Tuesday, February 4, 2020

जिला पंचायत सीईओ ने की सीएम हेल्पलाइन और स्वरोजगार योजनाओं की समीक्षा











  जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और प्रभारी कलेक्टर श्री एच.पी.वर्मा ने बैठक में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों में कमी लाएं। अधिकारी प्रतिदिन समय निकालकर शिकायतों को स्वयं देखें और सही जवाब भरवाए। शिकायतों का संतुष्टिपूर्वक निराकरण किया जाए और एल-1 स्तर पर ही शिकायत का निराकरण करने का प्रयास करें।

    सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित अंतर्विभागीय समन्वय बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री एच.पी.वर्मा ने विभिन्न विभागों द्वारा संचालित स्वरोजगार योजनाओं की समीक्षा की और निर्धारित लक्ष्य के अनुसार समय पर हितग्राहियों को लाभ देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा है कि इसी माह में शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा होना चाहिए। जिनमें प्रकरणों में स्वीकृति मिल गयी है उनका समय पर वितरण करें। बैठक में सीईओ श्री वर्मा ने कहा कि जनसमस्या निवारण शिविर में प्राप्त आवेदनों का निराकरण करके अवगत कराएं। जो आवेदक पात्र नहीं हैं उन्हें भी जानकारी दी जाए।

बिना सूचना अनुपस्थित रहने पर दो अधिकारियों की नोटिस

    बैठक से वन विभाग के एसडीओ और ई.ई.पीडब्ल्यूडी बिना किसी सूचना के अनुपस्थित थे। उन्हें नोटिस देने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि अधिकारी अनुमति लेकर ही टी एल बैठक से अनुपस्थित होंगे।



 

 



 

योग के प्रणेता महर्षि पतंजलि की जंनम भूमि पर नि: शुल्क यो शिक्षा दे रहे है युवा



गोण्डा। योग के प्रणेता महर्षि पतंजलि की जन्म भूमि पर कुछ युवाओं द्वारा जनपद वासियों को निःशुल्क रूप से योग एवं प्राणायाम के माध्यम से स्वस्थ रखने की कोशिशें निरंतर जारी हैं। इसी क्रम में पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के तत्वाधान में एक दिवसीय योग शिविर का आयोजन टॉमसन इंटर कॉलेज में किया गया, जिसमें योगाचार्य सुधांशु द्विवेदी ने समस्त शिक्षकों और छात्रों को योगाभ्यास करवाया। साथ ही इससे होने वाले लाभ के बारे में भी बताया। इस मौके पर ताड़ासन, तिर्यक ताड़ासन, कटिचक्रासन, गरुड़ासन, वृक्षासन, ध्रुव आसन, सूर्य नमस्कार, शीर्षासन, मयूरासन के साथ-साथ भस्त्रिका, कपालभाति और अनुलोम-विलोम प्राणायाम के बारे में भी जानकारी दी गई। इसके साथ ही साथ आयुर्वेदिक औषधियां एवं एक्यूप्रेशर के माध्यम से भी स्वस्थ रहने की जानकारी दी गई। इस शिविर में ’आशीष गुप्ता’ द्वारा एडवांस आसनों का प्रदर्शन कर समस्त छात्रों और अध्यापकों को आश्चर्य चकित कर दिया।
योगाचार्य सुधांशु द्विवेदी ने इस मौके पर कहा कि योग करने से शरीर बलवान, मस्तिष्क से प्रज्ञावान, ह्रदय से श्रद्धावान, चरित्र से सीलवान, साधनों से धनवान और चरित्रवान बनते हैं। योगाचार्य ने समस्त छात्रों को संकल्प दिलवाया कि सुबह-सुबह योग और दिनभर कर्मियों के भाव के साथ जीने का अभ्यास करें। अच्छे काम को इच्छा न होने पर भी करें और बुरे काम को इच्छा होने पर भी न करें। इसीलिए योग की इच्छा न होने पर भी योग का अभ्यास जरूर करें और अपने जीवन को स्वास्थ्य, समृद्धि, संस्कारवान, चरित्रवान और महान बनाएं। शिविर में डॉ. एके मिश्रा, पवन कुमार शुक्ला, शंभू शरण शुक्ला, विनोद कुमार शुक्ला, लाल चंद्र चैधरी, राजकरण वर्मा, हिमांशु, अंकित, दिवाकर, दिनकर, अभिषेक, सूरज, अवधेश, पंकज सहित अन्य छात्र भी मौजूद रहे।
इसी प्रकार जनपद मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर अति पिछड़े इलाके तरबगंज तहसील के गंभौरा बांध के पास बसे गांव में पांच दिवसीय निःशुल्क योग शिविर का शुभारंभ दीप प्रज्वलित करके किया गया। योग प्रचारक आदर्श मिश्र लोगों को स्वस्थ करने के लिए रात्रि प्रवास करके निःशुल्क शिविर लगाकर योग का डंका बजा रहे हैं। वह योग के प्रचार के साथ-साथ आयुर्वेद व भारतीय संस्कृत का भी ज्ञान ग्रामीणों को दे रहे हंै। ब्रह्म मुहूर्त में गांव के मध्य बने गायत्री शिक्षा निकेतन में ग्रामीणों को एकत्रित करके रोग के अनुसार वृक्षासन, मयूरासन, वकासन, एकपाद ग्रीवासन सहित दर्जनों अभ्यास कराया गया। दोपहर में यज्ञ हवन का आयोजन किया गया। सायंकाल बेला में लोगों को आरोग्य सभा के माध्यम से घरेलू जड़ी बूटी व वनस्पतियों का ज्ञान कराया गया। आदर्श ने बताया कि इस शिविर में योग के नित नए-नए प्रयोग का अभ्यास 05 फरवरी तक किया जाएगा। इस शिविर में समाजसेवी गोविंद शरण तिवारी, भरत रंजन, खुशवन्त यादव, विपिन पांडेय, पंकज सेन, आदर्श तिवारी, प्रज्ञा, उन्नति, माधुरी आदि उपस्थित रहे।


 

 



 

प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ



बेलसर/गोण्डा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की महत्वाकांक्षी योजना बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अंतर्गत महाराजा देवी बख्श सिंह इंटर कॉलेज बेलसर गोंडा में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया गोष्टी के मुख्य अतिथि श्रीमती सोनी सिंह जिला संयोजक बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ रही जबकि विशिष्ट अतिथि पूजा सिंह प्रधानाचार्य शीतला प्रसाद सिंह कन्या इंटर कॉलेज बेलसर थी सम्मानित अतिथियों ने सर्वप्रथम दीप प्रज्वलन तथा सरस्वती प्रतिमा  पर माल्यार्पण कर कर गोष्ठी का शुभारंभ किया मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की जनसंख्या दर  बढ़ रही है लड़कियों का अनुपात घटना चिंताजनक है उन्होंने आगे कहा कि इस योजना का उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से लड़कियों को सामाजिक और वित्तीय रूप से स्वतंत्र बनाना है विशिष्ट अतिथि पूजा सिंह ने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ बेटियों को अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ाने एवं उनकी इसमें भागीदारी को सुनिश्चित कराना इस योजना का उद्देश्य है गोष्ठी के आयोजक एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य अजीत सिंह ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए कहा कि पुरुष तथा स्त्री गाड़ी के दो पहिए हैं दोनों का समान सहभागिता है उन्होंने आगे कहा कि देश निरंतर प्रगति कर रहा है जिसमें बालिकाओं का योगदान कम नहीं है उन्होंने आगे कहा कि स्त्रियां पुरुषों की तुलना में अधिक  धैर्यवान एवं इमानदार होती हैं आवश्यकता है कि हम उन पर नजर उठा कर देखें उन्होंने गोष्टी के माध्यम से बालिकाओं के स्वालंबन पर बल दिया इस अवसर पर निबंध प्रतियोगिता रंगोली भाषण दौड़ आदि का आयोजन किया गया उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं सौम्या यादव रंजन रुचि शर्मा रितिका पांडे प्रिया शुक्ला नेहा तिवारी आदि को सम्मानित किया गया स्वागत गीत नंदिनी भारती अंजली तथा रिंपी मिश्रा ने प्रस्तुत किया कार्यक्रम का संचालन अशोक कुमार ने किया इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक चंद्रशेखर बृजेंद्र प्रताप सिंह सुग्रीव प्रसाद कन्हैया लाल राकेश शुक्ला आनंद कुमार पांडे पवन कुमार रामेश्वर मोहम्मद यूनुस रघुनाथ द्विवेदी सतीश चंद्र भगवती प्रसाद आदि उपस्थित रहे


 

 



 

तीन अगनेयास्त्र रखने वाले लाइसेन्सियों को दिसम्बर 2020 जमा करना होगा एक शस्त्र



गोण्डा। जिला मजिस्ट्रेट डा. नितिन बंसल ने बताया है कि आयुध (संशोधन) अधिनियम 2019 द्वारा आयुध अधिनियम की धारा-3 में संशोधन कर लाइसेन्सी को अधिकतम तीन अग्नेयास्त्र के स्थान पर दो अग्नेयास्त्र रखने का कानून बनाया गया है जो कानून व विधि मंत्रालय भारत सरकार के गजट संख्या SO 4462(E) 14 दिसम्बर 2019 द्वारा परिवर्तित कर दिया गया है।
जिला मजिस्ट्रेट ने जनपद के शस्त्र लाइसेन्सियों को सूचित किया है कि 14 दिसम्बर 2019 से एक वर्ष की अवधि यानी 13 दिसम्बर 2020 तक तीन अग्नेयास्त्र रखने वाले लाइसेन्सी दो आग्नेयास्त्र को स्वेच्छा से अपने पास रखकर, तीसरे अग्नेयास्त्र को निकटतम थाना प्रभारी अथवा वैध शस्त्र व्यवसायिक लाइेसेन्सी या फिर आरमरी इकाई में अवश्य जमा कर दें अन्यथा की दशा में एक वर्ष की अवधि पूरी होने सेे 90 दिनों के भीतर उनका लाइसेन्स निरस्त कर दिया जाएगा।
जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि संशोधित आम्र्स एक्ट-2019 में सजा में बढ़ोत्तरी का प्राविधान किया गया जिसमें गैर लाइसेंसशुदा हथियार की विनिर्माण, खरीद, बिक्री, ट्रांसफर, परिवर्तन सहित अन्य क्रियाकलाप, लाइसेंस के बिना बंदूकों की नली को छोटा करना या उनमें परिवर्तन, प्रतिबंधित बंदूकों का आयात या निर्यात आदि अपराधों के लिये अब तीन से सात वर्ष की सजा व जुर्माने के स्थान पर विधेयक में सात वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान कर दिया गया है, इसके साथ ही जुर्माना भी भरना पड़ेगा। अधिनियम के अंतर्गत लाइसेंस के बिना प्रतिबंधित अस्त्र-शस्त्र खरीदने, अपने पास रखने या कैरी करने पर पूर्व में निर्धारित पाँच से दस साल की कैद और जुर्माने के स्थान पर संशोधित विधेयक में सजा को जुर्माने सहित सात वर्ष से बढ़ाकर 14 वर्ष कर दिया गया है। अधिनियम के अंतर्गत लाइसेंस के बिना प्रतिबंधित बंदूकों से डील करने (जिसमें उनकी विनिर्माण, बिक्री और मरम्मत शामिल है) पर विधेयक में न्यूनतम सजा को सात से 10 वर्ष किया गया है। इसी प्रकार जिन मामलों में प्रतिबंधित हथियारों (आयुध और अस्त्र-शस्त्र) के इस्तेमाल से किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, उस स्थिति में अपराधी के लिये अधिनियम में मृत्यु दंड का प्राविधान था। परन्तु अब संशोधित विधेयक में इस सजा को मृत्यु दंड या आजीवन कारावास किया गया है, जिसके साथ जुर्माना भी भरना पड़ेगा।
जिला मजिस्ट्रेट ने बताया है कि संशोधित आम्र्स एक्ट-2019 में नए अपराधों जैसे पुलिस या सशस्त्र बलों से जबरन हथियार लेने पर 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा, साथ ही जुर्माना, समारोह या उत्सव में गोलीबारी करने, जिससे मानव जीवन या दूसरों की व्यक्तिगत सुरक्षा खतरे में पड़ती है, पर दो साल तक की सजा होगी, या एक लाख रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ेगा, या दोनों सजाएँ भुगतनी पड़ेंगी। समारोह में गोलीबारी का अर्थ है, सार्वजनिक सभाओं, धार्मिक स्थलों, शादियों या दूसरे कार्यक्रमों में गोलीबारी करने के लिये बंदूकों का इस्तेमाल करना। इसके अतिरिक्त विधेयक में संगठित आपराधिक सिंडिकेट्स के अपराधों और गैर-कानूनी तस्करी को भी स्पष्ट किया गया है। अधिनियम का उल्लंघन करते हुए सिंडिकेट के सदस्यों द्वारा बंदूक या गोला बारूद रखने पर 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है और जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। यह सजा उन लोगों पर भी लागू होगी, जो कि सिंडिकेट की ओर से गैर-लाइसेंसशुदा बंदूक संबंधी डील करते हैं (इसमें विनिर्माण या बिक्री भी शामिल है), लाइसेंस के बिना बंदूकों में बदलाव करते हैं, या लाइसेंस के बिना बंदूकों का आयात या निर्यात करते हैं।
जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि विधेयक के अनुसार, अवैध तस्करी में भारत या उससे बाहर उन बंदूकों या गोला-बारूद का व्यापार, उन्हें हासिल करना तथा उनकी बिक्री करना शामिल है जो अधिनियम में चिह्नित नहीं हैं या अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं। अवैध तस्करी के लिये 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है जिसके साथ जुर्माना भी भरना पड़ेगा।