Monday, June 8, 2020
लॉकडाउन के दौरान कोविड-19 से बचाव हेतु जिला प्रशासन द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्य
"साथ कुछ ना जाएगा"
कोडरा जीत ग्राम सभा में जन चौपाल में आई शिकायतो का लिया जा रहा संज्ञान
वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा युवाओं की वर्चुअल युवा सम्मेलन रैली का आयोजन हुआ सम्पन्न
पांच बजे भोर में खुला बाबा घुइसरनाथ का कपाट
श्रमिकों के लिए मनरेगा बना सहारा
आत्मनिर्भरता से पहले जागरूकता की जरूरत
आज देश में आत्मनिर्भरता की मुहिम जो चल रही है वह अपने आप में एक उत्कृष्ट पहल है जिसे बहुत पहले ही चलाया जाना चाहिए था। जब स्थितियां सामान्य थीं लोगों का अर्थतंत्र गतिशील था लोग आत्मनिर्भरता को हासिल करने में सक्षम थे तब यह मुहिम शायद काफी ज्यादा प्रभावी होती मगर आज देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व इस कोरोना महामारी की चपेट में है और सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था चरमाराई हुई है लोगों के रोजगार छिन गए हैं लोग भूखे-प्यासे दर-दर भटक रहे हैं निम्न व मध्यमवर्गीय लोगों में तो इतनी भी क्षमता नहीं कि वो खुद को ही संभाल सकें ऐसे में आत्मनिर्भरता की बात तो बेमानी होगी।
इस आत्मनिर्भरता की रोटी को थाली में परोसने से पहले उसे इस रोटी को खाने के तरीके से अवगत कराया जाना चाहिए था क्योंकि बिना जागरूकता के कोई भी अभियान का सफल होना नामुमकिन है। जागरूकता किसी भी अभियान के लिए वह संजीवनी बूटी है जो शून्यावस्था के अभियान को एकजुट होकर शिखर पर पहुंचा देती है। आज जब परिस्थितियां विषम हैं बेरोजगारी की स्थिति चरम पर है इस आत्मनिर्भरता अभियान को लाना पूर्णतः जायज है पर इस विषम परिस्थितियों में बेरोजगारी को कम करने के लिए यह आत्मनिर्भरता का कार्ड बेरोजगारों के सम्मुख पेश करना और उसकी सार्थकता को सिद्ध करना एक टेढ़ी खीर नजर आ रही है।
कहा जाता है कि 'भूखे भजन न होय गोपाला' आज जब वह भूखा-प्यासा बेरोजगार हालात का मारा है ऐसे में वह आत्मनिर्भरता से आखिर कैसे हो पाएगा? इसके लिए सबसे पहले उसे इस हालात से निकाल कर बाहर लाया जाएं फिर उसे परिस्थितियों से लड़ने के लिए जागरूक किया जाए। जो जागरूक हो गया उसे सहारे की आवश्यकता नहीं पड़ती वह खुद ब खुद आत्मनिर्भरता को पा लेगा क्योंकि एक जागरूक व्यक्ति अपने अच्छे-बुरे से पूर्ण अवगत है वह अपने ज्ञानानुसार खुद को भविष्य के उस छोर पर रखकर तैयार करता है उसकी यही तैयारी उसे आत्मनिर्भरता की श्रेणी में ला खड़ा कर देती है।
मानते हैं कि आज हम शिक्षित हो गए हैं हम चाँद व मंगल की सैर कर रहे हैं मगर इस सच से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि आज भी बहुत से ऐसे वर्ग हैं जो जागरूक नहीं हैं इनमें से कुछ खुद जागरूकता स्वीकार नहीं करना चाहते और कुछ को हम जागरूक कर नहीं पाए। ऐसे में जो जागरूकता के व्याकरण से अनभिज्ञ है वह आत्मनिर्भरता रूपी उत्कृष्ट भाषाशैली को क्या समझेगा?
यों कहा जाए तो अभी आत्मनिर्भरता से पहले जागरूकता की महती जरूरत हमारे समाज के लिए अत्यंत आवश्यक है क्योंकि बिना जागरूकता के आत्मनिर्भरता का यह मिशन महज सरकारी कागजात का हिस्सा ही बनकर रह जाएगा। हम जानते हैं कि आज आत्मनिर्भरता इस विषम परिस्थिति की महती मांग है मगर सच यह है कि सीढ़ी दर सीढ़ी आगे बढ़ना एक बेहतर रणनीति है लेकिन सबसे नीचे की सीढ़ी (अनभिज्ञ) पर खड़े हुए को सीधा ऊपर की सीढ़ी (आत्मनिर्भरता) पर कदम रखने को कहेंगे तो क्या वह यह कर पाएगा? बिल्कुल नहीं! अतएव मेरा यह मानना है कि आत्मनिर्भरता से पहले जागरूकता को प्राथमिकता दिया जाना ज्यादा कारगर सिद्ध होगा जहाँ साँप भी मर जाएगा और लाठी भी नहीं टूटेगी अर्थात् जागरूकता से बेरोजगारी भी मिट जाएगी और आत्मनिर्भरता भी आ जाएगी।
रचनाकार :- मिथलेश सिंह 'मिलिंद'
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राष्ट्रीय संत सुरक्षा परिषद का अनिल गुरु जी को बनाया गया (महामंत्री उत्तर प्रदेश)
पत्रकार:-प्रशान्त यादव
राष्ट्रीय संघ सुरक्षा परिषद के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी श्री विजय प्रकाश भारती जी ने कहा है कि मुझे पूर्ण विश्वास है संत शिरोमणि *अनिल गुरुजी जी महाराज* राष्ट्र हित में
राष्ट्रीय संघ सुरक्षा परिषद के उत्तर प्रदेश के महामंत्री बनने पर बधाई देने वालों में सायमुल हसन, पंकज चौहान प्रधान, दिनेश यादव जिला पंचायत सदस्य मैनपुरी, बृजेंद्र कठेरिया मैनपुरी श्री प्रमोद कठेरिया प्रदेश परिषद सदस्य भारतीय जनता पार्टी, राम सिंह इटावा, विजय बाबू फिरोजाबाद, पुनीत चौहान इटावा, अतुल त्रिपाठी इटावा, सुमित गुप्ता, बीना, कुलदीप सिंह इटावा, ध्रुव प्रताप सिंह मंडल महामंत्री भारतीय जनता पार्टी, जितेंद्र फौजी, अवनीश यादव, राजवीर सिंह फिरोजाबाद, महाराज सिंह फिरोजाबाद आदि लोगों ने बधाई दी।
पुलिस अधीक्षक मैनपुरी द्वारा आज दिनांक 07-जून को पुलिस लाइन सभागार में अपराध व क़ानून व्यवस्था से संबंधित गोष्ठी की गई इस गोष्ठी के मुख्य हाइलाइट्स हैं
2. भ्रष्टाचार की पुष्ट शिकायत मिलने पर संबंधित पुलिस कर्मी के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुक़दमा दर्ज कर कठोरतम कार्यवाही अमल में लाई जाएगी
3. अपराधी की मदद करने या उसके साथ नरमी बरतने वाले थाना प्रभारी को थाने से हटा कर उसके ख़िलाफ़ कठोरतम विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
4. सभी पुलिस कर्मी आम जन मानस के साथ नरमी से पेश आएँ और अपराधी के साथ सख़्ती बरतें।
5. विभागीय गोपनीयता भंग करने वाले, ड्यूटी के दौरान शराब का सेवन करने वाले, बार बार अनुशासन हीनता करने वाले तथा जनता के साथ अभद्रता करने के आदी पुलिस कर्मियों को ज़िले से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।