Saturday, March 14, 2020

हैदराबाद मेंविंग्स इंडिया 2020 प्रारंभ; 100 से अधिक कंपनियों की प्रदर्शनी और 20 से अधिक राज्यों की भागीदारी

नागर विमानन और एयरोस्पेसकी द्विवार्षिक प्रदर्शनी विंग्स इंडिया 2020 आज हैदराबाद के बेगमपेट हवाई अड्डे पर प्रारंभ हुआ। यह प्रदर्शनी नागर विमानन मंत्रालय द्वारा भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण और भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंडल (फिक्की) के सहयोग से आयोजित की गई है। इस प्रदर्शनी में 100 से अधिक कंपनियां, 20 से अधिक राज्य और 500 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।


विंग्स इंडिया 2020 का उद्घाटन तेलंगाना सरकार के वाणिज्य और उद्योग, आईटी इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार तथा पालिका प्रशासन और शहरी विकास मंत्री श्री के. टी. रामा राव, पुड्डुचेरी के स्वास्थ्य एवं पर्यटन मंत्रीश्री मल्लादी कृष्णा राव, नागर विमानन मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती उषा पाधी, विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री अरविंद सिंह, फिक्की की अध्यक्षडॉ. संगीता रेड्डी तथा श्री आनंद सटेंली ने किया। विंग्स इंडिया 2020 का विषय ‘सभी के लिए उड़ान’ है।


श्रीमती उषा पाधी ने कहा कि भारत विमानन क्षेत्र के विकास का केन्द्र बनने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि विमानन क्षेत्र किसी भी विकासशील देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और नागर विमानन क्षेत्र के प्रत्येक व्यक्ति को समन्वय के साथ काम करना है ताकि सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।


विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री अरविंद सिंह ने कहा कि भारत के हवाई अड्डों का तेजी से विकास होने से भारत में व्यापार और पर्यटन के अवसर को प्रोत्साहन मिलेगा।


फिक्की की अध्यक्ष डॉ. संगिता रेड्डी ने कहा कि यह प्रदर्शनी छोटे तौर पर आयोजित की जा रही है और लोगों की सक्रिनिंग की जा रही है।


इस अवसर पर उड़ान 4.0+क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना के अंतर्गत विमानन क्षेत्र के बदलते स्वरूप से नॉलेज पेपर जारी किया गया है।



मंत्रिमंडल ने 2020 सीजन के लिए खोपरा के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍यों को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने 2020 सीजन के लिए खोपरा के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍यों (एमएसपी) को अपनी मंजूरी दी।


 अच्‍छी औसत गुणवत्‍ता (एफएक्‍यू) के मीलिंग खोपरा का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 2020 सीजन के लिए बढ़ाकर 9,960 रूपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि 2019 में इसका न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 9,521 रूपये प्रति क्विंटल था। 2020 सीजन के लिए बाल खोपरा का समर्थन मूल्‍य बढ़ाकर 10,300 रूपये प्रति क्विंटल किया गया, जबकि 2019 में यह 9,920 रूपये प्रति क्विंटल था। इससे उत्‍पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत के मुकाबले मीलिंग खोपरा के लिए 50 प्रतिशत और बाल खोपरा के लिए 55 प्रतिशत का लाभ सुनिश्चित होगा।


यह अनुमोदन कृषि लागत एवं मूल्‍य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों पर आधारित है।


2020 सीजन के लिए खोपरा के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍यों में यह बढ़ोतरी उत्‍पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत से कम से कम डेढ़ गुणा स्‍तर पर न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य निर्धारित करने के सिद्धांत के अनुरूप है, जिसकी घोषणा सरकार ने 2018-19 के बजट में की थी।


यह वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी संभव बनाने की दिशा में एक महत्‍वपूर्ण और विकासात्‍मक कदमों में से एक हैं क्‍योंकि यह कम से कम 50 प्रतिशत लाभ के मार्जिन  का आश्‍वासन देता है।


भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ मर्यादित (नाफेड) और भारतीय राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता सहकारी संघ मर्यादित (एनसीसीएफ) नारियल उत्‍पादक राज्‍यों में न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर मूल्‍य समर्थन संचालन शुरू करने के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसियों के रूप में काम करना जारी रखेंगे।



मंत्रिमंडल ने यूरिया इकाइयों के निर्धारित मूल्‍यों के निर्धारण हेतु संशोधित नई मूल्‍य निर्धारण योजना-III में संशय की स्थितियों को दूर करने की मंजूरी दी

 प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने यूरिया इकाइयों के निर्धारित मूल्यों के निर्धारण हेतु संशोधित नई मूल्य निर्धारण योजना-III  (एनपीएस-III ) में संशय की स्थितियों को दूर करने की मंजूरी दी।


संशोधित नई मूल्य निर्धारण योजना-III 2 अप्रैल, 2014 को अधिसूचित की गई थी। हालांकि, इस अधिसूचना की अस्‍पष्‍ट भाषा के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका। उपरोक्‍त निर्णय से इस अधिसूचना के सहज कार्यान्‍वयन में मदद मिलेगी जिसके परिणामस्‍वरूप 30 यूरिया विनिर्माण इकाइयों के अनुदान में 350 रुपये प्रति मीट्रिक टन की अतिरिक्‍त निर्धारित लागत प्रदान की जा सकेगी। संशोधित एनपीएस-III के लागू होने से मौजूदा यूरिया इकाइयों को इस प्रस्‍ताव में उल्लिखित सीमा के अनुसार निर्धारित लागत में उनकी वास्‍तविक वृद्धि की सीमा तक लाभ मिलेगा। इससे यह सुनिश्चित भी होगा कि किसी भी इकाई को अनुचित रूप से लाभ न मिले।


इससे यूरिया इकाइयों के एक लगातार संचालन में मदद मिलेगी जिसके परिणामस्‍वरूप किसानों को यूरिया की निरंतर और नियमित आपूर्ति सुलभ होगी।


इस अनुमोदन से उन यूरिया इकाइयों को 150 रूपये/मीट्रिक टन का विशेष मुआवजा भी मिलेगा जो 30 साल से अधिक पुरानी हैं और गैस में परिवर्तित हैं। इस मुआवजे से इन इकाइयों को प्रोत्‍साहन मिलेगा ताकि वे सतत उत्‍पादन के लिए व्‍यवहार्य बनी रहें।



भूजल ने हिमालयी स्लिप और जलवायु को प्रभावित किया

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक स्वायत्त संस्थान, भारतीय भू-चुम्बकत्व संस्थान (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ जियोमैग्नेटिज़्म) (आईआईजी) के शोधकर्ताओं ने भूजल में मौसमी बदलावों के आधार पर शक्तिशाली हिमालय को घटते हुए पाया। चूंकि हिमालय भारतीय उपमहाद्वीप में जलवायु को प्रभावित करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा वित्त पोषित अध्ययन से यह समझने में मदद मिलेगी कि जल-विज्ञान किस प्रकार जलवायु को प्रभावित करता है।


हिमालय की तलहटी और भारत-गंगा का मैदानी भाग डूब रहा है, क्योंकि इसके समीपवर्ती क्षेत्र भूस्खलन या महाद्वीपीय बहाव से जुड़ी गतिविधि के कारण बढ़ रहे हैं। जर्नल ऑफ जियोफिजिकल रिसर्च में प्रकाशित नए अध्ययन से पता चलता है कि सामान्य कारणों के अलावा, भूजल में मौसमी बदलाव के साथ उत्थान पाया जाता है। पानी एक चिकनाई एजेंट के रूप में कार्य करता है, और इसलिए जब शुष्क मौसम में पानी होता है, तो इस क्षेत्र में फिसलन की दर कम हो जाती है।


अब तक किसी ने भी जल-विज्ञान संबंधी दृष्टिकोण से बढ़ते हिमालय को नहीं देखा है। प्रो सुनील सुकुमारन के दिशा-निर्देश में अपनी पीएचडी के लिए कार्यरत अजीत साजी इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उन्होंने इस अभिनव प्रिज्म के माध्यम से इस गतिविधि को देखा। पानी के भंडारण और सतह भार में भिन्नताएं पाई जाती हैं, जिसके कारण मौजूदा वैश्विक मॉडलों के इस्तेमाल से इन्हें निर्धारित करने के लिए काफी मुश्किल हैं।


हिमालय में, ग्लेशियरों से मौसमी पानी के साथ-साथ मानसून की वर्षा, क्रस्ट की विकृति और इससे जुड़ी भूकंपीयता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भू-जल में कमी की दर भूजल की खपत के साथ जुड़ी हुई है।


शोधकर्ताओं ने ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) और ग्रेविटी रिकवरी एंड क्लाइमेट एक्सपेरिमेंट (ग्रेस) डेटा का एक साथ उपयोग किया है, जिससे उनके लिए हाइड्रोलॉजिकल द्रव्यमान की विविधताओं को निर्धारित करना संभव हो गया है। 2002 में अमेरिका द्वारा लॉन्च किए गए ग्रेस के उपग्रह, महाद्वीपों पर पानी और बर्फ के भंडार में बदलाव की निगरानी करते हैं। इससे आईआईजी टीम के लिए स्थलीय जल-विज्ञान का अध्ययन करना संभव हो पाया।


अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, संयुक्त जीपीएस और ग्रेस डेटा उप-सतह में 12 प्रतिशत की कमी होने का संकेत देता है। यह स्लिप बताता है कि फूट तथा हैंगिंग वाल के सापेक्ष कितनी तेजी से खिसकता है। यह स्लिप मुख्य हिमालयी दबाव (मेन हिमालयन थ्रस्ट) (एमएचटी) में होती है, जो हाइड्रोलॉजिकल विविधताओं और मानवीय गतिविधियों के कारण होती है।



एचआईएल (इंडिया) लिमिटेड ने ‘ग्राहक भुगतान पोर्टल’ लॉन्‍च किया

भारत सरकार के ‘डिजिटल इंडिया’ विजन को ध्‍यान में रखते हुए रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग के अधीनस्‍थ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम एचआईएल (इंडिया) लिमिटेड ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के सहयोग से ‘ग्राहक भुगतान पोर्टल’ लॉन्‍च किया है। एचआईएल (इंडिया) लिमिटेड के इस ‘कस्‍टमर पेमेंट पोर्टल’ का उद्देश्‍य अपने ग्राहकों से विभिन्‍न ऑनलाइन तरीकों से भुगतान प्राप्‍त करना है, ताकि बकाया धनराशि का त्‍वरित एवं सुगम संग्रह हो सके।



एचआईएल (इंडिया) लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक डॉ. एस.पी.मोहं‍ती, निदेशक (वित्‍त) श्री अंजन बनर्जी और सरकारी व्‍यवसाय विभाग के प्रमुख श्री आर.के.जगलान और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय प्रमुख (दक्षिण दिल्‍ली) श्री जी.के.सुधाकर राव ने यह पोर्टल लॉन्‍च किया।




प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सार्क देशों से एक मजबूत रणनीति बनाने का आह्वान किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सार्क देशों से एक मजबूत रणनीति बनाने का आह्वान किया है। उन्‍होंने यह भी सुझाव दिया कि इन रणनीतियों पर वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये विचार-विमर्श किया जा सकता है और आपस में एकजुट होकर सार्क देश दुनिया के सामने एक उत्‍कृष्‍ट उदाहरण पेश कर सकते हैं एवं स्‍वस्‍थ धरती सुनिश्चित करने में बहुमूल्‍य योगदान दे सकते हैं।


प्रधानमंत्री ने अपने कई ट्वीट में कहा है कि दक्षिण एशिया में ही वैश्विक आबादी का एक बड़ा हिस्‍सा रहता है, अत: दक्षिण ए‍शिया के देशों को अपने यहां रहने वाले लोगों का अच्‍छा स्‍वास्‍थ्‍य सुनिश्चित करने के लिए अपनी ओर से कोई भी कसर नहीं छोड़नी चाहिए। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) से लड़ने के लिए विभिन्‍न स्‍तरों पर अपनी ओर से अथक कोशिश कर रही है।



एनसीआरबी ने 35वां स्थापना दिवस मनाया और अपराध बहु एजेंसी केन्द्र तथा राष्ट्रीय साइबर अपराध केन्द्र प्रारंभ किया

राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 12 मार्च, 2020 को अपना 35वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय मुख्य अतिथि और बीपीआरडी के महानिदेशक श्री वी. एस. के. कुमुधीसम्मानित अतिथि थे। समारोह में विभिन्न केन्द्रीय तथा राज्य पुलिस बलों के महानिदेशक और वरिष्ठ अधिकारी तथा एनसीआरबी के अनेक पूर्व महानिदेशक उपस्थित थे।


इस अवसर पर उल्लेखनीय सेवाओं के लिए अधिकारियों को पदक तथा पुरस्कार देने के अतिरिक्त गृह राज्य मंत्री ने जघन्य अपराध तथा अंतर-राज्य समन्वय पर सूचना साझा करने के लिए अपराध बहु एजेंसी केन्द्र (क्राई-मैक) आरंभ किया। उन्होंने साइबर अपराध जांच पर पुलिस अधिकारियों, न्यायाधीशों, अभियोजकों तथा अन्य हितधारकों के लाभ के लिए पेशेवर गुणवत्ता सम्पन्न ई-लर्निंग सेवाओं के लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध प्रशिक्षण केन्द्र (एनसीटीसी) लॉन्च किया।


श्री नित्यानंद राय ने सीसीटीएनएस परियोजना के अंतर्गत 15993 थानों तथा 8208 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की नेटवर्किंग के लिए एनसीआरबी की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि सीसीटीएनएस के विशाल डाटा भंडार से तेजी से अपराध के मामलों को सुलझाने के लिए जांच में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि काफी पुराने समय से देश में उंगलियों के निशान का उपयोग किया जाता रहा है और एनसीआरबी द्वारा राष्ट्रीय उंगली पहचान प्रणाली (एनएएफआईएस) की स्थापना से पुलिस बल को काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने साइबर अपराध जांच में क्षमता सृजन के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बढ़ते साइबर अपराधों से निपटने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है।


एनसीआरबी के निदेशक श्री राम फल पवार ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि एनसीआरबी ने सभी लंबित प्रकाशनों को इस वर्ष जारी किया है। इन प्रकाशनों में ‘क्राइम इन इंडिया’, ‘एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड इन इंडिया’, ‘प्रिजन स्टैटिस्टिक्स इंडिया’ तथा ‘फिंगर प्रिंट इन इंडिया’शामिल हैं। ये पुस्तकें शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं द्वारा संदर्भ के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। उन्होंने बताया कि पुलिस डाटा भंडार में गुमशुदा लोगों का पाये गए लोगों और मृत व्यक्तियों के साथ मिलान पर थानों को स्वचालित रुप से एलर्ट जारी हो जाता है।


इस प्रणाली के अंतर्गत सीसीटीएनएस के राष्ट्रीय डाटा भंडार के आधार पर जब्त किए गए और चुराए गए वाहनों के मिलान के लिए भी एलर्ट जारी होता है। उन्होंने बताया कि साइबर पीस फाउंडेशन के सहयोग से एनसीआरबी द्वारा सीसीटीएनएस हैक्थन तथा साइबर चैलेंज 2020 का आयोजन किया गया जिसका पुलिस, उद्योग जगत और शिक्षा जगत ने स्वागत किया।



मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश, राजस्‍थान, उत्‍तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश राज्‍यों में कुल 780 किलोमीटर लंबे विभिन्‍न राष्‍ट्रीय राजमार्गों के पुनर्वास और उन्‍नयन की मंजूरी दी

 प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने 2 लेन/2 लेन पक्‍के ढ़लानों के साथ/4-लेन विन्‍यास (2-लेन/एकल//मध्‍यवर्ती लेन) के पुनर्वास और उन्‍नयन तथा हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश राज्यों में 780 किलोमीटर लंबे विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों कें खंडों को मजबूत बनाने की मंजूरी दी।


 इस परियोजना में 7662.47 करोड़ रूपये का निवेश शामिल हैं जिसमें 3500 करोड़ रूपये (500 मिलियन अमरीकी डॉलर) का ऋण घटक शामिल है। विश्‍व बैंक की ऋण सहायता हरित राष्‍ट्रीय राजमार्ग कॉरिडोर परियोजना (जीएनएचसीपी) के तहत होगी। इस परियोजना में निर्माण की समाप्ति के बाद इन राष्‍ट्रीय राजमार्ग खंडों का 5 वर्ष तक          (डामर पटरियों के मामले में)/10 साल तक (कंकरीट पटरियों के मामले में) रखरखाव भी शामिल है।


      इस परियोजना में निम्‍निलिखित 4 घटक शामिल हैं:-


·         राष्‍ट्रीय राजमार्गों का सतत विकास और रखरखाव


·         संस्‍थागत क्षमता में बढ़ोतरी


·         सड़क सुरक्षा और


·         अनुसंधान एवं विकास


 इन राजमार्गों के निर्माण के अलावा इस परियोजना में जलवायु के लचीलेपन में कार्य की गुणवत्‍ता और हस्‍तक्षेपों के प्रभाव का आकलन करने के लिए सामग्रियों के परीक्षण हेतु इंडियन एकेडमी ऑफ हाइवे इंजीनियर्स (आईएएचई) में हाइवे/‍ब्रिज इंजीनियरिंग प्रयोगशाला को मजबूत बनाना; डिजाइन, कार्यान्‍वयन, परिचालन और रखरखाव चरणों में सुरक्षा ऑडिटों के माध्‍यम से सड़क सुरक्षा में वृद्धि करना; केंद्रीय सड़क परिवहन संस्‍थान, पुणे का दुघर्टना जांच पड़ताल के लिए क्षमता निर्माण करना; और निम्‍नलिखित प्रासंगिक विषयों पर अनुसंधान एवं विकास अध्‍ययन शामिल हैं : -


·         मिट्टी और पटरी सतहों का स्थिरीकरण;


·         तटबंधों में फ्लाई ऐश, मकानों के मलबे आदि का उपयोग;


·         बिटुमिन के कार्यों में प्‍लास्टिक अपशिष्‍ट संशोधकों आदि का उपयोग;


·         जैव इंजीनियरिंग समाधानों का उपयोग करके ढलाव संरक्षण।


लाभ:


      इन परियोजनाओं का क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक जरूरतों पर विचार करने के बाद अच्‍छी और वाहन योग्‍य सड़कें उपलब्‍ध कराने की जरूरत के आधार पर चयन किया गया है। क्षेत्र की प्रकृति और स्‍थानीय उपज की मात्रा, उपज की ढुलाई के लिए उपलब्‍ध लॉजिस्टिक बुनियादी ढांचा तथा मुख्‍य धारा क्षेत्र के साथ स्‍थानीय लोगों के जुड़ाव की आवश्‍यकता आदि पर विचार किया गया है। इन खंडों का कार्य पूरा होने के बाद वाहनों की आवाजाही में लगने वाले समय में कमी आएगी। जनता के महत्‍वपूर्ण कार्य घंटों में भी बचत होगी। जनता की दक्षता में महत्‍वपूर्ण बढ़ोतरी होगी। वाहन यातायात की सुगम आवाजाही के कारण तेजी से चलने वाले वाहनों में तोड़फोड़ भी कम होगी। इसके अलावा ईंधन की खपत में भी बचत होगी। ये चयन किए गए खंड औद्योगिक क्षेत्रों, समृद्ध कृषि क्षेत्रों, पर्यटक स्‍थलों, धार्मिक स्‍थानों और प्रगति एवं आय के रूप में पिछड़े क्षेत्रों से गुजरते हैं। इस परियोजना के पूरा होने के बाद कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जिससे राज्‍यों को अधिक राजस्‍व जुटाने में मदद मिलने के साथ-साथ स्‍थानीय जनता की आय भी बढ़ेगी।


      परियोजना खंडों के निर्माण की अवधि 2/3 वर्ष होगी और रखरखाव अवधि डामर पटरी सड़कों के लिए 5 वर्ष तथा कंकरीट की पक्‍की पटरी सड़कों (राजस्‍थान राज्‍य में केवल एक खंड) के लिए 10 साल होगी। 



राहत सामग्री के साथ आईएनएस शार्दुल मेडागास्कर पहुंचा

  भारतीय नौसेना का जहाज शार्दुल 10 मार्च, 2020 को पोर्ट एंटसिरानाना, मेडागास्कर पहुंचा। भारत सरकार के निर्देशानुसार जहाज में 600 टन चावल है। भारत सरकार द्वारा मेडागास्कर सरकार को औपचारिक रूप से चावल देने का समारोह आईएनएस शार्दुल पर 12 मार्च, 2020 को प्रातः 9 बजे आयोजित किया गया। समारोह में मेडागास्कर के विदेश मंत्री डॉ. तेहिनद्राजनारिवेलो डीजकोबा, मेडागास्कर सैन्य बल के उच्च अधिकारी व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। भारतीय पक्ष का नेतृत्व मेडागास्कर में भारत के राजदूत श्री अभय कुमार और जहाज के कमांडिंग ऑफिसर कोमोडोर अभिषेक पाठक ने किया।


      मेडागास्कर के विदेश मंत्री ने भारत एवं भारतीय नौसेना द्वारा उपलब्ध कराई गई सहायता की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत एक सच्च मित्र है जो जरूरत के समय हमेशा साथ देता है। उन्होंने आने वाले समय में दोनों देशों के संबंध और प्रगाढ़ होने की कामना की।



रक्षा मंत्रालय द्वारा कोविड-19 मामलों का प्रबंधन- अद्यतन स्थिति

रक्षा मंत्रालय ने कोविड-19 मामलों के प्रबंधन के राष्ट्रीय प्रयास को समर्थन देने के लिए सभी आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था की है।



वर्तमान में सेना दो चिकित्सा सुविधाओं- हिंडन,गाजियाबाद और मानेसर, हरियाणा का संचालन कर रही है। इन दोनों सुविधाओं में कुल 265 मरीजों की निगरानी की जा रही है। एएफएमएस के महानिदेशक के अनुसार मानेसर केन्द्र में 124 मामलों में 14 दिनों तक अलग-थलग रहने की अवधि पूरी कर ली गई है। इनकी रिपोर्टें निगेटिव है और जल्द ही ये सभी चिकित्सा केन्द्र से चले जाएगे।


अगले कुछ दिनों तक भारत में आने वाले नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के लिए जैसलमेर, जोधपुर, सूरतगढ़, गोरखपुर, झांसी और कोलकाता में भी चिकित्सा सुविधाएं तैयार की गई है।




केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह नई दिल्ली में फ्लैग-इन गंगा आमंत्रण अभियान में मुख्‍य अतिथि के रूप में मौजूद रहे

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज यहां राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम  फ्लैग-इन गंगा आमंत्रण अभियान में बोलते हुए कहा कि गंगा को यदि नदी की दृष्टि से देखा जाए, इसके किनारे रहने वाले लोगों की आबादी की दृष्टि से देखा जाए तो इसका महत्‍व कम समझ में आएगा किंतु गंगा हजारों साल से न केवल भारत बल्कि दुनिया को बहुत कुछ देने वाली संस्कृति की परिचायक है। यही कारण है कि गंगा के प्रति बहुत अधिक श्रद्धा है, घर-घर में गंगाजल मिलता है। यह श्रद्धा और विश्वास खड़े होने में बहुत वर्ष लगे हैं। श्री शाह का कहना था कि इसी गंगा से सभ्यता का निर्माण हुआ है जो अत्यंत प्राचीन होने के साथ-साथ समाज में सबसे ज्यादा योगदान देने वाली सभ्यता है। भाषा, विज्ञान, धार्मिक अनुसंधान या अध्यात्म की बात हो या संस्‍कार की बात हो, समग्र विश्व के अंदर भारतीय संस्कृति सबसे ज्यादा देने वाली संस्कृति रही है और इस संस्कृति का प्रतीक गंगा है। भारत का इतिहास गंगा के बिना संभव नहीं है l

श्री अमित शाह ने कहा कि गंगा का नाम लेते ही एक बड़ी जनसंख्या के मन में पूज्य भाव आता है, श्रद्धा आती है और एक विशेष प्रकार का लगाव उत्पन्न होता है। उन्‍होंने कहा कि गंगा के 2300 किलोमीटर से ज्यादा लंबे किनारे पर करोड़ों लोगों को जीवन मिलता है और गंगा नदी ने अपने किनारे हजारों गांवों, शहरों और महानगरों को जीवन दिया है। भारत के अध्यात्म, ज्ञान, संस्कृति और भारतीय अर्थतंत्र में गंगा का विशेष स्‍थान है। उन्‍होंने कहा कि गंगा को सदैव मां की दृष्टि से देखा गया है और मां को सजाना, संवारना उसका संरक्षण करना हम सबका दायित्व है।


 



श्री अमित शाह ने कहा कि गंगा के बढ़ते प्रदूषण के कारण उसका आचमन करने में झिझक होने लगी थी, हजारों साल से यह मान्यता थी कि गंगा में डुबकी लगाने से सारे पाप दूर होते हैं परंतु गंगा का जल दूषित होने के कारण गंगा में डुबकी लगाने में भी झिझक होने लगी थी। 2014 में पूर्ण बहुमत की सरकार आने के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने गंगा को स्वच्छ करने के उपाय किए। यह केवल ढांचा खड़ा करने का प्रयास नहीं था, केवल प्रदूषण रोकने का अभियान नहीं था बल्कि नमामि गंगे का अभियान देश के अंदर संस्‍कार निर्मित करना और आने वाले हजारों सालों तक गंगा को कोई दूषित न करे, ऐसा प्रयास था। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नमामि गंगे प्रोजेक्‍ट में  समग्र देशवासियों को शामिल किया है। श्री शाह ने कहा कि पहले भी कई बार गंगा की सफाई का अभियान शुरू किया गया किंतु सफल नहीं हुआ। उनका कहना था कि 5 साल के अंदर इतना बड़ा परिवर्तन होना एक सराहनीय प्रयास का परिणाम है। इस अभियान में कई सारे संत महात्मा, जानीमानी हस्तियाँ जुड़ीl मोदी सरकार ने गंगा से सटे गावों में शौचालय बनाए, गंगा के किनारे वन बने । समयबद्ध तरीके से पानी छोड़ा जा रहा है l


श्री शाह ने बताया कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट से गंगा के पानी की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है। गंगा की अविरलता और निर्मलता को कायम रखने के लिए आमजन को इस अभियान से जुड़ना आवश्यक है। गंगा आमंत्रण अभियान ने बड़ी संख्या में लोगों को जोड़ा और जागरूक किया है। इस अभियान ने आने वाली पीढ़ियों को संस्कार देने का काम किया है। श्री शाह ने यह भी कहा कि नमामि गंगे की सफलता तभी पूरी होगी जब हम 15 साल से कम उम्र के बच्चों के मन में गंगा के प्रति श्रद्धा उत्पन्न करेंगे, संरक्षण और संवर्धन का संस्कार पैदा करेंगे। उन्‍होंने बताया कि मोदी जी के नेतृत्व में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा कई अभियान चलाए गए हैं।


श्री अमित शाह ने बताया कि वर्ष 1985 से 2014 तक 4 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए और 2014 के बाद ₹20000 खर्च कर गंगा को स्वच्छ बनाने का काम किया गया। उनका यह भी कहना था कि 116 प्रोजेक्ट आज पूरे हो चुके हैं तथा आने वाले समय में गंगा की सहायक नदियों को भी संरक्षित करने का प्रयास किया जाएगा। श्री शाह ने बताया कि 2020-21 के बजट में जल शक्ति मंत्रालय को 30700  करोड रुपए आवंटित किए गए हैं।


कार्यक्रम के दौरान जलशक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत, जलशक्ति राज्य मंत्री श्री रतनलाल कटारिया तथा सचिव जल शक्ति मंत्रालय सहित बड़ी संख्या में केंद्र सरकार के अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहे।



कोविड-19 पर नवीनतम स्थिति

कर्नाटक में 76 वर्षीय पुरुष की मृत्य सह-अस्वस्थता के कारण होने की पुष्टि हुई है और इस व्यक्ति को कोविड-19 के लिए भी पॉजिटिव पाया गया था। इस संबंध में विवरण निम्नलिखित हैं-



पीडित व्यक्ति ने 29 जनवरी 2020 से 29 फरवरी 2020 तक सऊदी अरब का दौरा किया था।


पीडित व्यक्ति उच्च रक्तचाप और श्वास-रोग से पीडित था और 29 फरवरी को हैदराबाद आने के बाद कलबुर्गी गया था।


पीडित व्यक्ति लौटने पर ऐसिम्प्टमैटिक था और 6 मार्च,2020 को उसमें बुखार और खांसी के लक्षण विकसित हुए। एक निजी डॉक्टर ने उसका घर पर इलाज किया।


9 मार्च 2020 को उसके बीमारी के लक्षण बढ़ गए, जिसके बाद उसे कलबुर्गी में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। निजी अस्पताल में उसे अस्थायी रुप से मिड जोन न्यूमोनिया से ग्रसित पाया गया था और वह कोविड-19 का संदिग्ध मरीज था।


कोविड-19 की जांच के लिए 9 मार्च,2020 को वायरल रिसर्च डायगोनस्टिक लेबोट्ररी,जीआईएमस कलबुर्गी में उसके नमूने एकत्र किए गए और उन्हें वीआरडीएल,बीएमसीएंडआरआई, बैंग्लोर भेजा गया। परीक्षण के परिणाम का इंतजार किए बिना बीमार व्यक्ति के परिजन स्वास्थ्य राय के बिना उसे अस्पताल से ले गए और हैदराबाद स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया।


कलबुर्गी के उपायुक्त के निर्देशों के बाद डीएचओ ने बीमार व्यक्ति के परिजन उसे गुलबर्गा इस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस(जीआईएमएस) के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करने के लिए राजी करने का प्रयास किया। लेकिन पीडित के परिजनों ने उनकी बात मानने से मना कर दिया और बिना जानकारी दिए उसे हैदराबाद ले गए।


बीमार व्यक्ति को हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया और इलाज कराया गया। उसके बाद बीमार व्यक्ति को अस्पताल से छुट्टी दी गई और 10 मार्च, 2020 को जीआईएमस,कलबुर्गी ले जाते समय उसकी मृत्यु हो गई।


इस संबंध में जिला स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग,कर्नाटक द्वारा सभी एहतियाती कदम जैसे पीडित व्यक्ति के संपर्क में रहने वालो की पहचान और घर क्वारंटाइन करने की प्रक्रिया शुरू की गई और इसकी लगातार निगरानी की जा रही है।    




उपराष्ट्रपति ने आईसीएमआर से कहा कि वे मुर्गीपालन उद्योग पर कोरोनावायरस के प्रभाव के बारे में आशंकाओं का समाधान करें

अखिल भारतीय कुक्कुट उत्पादक संघ (ऑल इंडिया मुर्गी पालन ब्रीडर्स एसोसिएशन) के अध्यक्ष बहादुर अली के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू से मुलाकात की और उन्हें नोवल कोरोनो वायरस के प्रभाव के बारे में व्यापक आशंकाओं के मद्देनजर मुर्गीपालन क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया।



उन्होंने राज्यसभा के सभापति को बताया कि मुर्गी पालन उद्योग के लिए खतरे के बारे में झूठी खबरें लोगों में घबराहट पैदा कर रही हैं और परिणामस्वरूप मुर्गी पालन उत्पादों की खपत में भारी कमी आई है।


अमेरिकी जीवविज्ञानी डॉ. ब्रूस लिप्टन का हवाला देते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि "कोरोना वायरस का डर वायरस से ही अधिक घातक है।"


उन्होंने कहा कि सभी प्रकार अफवाहों को रोकना  चाहिए और उद्योग को सामान्य बनाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।


उपराष्ट्रपति ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर)  के महानिदेशक प्रो. बलराम भार्गव से भी बात की और आईसीएमआर को सलाह दी कि वे मुर्गे का मांस और अंडे के उपभोग पर लोगों की आशंकाओं को दूर करने के लिए एक परामर्श जारी करें।


उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं और विक्रेताओं दोनों को आश्वस्त करने के लिए सही जानकारी का प्रसार आवश्यक है।


यह बताते हुए कि विशेष रूप से ग्रामीण भारत में लाखों किसान मुर्गी पालन क्षेत्र पर निर्भर हैं, उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोगों को पोषण सुरक्षा प्रदान करने के अलावा किसानों के लिए द्वितीयक आय बनाने में इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है।


श्री नायडू ने इस बैठक में उपस्थित वित्त और कॉर्पोरेट कार्य राज्य मंत्री श्री अनुराग ठाकुर से इस मामले में कार्रवाई करने के लिए कहा।


उपराष्ट्रपति ने सभी हितधारकों से लोगों को सही जानकारी प्रदान करने के लिए सामूहिक प्रयास करने को कहा।


श्री ठाकुर ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि सरकार मामले की जांच करेगी और आवश्यकतानुसार कार्रवाई करेगी।


तेलंगाना पॉल्ट्री ब्रीडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं सांसद श्री रंजीत रेड्डी और ऑल इंडिया पॉल्ट्री ब्रीडर्स एसोसिएशन (एआईपीबीए) के उपाध्यक्ष श्री सुरेश चित्तूरी भी उपस्थित थे।