Wednesday, June 3, 2020

कबीर को जानकर,मानिए

कबीर अपने आप में अप्रतिम हैं,विलक्षण हैं,अद्वितीय हैं।कबीर समाजशास्त्री हैं,कबीर भाषा वैज्ञानिक हैं,कबीर नायक है,कबीर सर्वोत्तम संत शिरोमणि हैं,कबीर प्रखर समाजसुधारक हैं,कबीर एकदम सरल और सहज हैं,कबीर जनवादी साहित्यकार हैं,कबीर सधे हुए पूर्ण साधक हैं,कबीर मानवता के प्रतीक हैं,कबीर धैर्यवान है,कबीर संयमी और संतोषी प्रवृति के हैं,कबीर पूर्णतया सामजिक है,कबीर सत्यता के प्रणेता और पांखड के धुर विरोधी हैं।इसलिए कबीर जैसा कोई और नहीं है सिर्फ और सिर्फ कबीर के अलावा,इसलिए तो कबीर,कबीर है और इनकी तुलना किसी से की ही नहीं जा सकती क्योंकि ये आत्मिश्वास और जज्बा केवल कबीर में ही है कि--"राम कबीरा एक भयो,कोय ना सके पहचानी"।ये कबीर ही है जो शरीर में रहते हुए डंके की चोट पर एलान कर देने का साहस रखते हैं कि-"मैं ना मरिबो,मरिबो संसारा,मुझको मिला जिलावनहारा"।धर्म के नाम पर धंधे और पांखड की दुकानों के विरोध करने का तरिका कबीर के पास विलक्षण है,वो कहते हैं कि-"पत्थर पूजे हरि मिले,मैं पूजूं पहाड़"।इससे बढ़कर और क्या हो सकता है कि कबीर आर्थिक,सामाजिक,व्यावसायिक न्याय के पक्षधर हैं और बोल रहे हैं कि--"साईं इतना दीजिए,जामे कुटुंब समाए..."।दूसरी और कबीर का भाव देखिए,कबीर हर बात से ऊपर हैं,और झटके में ही हर चीज का समाधान देते हैं कि--"कबीरा खड़ा बाजार में,सबकी मांगे ख़ैर,ना काहुँ से दोस्ती ना काहुँ से बैर"।मतलब साफ़ है एक ऐसा मानवतावादी विचार जो हर वाद-विवाद से ऊपर है,निर्लेप है,निर्वेर है।यदि आज अभी और तत्काल ये बातें देश में लागू हो जाए तो यकीन मानिए कि देश की आधी से ज्यादा समस्या तो वैसे ही हल हो जाएंगी।विश्वभर के तमाम अर्थशास्त्री भी हैरान हैं कि कबीर ने तो कमाल ही कर दिया।संयम,सहशीलता के बारे में कबीर का साफ़ मत है कि--"धीरे-धीरे रये मना,धीरे सब कुछ होय..."।यही वह दर्शन कि हम हर समस्या का सामना कर लेते हैं और उस समस्या से उभर भी जाते हैं।शायद कहीं अन्यत्र इस तरह का उदाहरण नहीं मिल पाएगा।पारिवारिक परम्परा के निर्वहण में किस तरह से सामंजस्य बैठना है,इसमें मानों कबीर ने पी एच डी की डिग्री हासिल की हो।यहाँ यह भी ज्ञातव्य है कि कबीर परिवार निज परिवार न होकर समस्त संसार ही उनका परिवार है। कबीर की भाषा वैज्ञानिकता को देखिए कि भाषा कबीर को नहीं मोड़ पाती बल्कि कबीर भाषा को अपनी इच्छा के अनुसार मोड़ते हैं और वही छंद बन जाता है,वही काव्य सर्वोच्च हो जाता है।स्वयं भाषा कबीर के समक्ष नतमस्तक है।यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि भाषा कबीर की सहचरी है,अनुगामिनी है।कबीर के हाथों में भाषा खेलती हुई-सी प्रतीत होती है।आध्यत्मिकता के भी शिखर पुरुष हैं कबीर और देखिए कबीर की बाणी क्या कहती है।कबीर साफ़ लिखते हैं कि--"मौको कहाँ ढूंढे बन्दे,मैं तो तेरे पास में...."।ध्यान दीजिए जितने भी हमने इस-उस तरह के प्रतीक खड़े कर रखे हैं,उनको एक झटके में ध्वस्त कर देते हैं और फिर कहते हैं कि--"खोजी होय तो तुरंत मिलैहो,पल भर की तलाश में"।प्रेम का अपना विज्ञान है और उस विज्ञान को कबीर भली-भांति न केवल समझते हैं बल्कि उसके माध्यम से गली-सड़ी वर्ण-व्यवस्था को ही चुनौती देते हुए कहते हैं कि--"पौथी पढ़-पढ़ जग मुआ,पंडित भया ना कोय...ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय।"जात-पात के भी जबदस्त खिलाफ रहे कबीर और जो कबीर ने कहा,वह सम्भवतः किसी और की हिम्मत नहीं रही कहने की।सच में आज भी कबीर के जीवन और दर्शन में समस्त संसार की तमाम समस्याओं को चटकी में हल करने की क्षमता है। गजब है,कबीर का और हमारा दुर्भाग्य कि आज भी हम कबीर को तो मानते हैं,कबीर की नहीं मानते।कबीर को पहले जानिए फिर कबीर को नहीं कबीर की मानिए यकीनन आप खुद-ब खुद कबीर हो जाएंगे।

 

कृष्ण कुमार निर्माण

जीवन के साथ जीविका भी

जब से इंसानियत की शुरुआत हुई तभी से हमारा सामना महामारियों से होता आ रहा है । हर महामारी के बाद इंसानी सभ्यता ज्यादा मजबूत होकर उभरी है ।शुरुआत के दौर में तो हम स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से बहुत कच्चे थे, परंतु इंसानों ने अपनी सुझबूझ  और जिजीविषा से हर महामारी को मात दी । कुछ नुकसान जरुर हुआ , लेकिन उनकी काट खोज कर हमनें उन्हें मृतप्राय कर दिया । कोरोना भी इससे अलहदा नहीं होगा । हमें सिर्फ साहस की कोशिश और नजरिये की आवश्यकता है । पहले लाॅकडाउन से चौथे लाॅकडाउन तक देखा जाए तो सिर्फ और सिर्फ एक ही चीज समान पाएंगे-- भय  । हर तरफ , हर आदमी डरा हुआ है, क्या ये डर कोरोना के इलाज की दवा है ? हम ऐसे दुश्मन से लड़ रहे हैं जिसे जानते ही हैं , हमारे पास लड़ने का कोई हथियार भी नहीं है  । अगर अपनी पुराण गाथाओं में खोज करते हैं तो आपको ऐसे युद्घ कौशल की जानकारी मिलेगी जो हथियारों के बिना लड़ी जाती थी । वह समस्त ज्ञान को एकत्रित कर लड़ी जाने वाली लड़ाई थी, डरना नहीं,साहसी बनना । सावधानी के साथ बाहर निकालना ,  सारी हिदायतों का पालन करते हुए अपना काम करना, ईमानदार और उदार बनना कोरोन से लड़ने वाले सिपाही की पहचान है ।

कोरोना के सिपाही कई प्रकार के लोग हैं -- जैसे एक सिपाही वह है जो अस्पतालों में रात - दिन बिमारी से जुझारू है । वह ईमानदारी से आपना कार्य करता है , दुसरा जो दूर खेतों - खलिहानों में , फुल - फलों के बगीचों में , छोटे - बड़े उद्योगों में  लगातार मेहनत कर उत्पादन की श्रृंखला को टूटने नहीं दे रहा है । तृतीय सिपाही वह है जो सिपाही के वस्त्रों में हर सड़क के चौराहे पर खड़ा मिलता है और  वाह हमें रोकता है, निषेध करता है , कभी मुँह से तो कभी डन्डे  से बात करता है, जब वह डन्डे से बात करता है  तो  वह हारा हुआ  , अकुशल सिपाही होता है  लेकिन उसे हम देखकर उन अनगिनत सिपाहियों को नजरअंदाज कैसे कर सकते हैं , जो हर लाॅकडाउन में न लाॅक होते हैं  और न डाउन होते हैं ? चौथा सिपाही वह है जो अपनी प्रेरणा से अपनी चोटी मुट्ठी में  बड़ा संकल्प बान्धकर  खाना - पीना - मास्क - ग्लव्स लेकर कभी यहाँ  तो कभी वहाँ स्वप्रेरणा से भागता दिखाई देता है । पांचवा सिपाही वह है  जो सा

सहानुभुतिपूर्वक हर किसी की तकलीफ सुन रहा है और सद्भावपूर्वक उसे सही मार्गदर्शनकर रहा है । गही है जो हमारे घरों - सडकों - पेड़ों पर रहने वाले बेजुबानों के लिए कहीं पानीभर देता है तो कहीं रोटी डाल देता है ।

यह है जो हमारे उस प्राचीन गणित को सही साबित करना चहता है जिससे एक और एक , दो नहीं ग्यारह होते हैं । यह गलत गणित नही है , हमारे गलत गणित को सही करने वाला शाश्वत गणित है । आप लाॅकडाउन में घरों के भीतर ही नहीं , घरों के बाहर क्या कर रहें हैं और किस नजर से कर रहे हैं  यहीं बताएगा की आप स्वयम ही कोरोना हैं  की कोरोना के खिलाफ छेड़ी गई लड़ाई के सिपाही हैं । प्रतिकूल हालात में यह जंग अपने  चरम सीमा की ओर अग्रसर हो रहा है । इन्सान हारता नहीं, हालात हार जाते हैं, ऐसे ही प्रतिकूल हालात कोरोना के रूप में आज हमारे सामने है । हर बदलाव बेहतरी के लिये होता है , जीवन के इस संघर्ष में इन्सान ही विजयी होगा और फिर सबकुछ पहले जैसा हो जाएगा ।

इसी आशा और विश्वास के साथ हम इस संघर्षपूर्ण जीवन में  नित्य अग्रसर होते जा रहे हैं  । स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस से घबराने की जरुरत नहीं है । आगामी कुछ दिनों में यह समान्य फ्लू की तरह हो जाएगा और हमें इसके साथ जीवन जीने की आदत डालनी होगी साथ हीं इन आदतों को हम कुछ एहतियात कदमों के जरिए सुनिश्चित कर सकते हैं । ऐसे ही कुछ कदमों में   *ई - मिटिंग , शारिरीक दुरी, घर का खाना , अपशिष्ट पदार्थ का जिम्मेदारी से निस्तारण, ऑफिस में ज्यादा अन्दर - बाहर न करना  , एक  - दुसरे से 6 फीट की दुरी , हर समय मास्क का प्रयोग , किसी भी सतह को छूने पर अपने हाथों को सैनीटाइज करें , अपने हाथ को 20 सेकेंड तक धोते रहें  इत्यादि* आता है  । विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया में विभिन्न बिमारियों और वजहों ( कोरोना से अलग ) से रोजाना डेढ़ लाख मौतें होती हैं । अकेले सिर्फ भारत में ऐसी मौतों का आंकड़ा 25 हजार है । ये भयावह तस्वीर हमें बताती है कि कोरोना से डरना नहीं , हमें लड़ना है  ।  जहां तक कुछ विशेषज्ञ यह दावा क्र रहे हैं कि  भारत में अभी पीक आना बकी है  तो वह वायरोलाॅजी के बारे में जानते नहीं । बतौर विशेषज्ञ वाह अपनी राय दे रहे हैं । मेरा मानना है कि भारत में ना पीक  आया है  और न आएगा । अगले माह तक इसमें अवश्य कमी आएगी । प्रकृति  में  कोई चीज स्थायी नहीं होती  । इंसानी सभ्यता की शुरुआत से महमारियां आ रही हैं  और  खत्म भी हुईं हैं  ।इसी तरह से कोरोना भी जल्द खत्म हो जाएगा ।

लड़ने का समय है , जीतने का समय है क्योंकी जीवन एक संघर्ष है और वर्तमान घटनाओं को देखते हुए हमें  सतर्कता से अपने काम को करते हुए इस महामारी पर भी विजय प्राप्त कर लेना है ।

विजय तभी प्राप्त होती है जब हम असली मोर्चे पर अपने दम - खम के साथ डटे रहें, इसलिए मै एक बार फिर कहूँगा की लड़ने का समय है, हारने का नहीं - जितने का समय है ।

 

शाम अकेला कर देती है

यह शाम अकेला कर देती है 

नया झमेला कर देती है

 तनहाई की बारिश करती

 खाली मेला कर देती है

 शाम अकेला कर देती है।

 

 मन चंचल भी हो जाता है 

दिल निश्चल भी हो जाता है

 कुछ भी मुझको समझ न आता 

पागल हर पल हो जाता है

पास खुशी की लहरें लाता 

दूर ये रेला कर देती है 

शाम अकेला कर देती है

 

 आंसू आते उमड़-घुमड़ कर 

ज्यों जलधर आते उड़ उड़कर

 याद अतीत फिर मुझको आता 

किन्तु न देखूँ मैं मुड़ मुड़कर

 अनमोल बहुत है शाम नजारा

 पर ये धेला कर देती है

शाम अकेला कर देती है

 

 अंदर ही घर के रहता हूं

 शाम से यारों मैं डरता हूं

 मुझसे शाम का जिक्र न करो

 सब से यह मैं तो कहता हूं

 मेरे खुशी के सब. लम्हों को

 दुख की बेला कर देती है 

शाम अकेला कर देती है

 

 शाम अकेला कर देती है

 

तनहाई की बारिश करती 

खाली मेला कर देती है 

शाम अकेला कर देती है।

 

शाम अकेला कर देती है।।।

 

—-घनश्याम शर्मा

 

 

केसरिया हिन्दू वाहिनी युवा मोर्चा के प्रदेश प्रभारी बने जितेंद्र सिंह अन्नू




उत्तर प्रदेश केसरिया हिन्दू वाहिनी युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष हिन्दू सम्राट विशाल मिश्रा ने आज लाइव आकर केसरिया हिन्दू वाहिनी के प्रदेश उपाध्यक्ष युवा मोर्चा जितेंद्र सिंह अन्नू को प्रदेश का प्रभार देते हुए उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया विशाल मिश्रा ने बताया कि जितेंद्र सिंह अन्नू ने संगठन के प्रति बहुत  मेहनत की है  जिससे आज प्रदेश कार्यकारिणी के सहमति से और केसरिया हिन्दू वाहिनी के संस्थापक हिन्दू रत्न अतुल मिश्रा जी के अनुमोदन से जितेंद्र सिंह अन्नू को प्रदेश प्रभारी नियुक्त किया। जितेंद्र सिंह अन्नू ने संवाददाता से बताया कि मै सन 2004 से हिन्दू संगठन में कार्यरत हूँ हिंदुत्व के सम्मान के लिए बहुत संघर्ष किये है यहाँ तक कि गैर समुदाय के लोगो के द्वारा मेरे ऊपर कई बार जान से मारने की धमकियां भी मिली है लेकिन मेरा सदैव संकल्प रहा है और आज भी है कि मै भगवा को बुलन्द करता रहूँगा अंजाम कुछ भी हो प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह अन्नू ने आज सपाट रूप से यह भी दावा किया है कि अगर केसरिया हिन्दू वाहिनी के किसी भी पदाधिकारी को शाशन या प्रशासन द्वारा या किसी भी ब्यक्ति द्वारा गलत तरीके से शोषण किया जाएगा तो संगठन बिल्कुल बर्दास्त नही करेगा क्योंकि केसरिया हिन्दू वाहिनी का वीर सिपाही अगर एक हाथ मे माला रखता है तो दूसरे हाथ मे भाला भी रखता है केसरिया हिन्दू वाहिनी परिवार शाशन व प्रशासन का पूरी तरह सहयोग करता रहा है आगे भी करता रहेगा। जितेंद्र सिंह अन्नू ने बताया कि आज मै केसरिया परिवार के हर एक सदस्य व पदाधिकारी को धन्यवाद देता हूँ और ये विश्वास दिलाता हूँ कि उत्तर प्रदेश की धरती को अब भगवा वीर केसरिया मय बनाएंगे ये वादा है सभी से । जितेंद्र सिंह अन्नू ने कहा कि मै उत्तर प्रदेश के समस्त जनपद के सभी  जिला अध्यक्ष को भगवा जय श्री राम कहता हूँ जो आप सभी के इस प्यार सहयोग ने आज मुझे एक नई जिम्मेदारी लेने का मौका दिलाया है मै प्रदेश व राष्ट्रीय पदाधिकारियों को धन्यवाद देता हूँ केसरिया हिन्दू वाहिनी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मृत्युंजय भैया को नमन करता हूँ धन्यवाद देता हूँ।। आप सभी उत्तर प्रदेश के समस्त जिला अध्यक्ष मेरा सहयोग करे मय संगठन को भारत का सबसे बड़ा संगठन देखने का अब वीणा उठाया है ये मेरा सपना आप अभी के सहयोग से अवश्य पूरा होगा यह मुझे पूर्ण विस्वास है किसी भी जनपद के जिला अध्यक्ष को यदि मुझसे कोई भी बात करनी हो तो 9670168661 पर फोन कर सकता है जय हिन्दू राष्ट्र जय सनातन धर्म जय केसरिया।।


 

 



 

एबीवीपी द्वारा कोरोना सुरक्षा प्रहारी अभियान चलाया गया




अमेठी विजय कुमार सिंह

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मुसाफिरखाना नगर इकाई की ओर से कोरोना सुरक्षा प्रहारी अभियान की शुरुआत की गई इसके पहले एबीवीपी के कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों में सेनीटाइजर या साबुन से हाथ धुलना , मास्क राशन वितरित किया गया तथा पेंटिंग के द्वारा को रोना योद्धाओं का आभार व्यक्त किया जा चुका है अमेठी मुसाफिरखाना नगर के कार्यकर्ताओं द्वारा और प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं एसएफडी जिला संयोजक राहुल कौशल विद्यार्थी के नेतृत्व में नगर  एवं पलिया ,दयालबाग ग्रामीण क्षेत्रों मे जाकर कोरोना सुरक्षा प्रहरी के तहत लोगों को जागरूक किया और लोगों को बताया कि रोजी-रोटी की तलाश में अपना घर छोड़कर दूसरे शहर में गए ग्रामीण फिर अपने गांव की ओर लौट रहे हैं जिनसे हमें 14 दिन तक बचना होगा और जो लोग आ रहे हैं एवं उनको कम से कम 14 दिन तक होम क्वॉरेंटाइन मे रहने एवं मेडिकल चेकअप तथा सैनिटाइजर के इस्तेमाल के लिए प्रेरित किया जा रहा है इस दौरान तहसील संयोजक प्रवीण पांडे, एसएफडी तहसील संयोजक विनय तिवारी, नगर सह मंत्री रितेश तिवारी ,करुणेश,शैलेंद्र यादव, दिव्यांशु कसौधन आदि कार्यकर्ता अलग-अलग गांव में जाकर लोगों को जागरूकता अभियान शुरू किया


 

 



 

असलहा तस्कर गिरफ्तार आटोमेटिक रिवाल्वर, तमंचा सहित कारतूस की तस्करी.




अमेठी विजय कुमार सिंह

जिले की जायस पुलिस ने अवैध असलहा तस्करों को गिरफ्तार किया है। जायस पुलिस असलहा और कारतूस की तस्करी करने के आरोप में दो युवकों को गिरफ्तार कर अब विधिक कारवाई में जुट गई है। पुलिस को आरोपियों के पास से एक आटोमेटिक रिवाल्वर सहित पांच तमंचे और आठ जीवित कारतूस मिले हैं। 

पुलिस अधीक्षक अमेठी डॉ ख्याति गर्ग ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि मुखबिर की सूचना पर थानाध्यक्ष जायस भरत उपाध्याय की टीम ने सोमवार की रात्रि करीब 8:35 बजे मुखतिया मोड़ से एक बाइक पर सवार सलमान निवासी पूरे राजा,मोहना थाना जायस और इस्माइल निवासी सोनार थाना फुरसतगंज को गिरफ्तार किया है। 

पुलिस को तलाशी के दौरान आरोपी सलमान के पास से एक ऑटोमेटिक रिवाल्वर जिसके चैम्बर में तीन जिन्दा कारतूस 32 बोर भरा बरामद हुआ व सलमान के पास मौजूद बैग से तीन तमंचा 315 बोर, एक अदद तमंचा, तीन कारतूस 12 बोर व अभियुक्त इस्माइल उर्फ मुन्ना की तलाशी से एक तमंचा,दो कारतूस 315 बोर बरामद हुआ ।

पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने कबूला कि वे अपने शौक पूरा करने व खर्चा चलाने के अवैध रिवाल्वर व तमंचा बेचते थे । दोनों आरोपी पुलिस को मोटर साइकिल का कागज भी नही दिखा सकें ।वही इस मामले में पुलिस अब आरोपियों को गिरफ्तार व मोटरसाइकिल को सीज कर विधिक कारवाई में जुट गई है। 


 

 



 

पूर्व नामित पार्षद अजीत सिंह ने लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे पर प्रवासी मजदूरों को बांटे लंच के पैकेट




पुष्पेंद्र सिंह सवांददाता दैनिक अयोध्या टाइम्स लखनऊ

लखनऊ :- वैश्विक महामारी कोरोना 19 के खिलाफ व जरुरतमंदो की मदद जारी रहेगी,समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी के आह्वान पर अजीत सिंह पूर्व नामित पार्षद नगर निगम लखनऊ द्वारा लाकडाउन की घोसणा उपरांत से अपने कार्यालय परिसर मे कम्यूनिटी किचन सेंटर खोलकर लगातार 500 सौ परिवारो को चिन्हित कर जो कि ऐसे लोग है जिनके पास न तो कोई संसाधन और न ही कोई उनकी मदद सरकार द्वारा प्राप्त हुई प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री अजीत सिंह द्वारा अपने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी के निर्देशानुसार कोई भूखा न सोये व नर सेवा नारायण सेवा की तर्ज पर बालागंज वार्ड के विभिन्न मोह्ल्लो ,हरिनगर ,कुम्हारन टोला,रस्तोगी नगर,पुराना तोपखाना,बरावनकला,बरावन खुर्द,सेक्टर पी,अश्र्य्हीन कालोनी,गौशला रोड,जैसे मोहल्ले के परिवारो को पका हुआ भोजन कच्चा राशन नगद रुपए गैस सिलेंडर इत्यादि देकर लगातार जन सेवा की जा रही है जो लगातार लगभग 65 वे दिन भी जारी है आगरा एक्सप्रेसवे पे प्रवासी मजदूरो व जरुरतमंदो को भोजन के पैकेट व पानी की बोतल बाटी गई ऐसे मे श्री सिंह द्वारा बताया गया कि पार्टी के मुखिया श्री अखिलेश यादव जी के आह्वान पर पार्टी का कार्यकर्ता होने के नाते मेरा सौभाग्य है कि उनके दिशा निर्देश का अछरश: पालन करुँ जब तक प्रभू इच्छा होगी प्रयास व कार्य जन सेवा जारी रहेगी।


 

 



 

उद्योग व्यापार मंडल ने नगरपालिका पहुंचकर शहर में बेरीगेडिंग के विरुद्ध गरजे व्यापारी

दैनिक अयोध्या टाइम्स,रामपुर- मंगलवार को उद्योग व्यापार मंडल ने नगरपालिका पहुंचकर जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर उत्पात मचाया और जोरदार नारेबाजी की वहीं इस दौरान व्यापार मंडल के अध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से दुकानें खोलने का आदेश जारी किया गया है उसके बावजूद भी जिला प्रशासन के लोग दुकाने लगातार बंद करा रहे हैं जिससे व्यापारी वर्ग काफी रोष में है आज हम लोग पालिका अध्यक्ष के पास वार्ता करने आए हैं।उपरोक्त परिपेक्ष्य में अनुरोध है कि अनावश्यक प्रतिबंध समाप्त कर गलियों में लगाए गए बास बल्लियों को हटाकर। सुगम आवागमन हेतू व्यवस्था कराने का कष्ट करें।शा शाहिद शम्सी,इमरान, प्रदीप खंडेलवाल, हारिस शम्सी, आदि लोग मौजूद रहे।

केसरिया हिन्दू वाहिनी सैनिक प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रभारी बने दीपू दुबे




*विशेष संवाददाता:-जितेंद्र सिंह अन्नू*

उत्तर प्रदेश केसरिया हिन्दू वाहिनी सैनिक प्रकोष्ठ की तैयारी में जुटे बाराबंकी के भगवा शेर कहे जाने वाले दिलीप कुमार दीपू आज केसरिया हिन्दू वाहिनी के राष्ट्रीय कार्यालय प्रभारी वैभव मिश्रा केसरिया परिवार के संस्थापक हिन्दू रत्न श्री अतुल मिश्रा जी के अनमोदन से बाराबंकी के रामसनेहीघाट तहसील के बनीकोडर ब्लॉक ग्राम सभा हकामी के रहने वाले दीपू दुबे को केसरिया हिन्दू वाहिनी सैनिक प्रकोष्ठ का प्रदेश प्रभारी न्यूक्ति किया गया जिसकी सूचना केसरिया परिवार के सदस्यों को मिलते ही दीपू दुबे जी को सभी ने  फोन करके बधाई देने का सिलसिला जारी रहा हमारे संवाददाता से प्रदेश प्रभारी दीपू दुबे ने बताया कि मै CRPF का जवान हूँ मै भारत देश की मिट्टी को अपने मस्तक पर लगता हूँ इस मात्र भूमि में न जाने कितने हमारे सैनिक शहीद हुए आज मै उन्ही के सपने को साकार करने के लिए देश की सुरछा में तैनात हूँ मै  बचपन से ही हिन्दू विचारधारा के पुजारी रहे है हमे गर्व है कि हमे देश की रछा करने का सौभाग्य मिला है मय केसरिया हिन्दू वाहिनी के समस्त रास्ट्रीय व प्रदेश पदाधिकारियों को धन्यवाद देता हूँ जो मुझे उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी जिम्मेदारी दी है व हमे समाज व प्रदेश के लिए हिन्दू धर्म के लिए बेहतर करंव का मौका दिया मय केसरिया परिवार का सदैव आभारी हूँ जय हिन्दू सनातन धर्म जय हिन्दू राष्ट्र जय केसरिया।।


 

 



 

उद्योग व्यापार मंडल ने नगरपालिका पहुंचकर जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की 

दैनिक अयोध्या टाइम्स,रामपुर- मंगलवार को उद्योग व्यापार मंडल ने नगरपालिका पहुंचकर जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर उत्पात मचाया और जोरदार नारेबाजी की वहीं इस दौरान व्यापार मंडल के अध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से दुकानें खोलने का आदेश जारी किया गया है उसके बावजूद भी जिला प्रशासन के लोग दुकाने लगातार बंद करा रहे हैं जिससे व्यापारी वर्ग काफी रोष में है आज हम लोग पालिका अध्यक्ष के पास वार्ता करने आए हैं।उपरोक्त परिपेक्ष्य में अनुरोध है कि अनावश्यक प्रतिबंध समाप्त कर गलियों में लगाए गए बाज़ बल्लियों को हटाकर। सुगम आवागमन है हेतू व्यवस्था कराने का कष्ट करें।शा शाहिद शम्सी,इमरान, प्रदीप खंडेलवाल, हारिस शम्सी,  आदि लोग मौजूद रहे।

भाजपा के मण्ड़ल अध्यक्ष डॉ सुश्रुत यादव ने बीनेपुर में चार बच्चों के निधन पर जताया शोक

पत्रकार:-प्रशान्त यादव

करहल। डॉ सुश्रुत यादव मण्डल अध्यक्ष ने  दिनांक 31 मई को विधानसभा करहल के ब्लाक बरनाहल के ग्राम बीनेपुर में भट्टे के गड्ढ़ों में भरे बरसात के पानी मे डूबने से चार बच्चे सनी पुत्र गजराज सिंह कठेरिया उम्र 10 वर्ष, सूरज पुत्र वीरेन्द्र सिंह जाटव उम्र 10 वर्ष,सूरज धर्मवीर पुत्र मुकेश कुमार जाटव उम्र 10 वर्ष,अनुज पुत्र हरनाथ सिंह जाटव उम्र 9 वर्ष की मृत्यु पर गहरा शोक जताया है। एवं जिला प्रशासन से  आर्थिक सहायता दिलाने की माँग की है।

 

थाना कोतवाली में महिला फ्रेंडली कक्ष का उद्घाटन



शिवपुरी, 02 जून 2020/ शिवपुरी शहर के थाना कोतवाली में महिला फ्रेंडली कक्ष का उद्घाटन किया गया है। कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने इसका उद्घाटन किया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री राजेश सिंह चंदेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री गजेंद्र सिंह कंवर, डीपीओ श्री देवेंद्र सुंद्रियाल, एसडीओपी शिव सिंह भदोरिया, महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री आकाश अग्रवाल, सूबेदार श्री रणवीर सिंह यादव सहित थाने का स्टाफ उपस्थित था।
  थाने में आने वाली महिलाओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए महिला फ्रेंडली कक्ष बनाया गया है ताकि थाने में अपनी समस्या लेकर आने वाली महिलाओं को थाने में सुविधाजनक माहौल मिले। यहां महिला पुलिस कर्मचारी की ड्यूटी रहेगी जो महिलाओं की समस्या सुनेगी। इसी प्रकार अन्य थानों में भी महिला फ्रेंडली कक्ष बनाए जाएंगे ताकि महिलाओं को थाने में सहज वातावरण लगे।

 

 



 

प्रदेश के 7 विश्वविद्यालयों में 597 परीक्षा केन्द्रों पर लगभग 4 लाख विद्यार्थी देंगे स्नातक, स्नातकोत्तर की परीक्षा 






शिवपुरी, 02 जून 2020/ प्रदेश के सभी शासकीय विश्वविद्यालयों में स्नातक अंतिम वर्ष तथा स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षाएँ पेन-पेपर मोड पर 29 जून से 31 जुलाई के मध्य आयोजित होंगी। इसके तहत 7 विश्वविद्यालयों में लगभग 4 लाख विद्यार्थी स्नातक अंतिम वर्ष तथा स्नातकोत्तर चैथे सेमेस्टर की परीक्षाएँ देंगे।
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री अनुपम राजन ने बताया कि कुल 597 परीक्षा केन्द्रों पर स्नातक अंतिम वर्ष के लगभग 3 लाख 4 हजार 853 विद्यार्थी तथा स्नातकोत्तर चैथे सेमेस्टर के लगभग एक लाख विद्यार्थी आफलाइन परीक्षा में शामिल होंगे। श्री राजन ने जानकारी देते हुए बताया कि रीवा विश्वविद्यालय को छोड़ कर शेष 6 विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर की 25 प्रतिशत परीक्षाएँ हो गई है। स्नातकोत्तर स्तर की परीक्षाएँ किसी भी विश्वविद्यालय में नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय परीक्षाओं के संचालन में परीक्षा केन्द्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन किया जाना अनिवार्य होगा।
प्रमुख सचिव ने बताया कि स्नातक प्रथम, द्वितीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर और अन्य पाठ्यक्रमों की नियमित परीक्षाएँ स्थानीय स्तर पर परिस्थितियाँ सामान्य होने पर आयोजित की जा सकेगी। स्नातक कक्षाओं के प्रथम एवं द्वितीय वर्ष सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं को अगली कक्षा में प्रवेश देकर एक सिंतबर 2020 से नया सत्र प्रारंभ किया जायेगा। इस वर्ष के लिए स्नातक कक्षाओं और पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष तथा स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों का नया सत्र एक अक्टूबर 2020 से शुरू होगा।