Tuesday, December 21, 2021

कदौरा नगर में चारों तरफ फैली गंदगी ही गंदगी

दैनिक अयोध्या टाइम्स ब्यूरो


कदौरा नगर में गंदगी का अंबार गीलाबे  से बजबज  रही नालिया

आपको बता दें कि कदौरा नगर के कई मोहल्ले गंदगी से जूझ रहे हैं।सफाई कर्मी नहीं कर रहे सफाई वही भारी कचरे से भरे हुए नाले बीमारी का संकेत दे रहे हैं*

नाले भरने के कारण नालियों से पानी नहीं निकल पा रहा है वहीं लोगों का कहना है जब तक नाले की सफाई नहीं होगी इन नालियों से पानी नहीं निकलेगा

नगर पंचायत द्वारा नाले की सफाई नहीं हो रही है जिससे नालियां भी जाम है वही लोगों ने बताया कई बार इसकी शिकायत नगर पंचायत में भी बताई गई है।

मगर नगर पंचायत द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है अधिशासी अधिकारी सुनील कुमार सिंह नगर पंचायत कदौरा से बात की तो बताया जल्द से जल्द सफाई कार्य कराया जाएगा

दबंग लोगों ने पीड़ित महिला के साथ की मारपीट पीड़ित महिला ने जालौन कोतवाली में की शिकायत

दैनिक अयोध्या टाइम्स ब्यूरो

जालौन: जालौन कोतवाली क्षेत्र के सींगपुरा निवासी नेहा पत्नी  कुंवर सिंह ने मंगलवार को जालौन कोतवाली में शिकायती पत्र देकर बताया है कि  हमारे खेत में हरी मटर की फसल लगी हुई है जिसमें हमारे गांव के ही     जगदीश व मलखान आए दिन निकलते हैं   जब हमने निकालने से  मना किया तो हमारे साथ गंदी गंदी गाली गलौज करने लगे इसके बाद जब हम घर पहुंचे तो जगदीश और मलखान घर के बाहर आ कर गाली गलौज करने लगे जब हमने इसका विरोध किया तो हमारे घर के अंदर घुस कर हमारे साथ तमंचा के बल पर मारपीट कर दी  झगड़ा देख आसपास के बैठे लोगों ने मौके पर पहुंचकर बचाया इस मामले की खबर लगते ही पीड़ित महिला ने जालौन कोतवाली पहुंची जहां पर घटना की लिखित तहरीर जालौन पुलिस को दी महिला का आरोप है कि  हमारे कानों से सोने की झुमकी छीन ली और जान से  मारने कि धमकी देकर मौके से जगदीश और मलखान भाग गए जालौन पुलिस ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है जांच कर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी

इनरव्हील क्लब के सौजन्य से हुआ नेत्र एवं दंत शिविर परीक्षण का आयोजन

दैनिक अयोध्या टाइम्स ब्यूरो


उरई। इनरव्हील क्लब ऑफ उरई कल्यानी के सौजन्य से कन्या पूर्व माध्यमिक कोटरा में एक नेत्र परीक्षण शिविर एवं दंत परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया।जिसमें परिषदीय विद्यालय के लगभग 250 बच्चों का परीक्षण किया गया।शिविर का शुभारंभ चैयरमैन नगर पंचायत कोटरा आशाराम अग्रवाल ने फीता काटकर किया। इनरव्हील क्लब की प्रेसिडेंट अरुणा सक्सेना सहित कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय परिवार से प्रधानाध्यापिका कल्पना सक्सेना एवम शोभा त्रिपाठी ने स्वास्थ्य परीक्षण शिविर की टीम का स्वागत किया। जिले से आई नेत्र परीक्षण टीम में डॉ सौरभ गुप्ता एवं डॉ रुचि गुप्ता नेत्र परीक्षण अधिकारी नगेन्द्र सिंह, हनुमंत निरंजन,कौशलेंद्र सिंह ने बड़ी लगन से बच्चों का नेत्र परीक्षण किया। दंत परीक्षण के लिए जिला मुख्यालय से डॉ ऋचा द्विवेदी एवम डॉ हेमंत सिंह ने सभी बच्चों का भलीभांति परीक्षण किया ।इस शिविर की पूरी देखरेख एवम व्यवस्था में सहयोग इनरव्हील क्लब उरई कल्यानी की प्रेसीडेंट अरुणा सक्सेना एवम सेक्रेटरी सुधा पाल सहित क्लब मेंबर सीता खरे ने किया। इनरव्हील क्लब की प्रेसीडेंट अरुणा सक्सेना, चार्टर प्रेसीडेंट नीलम श्रीवास्तव, सेक्रेटरी सुधा पाल द्वारा चिकित्सको को स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।कन्या प्राथमिक  विद्यालय से 75 बच्चों, इस्लामिया प्राथमिक विद्यालय से 35 बच्चों का प्राथमिक विद्यालय के 15 बच्चों कन्या उच्च प्राथमिक विद्यालय से 35 बच्चों का नेत्र एवम दंत परीक्षण किया गया।इस अवसर पर,मधु निरंजन,विजय लक्ष्मी शोभा,रानी आदि उपस्थित रहीं।अंत मे चार्टर प्रेसीडेंट नीलम श्रीवास्तव  ने सभी का आभार व्यक्त किया ।

उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के मुख्य कार्यालय तिलक नगर कॉलोनी एक बैठक का आयोजन

RAMPUR | उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के मुख्य कार्यालय तिलक नगर कॉलोनी एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप अग्रवाल सोनी द्वारा तहसील टांडा में स्थित लालपुर पुल निर्माण नहीं किए जाने का मुद्दा उठाया गया। इस मुद्दे को लेकर तहसील टांडा के व्यापारियों द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप अग्रवाल सोनी को ज्ञापन देकर पूर्व में अवगत कराया जा चुका है। इस अवसर पर व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप अग्रवाल सोनी ने कहा। कि शहर रामपुर से तहसील टांडा जाने वाले मार्ग पर लालपुर पुल काफी समय से क्षतिग्रस्त है। लेकिन पिछले लंबे समय से व्यापारियों द्वारा लगातार अनुरोध के बावजूद भी स्थाई पुल का निर्माण नहीं किया गया है। साथ ही बताया कि जो अस्थाई पुल तैयार किया गया था। वह अब तेज जल बहाव में बह गया है। जिससे तहसील टांडा जनता व व्यापारी समाज व समस्त राइस मिलर्स में त्राहि-त्राहि मची हुई है। आम जनता व व्यापारी समाज में पुल के अति शीघ्र निर्माण ना होने के कारण अत्यधिक बेचैनी व आक्रोश है। आम जनता व व्यापारी समाज व राइस मिलर्स की रोजी रोटी व अर्थव्यवस्था ठप हो रही है और पुल बनवाने में अभी तक कोई भी ठोस निर्णय नहीं हो सका है। यह जनता व व्यापारी समाज के साथ अत्याधिक जुल्म, उत्पीड़न व धोखा है। इस अवसर पर व्यापार मंडल द्वारा मांग की गई। कि जल्द से जल्द व्यापारी समाज व आमजन हित में स्थाई व अस्थाई फुल का अति शीघ्र निर्माण कराया जाना अति आवश्यक है। इस अवसर पर अरविंद गुप्ता, सलविंदर विराट, महफूज हुसैन, सुदेश यादव, मनसूर अली खान, अतुल शर्मा, सरदार रविंद्र सिंह टोनी, सरदार मनजीत सिंह सिंपल, सरदार सतपाल सिंह टीटू, लालमन सैनी, राहुल सैनी, आदि उपस्थित रहे।    


पानी की किल्लत को लेकर प्रदर्शन

काशीराम कॉलोनी में पानी कि किल्लत को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन

काशीराम कॉलोनी में आज कांग्रेस के पुर्व शहर अध्यक्ष मामून शाह खा के नेतृत्व मे पानी कि किल्लत को प्रदर्शन किया पेयजल किल्लत से जूझ रहे लोगों ने नगर पालिका के खिलाफ नारेबाज़ी कि प्रदर्शनकारियों ने नगर पालिका चेयरमैन व अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की,

कांग्रेस नेता मामून शाह


ख़ान ने कहा कि कहा कि काशीराम कॉलोनी के बाशिंदों को नज़र अंदाज़ किया जा रहा है कोई सुनने वाला नहीं है  नगर पालिका चेयरमैन व नगर पालिका अधिकारी काशिराम कॉलोनी के गरीब बाशिंदों को अनदेखा कर रहे है गरीबों को पानी नहीं मिल रहा है पिछली सरकार द्वारा बिछाया गया पाइप पुराना होकर फट गया है उसमें से पानी बहुत बर्बाद हो रहा है। जितना पानी रास्ते में ही बेकार हो जाता है, उससे बहुत कम पानी लोगों के घरों में आता है। ऐसी स्थिति में लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। लोगों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और पेयजल समस्या का समाधान किया जाए। नहीं तो लोग उग्र प्रदर्शन करेंगे। वहीं, इस संबंध में विभाग के जेई  ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही सप्लाई बहाल की जाएगी,

इस मौके पर, युवा कांग्रेस नेता सय्यद फैसल हसन, शकील मंसूरी, नासिर मलिक, जावेद, अमान मिया, फैज़, सारिम कमर, इरफान, आदि मौजूद रहे. 

गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में छोटे साहबजादे जी की शहीदी पर्व को समर्पित उनकी मीठी याद में रक्तदान का शिविर लगाया

RAMPUR | वीर खालसा सेवा समिति के द्वारा आज गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में छोटे साहबजादे जी की शहीदी पर्व को समर्पित उनकी मीठी याद में रक्तदान का शिविर लगाया गया जिसमें 33 लोगों ने रक्तदान किया इस मौके पर मुख्य अतिथि समाजसेवी श्री विष्णु कपूर जी मौजूद रहे उन्होंने कहा रक्तदान महादान है इससे किसी की भी जान बचाई जा सकती है वीर खालसा सेवा समिति बधाई पात्र है जो समय-समय पर रक्तदान के




शिविर आयोजित करती है समिति के जिला अध्यक्ष अवतार सिंह ने कहा वीर खालसा सेवा समिति जरूरतमंदों के लिए बनी है रामपुर में खून के बगैर किसी की जान ना जाए यही हमारा प्रयास है जब भी ब्लड बैंक को हमारी जरूरत तभी रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है अवतार सिंह ने कहा रामपुर में खून की कमी नहीं होने देंगे रक्तदान के शीघ्र आगे भी आयोजित किए जाएंगे इस मौके पर बड़ी संख्या में लोगों ने रक्तदान किया इस मौके पर गुलशन अरोड़ा मनमीत सिंह सुखबीर सिंह सनी कपूर आया सिंह सेवा सिंह मनजीत सिंह जगजीत सिंह दलवीर सिंह चरणजीत सिंह सूरत सिंह सोनू दरबार सिंह अजीत सिंह दीपक अमृत पाल जुनेजा जी आदि मौजूद रहे

सहज राम दास की पुनः वापसी

दैनिक अयोध्या टाइम्स शुभ करन मौर्य सीतापुर


बताते चले की गामपंचायत कुरतहिया मे राम  जानकी मंदिर पर सहज राम दास बाबा की पुनः वापसी हुई है ये करीब डेढ वरष से मंदिर पर नही थे गाँव वाले काफी परेशान थे लेकिन ग्रामीणों का सपना साकार होता नजर आ रहा है क्यो की बाबा जी के नियम ,व बिचार धारा व मंदिर की पूजा सही समय से होती थी समान रुप व्यवहार लोगों को अच्छी नीति बताने की चेसठा की इस मौके पर मौजूद गामवासी क्षेत्र पंचायत सदस्य राम औतार बाबा सहज राम राम जानकी मंदिर के अन्य पुजारी गण आदि गामीण मौजूद रहे

डबल तहरीर से पुलिस व पत्रकार भ्रमित

पहली मारने पीटने की बात के साथ लूटपाट का अंजाम 

दूसरी में असलहों के दम पर लूटपाट व फायरिंग 

तहरीर में असलहों दम पर लूटपाट व फायरिंग, दूसरे कही मारने पीटने की बात के साथ लूटपाट का अंजाम

अयोध्या टाइम्स चन्द्र प्रकाश शुक्ला रानीपुर, बहराइच | जहाँ पुलिस के साथ पत्रकार लोगों की समस्या को गंभीरता से शाशन प्रशासन तक पहुंचाता है तो पुलिस भी कार्यवाही से पीछे नहीं हटती तो वही पीड़ित गुमराह कर अपना काम बनाने में लगा है, एक पुलिस को तो एक पत्रकार को एक ही मामले की दो तहरीर

मामला थाना रानीपुर के ग्राम पंचायत कलुवापुर का जहाँ बीती रात चोरों ने घर पर धावा बोल दिया था और 177000 नगदी उठा ले गए थे विरोध में पत्नी को मारा पीटा भी था जिसकी तहरीर पीड़ित ने थाना अध्यक्ष  रानीपुर को दिया थाना अध्यक्ष रानीपुर ने बताया की पहली तहरीर के आधार पे जांच कर रहे हैं चोरो की तलाश जारी है जल्द ही खुलासा होगा पर पीड़ित परिवार बार बार बयान बदल रहे हैं इस पर भी जांच कर रहे हैं पीड़ित का हर सम्भव मदद करेंगे|

हुमाना पीपुल टू पीपुल इंडिया के द्वारा कराया गया मेंहदी प्रतियोगिता

अयोध्या टाइम्स चन्द्र प्रकाश शुक्ला

 समाज सेवी संस्था हुमाना पीपुल टू पीपुल इंडिया जो कि ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों के शिक्षा पर अग्रणी कार्य कर रही है इसी के साथ ही साथ अन्य क्षेत्रों में भी अपना योगदान दे रही है, इसी के परिप्रेक्ष में आज दिनांक 21/ 12/ 2021 को प्राथमिक विद्यालय कुट्टी में कम्युनिटी इंगेजमेंट के अंतर्गत मेहंदी प्रतियोगिता के साथ ही साथ बच्चों के खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया यह कार्यक्रम हुमाना पीपुल टू पीपुल इंडिया के जिला समन्वयक श्री विकास कुमार माल वाल जी के कुशल निर्देशन में संपन्न हुआ और कार्यक्रम को सकुशल संपन्न कराने हेतु कदम एक्सेलरेटर श्री सत्येंद्र कुमार त्रिपाठी व हेमकांत जी ने अपना पूर्ण सहयोग  प्रदान किया इस कार्यक्रम में विद्यालय की प्रधानाध्यापिका दुर्गेश शर्मा जी वा सहायक अध्यापिका अर्चिता मिश्रा, निधि शुक्ला तथा शिक्षामित्र श्रीमती उर्मिला देवी एवं श्री सुरेश कुमार जी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण परिवेश की महिलाएं एकत्र हुई उनसे उनके बच्चों से संबंधित चर्चाएं की गई तथा बच्चों की शिक्षा कैसे सुधारी जाए इस मुद्दे पर भी बातचीत किया गया और


अंत में विद्यालय की प्रधानाध्यापिका श्रीमती दुर्गेश शर्मा जी ने सभी अभिभावकों को संबोधित किया और उनसे आग्रह किया कि बच्चों के शिक्षा के प्रति सचेत रहें यदि विद्यालय के भरोसे रहे तो बच्चों की शिक्षा पूरी तरीके से संचालित नहीं हो सकती इसमें अभिभावकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है, और अंत में कहा कि हुमाना परिवार को बहुत-बहुत धन्यवाद जिन्होंने ग्रामीण परिवेश में शिक्षा की ऐसी ज्योति जलाई है।

Thursday, December 2, 2021

नीति आयोग ने विवाद से बचने, रोकथाम और ऑनलाइन समाधान के लिए रिपोर्ट जारी की - न्याय तक त्वरित पहुंच के लिए ऑनलाइन विवाद समाधान पर जोर दिया

पंच निर्णय, सुलह, मध्यस्थता और ऑनलाइन विवाद समाधान, आपसी सहमति से विवाद निपटाने शीघ्र न्याय पाने का सशक्त माध्यम - एड किशन भावनानी

 कोविड-19 महामारी ने वैश्विक रूप से हर क्षेत्र को बुरी तरह से प्रभावित किया जिसमें न्यायपालिका क्षेत्र भी शामिल है। 2020 में महामारी की भयंकर त्रासदी में उच्चतम न्यायपालिका द्वारा अंतिम तारीखों में अगले आदेश तक रोक, अनेक दिशानिर्देश, आदेश, जनहित, लोकहित व महामारी के प्रभाव से बचने के लिए न्यायालय में केवल अर्जेंट मैटर तक ही सीमित किए थे और अपनी जिम्मेदारी का खूबसूरती के साथ निर्वहन किया जो काबिले तारीफ है। साथियों परंतु इस अवधि में निचली कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक हजारों, लाखों मामलों पर कार्यवाही के स्थगन से माननीय न्यायपालिका के ऊपर बोझ बढ़ा। हालांकि अभी पूरी क्षमतासे न्यायपालिका अपने कार्यों का निर्वहन कर रहे हैं परंतु पुराने व नए मामलों का बैलेंस तो रहेगा ही। अतः हम जनता का भी फ़र्ज बनता है कि अनेक ऐसे मामले होते हैं जो हम आपस में ही निपटा सकते हैं या फिर एडीआर यानेने पंचनिर्णय, सुलह और मध्यस्थता, विवाद समाधान कानून के तहत या फिर ओडीआर याने ऑनलाइन विवाद समाधान की ओर ले जा सकते हैं। यह ध्यान देने योग्य बात है कि कोरोना महामारी के पीक अवधि में न्यायालयीन कार्य पूर्ण रूप से ऑनलाइन लेवल पर ही चल रहे थे, जिसका बहुत गहरा अनुभव न्यायपालिका से जुड़े हर व्यक्ति को भी हो गया है। साथियों बात अगर हम नीति आयोग की करें तो आयोग ने 2020 में कोविड-19 संकट के दौरान ऑनलाइन विवाद समाधान (ओडीआर) पर रिपोर्ट देने के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश माननीय ए के सीकरी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। उस समिति ने अपनी रिपोर्ट डिजाइनिंग द फ्यूचर ऑफ डिसप्यूट रिजॉल्युशनः द ओडीआर पॉलिसी प्लान फॉर इंडिया, याने विवाद समाधान का भविष्यकालीन ढांचा - भारत के लिए ऑनलाइन विवाद समाधान नीति योजना रिपोर्ट, नीति आयोग को सौंपी दी है। साथियों बात अगर हम नीति आयोग की दिनांक 29 नवंबर 2021 को जारी पीआईबी की करें तो नीति आयोग ने उपरोक्त रिपोर्ट जारी कर दी है रिपोर्ट में उल्लिखित सिफारिशों के लागू होने से भारत को तकनीक के इस्तेमाल से और हर व्यक्ति के लिए न्याय की प्रभावी पहुंच के लिए ऑनलाइन विवाद समाधान (ओडीआर) के माध्यम से नवाचार में भारत को वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने में सहायता मिल सकती है। रिपोर्ट भारत में ओडीआर फ्रेमवर्क को अपनाने से जुड़ी चुनौतियों से पार पाने के लिए तीन स्तरीय उपायों की सिफारिश करती है। ढांचागत स्तर पर यह डिजिटल साक्षरता, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार और ओडीआर सेवाओं के वितरण के लिए पेशेवरों को तटस्थ रूप में प्रशिक्षित करने की दिशा में काम करने का सुझाव देती है। व्यवहारगत स्तर पर, रिपोर्ट सरकारी विभागों और मंत्रालयों से जुड़े विवादों के समाधान के लिए ओडीआर को अपनाने की सिफारिश करती है। नियामकीय स्तर पर, रिपोर्ट ओडीआर प्लेटफॉर्म और सेवाओं के विनियमन के लिए नरम रुख अपनाने की सिफारिश करती है। इसमें इकोसिस्टम में विकास को प्रोत्साहन और नवाचारों को बढ़ावा देते हुए स्व-विनियमन के उद्देश्य से ओडीआर सेवा प्रदाताओं को मार्गदर्शन के लिए डिजाइन और नैतिक सिद्धांतों का निर्धारण शामिल हैं।रिपोर्ट कानूनों में जरूरी संशोधन करके ओडीआर के लिए मौजूदा विधायी ढांचे को मजबूत बनाने पर भी जोर देती है। रिपोर्ट भारत मेंओडीआर के लिए चरणबद्ध कार्यान्वयन के फ्रेमवर्क की पेशकश करती है। हमें ओडीआर की क्यों जरूरत है ? कोविड-19 महामारी के चलते समाज का एक बड़ा तबका समय से न्याय हासिल करने में नाकाम रहा है। महामारी के चलते पहले से लंबी अदालती प्रक्रियाओं पर और अधिक बोझ बढ़ाने वाले विवादों की बाढ़ आ गई है। भारत सरकार के प्रमुख नीतिगत थिंकटैंक के रूप में, नीति आयोग ने उन लोगों को किफायती, प्रभावी और समयबद्ध न्याय दिलाने में सहायता के उद्देश्य से प्रौद्योगिकी और नवाचार का उपयोग करने के लिए एक परिवर्तनकारी पहल की, जिनको इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। ओडीआर में अदालत के बोझ को कम करने में सहायता करने और मामलों की विभिन्न श्रेणियों के कुशलतापूर्वक समाधान की पूरी क्षमता है। इसे ई-लोकअदालत के माध्यम से अदालत से जुड़े वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) केंद्रों में तकनीक के एकीकरण के माध्यम से न्यायपालिका को समर्थन देने के लिए एकीकृत भी किया जा सकता है और इसे आंतरिक विवादों के लिए सरकारी विभागों के भीतर भी पेश किया जाना चाहिए।नीति आयोग द्वारा तमाम हितधारकों के साथ मिलकर 20 हितधारक परामर्श और संस्थागत व व्यक्तिगत स्तर पर लगभग 100 संवादों सहित व्यापक चर्चा कराई गई। विचार-विमर्श के दौरान जनता से भी राय मांगी गई थी। हर अदालत के सामने आने वाले विविध मुकदमों में, बेहद मौलिक और बहुत छोटे नहीं, बल्कि महत्वपूर्ण विवादों का समूह होता है, जिन्हें अदालत के सामने नहीं आना चाहिए। मोटर दुर्घटना दावे, चेक बाउंस के मामले, व्यक्तिगत आघात के दावे जैसे मामले और ऐसे मामले जो निपटारे के लिए ओडीआर के पास जा सकते हैं, इनमें शामिल हैं। नीति आयोग की ओडीआर पहल सराहनीय है और मसौदा रिपोर्ट को सावधानीपूर्वक संकलित कर लिया गया है। यह विवाद समाधान और तकनीक के बीच इंटरफेस व भारत में इसके लिए संभावनाओं का अनूठा विश्लेषण है। ओडीआर क्या है ? ओडीआर डिजिटल प्रौद्योगिकी और पंच निर्णय, सुलह व मध्यस्थता जैसे एडीआर के उपायों के इस्तेमाल से विशेष रूप से लघु और मध्यम मूल्य के मामलों से जुड़े विवादों का समाधान है। यह पारम्परिक अदालती व्यवस्था के बाहर विवाद से बचने, रोकथाम और संकल्प के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की प्रक्रिया का उल्लेख करती है।विवाद समाधान के माध्यम के रूप में यह सार्वजनिक अदालती व्यवस्था के विस्तार और उससे इतर दोनों के तौर पर प्रदान किया जा सकता है। दुनिया भर में, विवाद समाधान की क्षमता विशेष रूप से प्रौद्योगिकी के माध्यम से पहचानी जा रही है। ओडीआर को कोविड-19 के कारण पैदा बाधाओं से निपटने के लिए सरकार, व्यवसायों और यहां तक ​​कि न्यायिक प्रक्रियाओं को प्रोत्साहन मिला है। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि रिपोर्ट में न्याय तक त्वरित पहुंच के लिए ऑनलाइन विवाद समाधान पर जोर दिया गया है तथा पंचनिर्णय, सुलह, मध्यस्थता, वैकल्पिक विवाद समाधान और ऑनलाइन विवाद समाधान, आपसी सहमति से विवाद निपटाने, शीघ्र न्याय पाने का सशक्त माध्यम है जिसे जनता ने अपनाना चाहिए। 

कयामत

उस रोज़  कयामत  दबें पांव मेरे घर  तक  आई  थी।

इंसान  का मानता  हूँ.....
कोई वजूद  नहीं।
उस रब  ने साथ  मिलकर  मेरी हस्ती  मिटाई  थी।

उस रोज़  कयामत  दबें पांव मेरे घर  तक  आई  थी।
शगुन -अपशगुण  की,
कोई बात  ना आई  थी।
समझ  ही ना पाया,
किसने नज़र  लगाई।
किसने नज़र  चुराई  थी।

उस रोज़  कयामत  दबें पांव मेरे घर  तक  आई  थी।
ना दुआओं ने असर  दिखाया।
ना ज्योतिषी कोई गिन पाया।
ना हवन - पूजन काम  आया।
ना मन्नत का कोई  धागा किस्मत बदल  पाया।

उस रोज़  कयामत  दबें पांव मेरे घर  तक  आई  थी।
सजदे  में जिसके हम  थे।
लगता  था .....नहीं कोई गम  थे।
उसने भी  हाथ  छोड़ा।
विश्वास  ऐसा तोड़ा।
जिंदगी ने,मार कर   फिर से जिन्दा छोड़ा।

उस रोज़  कयामत  दबें पांव मेरे घर  तक  आई  थी।
मै समझा  नहीं.....  क्योकि
अनगिनत विश्वाशों....  ने आँखों पर 
एक गहरी  परत  चढ़ाई  थी।
रब  है....... कहाँ!!!!!!!
कहाँ.......उसकी सुनवाई  थी।

स्वरचित रचना
 प्रीति शर्मा "असीम"
 नालागढ़,हिमाचल प्रदेश

बहादुर बच्चे

रवि और शनि अच्छे दोस्त थे और एक दूसरे के पड़ोसी भी थे। दोनों में काफी गहरी मित्रता थी इसलिए उनके माता - पिता ने दोनों का एक ही स्कूल में दाखिला कर दिया। दोंनो साथ-साथ स्कूल जाते थे। दोनों का अधिकतर समय साथ में ही बीतता था।

एक दिन जब छुट्टी के बाद दोनों घर लौट रहे थे तो उन्होंने देखा कि एक वृद्ध आदमी को एक गाड़ी वाले ने टक्कर मार दी जिससे उसके सिर में चोट आ गयी और खून बहने लगा। गाड़ी वाले ने उस वृद्ध को अस्पताल पहुँचाने के बजाय झट से गाड़ी बढ़ाकर जाने लगा। रवि ने बड़ी चालाकी से तुरन्त गाड़ी का नंबर नोट कर लिया। और दोनों बिना समय गवाए उस वृद्ध की मदद के लिए दौड़ पड़े।

शनि ने अपने बैग से पानी की बोतल निकालकर उन्हें पानी पिलाया। रवि ने अपना रुमाल निकालकर उनके सिर में बाँधा जिससे ज्यादा खून न बहने पाए। उसके बाद उन्हें सहारा देकर उठाया और एक पेड़ की छाया के नीचे बैठाया।

रवि और शनि ने देखा कि अभी तक कोई भी उनकी मदद के लिए नहीं आया। रवि ने शनि से कहा - तुम इनके पास रहो। तब तक मैं किसी से मोबाइल माँगता हूँ। 

रवि वहीं पास में रखी एक पैन गुमटी के पास गया और पान वाले अंकल से बोला- अंकल जी एक कॉल कर दीजिए प्लीज़।

पान वाले अंकल ने कहा- बेटा, मेरे पास मोबाइल तो है लेकिन मैं पढ़ा-लिखा नही हूँ इसीलिए किसी का फ़ोन आता है तो ये हरा बटन दबाकर उठा लेता हूँ और लाल बटन दबाकर काट देता हूँ लेकिन किसी को फ़ोन नहीं कर पाता।
रवि ने कहा- कोई बात नहीं अंकल जी , आप मुझे फ़ोन दे दीजिए मैं कॉल करना जनता हूँ।

रवि ने फ़ोन लिया और 102 नंबर डायल करके एम्बुलेंस को बुलाया। उसके बाद 112 नंबर डायल करके पुलिस को घटना की सारी जानकारी दी और उस गाड़ी का नंबर भी बताया जिसने टक्कर मारी थी। 

थोड़ी देर में ही एम्बुलेंस आ गयी। उन्होंने उन वृद्ध को एम्बुलेंस में बैठाया । और ड्राइवर से कहा- अंकल जी आप इन्हें अस्पताल ले जाइए, हमने पुलिस को फ़ोन कर दिया है, वो लोग आते ही होंगे। आप देर करेंगे तो दादाजी की हालत और न बिगड़ जाए।

इतना कहकर दोनों ने उन वृद्ध से कहा- दादाजी अब आप ठीक हो जाएंगे। अभी आप इन लोगो के साथ अस्पताल जाइये, हम लोगों को काफी देर हो गयी है और देर होगी तो घर वाले परेशान होंगे। हम लोग कल अपने मम्मी पापा को लेकर अस्पताल आएंगे।
इतना कहकर वो दोनों घर आ गए और अपने मम्मी पापा को सारी बात बताई। रवि के दादाजी ने रवि के पापा से कहा - बेटा कल तुम जल्दी आ जाना और इन दोनों को अस्पताल लिवा ले जाना और साथ में हम भी चलेंगे।

अगले दिन जब रवि और शनि स्कूल गए तो सुबह प्रार्थना कर बाद बताया गया कि आज प्रधानाचार्य जी छुट्टी पर है और महीने का अंतिम दिन होने के कारण आज हाफ डे हो जाएगा।

रवि और शनि ये सुनकर काफी खुश हुए। क्योंकि अब वो अस्पताल में दादाजी से मिल भी आएंगे और समय से अपना होमवर्क भी कर लेंगे। छुट्टी के बाद दोनों घर गए और कपड़े बदले और खाना खाएं। फिर अपने पापा और दादाजी के साथ दोनो अस्पताल गए।

अस्पताल पहुँचने के बाद देखा कि उनके प्रधानाचार्य जी इमरजेंसी के बाहर बैठे हुए हैं। रवि के पापा उनके पास गए और पूछा- सर आप यहाँ कैसे? प्रधानाचार्य ने बताया कि उनके पिताजी यहाँ भर्ती हैं। और आपका कैसे आना हुआ। बच्चे भी साथ आये हैं कोई बीमार है क्या?

रवि के पापा कुछ बोल पाते कि वो एम्बुलेंस वाला ड्राइवर वहाँ आया और प्रधानाचार्य जी से बोला-सर! ये वही बच्चे हैं जिन्होंने आपके पिताजी की कल मदद की थी।

इतना सुनते ही रवि और शनि एकदम से चौंक गए। प्रधानाचार्य जी भी उन दोनों के अच्छे संस्कार और बहादुरी से बहुत खुश हुए। रवि और शनि काफी देर तक अस्पताल में रहे। दादाजी से बातें भी की और शाम को घर वापस आ गए।

अगले कुछ दिनों बाद 14 नवंबर को स्कूल में बाल दिवस मनाया जाना था। इस दिन पंडित नेहरू का जन्म हुआ था। रवि और शनि भी स्कूल गए। सब बच्चे काफी खुश थे। सबसे पहले हिंदी वाले सर ने मां सरस्वती जी और फिर पंडित नेहरू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उसके बाद प्रधानाचार्य जी को मंच पर कुछ शब्द कहने के लिए आमंत्रित किया।

प्रधानाचार्य जी ने पहले कुछ बातें पंडित नेहरू के बारे में बच्चों को बताई। उसके बाद रवि और शनि की बहादुरी वाली बातें भी सबको बतायीं की रवि और शनि ने कितने सूझ बूझ के साथ उनके पिताजी की मदद की थी। उनकी बहादुरी की बातें सुनकर सभी बच्चो ने तालियां बजायीं।

प्रधानाचार्य जी ने दोनों को मंच पर बुलाकर पुरस्कार दिए। और जीवन मे हमेशा खुश रहने और तरक्की करने का आशीर्वाद भी दिया। रवि और शनि भी बहुत खुश थे।


नाम–अरुण यादव
पता–हमीरपुर उत्तर प्रदेश 210501

Monday, November 29, 2021

राष्ट्रीय बहुआयामी निर्धनता सूचकांक - मानव विकास, भूख, प्रतिस्पर्धात्मकता, मानव पूंजी, नवाचार सहित 29 वैश्विक सूचकांकों में देश के निष्पादन पर नज़र रखी जा रही है

वैश्विक मान्यता प्राप्त सूचकांको के आधार को औजार बनाकर रणनीतिक रोडमैप बनाकर परिणामों में सुधार के लिए सूचकांक के निगरानी तंत्र का लाभ उठाना ज़रूरी - एड किशन भावनानी

गोंदिया - भारत में दशकों से हम मीडिया के माध्यम से पढ़ व सुन रहे हैं कि गरीबी रेखा के नीचे, गरीबी रेखा के ऊपर, रंगराजन कमेटी की रिपोर्ट, तेंदुलकर कमेटी की रिपोर्ट, दांडेकर समिति की रिपोर्ट, अर्जुन सेनगुप्ता कमेटी का गठन गरीबी का पैमाना नापने का आधार, सबका अपना-अपना पैमाना परंतु साथियों आज भी वही चल रहा है कौन गरीबी रेखा के नीचे है, और कौन ऊपर। सन 2012 में जारी योजना आयोग के साल 2009-2010 के गरीबी आंकड़े कहते हैं कि पिछले पांच साल के दौरान देश में गरीबी 37.2 फीसदी से घटकर 29.8 फीसदी पर आ गई है। यानि अब शहर में 28 रुपए 65 पैसे प्रतिदिन और गांवों में 22 रुपये 42 पैसे खर्च करने वाले को गरीब नहीं कहा जा सकता।नए फार्मूले के अनुसार शहरों में महीने में 859 रुपए 60 पैसे और ग्रामीण क्षेत्रों में 672 रुपए 80 पैसे से अधिक खर्च करने वाला व्यक्ति गरीब नहीं है। साथियों बात अगर हम गरीबी की करें तो, गरीब कौन ? गरीबी रेखा क्या है? गरीब,गरीबी और गरीबी रेखा आय-व्यय, कैलौरी मात्र, कुपोषण अर्द्ध-भुखमरी व भूख से मौतों जैसे मुद्दोंपर सरकार, योजनाकारों व जनता के बीच कई दशकों से देश में बहस चल रही है। हाल ही में गरीबी रेखा पर हुई बहस में योजनाकारों द्द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में 26 रूपये तथा शहरी क्षेत्रों में 32 रुपये प्रति व्यक्ति प्रतिदिन आय से कम प्राप्त करने वालों को गरीबी रेखा के नीचे या बी. पी. एल. माना गया जिसे सभी वर्गों ने एकमत से नकार दिया तथा इस सम्बन्ध में सुझाव देने हेतु सरकार दवारा नई समिति का गठन किया गया। गरीबी बहस का विषय नहीं है, सोचने समझने और महसूस करने तथा उसे हर संभव तरीके से निपटने का विषय है। गरीबी रेखा के निर्धारण में रात-दिन कवायद चल रही है। सभी समितियों के निष्कर्ष भिन्न-भिन्न व विरोधाभासी होने के कारण किसी ठोस निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका है। साथियों बात अगर हम नीति आयोग की इस रिपोर्ट की करें तो उसके अनुसार 12 इंडिकेटर के आधार पर तय होते हैं राज्यों की रैंकिंग। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और नीति आयोग की पीआईबी के अनुसार, नीति आयोग द्वारा जारी सूचकांक के अनुसार, बिहार की 51.91 प्रतिशत जनसंख्या गरीब है जबकि झारखंड में 42.16 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 37.79 प्रतिशत आबादी गरीबी में रह रही है। सूचकांक में मध्य प्रदेश (36.65 प्रतिशत) चौथे स्थान पर है, जबकि मेघालय (32.67 प्रतिशत) पांचवें स्थान पर है। केरल (0.71 प्रतिशत), गोवा (3.76 प्रतिशत), सिक्किम (3.82 प्रतिशत), तमिलनाडु (4.89 प्रतिशत) और पंजाब (5.59 प्रतिशत) पूरे देश में सबसे कम गरीब लोग वाले राज्य हैं और सूचकांक में सबसे नीचे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत का राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनीशिएटिव (ओपीएचआई) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा विकसित विश्व स्तर पर स्वीकृत और मजबूत पद्धति का उपयोग कर तैयार किया जाता है। बहुआयामी गरीबी सूचकांक में मुख्य रूप से परिवारकी आर्थिक हालात और अभाव की स्थिति को आंका जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है, भारत के एमपीआई में तीन समान आयामों-स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर का मूल्यांकन किया जाता है। इसका आकलन पोषण,बाल औरकिशोर मृत्यु दर, प्रसवपूर्व देखभाल, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, खाना पकाने के ईंधन, स्वच्छता, पीने के पानी, बिजली, आवास, संपत्ति तथा बैंक खाते जैसे 12 संकेतकों के जरिये किया जाता है। साथियों बात अगर हम नीति आयोग द्वारा दिनांक 27 नवंबर 2021को जारी राष्ट्रीय बहुआयामी निर्धनता सूचकांक पर व्याख्यात्मक नोट की करें तो पीआईबी के अनुसार, कैबिनेट सचिव की सुधार एवं विकास हेतु वैश्विक सूचकांक पहल के तहत, मानव विकास सूचकांक, वैश्विक भूख सूचकांक, वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक, मानव पूंजी सूचकांक, वैश्विक नवाचार सूचकांक सहित 29 वैश्विक सूचकांकों में देश के निष्पादन पर नज़र रखी जा रही है। इस कार्य का लक्ष्य महत्वपूर्ण सामाजिक, आर्थिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सूचकांकों के निगरानी तंत्र का लाभ उठाना है, ताकि परिणामों में सुधार लाने के लिए इन सूचकांकों को औजार के रूप में इस्तेम…