Monday, January 4, 2021

हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल कायम कर रहे हैं दो बचपन के मित्र

अयोध्या टाइम्स बहराइच जिला संवाददाता सूरज कुमार त्रिवेदी के साथ स्नेह शुक्ला



बहराइच जहां एक तरफ कुछ असामाजिक तत्व समाज मे अमन चैन को बिगाड़ने में लगे हुए हैं वहीं दूसरी तरफ दो अलग अलग धर्म के मित्र देश मे अमन चैन का पैगाम देकर मिशाल कायम कर रहे हैं जी हाँ बात करते हैं कस्बा नानपारा के निवासी दो बचपन के मित्रों की जहां दोनों का धर्म अलग अलग है मगर आपसी प्रेम के कारण अलग मिशाल कायम कर रहे हैं हम बात करते हैं कस्बा निवासी राशिद अली व विकास श्रीवास्तव की यह दोनों लोग बचपन के मित्र हैं जो आज तक साथ हैं जहां राशिद अली वर्तमान समय में पत्रकार समूह इंडियन रिपोर्टर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष हैं तो विकास श्रीवास्तव उनकी टीम में उपाध्यक्ष और लखनऊ मंडल के प्रभारी हैं दोनों ने पढ़ाई साथ की और बचपन साथ बिताया जब इंडियन रिपोर्टर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राशिद अली से बात की तो उन्होंने बताया कि समाज मे हिन्दू ,मुस्लिम करने वाले लोगों के लिए हमारी दोस्ती एक मिसाल है वैसे तो कॉलेज के समय विकास श्रीवास्तव उनके राजनीतिक गुरु रहे हैं कॉलेज के समय हम लोगों का ग्रुप हुआ करता था हम लोग छात्र राजनीति करते थे उस समय विकास हमारे राजनीतिक गुरु थे क्योंकि कांग्रेस छात्र संगठन में विकास श्रीवास्तव प्रदेश सचिव थे और उन्होंने ही मुझे कांग्रेस जॉइन कराई और छात्र संगठन का जिला महासचिव बनवाया मगर हम एक अच्छे दोस्त की तरह से साथ रहे आज जब इंडियन रिपोर्टर्स एसोसिएशन में मुझे प्रदेश अध्यक्ष का पद मिला तो विकास मेरे कंधे से कंधा मिलाने मेरे साथ मे आ गए और आज वह मेरी टीम में प्रदेश उपाध्यक्ष हैं भले ही आज मैं पद में उनसे सीनियर हुँ मगर वह मेरे पहले राजनीतिक गुरु हैं हम दोनों लोग आपसी सहयोग तालमेल से प्रदेश में संगठन को चला रहे हैं और एक दूसरे से चर्चा किये बगैर कोई भी फैसला नही लेते हैं विकास श्रीवास्तव ने बताया कि वह वर्तमान समय में लखनऊ शिफ्ट हो गए हैं मगर इसके बाउजूद भी दिन में कम से कम 20 मर्तबा हम दोनों लोग फोन पर चर्चा कर संगठन की रूपरेखा तैयार करते रहते हैं जब हम दोनों लोग मिलते हैं तो साथ मे बैठ कर एक ही थाली में भोजन करते हैं हमारे लिए धर्म नही दोस्ती बड़ी चीज है हम लोगों ने कभी भी धर्म का भेदभाव नहीं किया है वर्तमान स्थिति को देखते हुए इन दोनों की दोस्ती एक मिसाल है । मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना यह संदेश जातिवाद की राजनीति करने वालों के लिए प्रबल संदेश है

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