Saturday, June 20, 2020
जनधन खाता खोलने पर खाताधारकों से की जा रही है अवैध वसूली
Thursday, June 18, 2020
अमिश देवगन को गिरफ्तारी कर जेल भेंजने की मांग को लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौपा
Wednesday, June 17, 2020
तृणमूल की ओर से महिलाओं के बीच साड़ी वितरण किया गया
पांडेश्वर : पांडेश्वर विधानसभा क्षेत्र के डालूरबांध में महिलाओं के बीच साड़ी वितरण किया गया। यहां अतिथि के रूप में तृणमूल कांग्रेस जिला पर्यवेक्षक कर्नल दीप्तांशु चौधरी एवं जिलाध्यक्ष जितेन्द्र तिवारी के हाथों साड़ी वितरण किया गया। इस मौके पर कर्नल दीप्तांशु चौधरी ने कहा कि इस आयोजन के लिए सभी को धन्यवाद, समाज के गरीब एवं महिलाओं की मदद के लिए जबतक आपलोगों की तरह लोग आगे आयेंगे, तब तक हम लोगों की सेवा के प्रति सुनिश्चित रहेंगे। यहां कुछ साधारण मदद की जा रही है, लेकिन यह प्रतीक है कि इसके माध्यम से तृणमूल कांग्रेस संकट की इस घड़ी में आपके साथ है। अन्य राजनीतिक दल के लोग आपको देखने तक नहीं आये हैं, वहीं टीएमसी के कार्यकर्ता लॉकडाउन के शुरूआत से आपके साथ हैं। जननेत्री ममता बनर्जी शुरू से ही सड़कपर उतरकर लड़ रही हैं, पश्चिम बर्द्धमान में जितेन्द्र तिवारी कोरोना से डरे बिना लगातार मदद कर रहे हैं। टीएमसी का हर कार्यकर्ता बिना भयभीत हुये कार्य कर रहे हैं। चुनाव के समय बहुत से लोग आपके पास आयेंगे। लेकिन संकट के समय वह लोग नहीं आये, इस समय सिर्फ ममता बनर्जी के सैनिक ही आपलोगों के साथ हैं। इस सहायता के मदद से संदेश देना चाहते हैं कि हमलोग आपके साथ हैं।
तृणमूल युवा कांग्रेस द्वारा रक्तदान शिविर आयोजित किया गया
बर्नपुर : तृणमूल कांग्रेस के युवा संगठन तृणमूल युवा कांग्रेस द्वारा बर्नपुर में रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। इसका उद्घाटन तृणमूल कांग्रेस जिला पर्यवेक्षक कर्नल दीप्तांशु चौधरी एवं जिलाध्यक्ष सह आसनसोल के मेयर जितेन्द्र तिवारी ने किया। इस दौरान टीएमवाइसी प्रदेश महासचिव अशोक रूद्र, एमएमआइसी पूर्णशशि राय, पूर्व एमएमआइसी रबिउल इस्लाम आदि मौजूद थे। इस दौरान मेयर सह टीएमसी जिलाध्यक्ष जितेन्द्र तिवारी ने कहा कि लॉकडाउन के समय जब अन्य राजनीतिक दल लोगों की मदद में बाधा दे रहे हैं, सरकारी कार्यालयों में ज्ञापन और तोड़फोड़ में व्यस्त है, वहीं दीदी के सैनिक के रूप मे युवा टीएमसी के कार्यकर्ता रक्तदान कर रहे हैं। लॉकडाउन में चावल एवं गेहूं की कमी को दीदी और उनके सैनिकों ने पूरा किया है, इसके साथ ही लगातार रक्तदान आयोजित कर रक्त की कमी जिले में नहीं होने दी है। शिक्षकों द्वारा रक्तदान कर समाज को प्रेरित किया जा रहा है। यहां तृणमूल कांग्रेस द्वारा शीघ्र ही एक और रक्तदान शिविर आयोजित किया जायेगा। टीएमसी के कार्यकर्ता रक्त की कमी से किसी को मरने नहीं देंगे। कर्नल दीप्तांशु चौधरी ने कहा कि हमलोग शिक्षक संगठन के प्रति कृतज्ञ हैं, अशोक रूद्र राज्य के 23 जिलों में लॉकडाउन के दौरान लोगों की मदद के लिए गये हैं। प्राथमिक शिक्षक संगठन के साथ युवा, छात्र सभी मिलकर रक्तदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मार्च में रक्त की कमी की आशंका को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस ने रक्तदान शुरु किया था, इसके साथ ही टीएमसी के तमाम शाखा संगठन ने विभिन्न स्तर पर रक्तदान शिविर आयोजित किया। जिले में रक्त की कमी न हो इस पर सभी शाखा संगठन नजर रखें। ब्लड सेपरेशन यूनिट से एक यूनिट रक्त को विभाजित कर तीन लोगों को दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल जो दुष्प्रचार कर रहे हैं, उससे दूर रहकर हमलोग जनता के लिए कार्य करेंगे। विरोधी लोग लाश की राजनीति करें, हमलोग लोगों की जान बचायेंगे।
एफडीआई के विरोध मे कोयला खदान श्रमिक कांग्रेस द्वारा विरोध जनसभा
सांकतोड़िया : कोल इंडिया के निजीकरण, कमर्शियल माइनिंग को मंजूरी के विरोध समेत विभिन्न मांगों को लेकर आईएनटीटीयूसी से संबद्ध कोयला खदान श्रमिक कांग्रेस द्वारा इसीएल मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। आईएनटीटीयूसी प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दोला सेन के नेतृत्व में बड़ी संख्या में केकेएससी समर्थक विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए। इस मौके पर टीएमसी जिलाध्यक्ष सह आसनसोल के मेयर जितेन्द्र तिवारी ने कहा कि कोयला उद्योग का राष्ट्रीयकऱण 1973 में हुआ था, यह मुझे इसलिए याद रहता हैं कि क्योंकि इसी वर्ष मेरा जन्म हुआ था, मेरी मां बताती थी कि जब कोलियरी का राष्ट्रीयकरण हुआ था, उसी वर्ष मेरा जन्म हुआ था। देश में राजनीति को धर्म के आधार पर बांटने का प्रयास किया जा रहा है, पहले इन मुद्दों को हम गंभीरता से नहीं लेते थे, सोचते थे कि भाजपा धर्म के नाम पर समाज को क्यों बांटना चाहती है, इसके पीछे मूल साजिश यह था कि अन्य क्षेत्र में जो लड़ाई होती है, श्रमिकों, छात्रों, किसानों को अपने हक की लड़ाई से ध्यान हटाकर धर्म की लड़ाई में शामिल किया जाये। श्रमिक वर्ग के दिमाग से अपने अधिकार की रक्षा की लड़ाई से कैसे दूर किया जाये, इस साजिश के तहत ही पिछले चार-पांच साल में धर्म के आधार पर बांटा जा रहा है। इसका परिणाम सामने हैं, सालभर हमलोग श्रमिकों, छात्रों, किसानों के हक की लड़ाई लड़ते हैं, लेकिन चुनाव के समय वह हिन्दू-मुसलमान में बंट जाता है। आपलोगों से निवेदन है कि अगर सही में अपने हक की लड़ाई लड़ना चाहते हैं, तो चुनाव के समय हिन्दू-मुसलमान में नहीं बंटना होगा। 2014 में जब दोला दी यहां उम्मीदवार थी, उस वर्ष भी हमलोग हिन्दू-मुसलमान में बंट गये, आज जब केन्द्र सरकार जनविरोधी और श्रमिक विरोधी नीति ला रही है, तो संसद में एसे प्रतिनिधि की जरूरत थी कि जो हमारी आवाज उठा सकें, लेकिन यह दुर्भाग्य है कि यहां का नुमाइंदा मोदी सरकार के पक्ष में हैं, ममता बनर्जी ने दोला दी को राज्यसभा में भेजा ताकि वह श्रमिकों के हक की आवाज सरकार के पास उठा सकें। आसनसोल-दुर्गापुर श्रमिकों का क्षेत्र हैं, इसलिए हमारे दर्द को पहचनानेवाला यहां से दिल्ली में होना चाहिए, यह इच्छा हुये बिना हमारी लड़ाई कभी पूरी नहीं होगी। कारपोरेट स्तर की बैठक में नहीं बुलाते हैं, सीएमडी भले ही हमें न बुलाये लेकिन यह तय है कि टीएमसी चाहेगी तभी इसीएल चलेगा, अगर प्रबंधन टेस्ट करना चाहे तो कर ले, यहां की जनता और श्रमिक हमारे साथ है। जब सारे यूनियनें हड़ताल बुलाती हैं, तो प्रबंधन केकेएससी के पास ही मदद के लिए आती है, टीएमसी और केकेएससी अपने दम पर उत्पादन भी करके दिखाती है। कोल इंडिया और इसीएल टीएमसी के बल पर ही चल रहा है, लेकिन आधिकारिक रूप पर मान्यता देने के समय इसे लंबित रखा जा रहा है, इसलिए आनेवाले समय में हमें सोचने की जरूरत है। केन्द्र सरकार ने एसा प्रस्ताव लाया है कि श्रमिकों के साथ अधिकारियों का भी बुरा होगा। 500 उद्योगपतियों को जब कोयला बेचने का अधिकार मिलेगा तब जीएम, सीएमडी का क्या महत्व रह जायेगा, पहले सिर्फ श्रमिक आतंकित थे, इस लड़ाई में अगर साथ नहीं देते हैं तो अधिकारियों का भी अस्तित्व समाप्त हो जायेगा। आप खुलकर हमारा साथ नहीं दे रहे हैं तो चुपचाप करें। चुपचाप टीएमसी को समर्थन करें, जहां भी टीएमसी और केकेएससी के लोग हैं, उनका समर्थन करें तभी कोल इंडिया, इसीएल और आपकी ठाट बचेगी। उन्होंने कहा कि इसीएल श्रमिकों के साथ ग्रामीण के जीवन में भी संकट आनेवाला है। निजी कंपनियों के आने के बाद गांव मे बिजली, सड़क, पानी, रास्ता, कम्यूनिटी हाल का काम गांव में कैसे होगा, श्रमिकों के साथ ही कोयलांचल के हर व्यक्ति के जीवन पर इसका प्रभाव पड़ेगा। इसका प्रचार टीएमसी द्वारा पूरे शिल्पांचल में किया जायेगा। लॉकडाउन के बाद एक लाख लोगों को लेकर इसीएल मुख्यालय का घेराव किया जायेगा, तब तक यह आन्दोलन तबतक चलेगा जब तक केकेएससी को कारपोरेट जेसीसी में प्रतिनिधित्व नहीं मिलता है। भगवान इसीएल अधिकारियों को सद्बुद्धि दे।