Tuesday, August 29, 2023

ख़ुश है चाँद

“ख़ुश है चाँद!”
कल रात तारों ने जब नभ में बारात सजाई।
तो चाँद के चेहरे पर एक अलग ही ख़ुशी नज़र आई!
झिलमिलाते तारों ने पूछा, “इस ख़ुशी के पीछे क्या राज है छुपाया?”
तो चाँद मुस्कुराकर बोला, “अरे कुछ नहीं, बस धरती से मेरा भांजा विक्रम है आया!
वर्षों बाद मेरी बहन भारती ने मेरी राखी भिजवाई है।
जो मैंने भांजे के हाथ से बड़े प्यार से बँधवाई है!
अब १४ दिन भांजा विक्रम मेरे घर पर ही रहेगा।
कुछ दिन तो कोई मेरा अकेलापन दूर करेगा!


मैं उसे पूरा घर घुमाकर अपने बारे में सब बातें बताऊँगा।
और फिर जानकारी भरे तोहफ़े बहन भारती को भिजवाऊँगा!”
तारों ने हैरानी से पूछा “अरे! इससे पहले भी कई मेहमान आए।
पर तुमने तो बाहर से ही सबके सब लौटाए!
कोई तुम्हारे दक्षिण ध्रुव पर कदम भी न रख पाया।
फिर इस विक्रम को क्यूँ तुमने बड़े प्यार से है गले लगाया?”
चाँद फिर मुस्कुराया और बोला, “यूँ तो मुझे सारी धरती ही प्यारी है।
पर धरती के भारत देश की तो कुछ बात ही न्यारी है!
जानते हो वहाँ के लोग उसे माँ भारती कहके बुलाते हैं।
और उसकी आन-बान-शान के लिए हँसकर जान लुटाते हैं!
वर्षों से भारती के वैज्ञानिक बेटे जिद पर डटे थे।
और मुझसे मिलने की धुन में जी-जान से जुटे थे!
भारती कहती है मुझे भाई और उसके बच्चे मामा समझते हैं।
जाने कितनी कहानियों कविताओं में मेरे ही क़िस्से मिलते हैं!
यही नहीं प्रेमी युगल तो मुझे बड़े प्यार से पुकारते हैं।
और विरह में तो मुझमें ही महबूब की सूरत निहारते हैं!
वहाँ की महिलाएँ हर तीज चौथ पर मेरी एक झलक को तरसती हैं।
पहले मुझे पानी पिलाती हैं, उसके बाद ही भोजन करती हैं!
इसलिए मैंने भी भारती को अपनी बहन बना लिया है।
और भांजे विक्रम का स्वागत कर स्नेह का रिश्ता निभा लिया है!
वैसे भी मेहनत और लगन का फल तो सफलता ही होता है।

और जहाँ आस्था और विश्वास भी हो, वहाँ तो ईश्वर भी साथ देता है! 

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