Friday, January 20, 2023

मैय्यत में मेन्यू कार्ड

मेरा कुछ दिन पहले एक बन्दे के घर जाना हुआ ,

जहाँ किसी की मैय्यत हुई थी , 

मै क्या देखता हूँ एक लड़का बहुत ज्यादा रो रहा है ,

मालूम करने पर ये पता चला कि जिनका इंतेकाल हुआ है वे इस लड़के के वालिदह थीं !

     मैं हक्का बक्का एक तरफ खड़ा होकर सोचने लगा कि भरपूर जवानी के वक्त इतना बेरहम दुख इस नौजवान को आधा कर देगा ,

  मुझे उसका रोना देखा ही नहीं जा रहा था , उसकी चीखें ऐसी लगती थी क्यामत ले आयेगी ,वह इकलौता बेटा था अपने मां बाप का , अचानक एक भाई साहब आगे आते हैं, वह उससे खाने का मेन्यू पूछते हैं ,

मै हैरान हो गया कि इस हालत में वह कैसे खाना खा सकता है ,उससे तो सही से बोला भी नहीं जा रहा है ,

     बाद में पता चला कि वह उन लोगों के खाने की बात कर रहे थे  जिन्हें इनके घर अफसोस करने आना था द्य

यह हो क्या रहा है यह चल क्या रहा है इनके घर शादी या सालगिरह का फंक्शन नहीं है बल्कि एक लड़के की जन्नत उसे छोड़कर चली गयी है,बजाये इस चीज के कि हम उस घर का हौसला बने उस घर के दुख में शरीक हों उल्टा वह लोग हमारी गंदी और कभी ना मिटने वाली भूक का इंतजाम करने में लगे हैं , 

मै सोचने लगा क्या हम इस कदर नीच और घटिया लोग है कि मैय्यत वाले के घर खाना पीना नहीं छोड़ते ,

     और फिर जनाजे के बाद घिनावनग खेल शूरू हुआ एक ऐसा खेल जिसे देख के किसी गैरत मंद को मौत आ जाये लेकिन अफसोस ..३

वही लड़का जिसकी दुनिया लुट गयी बर्बाद हो गयी हां हां वही लड़का,रोती आंखो के साथ उन  भूकी नंगी जिन्दा लाशों जिनके अक्लों पर मातम करना चाहिए उनको खाना दे रहा है ,क्या उन्को शर्म नहीं आती  क्यों ये गैरत से मर नहीं जाते ,

          फिर मेरे कानों ने सुना एक आदमी उस लड़के को आवाज देकर कहा कि भाई ये प्लेट में लेग पीस डालकर लाना ,

    उफ्फफफफ मेरे खुदा ये कौन लोग हैं जिनके पेट नही भरते ,ऐसे लोग दुनिया में ही क्यों हैं ये मर क्यों नहीं जाते , 

शर्म नहीं आती उसी से लेग पीस मांगते जिसकी मां मर गयी है द्यद्य

बजाये इसके कि तुम्हारा हाथ उसके कंधो पर हो और हौसला दे रहा हो तुम्हारा हाथ लेग पीस को पड़ रहा है द्य

     किसी दानी आदमी का कौल याद आ गया ,

  सबसे गलीज तरीन खाना वह है जो हम मैय्यत वाले घर से खाते हैं !!

       सायद हमें रहम या तरस नहीं आता ये देखकर भी कि लोग रोते हुये भी खाना बांट रहे हैं 

    मैने ऐसे लोग भी देखे हैं जो मैय्यत वाले घर से भी नाराज होकर चले जाते हैं कि हमे खाना नहीं दिया द्य


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