Monday, March 30, 2020

बैंकों द्वारा किया जा रहा तालाबंदी का उल्लंघन राष्ट्र हित में है या नहीं......






मौदहा हमीरपुर।जहां पूरा देश कोरोना जैसी भीषण महामारी से जंग लड़ रहा है।पूरे देश में तीन सप्ताह के लिए तालाबंदी कर दी गई है।और जनता से लगातार घरों में रहने की अपील की जा रही है।जिसे जनता ने स्वीकार भी किया है।इंसानों के जरूरत की सभी चींजे डोर टू डोर सेलिंग के माध्यम से बेची जा रही है।जिनका उद्देश्य है कि अधिक से अधिक समय लोग अपने घरों पर रहे और अति आवश्यक हो तभी घर से बाहर निकले।और अगर विशेष परिस्थितियों में घर से बाहर निकलना पड रहा है तो सामाजिक दूरी बनाएं रखें।लेकिन इन सब के बीच कस्बे के इलाहाबाद बैंक में राष्ट्र व्यापी तालाबंदी का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है।कस्बे के इलाहाबाद बैंक में सुबह से लम्बी लाईनें लगी रही।इतना ही नहीं सुबह ग्यारह बजे तक बैंक के मुख्य द्वार के चैनल पर एक तख्ती टांग दी गई थी।जिसमें लिखा हुआ है कि नेट नहीं आने के कारण बैंक बंद है।जबकि उसी से दस कदम दूर सडक के उसपार इलाहाबाद बैंक की मिनी शाखा में भी लम्बी लाईनें लगी हुई थी और वहां पर लेन देन किया जा रहा था।अब यह बात समझ से परे है कि जब मुख्य शाखा में नेट नहीं चल रहा है तो मिनी शाखा यानी ग्राहक सेवा केंद्र में नेट कैसे चल रहा था।क्या यह इलाहाबाद बैंक के कर्मचारियों की अपने कार्य के प्रति उदासीनता है।इतना ही नहीं कस्बे के बैंक आफ बडौदा और भारतीय स्टेट बैंक में भी कमोबेश यही स्थिति रही है।हालांकि पंजाब नेशनल बैंक और एचडीएफसी बैंक में लाकडाऊन का पूरी तरह से पालन किया जा रहा था।अब सोचने वाली बात यह है कि जब कस्बे के सरकारी प्रतिष्ठानों मे ही लाकडाऊन का उल्लंघन किया जा रहा है तो आप आम जनता से लाकडाऊन का पालन करने की आशा कैसे कर सकते हैं।और यह जो भी इलाहाबाद बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और बैंक आफ बडौदा मे हो रहा है वह कहीं न कहीं राष्ट्र हित में नहीं है।लेकिन लोगों ने दबी जुबान से बताया कि अगर आम जनता उल्लंघन करें तो उसके लिए पुलिस की लाठी और कानूनी कार्यवाही है।और सरकारी प्रतिष्ठान उल्लंघन करें तो क्या उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही नहीं होना चाहिए।अब देखना यह है कि क्या इनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही होगी।


 

 



 



No comments:

Post a Comment