Thursday, October 27, 2022

ग्यारह कलाओं से भरपूर, उसके बाद भी रोटी के लिए मजबूर

 एग्यारह कलाओं से भरपूर, जिसे देखकर आप रह जाएंगे दंग, वह कलाकार है एक रोटी के लिए मजबूर, क्या बिहार सरकार के कला संस्कृति विभाग का यही है दस्तूर?


रवि कुमार भार्गव

राज्य को-आर्डिनेटर अयोध्या टाइम्स बिहार 

---मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन को उनकी सहायता के लिए आगे आने की जरूरत है।

--इनका एक ही सपना है की वो डब्लू डब्लू ई में अपने देश के लिए लड़ें। किंतु उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वह कोई एकेडमी ज्वाइन कर सके।

--माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी का ऐसे कलाकारों पर नजर पड़ जाए तो रवि रंजन जैसे कलाकारों को एक रोटी के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा।



सिरहाकोठी:-आज मैं आपके सामने एक ऐसे कलाकार को ढूंढ कर लाया हूं जिनके पास एग्यारह कला देखने को मिलेगा आपको। उनकी एक एक कला को देखकर आप दंग रह जाएंगे। दांतो तले उंगली दबा ने पर आप मजबूर हो जाएंगे।

आइए हम उन कलाकार से परिचय करवाते हैं उनका नाम है रवि रंजन कुमार उनके पिता का नाम है सत्येंद्र कुमार घर है उनका कोरीगांवा डाकखाना है उनका महवल उनका थाना है बरूराज प्रखंड पड़ता है मोतीपुर और जिला पड़ता है मुजफ्फरपुर। ऐसा ही नहीं यह कलाकार महोदय b.a. पार्ट वन के विद्यार्थी भी हैं और इनका उम्र मात्र 19 वर्ष हो रहा है।

इस 19 बरस की उम्र के अंदर एग्यारह कलाओं को अपने अंदर उतार लेना, बड़े ही गौरव की बात है। इनकी कलाओं में सबसे अहम पहली कला देखने को मिला अपने दांतो के सहारे चार चक्का कार को चला देना, दूसरी कला देखने को मिला चालू दो बाइक मोटरसाइकिल को आगे की ओर नहीं बनने देना, तीसरी कला देखने को मिला मोटरसाइकिल को उठाकर लोगों के बीच घूम घूम कर दिखाना, चौथी कला देखने को मिला अपने कंधे पर दो व्यक्तियों को बैठाकर उपस्थित जनों के बीच घुमा देना, पांचवी क्लास अपने कंधे पर लाठी के सहारे दोनों तरफ 3-साइकिल एक तरफ 3 साइकिल दूसरी तरफ लाद कर छ: साइकिल की वजन को लेकर कुछ दूर तक चल कर दिखाना, छठी कला को देखकर आप दंग रह जाएंगे। इनका छठी कला जो है मेस्सी फर्गुसन ट्रेक्टर को स्वराज ट्रैक्टर को अपने दांतो के सहारे चला कर दिखाना, यही नहीं इनके सातवी कला अकेले स्वराज ट्रैक्टर या मेस्सी फर्गुसन ट्रेक्टर को धक्का देकर चलाते रहना, इनका आठवीं कला में देखने को आपको मिलेगा लगभग 1 कुंटल से ऊपर की वजन को हल के रूप में नीचे ऊपर करके दिखाना और उसकी कला को प्रदर्शन करना, इनका नवी कला बड़े ही देखने लायक दृश्य है जो अपने कंधे पर लाठी का भार बनाकर दो व्यक्ति एक तरफ दो व्यक्ति दूसरी तरफ कूल चार व्यक्तियों का वजन लेकर चलना। इनकी 10 वीं कला देखकर आप अपनी आंखों पर विश्वास नहीं करेंगे किंतु विश्वास करना होगा वह है दो मोटरसाइकिल स्टार्ट स्थिति में अपनी पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ने को ललाइत है, किंतु रवि रंजन ऐसे ढंग से दोनों मोटरसाइकिल को पकड़े हुए हैं, कि टस से मस नहीं होने दे रहे हैं। एग्यारहवी कला को देख कर आप बिल्कुल दंग रह जाएंगे, पिकअप गाड़ी को अपने दांतो से खींच कर चलाकर दिखा देना, उसे रवि रंजन कुमार ने कर दिखाया है।


एग्यारह कलाओं से भरपूर कलाकार रवि रंजन जिस की कला को आप देखकर दंग रह जाएंगे वह कलाकार एक रोटी के लिए है मजबूर। इनके पिता एक साधारण किसान हैं वह जो भी कमाते हैं वह सारे पैसे बच्चों के लालन-पालन में खर्च हो जाता है बहुत ही निहायत गरीब परिवार से रवि रंजन कुमार आते हैं। जो रवि पहलवान के नाम से इलाकों में जाने जाते हैं। इनका एक ही सपना है की वो डब्लू डब्लू ई में अपने देश के लिए लड़ें। किंतु उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वह कोई एकेडमी ज्वाइन कर सके। इस स्थिति में हमारे बिहार सरकार के कला संस्कृति विभाग चाहे तो इन कलाओं को देखकर युवक रवि रंजन कुमार के लाइफ को संवार सकता है। बिहार सरकार की अगर ध्यान हो जाए हमारे माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी का ऐसे कलाकारों पर नजर पड़ जाए तो रवि रंजन जैसे कलाकारों को एक रोटी के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा।

रवि रंजन जैसे कलाकार जो एग्यारह कलाओं को अपने अंदर समेटे बैठा है, उसे सरकार के सहायता की अति जरूरत है। इस हालत में मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन को उनकी सहायता के लिए आगे आने की जरूरत है उनकी कला को उनकी जज्बा को समझने की जरूरत है और उन्हें उस मंजिल तक पहुंचा कर उनके जीवन को संवारने की जरूरत है।

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