहीं रखने दिया। मेरा कहने का मतलब है कि इस विकास को रोकने का किसी ने साहस नहीं किया और विकास का विकास होने दिया इसको हमेशा राजनीतिक संरक्षण मिलता रहा और आम जनता को परेशान करते रहा , इसीलिए  विकास दुबे ने 2 जुलाई  रात की स्याही का अंधेरा अनेक निर्दोष पुलिस वालों के परिवारों को डस लिया । मेरे प्रिय मित्र एक खाकी वर्दी सैकड़ों-  हजारों लोगो का भरोसा होती है और इसलिए उस पर हुआ हमला हम सभी के दिलों को हिला दिया है , यह बात करने में जरा भी संकोच नहीं कर रहा हूं कि किसी अपराधी का लालन-पालन राजनीति ही करती है, आप ध्यान से देख लो डाकू हो या तस्कर हो सब राजनीति के आंगन में ही शरण पाते हैं। कहने का मेरा मतलब है कि राजनीति ही अपराधी की इच्छा और महत्वाकांक्षा को बढ़ाती है, इसी प्रकार से अपराधी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे दलो से ऊपर था और कानपुर और उसके पड़ोसी जिलों में हर राजनीतिक दल के नेता जी लोग इसका इस्तेमाल करते थे लेकिन देख रहा हूं अब सभी लोग चुप्पी साधे बैठे हैं।

पिछले 27 वर्षों में 60 मुकदमे जिस अपराधी पर हो और जिस थाने में ही घुसकर भारतीय जनता पार्टी के एक नेता जी की हत्या का आरोप लगा हो फिर भी ना उस पर कभी रासुका लगा और ना ही कभी उस पर एसटीएफ की सूची में जगह बनाएं गया , इससे साफ है कि अपराधी विकास दुबे ने उत्तर प्रदेश में नेताओं और अपराधियों के गठजोड़ को ऐसा उखाड़ा है कि वर्षों तक  मिसाल दिया जाता रहेगा । वैसे मुझे माननीय मुख्यमंत्री जी के बातें सुनकर अच्छा लगा कि मुख्यमंत्री जी ने सख्ती  के साथ- साथ इस माफिया पर  टूट पड़ने को कहे हैं । अब यही सही वक्त है कि पुलिस को इस माफिया को धर- दबोचकर अपने साथियों की शहादत को सम्मान देने के लिए दिल से करना चाहिए। दोस्तों जब तक राजनीति मे जातिवाद, धनबल ,बाहुबल और चापलूसी खत्म नहीं होगी तब तक ऐसे हिस्ट्रीशीटर दैत्य विकास दुबे जैसे पैदा होते रहेंगे। क्योंकि मुझे लगता है इन सब का कारण आज के घटिया राजनीति ही है ?

कवि विक्रम क्रांतिकारी (विक्रम चौरसिया- अंतरराष्ट्रीय चिंतक)

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