Saturday, August 31, 2019

समय का चक्र

 

           चिदंबरम पर होने वाली कार्यवाही पर यदि ध्यान दिया जाए तो ऐसा लगता है जैसे समय अपने आप को फिर दोहरा रहा है।सारे घटनाचक्र पर ध्यान दिया जाये तो इसकी नींव 2010 में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से सीबीआई द्वारा कई घंटो तक पूछताछ और वर्तमान में भारत के गृहमंत्री अमित शाह को तीन महीने की जेल से जोडकर देखा जा सकता है।

 

          उस समय चिदंबरम कांग्रेस के कार्यकाल में भारत के गृहमंत्री थे और आज जब समय ने एक करवट ली है तो ठीक इसके विपरीत अमित शाह जी देश के मुख्यमंत्री है और अब जेल में जाने वाले भारत के पूर्व गृहमंत्री चिदंबरम जी है।

 

          आज ठीक नौ साल बाद आई ऐन एक्स मीडिया घोटाले में जो सबूत सामने आ रहे है उनके तहत सीबीआई ने चिदंबरम साहब पर कार्यवाही करते हुए उन्हें बड़े जद्दोजहद के बाद गिरफ्तार कर ही लिया।

 

              इस पूरे घटनाचक्र को कांग्रेसी नेताओ की पूरी टीम बदले की भावना से की गयी कार्यवाही बताने पर उतारू हैं।यहाँ तक कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जी और उनकी बहन प्रियंका गांधी जी भी चिदंबरम जी के साथ कांधे से कांधे मिलाकर खड़े है।

 

          भाजपा भी पूरी एकजुट होकर इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ की गई कार्यवाही बता कर अपने आप को सही साबित करने में लगीं है और चिदंबरम के पकड़े जाने को सीबीआई द्वारा लिया हुआ सही कदम बता रही है।

 

          हर बार की तरह भारत के आम लोग चुपचाप पूरे मसले का आनंद लेते हुए एक बार फिर से सत्ता पर शासन करने वाले लोगो के हाथों और पत्रकारों की अपने चैनल को नंबर वन बनाने की लोलुपता के शिकार होने को आंखे मूंदे तैयार खड़े है। 

 

           पूरे घटनाक्रम में आम जनता जानती है की हर बार की तरह जब कार्यवाही एक पर होती है तो वो कुछ समय बाद वो व्यक्ति पाक-साफ होकर बाहर निकल जाता है।जो पहले पकड़े गए वो भी छूट गए और जो अब पकड़े जाएंगे वो भी कुछ समय के बाद दोष सिद्ध न होने पर छूट जाएंगे और आम आदमी भी अपनी सुबह की चाय की चुस्कियों के साथ इसका आनंद लेते हुए पूरी घटना को कुछ समय बाद भूल जाएगा।

 

          राजनीति के गलियारों से फिर कोई नाटकीय घटना घटेगी और लोग सबकुछ भूल जाएंगे और कुछ फिल्मकार भी अपने कलाकारो के नाम बदलकर इस पूरी कहानी का फिल्मांकन कर अपने लिए वाहवाही लूटते पाएंगे।

 

           सबसे आखिर में आम जनता को मिलेगी इस मुद्दे पर बनी हुई मसालेदार फ़िल्म,जिसे देखने के लिए भी वो अपनी मेहनत से कमाये गये धन और अपना कीमती समय खराब करेंगे और दो चार गालियां नेताओ को देकर अपने अपने घरों में चले जायेंगे।

 

          ये सब घटनाये हमेशा की तरह अपना चेहरा और स्थान बदलकर यूँही चलती रहेंगी और आम आदमीं यूँही इन घटनाओं के चटकारे लेता है और देश मे बढ़ते भ्रष्टाचार को कोसता हुआ अपने कामो में इलझा रहेगा और देश यूँही विकास की दौड़ में चलता रहेगा।

 

 

 

नीरज त्यागी

ग़ाज़ियाबाद ( उत्तर प्रदेश ).

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