Wednesday, April 21, 2021

पातेपुर के प्राचीन श्रीराम-जानकी मंदिर से सादगी से निकली शोभा यात्रा

सोशल डिस्टेंस को लेकर भीड़ से किया गया परहेज़।

पातेपुर ( वैशाली) संवाददाता मोहम्मद एहतेशाम पप्पू दैनिक अयोध्या टाईम्स फोटो।

पातेपुर के अतिप्राचीन श्रीराम-जानकी मंदिर से रामनवमी के अवसर पर सम्भवतः दुसरी बार अत्यंत सादगी से श्री राम-लला की शोभा यात्रा की रश्म अदायगी हुई। पातेपुर स्टेट स्थित अति प्राचीन श्री रामजानकी मन्दिर से पातेपुर बाजार स्थित भगवान श्री राम लला के ननिहाल के प्रतीक के रूप में स्थापित मन्दिर की दूरी महज एक किलोमीटर है। इतनी दूरी तय करने में विशाल भीड़ के कारण पांच घण्टे लगते थे पर सोशल डिस्टेंस के आदेश का अनुपालन को लेकर भगवान की पालकी पांच मिनट में ही पहुंची।

 महोत्‍सव का सैंकडों वर्ष पुराना इतिहास।

पातेपुर स्थित श्रीराम जानकी मठ सैंकडों वर्ष पुराना है। जिले के समृद्ध मंदिरों में से यह एक है। मंदिर में भगवान राम, लक्ष्‍मण, जगत जननी मां जानकी व भक्‍त वीर हनुमान की स्‍वप्रादूर्भूत भव्‍य विग्रह है। यह मंदिर न केवल सनातन धर्मावलंबी बल्कि रामानंदी संप्रदाय के संत-साधुओं के लिए तीर्थस्‍थल, महाधाम से कम नहीं है। खास कर रामनवमी व श्रीकृष्‍ण जन्‍मोत्‍सव धूमधाम से मनाया जाता है। 

सादगी से निकली शोभा यात्रा

बुधवार को मठ के महंत बाबा विश्वमोहन दास जी महाराज के मंगलानुशासन में मंदिर के आचार्य व विद्वत पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्‍चार के साथ विविधोपचार विेशेष पूजा-अर्चना की। जन्‍मोत्‍सव का अनुष्‍ठान संपन्‍न होने के बाद      महंत बाबा विश्वमोहन दास जी महाराज व मंदिर के आचार्य पालकी को लेकर बाजार स्थित मंदिर में पहुंचे। पालकी आने के बाद वैदिक अनुष्‍ठान शुरू हुआ। पूजा-अर्चना के बाद भगवान को अधिवास कराया गया। रामनवमी दिन से अगले छह दिनों तक भगवान यहां अधिवास करेंगे। छठे दिन यहां भगवान राम चारों भाईयों की छठी महोत्‍सव मनाया जाएगा। शोभा यात्रा के दौरान पातेपुर बीडीओ डॉ संदीप कुमार,  सोशल डिस्टेंस का अनुपालन करने के लिए मुस्‍तैद थे। आयोजन में  मुखिया गणेश पटेल, पैक्स अध्यक्ष सनोज पासवान , सहकारी नेता अनिल कुमार सिंह, विनोद सिंह, विजय झा , प्रवीण सिंह, लक्ष्मण सिंह,मो.छोटे, अरविंद कुमार , कुंदन शर्मा, बैजनाथ पासवान आदि  उपस्थित थे।

लॉक डाउन के कारण नहीं लगा रामनवमी मेला।

रामनवमी पर पातेपुर हाई स्कूल मैदान में सदियों से एक माह तक मेला लगता आ रहा है। कोरोना संकट के कारण दुसरी बार मेला नहीं लगा।

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