Wednesday, November 23, 2022

नारी शोषण,अत्याचार के विरुद्ध शिक्षा,साक्षरता के गंभीर प्रयास की आवश्यकता

(स्त्री पढेगी इतिहास रचेगी)

भारत एक विशाल लोकतांत्रिक देश है। भारत की जनसंख्या में पुरुषों के साथ-साथ की स्त्रियों तथा बच्चों की भी जनसंख्या भी बहुत ज्यादा है। देश में स्त्री शोषण की विविधता और धार्मिक कट्टरता को देखते हुए नारियों को शिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है, विशेष तौर पर स्त्री तथा बच्चों को बुनियादी शिक्षा तथा साक्षरता की महती आवश्यकता देश में महसूस की जा रही है। स्त्रियां अपने परिवार ,घर और समाज की देखरेख करती हैं अतः उनका शिक्षित होना बहुत ज्यादा आवश्यक भी है, बच्चे देश का भविष्य है अतः उनका शिक्षित होना भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना किसी भी देश के एक सफल नागरिक को होना चाहिए। स्त्री और शिक्षित होंगी तो स्वयं और अपने परिवार को अच्छे बुरे और असामाजिक घटनाओं से सचेत रहने की शिक्षा भी दे सकती हैं जिससे एक सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक आंदोलन की महत्वपूर्ण पृष्ठभूमि को तैयार किया जा सकता है।

परिवार की शिक्षा के बाद विद्यालयों की शिक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। इसमें अनुशासन, सहभागिता, समानता एवं नेतृत्व जैसे गुणों का समावेश होता हैl पुस्तकों का ज्ञान व्यक्ति एवं व्यक्ति के जीवन में संज्ञानात्मक विकास को बढ़ावा देता हैl पर शिक्षक की भूमिका जिंदगी में बड़ी ही प्रेरणादाई होती है। यह कहा जाता कि बिना गुरु ज्ञान नहीं हो सकता है, लोकोक्ति सही भी है, शिक्षकों का मार्गदर्शन खेल खेलने से विकसित होने वाले मूल्य जैसे समूह की भावना, निष्पक्षता, ईमानदारी,साहस की भावना को परिष्कृत करती हैl ऐसे कई उदाहरण हैं की बिना साक्षरता के व्यक्ति पूर्ण रूप से शिक्षित एवं सुसंस्कृत हो सकता हैl अपने समय के महान चिंतक फिलासफर सुकरात ने कहा था कि मैं शिक्षित अथवा ज्ञानी इस अर्थ में हूं,कि मैं कुछ नहीं जानता। शिक्षा व्यक्ति के जीवन में अहंकार,लालच, हिंसा, कटुता आदि को नियंत्रित करने में मदद देती है। पुराण काल में रावण प्रकांड पंडित एवं साक्षर व्यक्ति माना जाता था पर स्त्री के अपहरण में उसका कृत्य अहंकार लालच लिप्सा उसकी साक्षरता को …

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