Saturday, June 20, 2020

जनधन खाता खोलने पर खाताधारकों से की जा रही है अवैध वसूली




सत्येन्द्र उपाध्याय

खबर यूपी के सिद्धार्थनगर से है जहां एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की योगी सरकार गरीबों के कल्याण के लिए पानी की तरह पैसा बहा रही है, लेकिन वहीं कुछ भ्रष्ट कर्मचारी सरकार की योजना को पलीता लगा रहे हैं। दरअसल भारत सरकार के द्वारा  जीरो बैलेंस खाता खोला जा रहा है जिसमें बैंक कर्मचारियों के द्वारा खाता धारकों से जमकर अवैध वसूली की जा रही है मामला शोहरतगढ़ तहसील क्षेत्र के बजहा बाजार स्थित  पूर्वांचल बैंक अब  (बड़ौदा  यूपी बैंक) के  ग्राहक सेवा केंद्र (मिनी शाखा) का है जहां खाता खोलने के नाम पर खाता धारकों से  ₹150 लिया जा रहा है, जबकि जीरो बैलेंस( जनधन खाता) के खाते पर एक भी पैसा खाता धारक से नहीं लेना है। 

 इस संबंध में जब ग्राहक सेवा केंद्र संचालक श्री रामपाल जी से बात करने पर उन्होंने बताया कि हमें सरकार से एक भी रुपया नहीं मिलता है, और इसमें से कुछ पैसा बैंक को भी देना पड़ता। इसीलिए हम 150 रुपए ले रहे हैं। इस मामले मे  और अधिक जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए संजीवनी विकास फाउंडेशन से बात करने के लिए कही, संजीवनी विकास फाउंडेशन की  संपर्क सूत्र देने से मना कर दिया। 

  जब अवैध वसूली के बारे में शाखा प्रबंधक  श्री सतीश यादव जी से बात की गई तो कहा गया कि ऐसा कोई मामला मेरे संज्ञान में नहीं है, और ना ही कोई लिखित शिकायत मेरे पास आई है। अगर लिखित शिकायत मेरे पास आती है तो मैं दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करूंगा। अब सवाल यह उठता है कि  इस लूट में कौन-कौन शामिल है। बैंक मैनेजर,सीएसपी संचालक या संजीवनी  विकास फाउंडेशन। आखिर इन गरीबों को न्याय कब और कैसे मिलेगा। 

 

इस मामले को लेकर जांच-पड़ताल पड़ताल अभी जारी है ••••••••••।


 

 



 

Thursday, June 18, 2020

अमिश देवगन को गिरफ्तारी कर जेल भेंजने की मांग को लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौपा




अता खान ब्यूरो चीफ उ.प्र. की रिपोर्ट।

कानपुर 17 जून मोहम्मदी यूथ ग्रुप व गरीब नवाज़ कौंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष इखलाक अहमद डेविड की अगुवाई में सुल्तान ए हिंद ख्वाजा गरीब नवाज़ की शान में गुस्ताखी से देश के करोड़ो लोगो की आस्था को ठेस पहुंचाने वाले न्यूज़ 18 इंडिया के कार्यकारी सम्पादक अमिश देवगन की गिरफ्तारी व न्यूज़ चैनल पर कड़ी कार्यवाही की मांग को लेकर जिलाधिकारी डा० ब्रह्मदेव राम तिवारी से जिलाधिकारी कार्यालय में मिला व राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन प्रेषित किया। मोहम्मदी यूथ ग्रुप व गरीब नवाज़ कौंसिल आफ इंडिया के प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी को बताया कि न्यूज़ 18 इंडिया के आर/पार प्रोग्राम में कार्यकारी सम्पादक/एंकर अमिश देवगन ने हिंदुस्तान की शान, हिंदू-मुस्लिम एकता के सूत्र-धार गरीब नवाज़ के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी कर देश व दुनियां के करोड़ो लोगो की आस्था को ठेस पहुंचाई है जिसे बिल्कुल बर्दाश्त नही किया जा सकता उनके मानने वालों में राजा से लेकर रंक, नेता से लेकर अभिनेता तक गरीब नवाज़ के दरबार की ज़ियारत के लिए लयलित रहते जिनकी दरगाह हिंदुस्तान की सरज़मी को रोशन कर रही है। उनके बारे में अमर्यादित, अशोभनीय ह्रदय को तकलीफ पहुंचाने वाली टिप्पणी से देश-दुनियां के करोड़ों लोगो की भावनाओं आहत हुई व उनमें अमिश देवगन व न्यूज़ इंडिया चैनल के खिलाफ गुस्सा है देश की कानून व्यवस्था को बिगाड़ने के साथ ही पूरी दुनियां में हमारे देश की छवि धूमिल करने वाली टिप्पणी है, अगर जल्द ही अमिश देवगन व न्यूज़ 18 इंडिया के चैनल के खिलाफ भारत सरकार कड़ी कार्यवाही नही करता तो इसका विरोध सड़कों पर देखा जा सकता है व एशिया, यूरोप, अमेरिकी, अफ्रीकी मुल्कों की सरकारे अपनी नाराज़गी जताने लगेगी जो देशहित में अच्छा नही होगा हमारे देश में किसी की भी भावनाओं को ठेस पहुचाने का अधिकार नही है अमिश ने तो देश-दुनियां के महान सूफी संत पर ही ऐसी टिप्पणी की जिसे बयां नही किया जा सकता अमिश देवगन को गिरफ्तार कर जेल व चैनल पर कड़ी कार्यवाही होना बहुत ज़रुरी है।

प्रतिनिधि मंडल से बात करने के बाद जिलाधिकारी महोदय को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन दिया जिलाधिकारी डा० ब्रह्मदेव राम तिवारी ने ज्ञापन को आज ही राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री-गृहमंत्री कार्यालय भेजने का भरोसा दिया।

ज्ञापन देने के बाद मोहम्मदी यूथ ग्रुप व गरीब नवाज़ कौंसिल के पदाधिकारी न्यूज़ 18 इंडिया के कार्यकारी सम्पादक/एंकर अमिश देवगन व न्यूज़ चैनल के सी०ई० ओ० राहुल जोशी पर मुकदमा दर्ज कराने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे जहां एस एस पी की अनुपस्थिति में क्षेत्राधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया।

ज्ञापन में इखलाक अहमद डेविड, हाफिज़ मोहम्मद कफील हुसैन खाँ, एजाज़ रशीद, मोहम्मद इस्लाम चिश्ती, इरफान अशरफी, नूर आलम, अफज़ाल अहमद, मोहम्मद रज़ा खान आदि लोग मौजूद थे।


 

 



 

Wednesday, June 17, 2020

तृणमूल की ओर से महिलाओं के बीच साड़ी वितरण किया गया

पांडेश्वर : पांडेश्वर विधानसभा क्षेत्र के डालूरबांध में महिलाओं के बीच साड़ी वितरण किया गया। यहां अतिथि के रूप में तृणमूल कांग्रेस जिला पर्यवेक्षक कर्नल दीप्तांशु चौधरी एवं जिलाध्यक्ष जितेन्द्र तिवारी के हाथों साड़ी वितरण किया गया। इस मौके पर कर्नल दीप्तांशु चौधरी ने कहा कि इस आयोजन के लिए सभी को धन्यवाद, समाज के गरीब एवं महिलाओं की मदद के लिए जबतक आपलोगों की तरह लोग आगे आयेंगे, तब तक हम लोगों की सेवा के प्रति सुनिश्चित रहेंगे। यहां कुछ साधारण मदद की जा रही है, लेकिन यह प्रतीक है कि इसके माध्यम से तृणमूल कांग्रेस संकट की इस घड़ी में आपके साथ है। अन्य राजनीतिक दल के लोग आपको देखने तक नहीं आये हैं, वहीं टीएमसी के कार्यकर्ता लॉकडाउन के शुरूआत से आपके साथ हैं। जननेत्री ममता बनर्जी शुरू से ही सड़कपर उतरकर लड़ रही हैं, पश्चिम बर्द्धमान में जितेन्द्र तिवारी कोरोना से डरे बिना लगातार मदद कर रहे हैं। टीएमसी का हर कार्यकर्ता बिना भयभीत हुये कार्य कर रहे हैं। चुनाव के समय बहुत से लोग आपके पास आयेंगे। लेकिन संकट के समय वह लोग नहीं आये, इस समय सिर्फ ममता बनर्जी के सैनिक ही आपलोगों के साथ हैं। इस सहायता के मदद से संदेश देना चाहते हैं कि हमलोग आपके साथ हैं।


तृणमूल युवा कांग्रेस द्वारा रक्तदान शिविर आयोजित किया गया

बर्नपुर : तृणमूल कांग्रेस के युवा संगठन तृणमूल युवा कांग्रेस द्वारा बर्नपुर में रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। इसका उद्घाटन तृणमूल कांग्रेस जिला पर्यवेक्षक कर्नल दीप्तांशु चौधरी एवं जिलाध्यक्ष सह आसनसोल के मेयर जितेन्द्र तिवारी ने किया। इस दौरान टीएमवाइसी प्रदेश महासचिव अशोक रूद्र, एमएमआइसी पूर्णशशि राय, पूर्व एमएमआइसी रबिउल इस्लाम आदि मौजूद थे। इस दौरान मेयर सह टीएमसी जिलाध्यक्ष जितेन्द्र तिवारी ने कहा कि लॉकडाउन के समय जब अन्य राजनीतिक दल लोगों की मदद में बाधा दे रहे हैं, सरकारी कार्यालयों में ज्ञापन और तोड़फोड़ में व्यस्त है, वहीं दीदी के सैनिक के रूप मे युवा टीएमसी के कार्यकर्ता रक्तदान कर रहे हैं। लॉकडाउन में चावल एवं गेहूं की कमी को दीदी और उनके सैनिकों ने पूरा किया है, इसके साथ ही लगातार रक्तदान आयोजित कर रक्त की कमी जिले में नहीं होने दी है। शिक्षकों द्वारा रक्तदान कर समाज को प्रेरित किया जा रहा है। यहां तृणमूल कांग्रेस द्वारा शीघ्र ही एक और रक्तदान शिविर आयोजित किया जायेगा। टीएमसी के कार्यकर्ता रक्त की कमी से किसी को मरने नहीं देंगे। कर्नल दीप्तांशु चौधरी ने कहा कि हमलोग शिक्षक संगठन के प्रति कृतज्ञ हैं, अशोक रूद्र राज्य के 23 जिलों में लॉकडाउन के दौरान लोगों की मदद के लिए गये हैं। प्राथमिक शिक्षक संगठन के साथ युवा, छात्र सभी मिलकर रक्तदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मार्च में रक्त की कमी की आशंका को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस ने रक्तदान शुरु किया था, इसके साथ ही टीएमसी के तमाम शाखा संगठन ने विभिन्न स्तर पर रक्तदान शिविर आयोजित किया। जिले में रक्त की कमी न हो इस पर सभी शाखा संगठन नजर रखें। ब्लड सेपरेशन यूनिट से एक यूनिट रक्त को विभाजित कर तीन लोगों को दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल जो दुष्प्रचार कर रहे हैं, उससे दूर रहकर हमलोग जनता के लिए कार्य करेंगे। विरोधी लोग लाश की राजनीति करें, हमलोग लोगों की जान बचायेंगे।


एफडीआई के विरोध मे कोयला खदान श्रमिक कांग्रेस द्वारा विरोध जनसभा

सांकतोड़िया : कोल इंडिया के निजीकरण, कमर्शियल माइनिंग को मंजूरी के विरोध समेत विभिन्न मांगों को लेकर आईएनटीटीयूसी से संबद्ध कोयला खदान श्रमिक कांग्रेस द्वारा इसीएल मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। आईएनटीटीयूसी प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दोला सेन के नेतृत्व में बड़ी संख्या में केकेएससी समर्थक विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए। इस मौके पर टीएमसी जिलाध्यक्ष सह आसनसोल के मेयर जितेन्द्र तिवारी ने कहा कि कोयला उद्योग का राष्ट्रीयकऱण 1973 में हुआ था, यह मुझे इसलिए याद रहता हैं कि क्योंकि इसी वर्ष मेरा जन्म हुआ था, मेरी मां बताती थी कि जब कोलियरी का राष्ट्रीयकरण हुआ था, उसी वर्ष मेरा जन्म हुआ था। देश में राजनीति को धर्म के आधार पर बांटने का प्रयास किया जा रहा है, पहले इन मुद्दों को हम गंभीरता से नहीं लेते थे, सोचते थे कि भाजपा धर्म के नाम पर समाज को क्यों बांटना चाहती है, इसके पीछे मूल साजिश यह था कि अन्य क्षेत्र में जो लड़ाई होती है, श्रमिकों, छात्रों, किसानों को अपने हक की लड़ाई से ध्यान हटाकर धर्म की लड़ाई में शामिल किया जाये। श्रमिक वर्ग के दिमाग से अपने अधिकार की रक्षा की लड़ाई से कैसे दूर किया जाये, इस साजिश के तहत ही पिछले चार-पांच साल में धर्म के आधार पर बांटा जा रहा है। इसका परिणाम सामने हैं, सालभर हमलोग श्रमिकों, छात्रों, किसानों के हक की लड़ाई लड़ते हैं, लेकिन चुनाव के समय वह हिन्दू-मुसलमान में बंट जाता है। आपलोगों से निवेदन है कि अगर सही में अपने हक की लड़ाई लड़ना चाहते हैं, तो चुनाव के समय हिन्दू-मुसलमान में नहीं बंटना होगा। 2014 में जब दोला दी यहां उम्मीदवार थी, उस वर्ष भी हमलोग हिन्दू-मुसलमान में बंट गये, आज जब केन्द्र सरकार जनविरोधी और श्रमिक विरोधी नीति ला रही है, तो संसद में एसे प्रतिनिधि की जरूरत थी कि जो हमारी आवाज उठा सकें, लेकिन यह दुर्भाग्य है कि यहां का नुमाइंदा मोदी सरकार के पक्ष में हैं, ममता बनर्जी ने दोला दी को राज्यसभा में भेजा ताकि वह श्रमिकों के हक की आवाज सरकार के पास उठा सकें। आसनसोल-दुर्गापुर श्रमिकों का क्षेत्र हैं, इसलिए हमारे दर्द को पहचनानेवाला यहां से दिल्ली में होना चाहिए, यह इच्छा हुये बिना हमारी लड़ाई कभी पूरी नहीं होगी। कारपोरेट स्तर की बैठक में नहीं बुलाते हैं, सीएमडी भले ही हमें न बुलाये लेकिन यह तय है कि टीएमसी चाहेगी तभी इसीएल चलेगा, अगर प्रबंधन टेस्ट करना चाहे तो कर ले, यहां की जनता और श्रमिक हमारे साथ है। जब सारे यूनियनें हड़ताल बुलाती हैं, तो प्रबंधन केकेएससी के पास ही मदद के लिए आती है, टीएमसी और केकेएससी अपने दम पर उत्पादन भी करके दिखाती है। कोल इंडिया और इसीएल टीएमसी के बल पर ही चल रहा है, लेकिन आधिकारिक रूप पर मान्यता देने के समय इसे लंबित रखा जा रहा है, इसलिए आनेवाले समय में हमें सोचने की जरूरत है। केन्द्र सरकार ने एसा प्रस्ताव लाया है कि श्रमिकों के साथ अधिकारियों का भी बुरा होगा। 500 उद्योगपतियों को जब कोयला बेचने का अधिकार मिलेगा तब जीएम, सीएमडी का क्या महत्व रह जायेगा, पहले सिर्फ श्रमिक आतंकित थे, इस लड़ाई में अगर साथ नहीं देते हैं तो अधिकारियों का भी अस्तित्व समाप्त हो जायेगा। आप खुलकर हमारा साथ नहीं दे रहे हैं तो चुपचाप करें। चुपचाप टीएमसी को समर्थन करें, जहां भी टीएमसी और केकेएससी के लोग हैं, उनका समर्थन करें तभी कोल इंडिया, इसीएल और आपकी ठाट बचेगी। उन्होंने कहा कि इसीएल श्रमिकों के साथ ग्रामीण के जीवन में भी संकट आनेवाला है। निजी कंपनियों के आने के बाद गांव मे बिजली, सड़क, पानी, रास्ता, कम्यूनिटी हाल का काम गांव में कैसे होगा, श्रमिकों के साथ ही कोयलांचल के हर व्यक्ति के जीवन पर इसका प्रभाव पड़ेगा। इसका प्रचार टीएमसी द्वारा पूरे शिल्पांचल में किया जायेगा। लॉकडाउन के बाद एक लाख लोगों को लेकर इसीएल मुख्यालय का घेराव किया जायेगा, तब तक यह आन्दोलन तबतक चलेगा जब तक केकेएससी को कारपोरेट जेसीसी में प्रतिनिधित्व नहीं मिलता है। भगवान इसीएल अधिकारियों को सद्बुद्धि दे।


लाकडाउन के बाद खुला शीतला देवी मां काली का दरबार




महफूज अहमद/दैनिक अयोध्या टाइम्स

शुकुल बाजार/अमेठी जहाँ पूरे देश में लाकडाउन के दौरान धर्म स्थल बन्द थे लोग अपने अपने घरो में ही पूजा अर्चना किया करते थे। वही राज्य सरकार के आदेश के बाद धर्म स्थल खोले जाने पर आज विकासखंड बाजार शुकुल के

ग्राम सभा हरखूमऊ में मां शीतला देवी काली मां का दरबार खोलने पर गांव में पूजा अर्चना व  हर्षोल्लास का माहौल रहा और वही मौके पर मौजूद कायस्थ संघ जिला अध्यक्ष सौरभ श्रीवास्तव कायस्थ संघ जिला उपाध्यक्ष अमन श्रीवास्तव आनंद कुमार डायमंड सिंह राजू सिंह दद्दन यादव वह गांव के अन्य लोग भी मौजूद रहे।


 

 



 

भारत की सरजमीं पर पैर बढ़ाने से पहले केवल रेजांगला के वीर अहीर सैनिकों के शौर्य को याद कर ले चीन..

चीन जिस तरह से हालिया दिनों में अहंकार में मगरूर हो कर सीमा पर प्रतिरोध बढ़ा रहा है वह उसके मूर्खता का प्रतीक है।शायद वह भूल चुका है कि उसे रेजांगला में मुट्ठी भर भारतीय वीर सैनिकों ने धूल चटा दी थी। बहुत कुछ हो सकता है चीन के पास लेकिन याद कर ले एक एक भारतीय के पास वह आत्म बल और स्वाभिमान है,जो चीन के हजार लोगों के बराबर है। हमारे धैर्य और सहनशीलता का ज्यादा परीक्षा लेने की कोशिश ना करे अन्यथा जिस दिन भारतीय लोगों का गुस्सा बाहर आ गया उस दिन चीन कहीं का नहीं रह पाएगा।आखिर चीन समझता क्या है भारत के कुछ सैनिकों को धोखे से मारकर भारतीय सेना और लोगों को धमका देगा।भारत कोई नेपाल,भूटान,तिब्बत और ताइवान नहीं है। एक-एक शहादत का बदला लेना जानता है भारत और हमेशा से चीन को ईंट का जवाब पत्थर से दिया है।सर्वप्रथम हम किसी को छेड़ते नहीं है और अगर गलती से भी कोई हमें छेड़ दे तो हम उसे भूलते और छोड़ते नहीं।चीन हमेशा से 1962 में धोखे से लड़े गए युद्ध पर आत्ममुग्धता में रहता है पर उसे 1967 को याद रखना चाहिए,जब भारतीय सैनिकों ने 40 के बदले 400 चीनी सैनिकों को मार गिराया था।चीन को अपने पिट्ठू पाकिस्तान के बंटवारे से भी सीखना चाहिए पाकिस्तान ने भी भारत के साथ धृष्टता की थी जिसे भारत ने पहले तो माफ किया पर जब फिर भी वह नहीं संभला और समझा तो उसे दो हिस्सों में बांट दिया।उस बंटवारे की कसक में पाकिस्तान हर दिन आहें भरते हुए आज भी जी रहा है।दूसरी ओर अगर चीन को अपने धन का घमंड है तो वह अपने पास रखे।जिस रेत के पहाड़ पर उसकी अर्थव्यवस्था टिका हुआ है वह चंद महीनों में विलीन हो जाएगा,अगर भारतीय बाजार को चीनी माल के लिए बंद कर दिया जाए तो।

पूरा हिंदुस्तान जानता है कि दक्षिणी हरियाणा के वीरों की खान के नाम से प्रसिद्ध अहीरवाल क्षेत्र जो अपनी पराक्रम वीरता और देशभक्ति के लिए प्रसिद्ध रहा है इसी क्षेत्र के वीर यादव नौजवानों ने 18 नवंबर 1962 को चुशूल घाटी की रेजांगला पोस्ट पर मेजर शैतान सिंह भाटी के नेतृत्व में भारत भूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया था लेकिन 1 इंच आगे नहीं बढ़ने दिया था।जब रात 3:30 बजे चुशूल घाटी यानी रेजांगला में भारतीय रणबांकुरे चीनी हमला का मुंहतोड़ जवाब देते हुए उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया था।यह लड़ाई शून्य से 35 डिग्री नीचे के तापमान में हमारे जवानों ने बिना बर्फ से बचने वाले ड्रेस के लड़े थे।उनके पास लड़ाई लड़ने के लिए पर्याप्त गोला-बारूद भी नहीं थे।फिर भी चीन को वीर अहीर सैनिकों ने घुटनों के बल झुकने को मजबूर कर दिया गया था। मालूम हो कि चीनी सेना आर्टिलरी सपोर्ट के साथ आगे बढ़ रही थी।इस लड़ाई को आखिरी आदमी आखिरी गोली आखरी सांस के नाम से भी याद किया जाता है।ऐसा इतिहास में दर्ज है 124 भारतीय सैनिकों ने 1700 चीनियों की लाश बिछा दी थी।यही एकमात्र इतिहास का युद्ध था जिसमें दुश्मन ने भी भारतीय सैनिकों की वीरता की तारीफ किया था।आज भी दुनिया के सैन्य अफसरों और सैनिकों को ट्रेनिंग के दौरान रेजांगला के बारे में पूरा पाठ पढ़ाया जाता है।भारत को इस युद्ध की कहानी शायद पता तक न चलता अगर मरते समय तेरहवीं बटालियन कुमायूं के अगुआ मेजर शैतान सिंह भाटी ने मानव कैप्टन रामचंद्र यादव को पूरी जानकारी देने के लिए सेना के मुख्यालय ना भेजा होता। ऐसा कहा जाता है कि 124 जवानों में 119 अहीर (यादव) थे। उस वक्त भारतीय सेना के रेसलर और नायक राम सिंह यादव राइफल की गोली समाप्त होने के बाद गोली वर्षा के बीच चीनी सैनिकों के बीच पहुंचकर उनसे भिड़ गए और वीरगति से पूर्व से कई चीनी सैनिकों का काम तमाम कर दिया था।चीनी सैनिकों ने हमारे वीर अहीर शेरों की लाशों को कम्बल से ढककर उनके सिर के साथ उनकी बन्दूक को खड़ा किया और एक कार्ड पर “बहादुर” लिख कर उनके सीने पर रख दिया और फिर रेडियो पीकिंग से खबर दी की चीन का सबसे ज्यादा नुक्सान रेजांगला में हुआ।

विश्व का सैन्य इतिहास यूं तो वीरता की कहानियों से भरा पड़ा है, परंतु रेजांगला की गौरवगाथा हर लिहाज से वीरता और शहादत की अनूठी दास्तां है।बिना किसी तैयारी के हरियाणा के अहीरवाल क्षेत्र के वीर जवानों ने 18 नवंबर 1962 को लद्दाख की दुर्गम बर्फीली चोटी पर सैन्य पराक्रम वीरता और शहादत का ऐसा इतिहास लिखा था,जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।चीन को आज भी वह हार कचोटते रहता है। वीर अहीर सैनिकों की बहादुरी दुनिया में अपनी तरह का एक अलग नजीर पेश करता है जहां मुट्ठी भर सैनिकों ने पूरी पलटन को पलट कर रख दिया था।यह भारत भूमि के वीरों के जज्बे का ही परिणाम था,कि चीन सीज फायर करने को मजबूर हो गया था।बेशक भारत को इस युद्ध में अधिकारिक रूप से जीत नसीब नहीं हुई, परंतु सामरिक दृष्टि से सर्वाधिक महत्वपूर्ण मानी जाने वाली रेजांगला पोस्ट पर  भारतीय जांबाज जवानों ने हजारों चीनी सैनिकों को मौत के नींद सुला कर भारत की अस्मिता की लाज रख ली थी।इस लड़ाई में तत्कालीन 13 कुमाऊं बटालियन के कुल 124 जवान शामिल थे, जिनमें से 114 शहीद हो गये थे।शहादत वीरता और पराक्रम की गाथा लिखने वालों में अधिकांश जवान अहीरवाल क्षेत्र के थे।

इस युद्ध की खास बात यह थी कि चीनी सैनिक जहां पहाड़ी क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों व बर्फीले मौसम से पूरी तरह अभ्यस्त थे, वहीं मैदानी क्षेत्रों से गये भारतीय सैनिकों के लिए परिस्थितियां पूरी तरह प्रतिकूल थी।उसी विषम परिस्थिति में 18 नवंबर को तड़के चार बजे युद्ध शुरू हो गया था।नजदीक की दूसरी पहाडि़यों पर मोर्चो संभाल रहे अन्य सैनिकों को रेजांगला पोस्ट पर चल रहे इस ऐतिहासिक युद्ध की जानकारी तक नहीं थी।

 लद्दाख की बर्फीली, दुर्गम व 18 हजार फुट ऊंची इस पोस्ट पर सूर्योदय से पूर्व हुए इस युद्ध में यहां के वीरों की वीरता देखकर चीनी सेना कांप उठी थी और उनके  पांव उखड़ गए थे। इस युद्ध में 124 में से कंपनी के 114 जवान शहीद हो गये,तब तक उन्होंने चीन के आगे बढ़ने के मंसूबों पर पानी फिर दिया था।

पीकिंग रेडियो ने भी तब केवल रेजांगला पोस्ट पर ही चीनी सेना की शिकस्त स्वीकार की थी।रेजांगला पोस्ट पर दिखाई वीरता का सम्मान करते हुए भारत सरकार ने कंपनी कंमाडर मेजर शैतान सिंह को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार पदक परमवीर चक्र से सम्मानित किया था।साथ ही इसी बटालियन के आठ अन्य जवानों को वीर चक्र, चार को सेना पदक व एक को मेंशन इन डिस्पेच से सम्मानित किया गया था।13 कुमायूं के सीओ को एवीएसएम से अलंकृत किया गया था।भारतीय सेना के इतिहास में किसी एक बटालियन के जवानों को एक साथ इतने सम्मान नहीं प्राप्त हुए हैं।

रेजांगला युद्घ में शहीद हुए सैनिकों में मेजर शैतान सिंह पीवीसी जोधपुर के भाटी राजपूत थे,जबकि नर्सिग सहायक धर्मपाल सिंह दहिया (वीर चक्र) सोनीपत के जाट परिवार से थे।वही कंपनी का सफाई कर्मचारी पंजाब का रहने वाला था,इनके अलावा शेष सभी जवान अहीर जाति के थे।इनमें से भी अधिकांश हरियाणा के रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़ व सीमा से सटे अलवर जिले के रहने वाले थे.।कहा तो ऐसा जाता है जब उनके पास गोलियां खत्म हो गई तो जवानों ने हथियारों का इस्तेमाल लाठियों के रूप में किया और रेजांगला पोस्ट पर दुश्मन का कब्जा होने नहीं दिया।रेजांगला के वीर अहीर सैनिकों के सम्मान में आज भी वहां स्मारक बना हुआ है जहां सभी सैनिकों के नाम संगमरमर पर खुदा हुआ है।देश के लोग आज भी रेजांगला के वीर सैनिकों को गर्व के साथ याद करते हैं।भारत हमेशा से शांति और भाईचारा में विश्वास करने वाला मुल्क रहा है लेकिन जब जब किसी ने ललकारा है उसे उसी की भाषा में जवाब देते आया है और देता रहेगा।

 

गोपेंद्र कुमार सिन्हा गौतम

सामाजिक और राजनीतिक चिंतक 

देवदत्तपुर दाउदनगर औरंगाबाद बिहार  95 07 34 1433

 

 

 

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