कानपुर | सन्तों महात्माओं का यही सलीका रहा है कि वह हमेशा सभी को एक ही दृष्टि से देखते हैं कभी भी भेदभाव नहीं करते हैं। वह इस बात को भली भाँति जानते हैं कि प्रत्येक मनुष्य के स्वभाव अलग अलग हो सकते हैं परन्तु हमें किसी के साथ व्यवहार में फर्क नहीं लाना है। क्योंकि परमात्मा सभी के अन्दर एक जैसा ही है चाहे मनुष्य किसी भी जाति, मजहब, वर्ण, आश्रम संस्कृति से तालुक रखता हो।
उपरोक्त उदगार निरंकारी सदगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज ने निराला नगर स्थित रेलवे ग्राउण्ड में आयोजित विशाल निरंकारी सन्त समागम में उपस्थित हजारों श्रद्धालु भक्तों एवं प्रभु प्रेमियों को सम्बोधित करते हुये व्यक्त किये।
सदगुरू माता जी ने आगे कहा कि मनुष्य को यह एक जैसी दृष्टि ब्रह्मज्ञान के उपरान्त ही प्राप्त हो सकती है। ब्रह्मबोध होते ही हमें अपने वजूद का भी ज्ञान हो जाता है और फिर हम शरीरों से उपर उठकर प्रत्येक मनुष्य में आत्मा (रूहों) के दर्शन करने लगते हैं जो कि पारबह्म परमात्मा का ही अंश है। इस प्रकार फिर नर-नारी के अलग अलग होने का भी भेद समाप्त हो जाता है और सभी के साथ इंसानियत वाला व्यवहार होने लगता है एवं हमारे अन्दर प्रेम, भाईचारा, सहनशीलता, सदभाव जैसे दिव्य गुणों का समावेश हो जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि मानव जीवन को हमेशा से श्रेष्ठ कहा गया है तो हमारे कर्म भी श्रेष्ठ होने चाहिये। हर परिस्थिति में हमें अपनी मनोस्थिति को कायम रखना है। संतो महात्माओं का हमेशा से ऐसा ही जीवन रहा है। वे कभी भी परमात्मा से शिकवा शिकायत नहीं करते हमेशा परमात्मा की कृपा का गुणगान ही करते है और ऐसा ही भक्ति भरा वातावरण यहां पर देखने को मिल रहा है।
दिल्ली से चलकर आये आदरणीय रमित जी ने कहा कि हम अपने मन मुताबिक कर्म न करके सदगुरू के द्वारा दिये गये ब्रहाज्ञान के अनुरूप जीवन जीने का प्रयास करें।
इस अवसर पर कानपुर के जोनल इंचार्ज पूज्य सुशील पुरी जी ने सदगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज को धन्यवाद अर्पित किया एवं समस्त आये हुये श्रद्धालु भक्तों का आभार प्रकृट किया। अपने भाव रखते हुये उन्होंने कहा कि सन्त निरंकारी मिशन सभी पवित्र ग्रन्थों में स्थापित मान्यता पर ही आधारित है कि मानव शरीर का परम लक्ष्य आत्म बोध है जिसे सद्गुरू की कृपा से ही प्राप्त किया जा सकता है।
इस अवसर पर कई श्रद्धालु भक्तों ने गीत, कविता, व्याखानों द्वारा अपने भाव प्रस्तुत किये। इस भव्य कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त सेवादल के भाई बहनों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। दूर दूर से चलकर आये श्रद्धालु भक्तों के लिये लंगर का भी प्रबन्ध किया गया। मंच संचालन पूज्य बृजेश वर्मा जी ने किया।
Tuesday, December 10, 2019
मानव बनने के लिये, मानवीय गुण भी अपनायें-सद्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज
उबलता लहू
मन का मैला बना विषैला
फिरता है मारा मारा
विक्षिप्त हो चुके मनः स्थति
गंद भरती उसकी उपस्थिति।
बिगड रहे हालात अब
लोकतंत्र की न लाज अब
हर तरफ घूरती आँखे
टकटकी लगाये सूनसान कब।
बस रहा शैतानो की वस्ती
लूटपाट से हो रही मस्ती
शरीफो के दो जून का मुहाल
एक मँहगाई दूजे समाज बुराहाल।
देखो भारत की दशा
भला किसने बनाई
जहाँ पूजी जाती है नारी
वहाँ कैसे फैल रहे दुराचारी।
तंत्र का कही तो स्क्रू ढीला
कसना होगा जोरो से
जगे रहो देशवासियों
खुद निपटो ऐसे भेडियों से।
जगो तुम भी जननी अब
अपनी अबला की पहचान छोडो
वो झांसी की रानी बनकर
उन दुराचारियो से निपटना सीखो
भरोसा रखो वतन पर
निदान अवश्य निकलेगा
नारी की गिरती सम्मान की खातिर
हर बंदे का लहू उबलेगा।
आशुतोष
पटना बिहार
साजिश के तहत भजन करने वाले साधु संतों का उत्पीडन कर रहा है साधुभेषधारी, केसी गौड़
साधुभेषधारी के अत्याचार को लेकर लामबंद हुए राधाकुण्ड के लोग
पचांयत बुलाकर साधुभेषधारी के काले कारनामों की खोली पोल
डॉ केशव आचार्य गोस्वामी विद्रोही अयोध्या टाइम ब्यूरो 9 दिसंबर 2019
गोवर्धन। साधुभेषधारी केशव दास के बढते अत्याचार पर अंकुश लगाने के लिये कस्वा राधाकुण्ड के लोग एक जुट होकर कानूनी लडाई लडने के लिये रणनीति बना रहे है। रविवार को कस्वा राधाकुण्ड के लोगों ने आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों से पचायत बुलाकर एक बैठक आयोजित की। जिस बैठक में साधुभेषधारी केशव दास के कालेकारनामों का काला चिट्ठा समाज के सामने रखते हुए समाजसेवी केसी गौड़ ने बताया कि केशव दास भू-माफिया किस्म का शातिर अपराधी है। केशव दास पर एक युवती के साथ दुराचार करने तथा दीपिका नामक एक साध्वी की हत्या करने जैसे तमाम केस न्यायालय में विचाराधीन है। लेकिन पुलिस ऐसे आरोपी को खुला संरक्षण दे रही है। चन्द्र विनोद कौशिक ने कहा कि साधु भेषधारी केशव दास के काले कारनामों की जांच होनी चाहिए। केशव दास के अत्याचारों से संत समाज व स्थानीय लोग परेशान है। मुडिया संत रामकिशन दास ने कहा कि श्रीराधा ब्रज विहारी मन्दिर के महंत के खिलाफ गोवर्धन थाने में दर्ज कराए गए अमानत में खयानत के मुकदमा में बड़ी साजिश की बू आ रही है। कस्वा राधाकुंड की प्राचीन रघुनाथ दास गद्दी आश्रम पर कुछ कथाकथित साजिश रचकर फर्जी मुकदमा दर्ज कराकर उत्पीड़न करा रहे हैं। विदित रहे कि ब्रज विहारी मन्दिर के महंत श्यामसुंदर दास करीव दो माह पूर्व बिना किसी को जानकारी दिए उत्तराखण्ड साधना करने चले गए । मंहत के फोन स्विच बन्द आने पर उनके अनुयायी शिष्यों में चिंता व्यक्त करते हुए अनहोनी की असंका में गोवर्धन थाने पर उनकी गुमशुदगी दर्ज करा दी तथा एक शिष्य ने महंत के अपहरण की असंका जताते हुए मीडिया को जानकारी दी। जिससे महंत के विरोधियों में हड़कम्प मच गया। विरोधियों ने अपने आप को घिरता देख बचने के लिए तथाकथितों के सहयोग से श्यामसुंदर दास के खिलाफ अमानत में खयानत यानि तीस लाख रुपये गवन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज करा दिया। और श्यामसुंदर दास के राधाब्रज विहारी मन्दिर पर कब्जा कर लिया। दरअसल पिछले कई बर्षो से राधाकुंड में इन साधु भेष धारियों ने शान्ति व्यवस्था पूर्ण से भंग कर रखी है। सम्पत्ति को लेकर साधुभेषधारी भूमाफिया पूर्व में कई भजन करने वाले साधु संतों का घोर उत्पीड़न कर चुका है। पैसे और दबंगई की हनक से साधुभेषधारी भूमाफिया सच्चाई को दवाने के लिए कथाकथितों का सहारा लेकर धरना प्रदर्शन कर अधिकारियों पर दबाव बनाकर बच निकलता है। लेकिन इस बार समाज अगर एक जुट हुआ तो निश्चित साधुभेषधारी अत्याचारी के अत्याचार से संत समाज एवं स्थानीय लोगों को मुक्ति मिल जायेगी। बैठक में चेयरमेन खैमचन्द्र शर्मा ने कहा कि आज समय आ गया है एक जुट होकर समाज विरोधी लोगों को सबक सिखाने का, अत्याचार के खिलाफ संगठित होना जरूरी है। इस अवसर पर कौन्हई प्रधान अमर सिंह, कालीचरण कुन्जेरा, योगेश नीमगांव, सभासद छत्तर चैधरी, महेन्द्र गौस्वामी, विनोद मैम्बर, भूरा चैधरी, खैलन, छैलविहारी गौस्वामी आदि। हाई प्रोफाइल केस के कैमरामैन गौरव कृष्ण गोस्वामी के साथ डॉक्टर केशव आचार्य गोस्वामी यूपी न्यूज़ गोवर्धन मथुरा से स्पेशल रिपोर्ट
आयी शर्दियाँ
क्या लिखूँ? (कविता)
गरीब (कविता)
Friday, December 6, 2019
आधुनिक समय और आज की माँ
क्या लिखूँ?
गरीब बेटियों व बेटो के सपनो साकार करने के लिए आगे आया.उस्मान हुनर इंस्टिट्यूट
मोहम्मद रिज़वान अंसारी की कलम से
जहाँ बच्चों को मिलती हैं फ्री शिक्षा और हुनर
शुक्लागंज उन्नाव। आज की गरीबी में बेटी बेटो की पढाईयो के खर्च पूरे न होने पर परिवार को उनकी पढ़ाई रोकना पडती है कहि न कही बच्चों के अपने सपने भी बचपन मे जो सुने होते हैं कि मेरे बेटा डॉक्टर बनेगा बेटी फैशन डिजाइनर बनेगी इंग्लिश में बात करेंगे ये सपने अक्सर मा बाप बच्चों के साथ देखते हैं लेकिन बच्चे के बड़े होने तक धीरे धीरे ये सपने परिवार की परेशानियों के आगे टूट जाते हैं इन्ही सपनो को लेकर आज हुनर इंस्टीट्यूट के उस्मान ने इन गरीबो को हुनर और फ्री स्पीकिंग फ्री फैशन डिजाइनर के कोर्स कराने की शुरुवात की जो कि लगभग 1 वर्ष पूर्व इसकी शुरुवात की थी वो शुरवात आज कहि न कही 1 रोशनी की तरह उम्मीद की किरण बनकर सामने आने लगी इस कार्य को हुनर इंस्टीट्यूट को 1 वर्ष पूरे होना पर हुनर इंस्टिट्यूट के चेयरमैन उस्मान ने मेघावी छात्र छात्राओं को पुरुस्कार देकर उनका हौसला बढ़ाया और संस्था के द्वारा युही गरीबो की मदद के लिए तातपर्य रहने का प्रयत्न किया|
Monday, December 2, 2019
मरा हुआ सिस्टम , सोई हुई कौम बताओ तुमको बचाएगा कौन ?
मेरे जिस्म के चिथड़ों पर लहू की नदी बहाई थी
मुझे याद है मैं बहुत चीखी चिल्लाई थी
बदहवास बेसुध दर्द से तार-तार थी मैं
क्या लड़की हूँ,
बस इसी लिये गुनहगार थी मैं
कुछ कहते हैं छोटे कपड़े वजह हैं
मैं तो घर से कुर्ता और सलवार पहनकर चली थी
फिर क्यों नोचा गया मेरे बदन को
मैं तो पूरे कपडों से ढकी थी
मैंने कहा था सबसे
मुझे आत्मरक्षा सिखा दो
कुछ लोगों ने रोका था
नहीं है ये चीजें लड़की जात के लिए कही थी
मुझे साफ-साफ याद है
वो सूरज के आगमन की प्रतीक्षा करती एक शांत सुबह थी
जब मैं स्कुटी में बैठकर घर से चली थी
और मेरी स्कुटी खराब हो गई थी तो स्कुटी के साथ कुछ मुल्लों की नियत भी खराब हो गई थी
मैं उनके सामने गिड़गिड़ाई थी
अलग बगल में बैठे हर इंसान से मैंने
मदद की गुहार लगाई थी
जिंदा लाश थे सब,
कोई बचाने आगे न आया था
आज मुझे उन्हें इंसान समझने की अपनी सोच पर शर्म आयी थी
फिर अकेले ही लड़ी थी मैं उन हैवानों से
पर खुद को बचा न पायी थी
उन्होंने मेरी आबरू ही नहीं मेरी आत्मा पर घाव लगाए थे
एक स्त्री की कोख से जन्मे दूसरी को जीते जी मारने से पहले जरा न हिचकिचाए थे
खरोंचे जिस्म पर थी और घायल रूह हुई थी
और बलात्कार के बाद मुझे जिंदा जलाया गया उस समय किसी के आँख में पानी नहीं था कितना कष्ट हुआ मेरे रूह को क्या मेरी कोई जिंदगानी नहीं थी मेरे कोई सपने नहीं थे ?
अंत में
मरा हुआ सिस्टम , सोई हुई कौम
बताओ प्रियंका तुमको बचाएगा कौन ?
तुरन्त मुकदमें का निपटारा
बहुत पहले एक कहानी पढ़ी थी कि एक दफा बीजिंग शहर के एक मुहल्ले में एक युवती का बलात्कार हुआ। ये खबर किसी तरह चेयरमैन क्रांतिकारी माओ त्से तुंग तक पहुंची। वह खुद पीड़ित लड़की से मिले। उन्होंने उस लड़की से पूछा "जब तुम्हारे साथ जबरदस्ती किया जा रहा था तो तुम मदद के लिये चिल्लाई थी?" लड़की ने हां में सर हिलाया।
चेयरमैन माओ ने उस लड़की के सर पर प्यार से हाथ रखा और नरमी से कहा "मेरी बच्ची! क्या तुम उसी ताक़त के साथ दोबारा चिल्ला सकती हो?" लड़की ने कहा "जी हां।"
चेयरमैन माओ के आदेश पर कुछ सिपाहियों को आधे किलोमीटर के सर्कल में खड़ा कर दिया गया और उसके बाद लड़की से कहा कि अब तुम उसी ताक़त से चीखो। लड़की ने ऐसा ही किया माओ ने उन सिपाहियों को बुलाया और हर एक से पूछा गया कि लड़की की चीख सुनाई दी या नहीं? सभी सिपाहियों ने कहा कि लड़की की चीख सुनाई दी गई।
चेयरमैन माओ ने अब सिपाहियों को आदेश दिया कि आधे किलोमीटर के उस इलाक़े के तमाम मर्दों को गिरफ्तार कर लिया जाए और तीस मिनट के अंदर अगर मुजरिम की पहचान न हो सके तो गिरफ्तार मर्दों को गोली मार दिया जाए।
फौरन आदेश का पालन हुआ और दिये गये मुहलत को बमुश्किल अभी दस मिनट ही हुए होंगे कि मुजरिम की पहचान हो गई और अगले बीस मिनट के अंदर अंदर मुजरिम को पकड़कर चेयरमैन माओ के सामने लाया गया। लड़की ने शिनाख़्त की मौक़े पर फैसला हुआ और मुजरिम का भेजा उड़ा दिया गया।
जुर्म से सज़ा तक की अवधि लगभग तीन घंटे की रही होगी। इसे कहते हैं फौरन इंसाफा मिलना जिस कारण आज चीन हर क्षेत्र में प्रगति पर है।
पता नही कौन मोमबत्तियाँ पकड़ना सिखा गए हमे,वरना नारी सम्मान मैं तो लंका दहन और महाभारत करने की संस्कृति रही है हमारी हमारी
Return टिकट तो कन्फर्म है
Return टिकट तो कन्फर्म है
इसलिये मन भरकर जीयें
मन में भरकर ना जीयें।
छोड़िए शिकायत
शुक्रिया अदा कीजिये
जितना है पास
पहले उसका मजा लीजिये
चाहे जिधर से गुज़रिये
मीठी सी हलचल मचा दीजिये
उम्र का हर एक दौर मज़ेदार है
अपनी उम्र का मज़ा लीजिये
क्योंकि
Return Ticket
_तो कन्फर्म है
Sunday, November 24, 2019
कानपुर का खतरनाक शायर
तुम्हारे हुस्न के मोतीझील में फंसकर
तेरे इश्क में परेड किये जाता है😜
दिल धड़कता था कभी घंटाघर सा
अब यादों का भैरवघाट बना जाता है😜
तुम लगती हो जैसे गिलौरी चौरसिया की
यहाँ ठग्गू के लड्डू सा मुंह हुआ जाता है🤣
तेरी सूरत के इस्काँन मंदिर को देख कर
मेरा मन भी ब्लूवर्ड सा मचल जाता है🤣
चहकती हो तुम मालरोड की शाम सी
मेरा प्यार यहाँ कबाड़ी मार्केट सा हुआ जाता हैं😝
तेरी पतली कमर है जैसे गलियाँ चमनगंज की
उस पर मेरा दिल अफीमकोठी के जाम सा रुक जाता है😂
बदन है खूबसूरत तुम्हारा फूलबाग सा
और ये आशिक नौबस्ता की धूल में नहाये जाता है।
नहीं खुलती सोमवार को जब गुमटी
तेरी ग़ुस्से से मेरा मन बर्रा जाता है।
हर शाम जब होता है दर्शनपुर्वा तेरा
मन मेरा 80 फ़िट रोड जितना हो जाता है।
ओर जब देख लेता है तेरा बाप कर्नल गंज मुझे
लाठी से उसकी मेरा कल्यानपुर हो जाता है!
मेरे कनपुरिया दोस्तों बस तुम्हारे लिये लिखा है,, हो सके तो आगे भी भेज देना🤩🤩🤩🤩🤩🤩