Saturday, February 27, 2021

सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की जन्म कुण्डली जानिये : पं0 सुधांशू तिवारी

क्या कहते है सितारें ...

कुडंली में बन रहे हैं कई अहम योग: इसके अलावा, कर्म स्थान में सूर्य के साथ धन और लाभ भाव के स्वामी बुध बुधादित्य योग का निर्माण कर रहे हैं। यहां दशमेश शुक्र और एकादशेश बुध बेहतरीन परिवर्तन राजयोग का निर्माण भी कर रहे हैं। यही कारण है कि संघर्ष के बावजूद योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा और सम्मान में निरंतर वृद्धि होती रही है।

  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्म उत्तराखंड के गढ़वाल में 5 जून, 1972 को दोपहर 12 बजे हुआ था। उनकी कुंडली सिंह लग्न की है और लग्नेश सूर्य पूर्ण दिगबली होकर दशम भाव यानी कर्म स्थान में विराजमान में हैं। जहां सूर्य, सप्तमेश शनि के साथ पाराशरी राजयोग का निर्माण कर रहे हैं। हालांकि सूर्य की शनि के साथ स्थिति अच्छी नहीं मानी जाती, इसीलिए इस योग के चलते उनके जीवन में पारिवारिक और दाम्पत्य सुख का अभाव रहा।




अपराधियों पर जारी रहेगी सख्ती: वर्तमान में उनकी केतु में राहु की अंतर्दशा चल रही है, जो जनवरी, 2020 में शुरू हुई थी और मार्च, 2021 तक चलेगी। कुंडली में राहु छठे भाव में मकर राशि में मजबूत होकर विराजमान हैं। छठे भाव में राहु अपराधियों पर शासन यानी उन्हें दबाकर रखता है। यही वजह है कि केतु में राहु की अंतर्दशा के दौरान, उत्तर प्रदेश में अपराधियों पर सख्ती, एनकाउंटर और उनकी संपत्तियों की नीलामी जैसी घटनाएं देखने को मिलीं। कुल मिलाकर, अपराधियों के प्रति उनकी सख्ती आगे भी जारी रहेगी।


कई फैसलों को लेकर हो सकता है विवाद: केतु में बृहस्पति की अंतर्दशा फरवरी, 2021 से जनवरी, 2022 तक चलेगी। बृहस्पतिकुंडली में अपनी ही धनु राशि यानी पंचम भाव में है, जो सत्ता और अधिकार का भाव भी है। हालांकि, बृहस्पति वक्री स्थिति में हैं, इसलिए उनके कई फैसले नए विवाद छेड़ सकते हैं। इस दौरान विपक्षी दल भी उनकी परेशानी बढ़ाने में कोई कसर नहीं चढ़ेंगे।

शनि-बृहस्पति का गोचर: 2021 में शनि और बृहस्पति का गोचर वर्ष के ज्यादातर हिस्से में योगी आदित्यनाथ की कुंडली के छठे भाव में रहेगा। स्पष्ट है कि अपने विरोधियों को शांत करने केलिए इस साल उन्हें खासी मेहनत करनी पड़ेगी। हालांकि, अप्रैल से सितंबर में सप्तम भाव में गोचर के दौरान वह महिलाओं, गरीबों और वंचित तबकों के हित में कई अहम फैसले ले सकते हैं, जो उनकी प्रतिष्ठा को बढ़ाने में सहायक होंगे। स्पष्ट है कि वर्ष 2021 में संघर्ष के साथ वह आगे बढ़ेंगे। शेष शुभ है... 




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