Tuesday, December 21, 2021

गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में छोटे साहबजादे जी की शहीदी पर्व को समर्पित उनकी मीठी याद में रक्तदान का शिविर लगाया

RAMPUR | वीर खालसा सेवा समिति के द्वारा आज गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में छोटे साहबजादे जी की शहीदी पर्व को समर्पित उनकी मीठी याद में रक्तदान का शिविर लगाया गया जिसमें 33 लोगों ने रक्तदान किया इस मौके पर मुख्य अतिथि समाजसेवी श्री विष्णु कपूर जी मौजूद रहे उन्होंने कहा रक्तदान महादान है इससे किसी की भी जान बचाई जा सकती है वीर खालसा सेवा समिति बधाई पात्र है जो समय-समय पर रक्तदान के




शिविर आयोजित करती है समिति के जिला अध्यक्ष अवतार सिंह ने कहा वीर खालसा सेवा समिति जरूरतमंदों के लिए बनी है रामपुर में खून के बगैर किसी की जान ना जाए यही हमारा प्रयास है जब भी ब्लड बैंक को हमारी जरूरत तभी रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है अवतार सिंह ने कहा रामपुर में खून की कमी नहीं होने देंगे रक्तदान के शीघ्र आगे भी आयोजित किए जाएंगे इस मौके पर बड़ी संख्या में लोगों ने रक्तदान किया इस मौके पर गुलशन अरोड़ा मनमीत सिंह सुखबीर सिंह सनी कपूर आया सिंह सेवा सिंह मनजीत सिंह जगजीत सिंह दलवीर सिंह चरणजीत सिंह सूरत सिंह सोनू दरबार सिंह अजीत सिंह दीपक अमृत पाल जुनेजा जी आदि मौजूद रहे

सहज राम दास की पुनः वापसी

दैनिक अयोध्या टाइम्स शुभ करन मौर्य सीतापुर


बताते चले की गामपंचायत कुरतहिया मे राम  जानकी मंदिर पर सहज राम दास बाबा की पुनः वापसी हुई है ये करीब डेढ वरष से मंदिर पर नही थे गाँव वाले काफी परेशान थे लेकिन ग्रामीणों का सपना साकार होता नजर आ रहा है क्यो की बाबा जी के नियम ,व बिचार धारा व मंदिर की पूजा सही समय से होती थी समान रुप व्यवहार लोगों को अच्छी नीति बताने की चेसठा की इस मौके पर मौजूद गामवासी क्षेत्र पंचायत सदस्य राम औतार बाबा सहज राम राम जानकी मंदिर के अन्य पुजारी गण आदि गामीण मौजूद रहे

डबल तहरीर से पुलिस व पत्रकार भ्रमित

पहली मारने पीटने की बात के साथ लूटपाट का अंजाम 

दूसरी में असलहों के दम पर लूटपाट व फायरिंग 

तहरीर में असलहों दम पर लूटपाट व फायरिंग, दूसरे कही मारने पीटने की बात के साथ लूटपाट का अंजाम

अयोध्या टाइम्स चन्द्र प्रकाश शुक्ला रानीपुर, बहराइच | जहाँ पुलिस के साथ पत्रकार लोगों की समस्या को गंभीरता से शाशन प्रशासन तक पहुंचाता है तो पुलिस भी कार्यवाही से पीछे नहीं हटती तो वही पीड़ित गुमराह कर अपना काम बनाने में लगा है, एक पुलिस को तो एक पत्रकार को एक ही मामले की दो तहरीर

मामला थाना रानीपुर के ग्राम पंचायत कलुवापुर का जहाँ बीती रात चोरों ने घर पर धावा बोल दिया था और 177000 नगदी उठा ले गए थे विरोध में पत्नी को मारा पीटा भी था जिसकी तहरीर पीड़ित ने थाना अध्यक्ष  रानीपुर को दिया थाना अध्यक्ष रानीपुर ने बताया की पहली तहरीर के आधार पे जांच कर रहे हैं चोरो की तलाश जारी है जल्द ही खुलासा होगा पर पीड़ित परिवार बार बार बयान बदल रहे हैं इस पर भी जांच कर रहे हैं पीड़ित का हर सम्भव मदद करेंगे|

हुमाना पीपुल टू पीपुल इंडिया के द्वारा कराया गया मेंहदी प्रतियोगिता

अयोध्या टाइम्स चन्द्र प्रकाश शुक्ला

 समाज सेवी संस्था हुमाना पीपुल टू पीपुल इंडिया जो कि ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों के शिक्षा पर अग्रणी कार्य कर रही है इसी के साथ ही साथ अन्य क्षेत्रों में भी अपना योगदान दे रही है, इसी के परिप्रेक्ष में आज दिनांक 21/ 12/ 2021 को प्राथमिक विद्यालय कुट्टी में कम्युनिटी इंगेजमेंट के अंतर्गत मेहंदी प्रतियोगिता के साथ ही साथ बच्चों के खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया यह कार्यक्रम हुमाना पीपुल टू पीपुल इंडिया के जिला समन्वयक श्री विकास कुमार माल वाल जी के कुशल निर्देशन में संपन्न हुआ और कार्यक्रम को सकुशल संपन्न कराने हेतु कदम एक्सेलरेटर श्री सत्येंद्र कुमार त्रिपाठी व हेमकांत जी ने अपना पूर्ण सहयोग  प्रदान किया इस कार्यक्रम में विद्यालय की प्रधानाध्यापिका दुर्गेश शर्मा जी वा सहायक अध्यापिका अर्चिता मिश्रा, निधि शुक्ला तथा शिक्षामित्र श्रीमती उर्मिला देवी एवं श्री सुरेश कुमार जी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण परिवेश की महिलाएं एकत्र हुई उनसे उनके बच्चों से संबंधित चर्चाएं की गई तथा बच्चों की शिक्षा कैसे सुधारी जाए इस मुद्दे पर भी बातचीत किया गया और


अंत में विद्यालय की प्रधानाध्यापिका श्रीमती दुर्गेश शर्मा जी ने सभी अभिभावकों को संबोधित किया और उनसे आग्रह किया कि बच्चों के शिक्षा के प्रति सचेत रहें यदि विद्यालय के भरोसे रहे तो बच्चों की शिक्षा पूरी तरीके से संचालित नहीं हो सकती इसमें अभिभावकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है, और अंत में कहा कि हुमाना परिवार को बहुत-बहुत धन्यवाद जिन्होंने ग्रामीण परिवेश में शिक्षा की ऐसी ज्योति जलाई है।

Thursday, December 2, 2021

नीति आयोग ने विवाद से बचने, रोकथाम और ऑनलाइन समाधान के लिए रिपोर्ट जारी की - न्याय तक त्वरित पहुंच के लिए ऑनलाइन विवाद समाधान पर जोर दिया

पंच निर्णय, सुलह, मध्यस्थता और ऑनलाइन विवाद समाधान, आपसी सहमति से विवाद निपटाने शीघ्र न्याय पाने का सशक्त माध्यम - एड किशन भावनानी

 कोविड-19 महामारी ने वैश्विक रूप से हर क्षेत्र को बुरी तरह से प्रभावित किया जिसमें न्यायपालिका क्षेत्र भी शामिल है। 2020 में महामारी की भयंकर त्रासदी में उच्चतम न्यायपालिका द्वारा अंतिम तारीखों में अगले आदेश तक रोक, अनेक दिशानिर्देश, आदेश, जनहित, लोकहित व महामारी के प्रभाव से बचने के लिए न्यायालय में केवल अर्जेंट मैटर तक ही सीमित किए थे और अपनी जिम्मेदारी का खूबसूरती के साथ निर्वहन किया जो काबिले तारीफ है। साथियों परंतु इस अवधि में निचली कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक हजारों, लाखों मामलों पर कार्यवाही के स्थगन से माननीय न्यायपालिका के ऊपर बोझ बढ़ा। हालांकि अभी पूरी क्षमतासे न्यायपालिका अपने कार्यों का निर्वहन कर रहे हैं परंतु पुराने व नए मामलों का बैलेंस तो रहेगा ही। अतः हम जनता का भी फ़र्ज बनता है कि अनेक ऐसे मामले होते हैं जो हम आपस में ही निपटा सकते हैं या फिर एडीआर यानेने पंचनिर्णय, सुलह और मध्यस्थता, विवाद समाधान कानून के तहत या फिर ओडीआर याने ऑनलाइन विवाद समाधान की ओर ले जा सकते हैं। यह ध्यान देने योग्य बात है कि कोरोना महामारी के पीक अवधि में न्यायालयीन कार्य पूर्ण रूप से ऑनलाइन लेवल पर ही चल रहे थे, जिसका बहुत गहरा अनुभव न्यायपालिका से जुड़े हर व्यक्ति को भी हो गया है। साथियों बात अगर हम नीति आयोग की करें तो आयोग ने 2020 में कोविड-19 संकट के दौरान ऑनलाइन विवाद समाधान (ओडीआर) पर रिपोर्ट देने के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश माननीय ए के सीकरी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। उस समिति ने अपनी रिपोर्ट डिजाइनिंग द फ्यूचर ऑफ डिसप्यूट रिजॉल्युशनः द ओडीआर पॉलिसी प्लान फॉर इंडिया, याने विवाद समाधान का भविष्यकालीन ढांचा - भारत के लिए ऑनलाइन विवाद समाधान नीति योजना रिपोर्ट, नीति आयोग को सौंपी दी है। साथियों बात अगर हम नीति आयोग की दिनांक 29 नवंबर 2021 को जारी पीआईबी की करें तो नीति आयोग ने उपरोक्त रिपोर्ट जारी कर दी है रिपोर्ट में उल्लिखित सिफारिशों के लागू होने से भारत को तकनीक के इस्तेमाल से और हर व्यक्ति के लिए न्याय की प्रभावी पहुंच के लिए ऑनलाइन विवाद समाधान (ओडीआर) के माध्यम से नवाचार में भारत को वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने में सहायता मिल सकती है। रिपोर्ट भारत में ओडीआर फ्रेमवर्क को अपनाने से जुड़ी चुनौतियों से पार पाने के लिए तीन स्तरीय उपायों की सिफारिश करती है। ढांचागत स्तर पर यह डिजिटल साक्षरता, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार और ओडीआर सेवाओं के वितरण के लिए पेशेवरों को तटस्थ रूप में प्रशिक्षित करने की दिशा में काम करने का सुझाव देती है। व्यवहारगत स्तर पर, रिपोर्ट सरकारी विभागों और मंत्रालयों से जुड़े विवादों के समाधान के लिए ओडीआर को अपनाने की सिफारिश करती है। नियामकीय स्तर पर, रिपोर्ट ओडीआर प्लेटफॉर्म और सेवाओं के विनियमन के लिए नरम रुख अपनाने की सिफारिश करती है। इसमें इकोसिस्टम में विकास को प्रोत्साहन और नवाचारों को बढ़ावा देते हुए स्व-विनियमन के उद्देश्य से ओडीआर सेवा प्रदाताओं को मार्गदर्शन के लिए डिजाइन और नैतिक सिद्धांतों का निर्धारण शामिल हैं।रिपोर्ट कानूनों में जरूरी संशोधन करके ओडीआर के लिए मौजूदा विधायी ढांचे को मजबूत बनाने पर भी जोर देती है। रिपोर्ट भारत मेंओडीआर के लिए चरणबद्ध कार्यान्वयन के फ्रेमवर्क की पेशकश करती है। हमें ओडीआर की क्यों जरूरत है ? कोविड-19 महामारी के चलते समाज का एक बड़ा तबका समय से न्याय हासिल करने में नाकाम रहा है। महामारी के चलते पहले से लंबी अदालती प्रक्रियाओं पर और अधिक बोझ बढ़ाने वाले विवादों की बाढ़ आ गई है। भारत सरकार के प्रमुख नीतिगत थिंकटैंक के रूप में, नीति आयोग ने उन लोगों को किफायती, प्रभावी और समयबद्ध न्याय दिलाने में सहायता के उद्देश्य से प्रौद्योगिकी और नवाचार का उपयोग करने के लिए एक परिवर्तनकारी पहल की, जिनको इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। ओडीआर में अदालत के बोझ को कम करने में सहायता करने और मामलों की विभिन्न श्रेणियों के कुशलतापूर्वक समाधान की पूरी क्षमता है। इसे ई-लोकअदालत के माध्यम से अदालत से जुड़े वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) केंद्रों में तकनीक के एकीकरण के माध्यम से न्यायपालिका को समर्थन देने के लिए एकीकृत भी किया जा सकता है और इसे आंतरिक विवादों के लिए सरकारी विभागों के भीतर भी पेश किया जाना चाहिए।नीति आयोग द्वारा तमाम हितधारकों के साथ मिलकर 20 हितधारक परामर्श और संस्थागत व व्यक्तिगत स्तर पर लगभग 100 संवादों सहित व्यापक चर्चा कराई गई। विचार-विमर्श के दौरान जनता से भी राय मांगी गई थी। हर अदालत के सामने आने वाले विविध मुकदमों में, बेहद मौलिक और बहुत छोटे नहीं, बल्कि महत्वपूर्ण विवादों का समूह होता है, जिन्हें अदालत के सामने नहीं आना चाहिए। मोटर दुर्घटना दावे, चेक बाउंस के मामले, व्यक्तिगत आघात के दावे जैसे मामले और ऐसे मामले जो निपटारे के लिए ओडीआर के पास जा सकते हैं, इनमें शामिल हैं। नीति आयोग की ओडीआर पहल सराहनीय है और मसौदा रिपोर्ट को सावधानीपूर्वक संकलित कर लिया गया है। यह विवाद समाधान और तकनीक के बीच इंटरफेस व भारत में इसके लिए संभावनाओं का अनूठा विश्लेषण है। ओडीआर क्या है ? ओडीआर डिजिटल प्रौद्योगिकी और पंच निर्णय, सुलह व मध्यस्थता जैसे एडीआर के उपायों के इस्तेमाल से विशेष रूप से लघु और मध्यम मूल्य के मामलों से जुड़े विवादों का समाधान है। यह पारम्परिक अदालती व्यवस्था के बाहर विवाद से बचने, रोकथाम और संकल्प के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की प्रक्रिया का उल्लेख करती है।विवाद समाधान के माध्यम के रूप में यह सार्वजनिक अदालती व्यवस्था के विस्तार और उससे इतर दोनों के तौर पर प्रदान किया जा सकता है। दुनिया भर में, विवाद समाधान की क्षमता विशेष रूप से प्रौद्योगिकी के माध्यम से पहचानी जा रही है। ओडीआर को कोविड-19 के कारण पैदा बाधाओं से निपटने के लिए सरकार, व्यवसायों और यहां तक ​​कि न्यायिक प्रक्रियाओं को प्रोत्साहन मिला है। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि रिपोर्ट में न्याय तक त्वरित पहुंच के लिए ऑनलाइन विवाद समाधान पर जोर दिया गया है तथा पंचनिर्णय, सुलह, मध्यस्थता, वैकल्पिक विवाद समाधान और ऑनलाइन विवाद समाधान, आपसी सहमति से विवाद निपटाने, शीघ्र न्याय पाने का सशक्त माध्यम है जिसे जनता ने अपनाना चाहिए। 

कयामत

उस रोज़  कयामत  दबें पांव मेरे घर  तक  आई  थी।

इंसान  का मानता  हूँ.....
कोई वजूद  नहीं।
उस रब  ने साथ  मिलकर  मेरी हस्ती  मिटाई  थी।

उस रोज़  कयामत  दबें पांव मेरे घर  तक  आई  थी।
शगुन -अपशगुण  की,
कोई बात  ना आई  थी।
समझ  ही ना पाया,
किसने नज़र  लगाई।
किसने नज़र  चुराई  थी।

उस रोज़  कयामत  दबें पांव मेरे घर  तक  आई  थी।
ना दुआओं ने असर  दिखाया।
ना ज्योतिषी कोई गिन पाया।
ना हवन - पूजन काम  आया।
ना मन्नत का कोई  धागा किस्मत बदल  पाया।

उस रोज़  कयामत  दबें पांव मेरे घर  तक  आई  थी।
सजदे  में जिसके हम  थे।
लगता  था .....नहीं कोई गम  थे।
उसने भी  हाथ  छोड़ा।
विश्वास  ऐसा तोड़ा।
जिंदगी ने,मार कर   फिर से जिन्दा छोड़ा।

उस रोज़  कयामत  दबें पांव मेरे घर  तक  आई  थी।
मै समझा  नहीं.....  क्योकि
अनगिनत विश्वाशों....  ने आँखों पर 
एक गहरी  परत  चढ़ाई  थी।
रब  है....... कहाँ!!!!!!!
कहाँ.......उसकी सुनवाई  थी।

स्वरचित रचना
 प्रीति शर्मा "असीम"
 नालागढ़,हिमाचल प्रदेश

बहादुर बच्चे

रवि और शनि अच्छे दोस्त थे और एक दूसरे के पड़ोसी भी थे। दोनों में काफी गहरी मित्रता थी इसलिए उनके माता - पिता ने दोनों का एक ही स्कूल में दाखिला कर दिया। दोंनो साथ-साथ स्कूल जाते थे। दोनों का अधिकतर समय साथ में ही बीतता था।

एक दिन जब छुट्टी के बाद दोनों घर लौट रहे थे तो उन्होंने देखा कि एक वृद्ध आदमी को एक गाड़ी वाले ने टक्कर मार दी जिससे उसके सिर में चोट आ गयी और खून बहने लगा। गाड़ी वाले ने उस वृद्ध को अस्पताल पहुँचाने के बजाय झट से गाड़ी बढ़ाकर जाने लगा। रवि ने बड़ी चालाकी से तुरन्त गाड़ी का नंबर नोट कर लिया। और दोनों बिना समय गवाए उस वृद्ध की मदद के लिए दौड़ पड़े।

शनि ने अपने बैग से पानी की बोतल निकालकर उन्हें पानी पिलाया। रवि ने अपना रुमाल निकालकर उनके सिर में बाँधा जिससे ज्यादा खून न बहने पाए। उसके बाद उन्हें सहारा देकर उठाया और एक पेड़ की छाया के नीचे बैठाया।

रवि और शनि ने देखा कि अभी तक कोई भी उनकी मदद के लिए नहीं आया। रवि ने शनि से कहा - तुम इनके पास रहो। तब तक मैं किसी से मोबाइल माँगता हूँ। 

रवि वहीं पास में रखी एक पैन गुमटी के पास गया और पान वाले अंकल से बोला- अंकल जी एक कॉल कर दीजिए प्लीज़।

पान वाले अंकल ने कहा- बेटा, मेरे पास मोबाइल तो है लेकिन मैं पढ़ा-लिखा नही हूँ इसीलिए किसी का फ़ोन आता है तो ये हरा बटन दबाकर उठा लेता हूँ और लाल बटन दबाकर काट देता हूँ लेकिन किसी को फ़ोन नहीं कर पाता।
रवि ने कहा- कोई बात नहीं अंकल जी , आप मुझे फ़ोन दे दीजिए मैं कॉल करना जनता हूँ।

रवि ने फ़ोन लिया और 102 नंबर डायल करके एम्बुलेंस को बुलाया। उसके बाद 112 नंबर डायल करके पुलिस को घटना की सारी जानकारी दी और उस गाड़ी का नंबर भी बताया जिसने टक्कर मारी थी। 

थोड़ी देर में ही एम्बुलेंस आ गयी। उन्होंने उन वृद्ध को एम्बुलेंस में बैठाया । और ड्राइवर से कहा- अंकल जी आप इन्हें अस्पताल ले जाइए, हमने पुलिस को फ़ोन कर दिया है, वो लोग आते ही होंगे। आप देर करेंगे तो दादाजी की हालत और न बिगड़ जाए।

इतना कहकर दोनों ने उन वृद्ध से कहा- दादाजी अब आप ठीक हो जाएंगे। अभी आप इन लोगो के साथ अस्पताल जाइये, हम लोगों को काफी देर हो गयी है और देर होगी तो घर वाले परेशान होंगे। हम लोग कल अपने मम्मी पापा को लेकर अस्पताल आएंगे।
इतना कहकर वो दोनों घर आ गए और अपने मम्मी पापा को सारी बात बताई। रवि के दादाजी ने रवि के पापा से कहा - बेटा कल तुम जल्दी आ जाना और इन दोनों को अस्पताल लिवा ले जाना और साथ में हम भी चलेंगे।

अगले दिन जब रवि और शनि स्कूल गए तो सुबह प्रार्थना कर बाद बताया गया कि आज प्रधानाचार्य जी छुट्टी पर है और महीने का अंतिम दिन होने के कारण आज हाफ डे हो जाएगा।

रवि और शनि ये सुनकर काफी खुश हुए। क्योंकि अब वो अस्पताल में दादाजी से मिल भी आएंगे और समय से अपना होमवर्क भी कर लेंगे। छुट्टी के बाद दोनों घर गए और कपड़े बदले और खाना खाएं। फिर अपने पापा और दादाजी के साथ दोनो अस्पताल गए।

अस्पताल पहुँचने के बाद देखा कि उनके प्रधानाचार्य जी इमरजेंसी के बाहर बैठे हुए हैं। रवि के पापा उनके पास गए और पूछा- सर आप यहाँ कैसे? प्रधानाचार्य ने बताया कि उनके पिताजी यहाँ भर्ती हैं। और आपका कैसे आना हुआ। बच्चे भी साथ आये हैं कोई बीमार है क्या?

रवि के पापा कुछ बोल पाते कि वो एम्बुलेंस वाला ड्राइवर वहाँ आया और प्रधानाचार्य जी से बोला-सर! ये वही बच्चे हैं जिन्होंने आपके पिताजी की कल मदद की थी।

इतना सुनते ही रवि और शनि एकदम से चौंक गए। प्रधानाचार्य जी भी उन दोनों के अच्छे संस्कार और बहादुरी से बहुत खुश हुए। रवि और शनि काफी देर तक अस्पताल में रहे। दादाजी से बातें भी की और शाम को घर वापस आ गए।

अगले कुछ दिनों बाद 14 नवंबर को स्कूल में बाल दिवस मनाया जाना था। इस दिन पंडित नेहरू का जन्म हुआ था। रवि और शनि भी स्कूल गए। सब बच्चे काफी खुश थे। सबसे पहले हिंदी वाले सर ने मां सरस्वती जी और फिर पंडित नेहरू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उसके बाद प्रधानाचार्य जी को मंच पर कुछ शब्द कहने के लिए आमंत्रित किया।

प्रधानाचार्य जी ने पहले कुछ बातें पंडित नेहरू के बारे में बच्चों को बताई। उसके बाद रवि और शनि की बहादुरी वाली बातें भी सबको बतायीं की रवि और शनि ने कितने सूझ बूझ के साथ उनके पिताजी की मदद की थी। उनकी बहादुरी की बातें सुनकर सभी बच्चो ने तालियां बजायीं।

प्रधानाचार्य जी ने दोनों को मंच पर बुलाकर पुरस्कार दिए। और जीवन मे हमेशा खुश रहने और तरक्की करने का आशीर्वाद भी दिया। रवि और शनि भी बहुत खुश थे।


नाम–अरुण यादव
पता–हमीरपुर उत्तर प्रदेश 210501

Monday, November 29, 2021

राष्ट्रीय बहुआयामी निर्धनता सूचकांक - मानव विकास, भूख, प्रतिस्पर्धात्मकता, मानव पूंजी, नवाचार सहित 29 वैश्विक सूचकांकों में देश के निष्पादन पर नज़र रखी जा रही है

वैश्विक मान्यता प्राप्त सूचकांको के आधार को औजार बनाकर रणनीतिक रोडमैप बनाकर परिणामों में सुधार के लिए सूचकांक के निगरानी तंत्र का लाभ उठाना ज़रूरी - एड किशन भावनानी

गोंदिया - भारत में दशकों से हम मीडिया के माध्यम से पढ़ व सुन रहे हैं कि गरीबी रेखा के नीचे, गरीबी रेखा के ऊपर, रंगराजन कमेटी की रिपोर्ट, तेंदुलकर कमेटी की रिपोर्ट, दांडेकर समिति की रिपोर्ट, अर्जुन सेनगुप्ता कमेटी का गठन गरीबी का पैमाना नापने का आधार, सबका अपना-अपना पैमाना परंतु साथियों आज भी वही चल रहा है कौन गरीबी रेखा के नीचे है, और कौन ऊपर। सन 2012 में जारी योजना आयोग के साल 2009-2010 के गरीबी आंकड़े कहते हैं कि पिछले पांच साल के दौरान देश में गरीबी 37.2 फीसदी से घटकर 29.8 फीसदी पर आ गई है। यानि अब शहर में 28 रुपए 65 पैसे प्रतिदिन और गांवों में 22 रुपये 42 पैसे खर्च करने वाले को गरीब नहीं कहा जा सकता।नए फार्मूले के अनुसार शहरों में महीने में 859 रुपए 60 पैसे और ग्रामीण क्षेत्रों में 672 रुपए 80 पैसे से अधिक खर्च करने वाला व्यक्ति गरीब नहीं है। साथियों बात अगर हम गरीबी की करें तो, गरीब कौन ? गरीबी रेखा क्या है? गरीब,गरीबी और गरीबी रेखा आय-व्यय, कैलौरी मात्र, कुपोषण अर्द्ध-भुखमरी व भूख से मौतों जैसे मुद्दोंपर सरकार, योजनाकारों व जनता के बीच कई दशकों से देश में बहस चल रही है। हाल ही में गरीबी रेखा पर हुई बहस में योजनाकारों द्द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में 26 रूपये तथा शहरी क्षेत्रों में 32 रुपये प्रति व्यक्ति प्रतिदिन आय से कम प्राप्त करने वालों को गरीबी रेखा के नीचे या बी. पी. एल. माना गया जिसे सभी वर्गों ने एकमत से नकार दिया तथा इस सम्बन्ध में सुझाव देने हेतु सरकार दवारा नई समिति का गठन किया गया। गरीबी बहस का विषय नहीं है, सोचने समझने और महसूस करने तथा उसे हर संभव तरीके से निपटने का विषय है। गरीबी रेखा के निर्धारण में रात-दिन कवायद चल रही है। सभी समितियों के निष्कर्ष भिन्न-भिन्न व विरोधाभासी होने के कारण किसी ठोस निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका है। साथियों बात अगर हम नीति आयोग की इस रिपोर्ट की करें तो उसके अनुसार 12 इंडिकेटर के आधार पर तय होते हैं राज्यों की रैंकिंग। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और नीति आयोग की पीआईबी के अनुसार, नीति आयोग द्वारा जारी सूचकांक के अनुसार, बिहार की 51.91 प्रतिशत जनसंख्या गरीब है जबकि झारखंड में 42.16 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 37.79 प्रतिशत आबादी गरीबी में रह रही है। सूचकांक में मध्य प्रदेश (36.65 प्रतिशत) चौथे स्थान पर है, जबकि मेघालय (32.67 प्रतिशत) पांचवें स्थान पर है। केरल (0.71 प्रतिशत), गोवा (3.76 प्रतिशत), सिक्किम (3.82 प्रतिशत), तमिलनाडु (4.89 प्रतिशत) और पंजाब (5.59 प्रतिशत) पूरे देश में सबसे कम गरीब लोग वाले राज्य हैं और सूचकांक में सबसे नीचे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत का राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनीशिएटिव (ओपीएचआई) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा विकसित विश्व स्तर पर स्वीकृत और मजबूत पद्धति का उपयोग कर तैयार किया जाता है। बहुआयामी गरीबी सूचकांक में मुख्य रूप से परिवारकी आर्थिक हालात और अभाव की स्थिति को आंका जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है, भारत के एमपीआई में तीन समान आयामों-स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर का मूल्यांकन किया जाता है। इसका आकलन पोषण,बाल औरकिशोर मृत्यु दर, प्रसवपूर्व देखभाल, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, खाना पकाने के ईंधन, स्वच्छता, पीने के पानी, बिजली, आवास, संपत्ति तथा बैंक खाते जैसे 12 संकेतकों के जरिये किया जाता है। साथियों बात अगर हम नीति आयोग द्वारा दिनांक 27 नवंबर 2021को जारी राष्ट्रीय बहुआयामी निर्धनता सूचकांक पर व्याख्यात्मक नोट की करें तो पीआईबी के अनुसार, कैबिनेट सचिव की सुधार एवं विकास हेतु वैश्विक सूचकांक पहल के तहत, मानव विकास सूचकांक, वैश्विक भूख सूचकांक, वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक, मानव पूंजी सूचकांक, वैश्विक नवाचार सूचकांक सहित 29 वैश्विक सूचकांकों में देश के निष्पादन पर नज़र रखी जा रही है। इस कार्य का लक्ष्य महत्वपूर्ण सामाजिक, आर्थिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सूचकांकों के निगरानी तंत्र का लाभ उठाना है, ताकि परिणामों में सुधार लाने के लिए इन सूचकांकों को औजार के रूप में इस्तेम…

Sunday, November 28, 2021

श्रीमद्भागवत गीता का कथा कहते हुए रवि कुमार भार्गव ने कहा कि"काम,क्रोध,लोभ, यही मनुष्य जीवन को पतन की ओर ले जाता है

(रवि कुमार भार्गव अयोध्या टाइम्स सिरहाकोठी पूर्वीचंपारण)


आज सप्ताहिक श्रीमद्भागवत गीता कथा कार्यक्रम में रवि कुमार भार्गव ने कहा कि काम क्रोध और लोभ ये तीनों मनुष्य का पतन करने वाले हैं।जिनका उद्देश्य भोग भोगना और संग्रह करना होता है,वे लोग अपनी सोंच समझ के अनुसार अपनी उन्नति करने के लिए इन तीनों दोषों को हितकारी मान लेते हैं।उनका यही भाव रहता है कि हम लोग काम आदि से सुख पायेंगे,आराम से रहेंगे,खूब भोग भोगेंगे,यही भाव उनकी मनुष्य जीवन का पतन कर देता है।

ये काम क्रोध आदि नरको के दरवाजे हैं, इसलिए मनुष्य इनका त्याग कर दें।भोग भोगना"काम"है,दूसरे को रिस्ते की जाल में,प्रेम की जाल में,कोई काम की लालच देकर धन संग्रह करना, "लोभ" है,किसी असहाय की स्त्री जमीन पर कब्जा करना साक्षात मृत्यु के गाल में समाने की कदम है,आप जानते हैं कि इन तीनों मे बाधा आने पर लिप्त ब्यक्ति को बाधा उत्पन्न करने वाले ब्यक्ति पर क्रोध आ जाता है।ये तीनों ही आसुरी सम्पत्ति के मूल रूप हैं, मनुष्य सभी तरह के पाप इन तीनों के वशीभूत होकर ही करता है, इसलिए हम दैवी शक्ति सम्पत्ति वाले मनुष्य को अपने अन्दर इन तीनों काम क्रोध लोभ को नही आने देनी चाहिए।

मुजफ्फरपुर में नवनिर्वाचित मुखिया पर फायरिंग,

    बाल-बाल बचीं:जीत का सर्टिफिकेट लेकर पति के साथ लौट रही थीं, अपराधी बोला- तुमको मुखियायिन नहीं रहने देंगे।

(रवि कुमार भार्गव ब्यूरो चीफ अयोध्या टाइम्स बिहार) मुजफ्फर


पुर में पंचायत चुनाव की गिनती खत्म होने के बाद शुक्रवार देर रात नवनिर्वाचित मुखिया पर बदमाशों ने हमला कर दिया। इसमें वह बाल-बाल बच गईं। घटना गायघाट थाना क्षेत्र के मकरंदपुर गांव की है। यहां लक्ष्मणनगर पंचायत की नवनिर्वाचित मुखिया अनामिका देवी और उनके पति अशोक कुमार पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। वे दोनों जीत का सर्टिफिकेट लेकर कार से अपने घर की ओर जा रहे थे। तभी उन पर हमला हुआ। फायरिंग करने वाले अपराधियों ने कार के सामने से गोली चलाई है। इसमें गोली गाड़ी का शीशा भेदते हुए सीट में लगी है। मौके से 2 खोखा बरामद किया गया है। घटना के संबंध में गायघाट पुलिस का कहना है, 'मामले की छानबीन की जा रही है।' मुखिया पति अशोक कुमार ने गायघाट थाना में एप आई आर दर्ज कराने के लिए लिखित शिकायत की है। इसमें उन्होंने दो लोगों को नामजद किया है। शिकायत में उन्होंने बताया है, 'गायघाट इलाके के लक्ष्मण नगर के रहने वाले हैं। पत्नी अनामिका देवी मुखिया पद की उम्मीदवार थी। शुक्रवार को मुखिया पद के लिए निर्वाचित हुई है। जिसका प्रमाण पत्र मतगणना स्थल से लेकर हम लोग लौट रहे थे। इस बीच मकरंदपुर स्थित अपने समर्थक विकास सिंह से मिलने के लिए रुक गए। वहां से देर रात करीब 11 बजे निकले। इस बीच बदमाशों ने गाड़ी पर फायरिंग कर दी। इसमें दोनों बाल-बाल बच गए। गोली कार के शीशा को भेदते हुए सीट में लगी। बदमाशों ने धमकाया कि तुमको मुखियायिन नहीं रहने देंगे, तुम्हें जान से मार देंगे।' इधर, विकास ने भी आरोपी पक्ष पर फायरिंग करने की बात कही है। उसने कहा, 'दोनों के ऊपर 10 राउंड फायरिंग की गई है। गोली कार पर लगी है।'

सीतामढ़ी में लड़कियों की खरीद-फरोख्त का गंदा खेल, युवती ने क‍िया पर्दाफाश, तीन दलाल ग‍िरफ्तार

(रवि कुमार भार्गव ब्यूरो चीफ अयोध्या टाइम्स बिहार) सीतामढ़ी ज‍िले देह व्‍यापार के लिए रेडलाइट एरिया में युवती को जिंदा जलाने का प्रयास ग्राहकों के पास जाने से मना करने पर द‍िया घटना को अंजाम जान बचाकर भागी पीड़िता पहुंची नगर थाने पुलिस को सुनाई आपबीती एसपी के आदेश पर छापेमारी।


सीतामढ़ी में लड़कियों की खरीद-फरोख्त का 'गंदा खेल' अर्से से चल रहा है। पुलिस ने फिर एकबार छापेमारी कर बदनाम गली से दो युवियों को दलालों के चंगुल से मुक्त कराया। एक महिला समेत तीन दलालों को गिरफ्तार भी किया गया है। इससे पहले जुलाई महीने में ही कई थानों की पुलिस ने छापेमारी की थी जिसमें कई लोग पकड़ाए भी थे और दलालों के चंगुल से लड़कियां भी मुक्त हो पाई थीं। इस दलदल में जबरन ढकेली गई एक युवती ने हिम्मत दिखाई तो पुलिस ने छापेमारी कर उसको मुक्त कराया। युवती ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस से शिकायत भी की जिसके बाद उनको गिरफ्तार किया गया। शनिवार शाम पीड़ित युवती रेड लाइट एरिया से भागकर नगर थाना पहुंच गई। वह जख्मी हालत में थी। एसपी हर किशोर राय के आदेश पर तुरंत छापेमारी की गई जिसमें रेड लाइट एरिया से एक महिला चांदनी खतून, मो. बादल व मो. असगर को गिरफ्तार कर थाने लाया गया। देर शाम तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। जख्मी युवती काे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। ऐसे लड़क‍ि‍या फांसते हैं जालसाज  युवती ने बताया कि कुछ दिन पूर्व दलालों के एक गिरोह ने उसे अपनी जाल मे फांस कर रेड लाइट एरिया में ढकेल दिया। हफ्ते भर से उसे देह व्‍यापार के लिए दबाव डाला जा रहा था। इनकार करने पर उसके जिस्म के कई हिस्सों पर लोहे की रॉड को गर्म कर दागा दिया गया। उसके बाद भी वह तैयार नहीं हुई तो जिस्म के सौदागरों ने उसकी जान लेने की कोशिश की। बेरहमी से पिटाई की और शरीर में आग लगा दी। युवती ने फिर भी हिम्मत नहीं हारी और किसी तरह वह रेड लाइट एरिया से भाग निकली। नगर थाना पुलिस को उसने आपबीती सुनाई। पुलिस ने बिना विलंब एसपी को इतला किया। एसपी के आदेश पर टाऊन सर्किल इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह, नगर थानाध्यक्ष विकास कुमार राय, महिला थाना प्रभारी रेखाकुमारी, पीएसआई रश्मि कुमारी, एसआई ओम प्रकाश, एएसआई रामवती भगत, रामाशीष पासवान के आलवा बड़ी संख्या में महिला व पुरुष पुलिस बल को वहां छापेमारी के लिए भेजा गया।

रा.मध्य विद्यालय करमवा के स्थानीय शिक्षक विद्यालय को अपना जागीर समझते हैं,अधिकारी द्वारा नही होता है कार्यवाही।

कुंदन मिश्रा का रिपोर्ट। सुगौली पु.च.


सुगौली प्रखण्ड के विद्यालयों में शिक्षा और शिक्षक नाम की कोई चीज नही है।स्कूल समय मे बच्चे स्कूल में ही पत्ती, तास खेलते नजर आ रहे हैं।ऐसा ही एक मामला राजकीय मध्य विद्यालय करमवा का है,इस विद्यालय के सभी शिक्षक स्थानीय है और दबंग भी,जिससे विद्यालय का बद से बत्तर स्थिति है।बच्चों का भविष्य अंधकारमय होते जा रहा है।विद्यालय के सभी सरकारी योजनाओं में बन्दर बाट किया जाता है।विद्यालय के सभी शिक्षक स्थानीय होते हुए भी समय से नही आते है।वही प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी का कहना है कि विद्यालय खुलने का समय 9:00 बजे है लेकिन 11:00 बजे तक शिक्षक विद्यालय में ही नही आता है,और विद्यालय के समय बच्चे विद्यालय कम्पाउंड में ही तास, पत्ती खेलते हैं।कभी कभी तो हद तब हो जाता है जब शिक्षक और प्रधानध्यापक खुद से विद्यालय बन्द कर छुट्टी मना लेते है।विद्यालय में ना ही साफ पानी का व्यवस्था है और ना ही शौचालय का।स्थानीय लोगो का कहना है कि विद्यालय का स्थिति बहुत ही खराब है,ना ही समय से पढ़ाई होती है,ना ही समय से शिक्षक आते है,स्थानीय शिक्षक का दबंगई बरकरार है विद्यालय में।मिडे मिल का चावल भी समय से नही दिया जाता है और विद्यालय से गायब हो जाता है,पता नही उस चावल को आसमान निगल लेता है या धरती।शिक्षक व प्रधानध्यापक का कहना है कि हमरा कुछ नही होगा।वही जब रिपोर्टरों के द्वारा स्थानीय प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी से बात किया गया तो उनका कहना है कि जाँच किया जाएगा और कारवाई होगी।

Saturday, November 27, 2021

किन्नर समाज ने गोद ली बेटी का धूमधाम से किया विवाह

अजय मौर्या ब्यूरो चीफ अयोध्या


अयोध्या। मां सीता के जन्म स्थल में जन्मी और भगवान राम की जन्म स्थली को अपना कर्म स्थल बनाने वाले किन्नर ने जिस अनोखी परंपरा की शुरुआत की वह आज भी कायम है। इस अनोखी परंपरा के जरिए समाज में किन्नरों के प्रति आदर का भाव बढ़ रहा है। दरअसल हम बात कर रहे हैं समाज सेवा के जरिए सत्ता के गलियारों तक कदम रखने वाली किन्नर गुलशन बिंदु की जिनकी मृत्यु के बाद उनके शिष्य सामाजिक कार्यों को गति दे रहे हैं। गरीबों को संबल प्रदान करना और असहाय बच्चों को शिक्षा, विवाह समेत कई सामाजिक कार्य गुलशन बिंदु के किन्नर शिष्यों ओर से आज भी किए जा रहे हैं.रामनगरी अयोध्या का किन्नर समाज गरीब असहाय और अनाथ बच्चों को सहायता करने में पीछे नहीं है। सीतामढ़ी में जन्मी किन्नर समाजसेवी गुलशन बिंदु ने जो जिस परंपरा की शुरुआत की उसे उनके शिष्य आज भी महत्व दे रहे हैं। गुलशन बिंदु आज हमारे बीच में नहीं है लेकिन उन्होंने आमतौर पर ही दृष्टि से देखे जाने वाले किन्नर समाज को अपनी सामाजिक कार्यों के जरिए जो सीख दी उसका पालन कर किन्नर समाज के लोग अन्य समाज में अपने प्रति आदर की भावना उत्पन्न कर रहे हैं। गुलशन बिंदु असहाय बच्चों के लिए यतीमखाना चलाती थीं। उन्होंने 250 से अधिक गरीब लड़कियों की शादी करवाई। गुलशन बिंदु के इसी कार्य को अब उनके शिष्य पिंकी किन्नर, राखी किन्नर समेत करीब 18 से 20 शिष्य आगे बढ़ा रहे हैं।  वही पिंकी मिश्र किन्नर समाज से हैं। अयोध्या में रहती हैं और किन्नर गुलशन बिंदु को अपना गुरु मानती हैं। लिहाजा पिंकी भी अब समाजसेवी गुलशन बिंदु के रास्ते पर चल पड़ी हैं। वह कहती हैं कि मैं अपने गुरु कितना समाज सेवा तो नहीं कर सकती लेकिन मुझसे जितना हो सकता है उतना मैं समाज के लिए करने के में तत्पर हूं। पिंकी मिश्रा ने बताया कि उन्होंने अपने संरक्षण में पांच बेटियां और दो बेटों को रखा है। एक बेटी की शादी हो रही है। बाकी चार बेटियां और एक बेटा पढ़ रहा है। एक बेटा अभी छोटा है। किन्नर पिंकी मिश्रा ने कहा कि हमें समाज के प्रति सम्मान की भावना रखनी चाहिए। सामाजिक कार्यों से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। पता नहीं कि कर्मों का फल हम किन्नर समाज में जन्म लेकर भुगत रहे हैं ऐसे में हमें अपना जीवन सुधारने के लिए नेक कर्म करने चाहिए। पिंकी ने किन्नर समाज के अन्य लोगों को भी संदेश दिया कि वह भी गरीबों, असहायओं की मदद के लिए सामने आए और ईमानदारी से कार्य करें।बता दें कि पिंकी मिश्रा ने गरीब परिवारों से पांच बेटियां और दो बेटे अपने संरक्षण में लिया है, जिसके भरण पोषण का पूरा खर्चा उठा रही हैं। इसके साथ ही ही बच्चों के शिक्षा का प्रबंध भी कर रही हैं। एक बेटी की आज शादी हो रही है। बेटी की शादी में पिंकी ने उपहार देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। एक निजी मैरिज लान में बड़ी धूमधाम से पिंकी अपनी बेटी की शादी संपन्न कर रही हैं।